ममता शुक्ला एक गृहिणी हैं जो अहमदाबाद में रहती हैं। उन्होंने स्नातक (बी.ए) की पढ़ाई की है। उन्हें नए और पुराने लेखकों की रचनाएँ पढ़ने में रुचि है, जिसमें कहानी, कविता, उपन्यास, आत्मकथा और संस्मरण शामिल हैं। दलदल Mamta shukla द्वारा हिंदी लघुकथा 2.4k 2.1k Downloads 15.2k Views Writen by Mamta shukla Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नाम - ममता शुक्लाव्यवसाय- गृहिणी,स्थान - अहमदाबाद,शिक्षा- स्नातक(बी.ए)रुचि - नए एवं पुराने लेखकों की रचनाएँ कहानी,कविता,उपन्यास,आत्मकथा, संस्मरण आदि पढना। दलदल********हर सुबह की तरह आज भी अनामिका ने झट अलार्म बंद किया।अलार्म लगाना उसकी आदत में शुमार था,हालांकि अलार्म बजने से पहले ही उसकी नींद खुल जाया करती थी,और बजने के दो मिनट पहले ही वो झट से अलार्म बंद कर दिया करती।वो नही चाहती थी कि उसकी आवाज से साक्षी की नींद खुले। वो बिस्तर से उठी,बालों में लगाने वाला क्लिप और चश्मा तकिए के नीचे से उठाया,स्लिपर पैर में फसाई और धीरे से बैडरूम से नीचे हॉल में More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी