ए पर्फेक्ट मर्डर

(25)
  • 31.1k
  • 1
  • 20.9k

खिड़की गांँव के उस छोटे से पुलिस स्टेशन में एक खामोशी सी छा गई जब अमोल ने इंस्पेक्टर यादव पर चीखते हुए कहा,"मैं बारह घंटों से इस पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा हूँ पर आप हैं कि आपके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मेरी पत्नी पिछले बारह घंटों से घर नहीं आई है इंस्पेक्टर। प्लीज़, तलाश कीजिए उसकी।" अमोल गुप्ता, एक फूड कम्पनी में सुपरवाइज़र के पद पर नियुक्त था। कद-काठी, शक्ल-सूरत बहुत आम थी। रंग सांवले से थोड़ा कम था। पूरी तरह श्याम वर्ण भी नहीं कहेंगे। अपने छोटे से परिवार में बहुत खुश था। दिल्ली में खिड़की एक्सटेंशन में अपनी पत्नी नीलम और दो बच्चे, रोहित जो चार साल का था और चित्रा जो छह साल की थी, के साथ रहता था।

1

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 1

भाग 1खिड़की गांँव के उस छोटे से पुलिस स्टेशन में एक खामोशी सी छा गई जब अमोल ने इंस्पेक्टर पर चीखते हुए कहा,"मैं बारह घंटों से इस पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा हूँ पर आप हैं कि आपके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मेरी पत्नी पिछले बारह घंटों से घर नहीं आई है इंस्पेक्टर। प्लीज़, तलाश कीजिए उसकी।" अमोल गुप्ता, एक फूड कम्पनी में सुपरवाइज़र के पद पर नियुक्त था। कद-काठी, शक्ल-सूरत बहुत आम थी। रंग सांवले से थोड़ा कम था। पूरी तरह श्याम वर्ण भी नहीं कहेंगे। अपने छोटे से परिवार में बहुत खुश था। ...और पढ़े

2

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 2

भाग 2थाने में अमोल की बात कोई सुनने को तैयार नहीं था। सब उसका मज़ाक उड़ाने में लगे हुए “सर, मैं आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूँ, प्लीज़ नीलम को ढूंढ़िए। हो सकता है वो किसी मुसीबत में हो।” अमोल ने फिर से इंस्पेक्टर से विनती की। "देख भाई! पहली बात अभी तेरी बीवी को गये हुए चौबीस घंटे नहीं हुए। तो हम तहकीकात शुरू नहीं कर सकते। और दूसरा….ये वाले पर ध्यान देना, हो सकता है कि तेरी बीबी तुझसे परेशान हो किसी और के साथ भाग गई हो….हा हा हा।" इंस्पेक्टर यादव ने अपने मोटे से पेट पर ...और पढ़े

3

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 3

भाग 3“विक्रम तैयार हो गए आप कि नहीं?” कविता ने कमर का दरवाज़ा खटखटाते हुए पूछा। तभी विक्रम राठोर दरवाज़ा खोल कविता को अंदर ले लिया और उसे अपनी बांहों में भरते हुए कहा, “आपको हमारा दरवाज़ा खटखटाने की क्या ज़रूरत है। मैडम आप बेझिझक अंदर आ सकती हैं।” कविता ने एक नज़र विक्रम को देखा। उसके कमीज़ के अधखुले बटन के अंदर से उसका सुगठित शरीर दिख रहा था। कविता ने अपना हाथ उसकी कमीज़ के अंदर डालते हुए कहा, “ऐसी हालत में हमें अंदर ना बुलाया करें विक्रम साहब! हम कंट्रोल नहीं कर पाते अपने आपको।” “तो ...और पढ़े

4

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 4

अमोल का घर बहुत ही खूबसूरत ढंग से सज़ा हुआ था। फर्नीचर भले ही नया नहीं था पर उसपर खूबसूरत कवर, तकिए, दीवान पर बिछी खूबसूरत चादर, उस जगह की खूबसूरती को बढ़ा रही थी। शो केस में वेस्ट मैटीरियल से बनी बहुत सी चीज़ें रखीं थीं। सीपियों और शीशों से हर दरवाज़े पर तोरन बनाकर लटका रखी थी। "अमोल….घर बहुत खूबसूरत सजाया है नीलम ने।" कविता ने तारीफ करते हुए कहा। "जी, उसे बहुत शौक है इन सब चीज़ों का।" अमोल बोला। "अमोल, तुम दोपहर को घर आए तब तुमने क्या किया? और किसने बताया तुम्हें नीलम के ...और पढ़े

5

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 5

भाग 5दोपहर को कविता दोबारा उस दुकानदार की दुकान पर गयी और जैसा कि उसे अनुमान था, दुकानदार अपने आराम करने चला गया था और दुकान पर उसका नौकर मगन था। "तो तुम मगन हो?" कविता ने पूछा।"जी मैडम, आप तो….सुबह इंस्पेक्टर के साथ आईं थीं…है ना!" मगन ने उत्साहित होते हुए कहा। "वाह! तुम तो दुकान पर थे भी नहीं फिर भी पहचान गये। क्या बात है मगन!” कविता ने संदेह भरी नज़र से मगन को देखते हुए पूछा। “वो मैडम, मैं वो, सामने वाले घर में था, सामान देने गया था। वहीं से आपको और इंस्पेक्टर साहब ...और पढ़े

6

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 6

कविता ने नीलम की सभी दोस्तों को फोन किया। पर उनसे कुछ खास खबर नहीं मिल पाई। सबका एक कहना था कि उनकी ज़्यादा बातचीत या मुलाकात नहीं होती नीलम से। पर …. सबने किसी सोनम का नाम लिया। सोनम और नीलम एक ही स्कूल से पढ़े थे। शायद वो जानती हो नीलम के बारे में। कविता ने तुरंत अमोल को फोन मिलाया।"नमस्ते भाभी। कुछ…पता चला नीलम का?" अमोल ने फोन उठाते ही पूछा।"अमोल….सोनम कौन है? इसका नम्बर आपने हमें नहीं दिया?" कविता ने छूटते ही कहा ‌।"अ…भाभी…सोनम, नीलम की बचपन की सहेली है। दरअसल मैंने इसका नम्बर इसलिए ...और पढ़े

7

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 7

भाग 7"कुछ बहुत अजीब पता चला है विक्रम। ये नीलम टपरवेयर का काम करती थी जिसकी जानकारी अमोल ने नहीं दी।" कविता ने कहा।"तुम्हें कैसे पता चला?" विक्रम ने पूछा।"फेसबुक अकाउंट से। मैं उसका अकाउंट चैक कर रही थी कि मेरी नज़र एक टपरवेयर के ऐड पर पड़ी जिसमें नीलम ने कमेंट कर रखा था कि इसकी सदस्यता कैसे ली जाती है? उसपर कम्पनी ने रिप्लाई में अपना नम्बर भेजा और उस नम्बर पर फोन कर जब मैंने पता किया तो पता चला कि नीलम पिछले एक साल से इस काम में है। और पिछले छह माह से बहुत ...और पढ़े

8

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 8

भाग 8“मेरी सोच बहुत सुधरी हुई है प्रीत! तुम सिर्फ मेरी हो। जब मैं हूँ तुम्हारी ज़िंदगी में तो और को‌ रिझाने की क्या ज़रूरत है?” अमोल ने प्रीति को कस कर बाहों में भरते हुए कहा। “मैं मानती हूँ अमोल कि मैंने डांस लोगों को और लड़कों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए किया था। उस समय मेरी सोच ये थी कि मुझे भी एक बॉयफ्रेंड चाहिए। पर आज मैं ऐसा नहीं सोचती। आज मैं अपने डांस को प्रोफेशन बनाना चाहती हूँ।” प्रीति के ऐसा कहते ही अमोल गुस्से से आग-बबूला हो उठा। उसने एक हाथ प्रीति ...और पढ़े

9

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 9

भाग 9“अरे! राठोर, भाई कितनी देर लगा दी तुमने आने में।” ए. सी. पी. विक्रांत, आगे बढ़ इंस्पेक्टर राठोर कविता का स्वागत करते हैं।“हैलो सर, सॉरी, वो केस में उलझ गए थे। और शुक्रिया, आपने हमें इजाज़त दी अपने प्लान को यहाँ एग्ज़ीक्यूटिव करने की।” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।“केस सॉल्व हो जाए, हमारे लिए वही ज़रूरी है। आओ, एंजॉय करो।” ए. सी. पी विक्रांत बोला। इंस्पेक्टर राठोर और कविता पार्टी में आए अन्य लोगों से मिलने लगे। तभी उन्होंने अमोल को देखा। कविता के इशारे पर इंस्पेक्टर राठोर अमोल के पास गया, “आ गया भाई! आ जा!” “यार! इस ...और पढ़े

10

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 10

भाग 10अमोल के जाने के बाद कविता उसके पास आई और बोली, “कुछ पता चला?” “हम्ममम, कुछ तो है हमें नज़र नहीं आ रहा। अमोल बहुत शक्की किस्म का इंसान लगता है। या तो ये अपनी पत्नी के लिए ओवर प्रोटेक्टिव है या फिर उसे अपनी बीवी पर भरोसा नहीं है। और हो सकता है कि इसकी इन हरकतों की वजह से नीलम चली गई हो।” “मतलब तुम ये कहना चाहते हो कि नीलम भाग गई किसी और के साथ? अपने दो मासूम बच्चे छोड़कर? ऐसे कैसे सोच सकते हो तुम विक्रम?” कविता ने गुस्से से तमतमाते हुए कहा। ...और पढ़े

11

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 11

भाग 11खिड़की गांव थाना*****************विक्रम आस-पास कई फुटेज देखने में व्यस्त था। तभी कविता वहाँ आ पहुँची। “मिल आईं नीलम फैमिली से?” विक्रम ने पूछा। “हाँ, बहुत गरीब घर से ताल्लुक रखती है नीलम। बादली गांव में छोटा सा घर है। बुरी हालत में। समझ नहीं आया कि अमोल ने बच्चों को वहाँ क्यों भेज दिया। उसके माता-पिता ने बताया कि नीलम शादी से पहले एक स्कूल में टीचर थी। और उसने सरकारी स्कूल से पढ़कर अपनी पढ़ाई पूरी की, और साथ में ट्यूशन ले कर घर का खर्च चलाया। बहुत मेहनती रही है नीलम। उसके पिता एक बस ड्राइवर ...और पढ़े

12

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 12

भाग 12“तो इसका मतलब नीलम यहाँ से सीधा सलेक्ट पैलेस मॉल गई थी।” विक्रम जीप में बैठते हुए बोला। किसी और ख्याल में खोई हुई थी। उसने विक्रम की बात का कोई जवाब नहीं दिया। “कहाँ खो गईं आप मैडम?” कविता, विक्रम की आवाज़ सुन अपनी सोच से बाहर आई और एक लम्बी सांस भरते हुए बोली,“विक्रम, मैंने कहा था ना कि नीलम एक अच्छे कैरेक्टर की औरत है। देखा ना, वो कितनी मेहनत कर रही थी अपने बच्चों के लिए। ऐसी औरत अपने बच्चों को छोड़कर कहीं क्यों जाएगी?” “मैं सहमत हूँ तुम्हारी बात से कविता। मैंने तो ...और पढ़े

13

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 13

भाग 13“बैठिए सर, बैठिए मैम।” विपुल ने कैबिन में ले‌ जाकर दोनों को बैठाया। “मिस्टर विपुल, आप नीलम को जानते हैं?” विक्रम ने पूछा। “क्या बात है सर? हुआ क्या है?” विपुल ने घबराते हुए पूछा। “बहुत जल्द पता चल जाएगा। आप पहले मेरे सवालों के सही से जवाब दें।” विक्रम अपने कड़क अंदाज़ में बोला। “सर, नीलम मेरी साली की सहेली हैं। उसने मुझसे रिक्वेस्ट की थी कि मैं नीलम की हेल्प कर दूँ। तो इसलिए मैंने उन्हें यहाँ टपरवेयर का काम करने की इजाजत दे दी।” विपुल ने बताया। “और इसके बदले तुम नीलम से कमीशन लेते ...और पढ़े

14

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 14

भाग 14खिड़की गाँव पुलिस स्टेशन**************************"विक्रम, ये आरती चौहान हैं। जिनसे मेरी फेसबुक पर बात हुई थी। इन्होंने टपरवेयर की ले रखी है। सुलोचना जी और नीलम इन्हीं के अंडर काम करती हैं।" कविता ने विक्रम को बताया। "आरती जी, आप नीलम के बारे में जितना जानती हैं प्लीज़ बताएं।" विक्रम ने उसे बैठने का इशारा करते हुए कहा। "सर, वो बहुत टैलेंटिड थी। एक साल में उसने बहुत से बैच जीते थे। हर माह का बैस्ट एम्प्लॉई का पुरस्कार उसे ही मिलता था। बस वो और आगे बढ़ सकती थी, पर अपने पति की छोटी सोच के कारण सीमित ...और पढ़े

15

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 15

भाग 15“माधवी जी, नमस्ते। मैं कविता राठोर। आपसे फोन पर बात हुई थी।” “जी कविता मैम, आइए, अंदर आइए।” कह माधवी, मेनेजर विपुल की साली कविता को अंदर ले गई। “बैठिए कविता मैम। क्या लेंगी आप? ठंडा-गर्म कुछ मंगवाऊं?” “नहीं माधवी जी, बस चंद सवालों के सही जवाब चाहिएँ। आप नीलम अहूजा को जानती हैं?” “जी, वो मेरी कॉलेज की सहेली है।” “आपने ही उसे अपने जीजाजी विपुल के रेस्तरां में उसकी सिफारिश की थी?” “जी मैम, मैं उसकी मदद करना चाहती थी।” “तो नीलम खुद आपके पास आई थी, अपनी सिफारिश करवाने?” कविता ने पूछा। “दरअसल मैम, मेरी ...और पढ़े

16

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 16

भाग 16“विपुल सर ने मेरे साथ बदतमीजी की। कहने लगे कि यदि मुझे इस टपरवेयर के काम को आगे है तो…तो एक रात…उनके साथ बितानी पड़ेगी।” ये कह नीलम फिर रोने लगी। माधवी शायद विपुल द्वारा रखे इस प्रस्ताव पर ज़्यादा आश्चर्य चकित नहीं थी। “नीलम, तू घबरा मत। मैं…समझ सकती हूँ।” “मैंने विपुल सर को एक बड़े भाई की तरह माना था। स्टॉफ में सबके सामने वो भी यही कहते रहे कि तुम मेरे लिए माधवी के जैसी हो। जब किटी पार्टी की लेडीज़ फोटो वगैरह खींचती थीं तो मुझे प्यार से अपने साथ खड़े कर लेते थे ...और पढ़े

17

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 17

भाग 17उधर शरद से कविता की पूछताछ जारी थी। “तो आपको नीलम पसंद नहीं थी?” कविता के इस सवाल शरद थोड़ा भड़क गया। “अरे, मैम मैं आपको कह चुका हूँ, कि नीलम भाभी एक उम्दा इंसान थीं…मतलब…हैं, इसलिए उस नज़रिए से वो मुझे पसंद थीं, पर आप जो एंगल जोड़ना चाह रहीं हैं, वो एंगल तो दूर-दूर तक नहीं था।” कविता शरद के इस तरह बौखला जाने पर थोड़ा मुस्कुराई और बोली, “सॉरी। अच्छा ये बताएं कि नीलम और अमोल के आपस में कैसे संबंध थे।” “बढ़िया थे। दोनों साथ में खुश थे।” “पर…हमें तो पता चला है कि ...और पढ़े

18

ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 18

भाग 18रात को जब कविता घर‌ पहुँची तो विक्रम पहले से ही कमरे में मौजूद था। उसके हाथों में बैग देखकर वह मुस्कुराते हुए बोला, “क्या बात है! इतनी सारी खरीदारी। वैसे, जहाँ तक मेरी जानकारी है मैडम आप केस के सिलसिले में गईं थीं पर…यहां तो हाथों में बैग भर शॉपिंग करके लौट रहीं हैं।” “जलन हो रही है कि तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाई।” कविता ने बैग बिस्तर पर पटकते हुए कहा। “जानेमन, हमें आपसे क्यों जलन होने लगी भला। आप इन डिज़ाइनर सूट को पहन कर जब पार्टी में आएंगी तो शान तो हमारी ही बढ़ेगी ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प