फिल्म 'रॉ' (रोमियो अकबर वॉल्टर) एक जासूसी थ्रिलर है, जो 1971 के दौरान पाकिस्तान के विभाजन के समय की कहानी पर आधारित है। फिल्म में जॉन अब्राहम ने रोमियो अली का किरदार निभाया है, जिसे भारतीय जासूसी संस्था 'रॉ' के चीफ श्रीकांत रॉय (जैकी श्रॉफ) द्वारा एक अंडरकवर मिशन के लिए चुना जाता है। रोमियो को अकबर मलिक के रूप में पाकिस्तान में भेजा जाता है। हालांकि, फिल्म की कहानी का आइडिया अच्छा है, लेकिन इसे अच्छी तरह से प्रस्तुत नहीं किया गया है। फिल्म में न तो कोई रोमांच है, न ही एक्शन, और दर्शकों की उम्मीदें पूरी नहीं होतीं। कहानी बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है और कई महत्वपूर्ण सीन ठंडे और बासी लगते हैं। अभिनय के मामले में, जॉन अब्राहम ने अपनी भूमिका में मेहनत की है, लेकिन अन्य किरदारों की परफॉर्मेंस प्रभावित नहीं करती। फिल्म में तकनीकी पहलू अच्छे हैं, लेकिन कहानी और स्क्रिप्ट की कमी के कारण यह एक सफल थ्रिलर नहीं बन पाई। कुल मिलाकर, 'रॉ' दर्शकों को जोड़ने में नाकाम रहती है और एक सुस्त अनुभव प्रदान करती है। ‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ फिल्म रिव्यूः ढीलीढाली थ्रिलर Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 26k 3k Downloads 10.2k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जासूसी थ्रिलर फिल्म में सबसे ज्यादा जरूरी क्या होता है..? एक रोमांचक कहानी. ट्विस्ट से भरपूर स्क्रिप्ट. रोंगटे खडे कर देनेवाली परिस्थितियां और धमाकेदार एक्शन. ये सारी चीजें ‘उरी’ और ‘राजी’ जैसी फिल्मों में कूट कूट कर भरी पडी थी. ईसी वजह से वो दोनों फिल्म ब्लोकबस्टर साबित हुई थी. ‘रॉ’ (‘रोमियो अकबर वॉल्टर’ का शोर्ट फोर्म) भी एक जासूसी थ्रिलर है, तो ईस में भी वो सारी खूबीयां होनी चाहिए थी, मगर अफसोस… की नहीं है. जॉन अब्राहम की ‘रॉ’ में खूबीयां कम, खामीयां ज्यादा है. चलिए जानते है क्यों..? फिल्म की कहानी है 1971 के जमाने की, जब Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This पती पत्नी और वो - भाग 1 द्वारा Raj Phulware टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 9 द्वारा Ayesha फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी