यह कहानी विभिन्न विषयों को छूती है, जिसमें बदलाव, प्यार, और मानवता की गहराई शामिल है। पहले भाग में, लेखक यह दर्शाता है कि परिवर्तन की चाह रखने वालों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वह इतिहास की ओर इशारा करते हैं, जब कौरवों ने मांग पर भी कुछ नहीं दिया और समाज में सुधार की धीमी गति को दर्शाते हैं। दूसरे भाग में, प्यार के दिनों की यादों को ताजा किया जाता है। लेखक यह बताते हैं कि प्यार ही जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करता था और सब कुछ प्यार से होता था। तीसरे भाग में सुख और दुख के बीच का अंतर दर्शाया जाता है, जहां सुख हरे-भरे होते हैं और दुख सूख जाते हैं। चौथे भाग में, लेखक अपनी भावनाओं की खोज में है, लेकिन वह समझता है कि उसे अपने जीवन को सजाने की आवश्यकता है। पाँचवें भाग में, लेखक अपनी क्षमताओं को प्रकट करता है और कहता है कि लोग उसे समझ नहीं पाए। छठे भाग में, लेखक पुरानी भावनाओं और संबंधों को याद करते हैं, जो समय के साथ बदल गई हैं। आखिरी भागों में, लेखक मानवता के एकता के संदेश को व्यक्त करते हैं, यह बताते हुए कि धार्मिक भिन्नता के बावजूद, अंततः सभी लोग एक ही मानवता के हिस्से हैं। कहानी का समापन इस विचार पर होता है कि प्यार का रास्ता ढूंढने की कोशिश की जाती है, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलता। ज्यादा बदलाव चाहोगे तो पीट दिये जाओगे (जुलाई २०१९) महेश रौतेला द्वारा हिंदी कविता 4 1.6k Downloads 7k Views Writen by महेश रौतेला Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जुलाई २०१९१.ज्यादा बदलाव चाहोगे तोपीट दिये जाओगे,अधिक परिवर्तन चाहोगे तोमार दिये जाओगे,बहुत सुधार चाहोगे तोजेल भेज दिये जाओगे!मांगने पर कौरवों नेपाँच गांव भी नहीं दिये थे,और तुम जनता के लिए अच्छा तन-मन-धन मांग रहे हो!!जो अंग्रेजों ने बिछाया-ओढ़ायाउसी को बिछाया,ओढ़ाया करो,क्योंकि अभी परिवर्तन की बयार धीमी है,सुधार की हवा ठंडी है!२. वे प्यार के दिन थेतब चाय नहीं पीते थेप्यार ही पीते थे।आँखें कहीं और नहीं देखती थींप्यार ही देखती थीं,रास्तों पर पैर नहीं चलते थेप्यार ही चलता था।मौसम, समय नहीं बदलता थाप्यार ही मौसम बदलता था,जहाँ पहुँचना मुश्किल थावहाँ प्यार पहुँच जाता था।वे प्यार के दिन थेतब काम से जी नहीं More Likes This सफ़र-ए-दिल द्वारा Kridha Raguvanshi Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी