फिल्म ‘जजमेन्टल है क्या’ एक्यूट सायकोसिस से ग्रसित डबिंग आर्टिस्ट बॉबी की कहानी है, जो अपनी मानसिक बीमारी के कारण लोगों पर विश्वास नहीं कर पाती और अक्सर गुस्से और हेलूसिनेशन का शिकार होती है। उसकी ज़िंदगी में हलचल तब आती है जब उसके पड़ोस में एक कपल, केशव और रीमा, रहने आते हैं और एक रात मर्डर हो जाता है, जिसके लिए बॉबी और केशव पर शक जाता है। इस फिल्म की सबसे बड़ी उपलब्धि इसके कलाकारों का शानदार अभिनय है, विशेषकर कंगना रनौत और राजकुमार राव का। कंगना ने मानसिक रोगी के किरदार में अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है, जबकि राजकुमार का प्रदर्शन भी सराहनीय है। फिल्म की कहानी और डायलॉग्स कनिका धिल्लों द्वारा लिखे गए हैं, जो गंभीर सिचुएशन्स में भी हंसी लाने में सफल होते हैं। फिल्म का निर्देशन प्रकाश कोवलामुदी ने किया है, जिन्होंने एक हटके फिल्म बनाई है, हालांकि कुछ जगहों पर मनोरंजन की कमी महसूस होती है। फिल्म दर्शकों को अंत तक उलझाए रखती है, लेकिन इसके क्लाइमैक्स को और बेहतर बनाया जा सकता था। कुल मिलाकर, यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है जो ऑफबिट कंटेंट पसंद करते हैं, और कंगना-राजकुमार के फैंस के लिए एक तोहफे की तरह है। मैं इसे 5 में से 3 स्टार देता हूँ। ‘जजमेन्टल है क्या’ फिल्म रिव्यूः दमदार तो है, लेकिन… Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 26.1k 3.1k Downloads 10.3k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विवादों में धिरी फिल्म ‘जजमेन्टल है क्या’ कहानी है ‘एक्यूट सायकोसिस’ नामके मानसिक रोग से ग्रसित लडकी बॉबी की. फिल्मों में डबिंग आर्टिस्ट का काम करनेवाली बॉबी अकेली रहेती है. अपनी मानसिक बीमारी के कारण वो लोगों पर विश्वास नहीं कर पाती, झूठ और सच के बीच का भेद परख नहीं पाती, बार बार गुस्से, मूड स्विंग, हेलूसिनेशन, इल्यूजन का शिकार हो जाती है. उलझी हुई इस लडकी के जीवन में खलबली तब मचती है जब उसके पडोस में एक कपल— केशव (राजकुमार राव) और रीमा (अमायरा दस्तूर)— रहने के लिए आते है. एक रात एक मर्डर हो जाता है Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This पती पत्नी और वो - भाग 1 द्वारा Raj Phulware टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 9 द्वारा Ayesha फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी