Apni to ye aadat hai book and story is written by sushil yadav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Apni to ye aadat hai is also popular in Magazine in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अपनी तो ये आदत है sushil yadav द्वारा हिंदी पत्रिका 1 1.5k Downloads 8.7k Views Writen by sushil yadav Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हमारी जुबान को एक धमकी में कोई भी, किसी भी वक्त बंद करवा सकता था एक बार बंद हो जाने के बाद हमारी जुबान ,बंद करने वाले ‘आका’ की हो जाती थी आका जब तक न चाहे नही खुलती थी सैकड़ो राज को दफन करके रखने का उस जमाने जैसा प्रचलित ‘आर्ट.’ आज के लोगों को आता कहाँ है ये वो जमाना था कि किसी को जुबान दे दी का मतलब, मरते दम तक किसी से कुछ नहीं कहेंगे, टाइप का होता था More Likes This गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने - 1 द्वारा S Sinha सुरेश पाण्डे सरस डबरा का काव्य संग्रह - 3 द्वारा Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar कोरोना काल में कविता से अलख जगाते मुक्तेश्वर द्वारा Mukteshwar Prasad Singh अहंकार गिराना: आत्म-चिंता से मुक्त करने का जादू द्वारा Rakesh Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी