Saat janm ka sathi book and story is written by kavita jayant Srivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Saat janm ka sathi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सात जन्म का साथी kavita jayant Srivastava द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 6 1.7k Downloads 13.5k Views Writen by kavita jayant Srivastava Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "अरे ज्योति तू ? " वर्षों बाद अपनी ससुराल की एकमात्र प्यारी सखी , और मोहल्ले की मुंहबोली ननद को, मॉल में देख कर मैं खुशी से चीख उठी "हां भाभी मैं ! मुस्कुराती हुई बोली ..थोड़ा बदन भर आया था और चेहरे पर उम्र दिख रही थी ..पर शरीर अभी भी वही छरहरा , चर्बी का नामोनिशान नही ..! ''कैसी है तू ? और कहां है आज कल ? भूल गयी न मुझे .." तूने तो एकदम रिश्ता ही तोड़ लिया हमसे ..? रिश्ता नही तोड़ा भाभी ..न ही आपको भूल सकती हूं .बस कॉन्टेक्ट नम्बर खो गया था More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी