शिप्रा, एक सिंगल मदर, ऑफिस से जल्दी बाहर निकलती है और मुम्बई की बारिश के कारण ट्रैफिक में फंस जाती है। उसका ध्यान अपनी 11 साल की बेटी स्माइली पर है, जो स्कूल से लौटकर ट्यूशन और डांस क्लास जाती है। समय गुजरते ही शिप्रा चिंतित हो जाती है, क्योंकि उसे स्माइली को लेने जाना है, लेकिन वह जाम में फंसी हुई है। वह जाम से निकलने की कोशिश करती है, लेकिन एक अन्य ड्राइवर उसे रोकता है। स्थिति को देखकर, शिप्रा अपनी डांस टीचर से फोन पर संपर्क करने का निर्णय लेती है, ताकि वह स्माइली को कुछ देर रोक सके। शिप्रा की चिंता और उसकी कोशिशें उसकी मातृत्व की जिम्मेदारी को दर्शाती हैं। बारिश वाला पास्ता Sangeeta Gandhi द्वारा हिंदी लघुकथा 1.2k 1.5k Downloads 10k Views Writen by Sangeeta Gandhi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज के दौर में एक कामकाजी स्त्री व उसकी बेटी के एक दिन की संवेदना की कहानी। कामकाजी स्त्रियों व उनके बच्चों को किस तरह के उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है ।कौन कौन सी तकलीफें आती हैं ।उनसे लड़ कर वे कैसे मजबूत बनते हैं ।इन बिंदुओं पर केंद्रित कहानी। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी