नदी की उँगलियों के निशान - 2 Kusum Bhatt द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Nadi ki ungliyo ke nishaan द्वारा  Kusum Bhatt in Hindi Novels
नदी की उंगलियों के निशान हमारी पीठ पर थे। हमारे पीछे दौड़ रहा मगरमच्छ जबड़ा खोले निगलने को आतुर! बेतहाशा दौड़ रही पृथ्वी के ओर-छोर हम दो छोटी लड़कियाँ...!...

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