यह कहानी उन लोगों के अनुभव को साझा करती है जो बचपन से चुप रहने की आदत में रहे हैं। बीपीएल और ओबीसी वर्ग के छात्रों को स्कूल, हॉस्टल, खेल और राजनीति में अपनी बात कहने का अधिकार नहीं मिला। विरोध करने पर निकाले जाने का खतरा था और आंदोलनों में भाग लेने पर पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ता था। लेखक अपनी जुबान को एक 'चपकन्हा ताले' के समान मानते हैं, जिसे किसी भी समय बंद किया जा सकता था। जब जुबान बंद हो जाती थी, तो वह केवल 'आका' के आदेश पर ही खुलती थी। उस समय की परंपरा यह थी कि वचन देने का मतलब था कि व्यक्ति अपनी जुबान को हमेशा के लिए बंद रखना। कहानी इस बात पर भी जोर देती है कि उस समय लोगों की आवाज को दबाना एक आम प्रथा थी। लेखक खुद को उस परंपरा की अंतिम पीढ़ी के रूप में देखते हैं, जहां समाज के ठेकेदार, माता-पिता, शिक्षक, अधिकारी और पुलिस ने उनकी आवाज को बंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी तो ये आदत है sushil yadav द्वारा हिंदी पत्रिका 531 2.3k Downloads 11k Views Writen by sushil yadav Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हमारी जुबान को एक धमकी में कोई भी, किसी भी वक्त बंद करवा सकता था एक बार बंद हो जाने के बाद हमारी जुबान ,बंद करने वाले ‘आका’ की हो जाती थी आका जब तक न चाहे नही खुलती थी सैकड़ो राज को दफन करके रखने का उस जमाने जैसा प्रचलित ‘आर्ट.’ आज के लोगों को आता कहाँ है ये वो जमाना था कि किसी को जुबान दे दी का मतलब, मरते दम तक किसी से कुछ नहीं कहेंगे, टाइप का होता था More Likes This इतना तो चलता है - 3 द्वारा Komal Mehta जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी