कहानी 1983 के आसपास की है, जब टीवी ने लोगों के जीवन में एक नया बदलाव लाया था। रेलवे कॉलोनी में पहला टीवी स्टेशन मास्टर के घर आया, जो एक ब्लैक एंड व्हाइट EC टीवी था। स्टेशन मास्टर और उनकी पत्नी ने कभी भी किसी को टीवी देखने से नहीं रोका, और लोग रविवार को उनके घर इकट्ठा होते थे। हालांकि, जब अस्सिटेंट स्टेशन मास्टर ने भी टीवी खरीद लिया, तो धीरे-धीरे लोगों की भीड़ उनके घर जाने लगी। स्टेशन मास्टर और उनकी पत्नी को शुरुआत में राहत मिली, लेकिन बाद में उन्हें जलन होने लगी कि महिला मंडल का ध्यान अब ASM की पत्नी की ओर चला गया। स्टेशन मास्टर ने अपनी परेशानी का समाधान खोजने की कोशिश की, लेकिन यह उनकी अहंकार के लिए चुनौती बन गया। लोहमार्गी कथाएँ Sachin Godbole द्वारा हिंदी लघुकथा 4.4k 2.5k Downloads 7.4k Views Writen by Sachin Godbole Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन मात्र ना रहकर एक संस्कृति बन गयी है और रेलवे स्टेशन इस संस्कृति का तीर्थ। रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही विश्व रहता है। बुक स्टाल हो या रेलवे कैंटीन, ओवर ब्रिज हो या पानी पीने का नल स्टेशन सभी रेलवे स्टेशन की वास्तु पर अलग ही शोभा देती हैं। सबसे अनोखे लगते हैं रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्री, कुछ चिंतित, कुछ प्रसन्न, कुछ उतावले तो कुछ अधिक सावधान। । ट्रेन से सफ़र के दौरान अलग अलग आचार विचार के, भिन्न स्वाभाव के लोगों को एक दूसरे का सहयात्री बनाना पड़ता है। यात्रा के दौरान कभी नए परिचय होते हैं तो कभी पुरानी पहचान के धागे जुड़ते हैं, कभी कोई अनजान किसी का मददगार बनता है तो कभी आपसी संघर्ष होते हैं। डाकिये की झोली में अलग अलग भावों से भरी चिट्ठियां होती है। किसी की शादी की निमंत्रण पत्रिका के पास वापस भेजी गयी जन्म पत्रिका होती है, तो किसी की मुझे नौकरी मिल गयी के पास कल शाम को निधन हो गया ये बताने वाली चिट्ठी पड़ी होती है। उसी तरह से इन कहानियों के प्रसंग भी अलग अलग भावनाएं लिए हुए हैं, कुछ हँसी के तो कुछ दुःख के, कुछ भयानक तो कुछ रोमांचक, कुछ सामाजिक तो कुछ व्यावहारिक। ये कहानियां ट्रेन या रेलवे स्टेशन पर घटी हैं लेकिन है इंसानो की, उनके स्वभावों की , उनके संघर्षों की। ये सारी कहानियाँ सम्पूर्ण रूप से लेखक की कल्पना पर आधारित हैं। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कहानी के किसी पात्र का मेल केवल योग माना जाये. चलिए तो फिर सुनते हैं लोहमार्गी कथाएँ. कहानियाँ जो ट्रेन में मिली. हर हफ्ते १ नयी कहानी धारावाहिक रूप से प्रकाशित की जाएँगी More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी