स्वरा..... स्वरा....उठो स्वरा ....कब तक यूं ही सोती रहोगी ?? क्या माँ....सोने भी दो ना.... बिल्कुल भी नहीं..... चलो जल्दी उठो जाओ देखो तुम्हारी बरडी तुम्हारा कब से इंतजार कर रही हैं ...आज उन्हें दाना नहीं दोगी उनको देखो सुबह 5 बजे से ही हल्ला मचाए हुए हैं.... और तुम हो की 6 बज गए हैं.... और उठने का नाम नहीं ले रही हो.... ओहो.....मेरी प्यारी माँ.... माँ के गले लिपटते हुए.... आई एम सो सॉरी.... चलो हटो ..... कितनी बार कहा है ... बिना ब्रश किए ... मेरे गले मत लगा करो ओ ,,मेरी प्यारी माँ ,तुम्हारी इस प्यारी डांट से मेरा दिन बन जाता है । चलो अच्छा , ज्यादा माखन मत लगाओ .....बताओ क्या बात हैं ? माँ मुझे कॉलेज नहीं जाना हैं लेकिन क्यों देख तो रहे हो आप कितनी बारिश हो रही है । ऊपर से मेरा कॉलेज कितनी दूर हैं । यहाँ से बस पकड़ना और फिर ऑटो पकड़कर कॉलेज जाना । आज मैं नहीं जाऊँगी ।

नए एपिसोड्स : : Every Monday & Thursday

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ऐसे बरसे सावन - 1

स्वरा..... स्वरा....उठो स्वरा ....कब तक यूं ही सोती रहोगी ?? क्या माँ....सोने भी दो ना.... बिल्कुल भी नहीं.....चलो जल्दी जाओ देखो तुम्हारी बरडी तुम्हारा कब से इंतजार कर रही हैं ...आज उन्हें दाना नहीं दोगी उनको देखो सुबह 5 बजे से ही हल्ला मचाए हुए हैं.... और तुम हो की 6 बज गए हैं....और उठने का नाम नहीं ले रही हो....ओहो.....मेरी प्यारी माँ....माँ के गले लिपटते हुए.... आई एम सो सॉरी....चलो हटो .....कितनी बार कहा है ...बिना ब्रश किए ... मेरे गले मत लगा करो ओ ,,मेरी प्यारी माँ ,तुम्हारी इस प्यारी ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 2

स्वरा हडबडी में नाश्ता करती हैं और टिफिन बेग में डालकर फटाफट बस स्टॉप के लिए निकलती हैं......अब आगे ही स्वरा बस स्टॉप पहुंचती हैं , उसके सामने से ही उसकी बस निकल जाती हैं , वह थोड़ी दुःखी हो जाती हैं पर करे तो क्या करे l अब वह अगली बस का इंतजार करती है जो कि 20 मिनट बाद आने वाली होती है lइसी बीच हल्की-फुल्की बूंदा बांदी होने लगती हैं,,, तो वह छाता निकालने के लिए अपना हाथ अपने बेग में डालती हैं और देखती हैं ,,,की वह हडबडी में तो छाता रखना ही भूल गई ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 3

स्वरा उनकी बातों से समझ गयी थी कि ये निहायतीबदतमीज हैं, और वह बस में कोई तमाशा नहीं करना थी,,, इसलिए वह मन ही मन उन्हें सबक सिखाने का फैसला करती हैं । अब आगे... इस बार स्वरा अपने गुस्से को नए अंदाज में उन लफंगे पर बरसाने के लिए मानसिक रूप से तैयार थी । उसने मन ही मन तय कर लिया था ,"आज इन लड़कों को छठी का दूध न याद दिलाया तो मेरा नाम भी स्वरा नहीं" जैसे ही वह लड़का स्वरा पर गिरने का नाटक करता हैं , वैसे ही स्वरा अपने सैन्डल की हिल ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 4

गैलरी में किसी अजनबी से टकरा जाती है और उसके हाथों का सामान बिखर जाता है l वह जैसे गिरने वाली होती हैं वह अजनबी अपने मजबूत हाथों से उसका हाथ थाम लेता है जिससे वह गिरने से बच जाती है , पर अजनबी को थैंक्स बोलने की बजाए वह उल्टा उस पर चिल्ला देती हैं - "अंधे हो क्या ? देख कर नहीं चल सकते ,तुम्हारी वज़ह से मेरी सारी किताबें गिर गयी "इतना बोलकर उससे अपना हाथ छुड़ाती हैं और जल्दी जल्दी अपना सामान समेटकर (अजनबी की ओर बिना कोई ध्यान दिए) वह अपनी कक्षा की ओर ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 5

इस बात पर भी स्वरा की फीकी मुस्कान देखकर, क्या यार इतनी कंजूसी,यह उदासी के बादल की घटा को और मुस्कान के सावन बरसा , फिर कोहनी मारते हुए, क्या यार जल्दी से अपनी पांच इंच वाली मुस्कान तो दिखा दे , और चिढ़ाते हुए.. तुझ पर यह पिगी वाला फेश हैं न बिल्कुल भी सूट नहीं करता ऐसा बोलकर तेजी से भागती हैं lस्वरा अपनी उदासी भूलकर उसके पीछे तेजी से भागते हुए ओये रुक जा , तेरी तो अब खैर नहीं अमूल बेबी अजनबी ठीक 3:30 बजे प्रिंसिपल ऑफिस में पहुँचता हैं और प्रिन्सिपल को अपना परिचय ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 6

अमूल्या- एक आंख मारते हुए , थामा... या बाहों में थामा... था इसलिए और फिर जोर से हंसने लगती (उसके बाद ) ये तो बता इतनी स्ट्रॉन्ग पर्सनैलिटी वाला ये बंदा कौन था ?स्वरा खींझते हुए , मुझे कैसे पता, देखा नहीं तूने, उसने हैलमेट पहन रखा था l हाँ , देखा , चेहरे का तो पता नहीं पर बॉडी से तो किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था lउसके बाद अमूल्या स्वरा को देखते हुए थैंक्स गॉड चल तेरा मूड तो कम से कम ठीक हुआ ,बेचारे की क्लास लगाने की बजाए तूने उसे सॉरी तो ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 7

माँ - हाँ पता हैं, पर तुम्हें भी पता होना चाहिए कि बड़ी मुश्किल से हमने अभी कोरोना जैसी पर काबु पाया है और यह अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है इसलिए सावधानियां बहुत जरूरी है ,पब्लिक प्लेस पर मास्क और घर आते ही साबुन से हाथों को अच्छी तरह धोना हैं lस्वरा - " हाँ , माँ मैं समझ गयी "माँ , " हाँ बेटा वो तो तुम रोज कहतीं हो पर रोज अमल भी कर लिया करो, इसमे तुम्हारा और हमारा ही फायदा हैं lस्वरा - " जी , माँ "स्वरा की माँ फिर बोलती ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 8

" ओ कान्हा जी, कहीं मुझे प्यार तो नहीं हो गया या मेरा दिमाग खराब हो गया है , तो उसकी शक्ल तक नहीं देखी और मेरा ये हाल है , पता नहीं कान्हा जी , तुम्हारी यह कौन सी नई चाल है "lफिर ऐसे ही सोचते सोचते वह नींद के आगोश में चली जाती हैं lदूसरी तरफ़ कैप्टन अभिराम उसका भी वही हाल था उसकी आँखों के सामने बार बार स्वरा का चेहरा घूम जा रहा था, जब जब उसकी डांट याद आती तब तब उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती lस्वरा के ख्यालों में डूबे उसे पता ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 9

निरीक्षण टीम के लिए कठिन हो रहा था किसको प्रथम, किसे द्वितीय,और किसे तृतीय पुरस्कार दें lक्योंकि सभी एक बढ़कर एक थे इसलिए सभी जज मिलकर यह तय करते हैं एक प्रथम पुरस्कार दिया जायगा साथ ही बाकि सभी स्टॉल को भी पुरस्कृत किया जायगा lस्टॉल निरीक्षण के बाद रंगारंग प्रोग्राम होता है उसके बाद स्टॉल पुरस्कार की घोषणा होती है अतिथि महोदय सभी छात्रों को संबोधित करते हुए - प्रिय छात्रों,स्टॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी छात्रों ने इको फ्रेंडली थीम के तहत बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है इसलिए निरीक्षण कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 10

अभिराम अपनी बहन से शरारती अंदाज में क्या चिमपो तु कुछ भी पहन ले , लगेगी चिंपैंजी ही अधीरा, मुह बनाकर गुस्से मे भाई को आंखें दिखाते हुए भाईइइइ .....घर में बोलना मुझे कॉफी बनाने के लिए बिल्कुल भी नहीं बना कर दूंगी तब पीते रहना माँ के हाथ की कॉफी l ओहो, मेरी प्यारी बहन ऐसा ज़ुल्म मत करना मुझ पर ,चल तुझे जो चाहिए वो ले ले , मैं दिलाता हूं न तुझे अधीरा..ह्म्म्म्म ....अब आए न लाइन पर lअभिराम और अधीरा की नोक-झोंक में स्वरा अभिराम की आँखों से ओझल हो जाती हैं, वो फिर ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 11

अधीरा उन लड़कों से कुछ बोलती उससे पहले ही अभिराम वहां पहुंच जाता है lऔर उन लड़कों से - रोबिली आवाज में) हां भाई ,क्या कोई दिक्कत है ?(उसकी रौबीली आवाज सुनकर) लड़के सहम जाते हैं और कहते हैं , "नहीं भाई साहब कोई दिक्कत नहीं है और तुरंत वहां से खिसक लेते हैं l"उस वक़्त अभिराम के मन मे उन लड़कों को लेकर बहुत गुस्सा था पर वह माहौल की नजाकत देखते हुए कोई तमाशा नहीं करना चाहता था lरात्री के समय जब सारा शहर रोशनी से जगमगा रहा था वहीं अभिराम के मन में स्वरा की याद ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 12

प्रिंसिपल ऑफिस में - प्रिसिंपल उन्हें बताते हैं की उन्हें आर्मी कैण्ट में जाना हैं और वहां पर हमारे के जवान और उनके परिवार के सदस्यों को योग सिखाना हैं और उसके होने वाले फ़ायदे से भी अवगत कराना है, यह इवेंट अगले सप्ताह शुक्रवार, शनिवार और रविवार को आयोजित होगा l समय सुबह 8 बजे से 10 बजे तक का होगा lआप लोगों के पास एक सप्ताह का समय है, इसलिए आप दोनों मिलकर कम से कम 10 से 12 लोगों की एक टीम तैयार कर लीजिए और उसकी लिस्ट मुझे दो दिन के अंदर दे दीजिएगा और ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 13

शकुंतला जी - अरे नहीं बेटा मैं तो आपके भाई से कह रही थी की जब वह नहीं रहता तो अधीरा मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखती हैं lअधीरा - नहीं ,आप झूठ बोल रही हैं ,भाई के मुह से मैंने चिमपो सुना था lअभी - ओ चिमपो , मैं ऑफिस जा रहा हूँ , तू माँ पापा का ध्यान रखना और चिमपो की तरह इधर-उधर कूदना नहीं lअधीरा चिढ़ कर भाई को मारने भागती हैं आगे आगे अभी और पीछे पीछे अधीरा अभी को पकड़ने वाली होती हैं तभी वह किसी से जोर से टकरा जाती है तभी ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 14

तेज तूफान में किसी तरह कैप्टन अभिराम उस महिला की मदद के लिए पहुंचा तो वह महिला रोती हुई भैया मेरा परिवार इस तूफान में बह गया है पर मेरी बच्ची को बचा लो..... आप मुझे बचा पाओ या न बचा पाओ मेरी इस बच्ची को जरूर बचा लेना lअब आगे-कैप्टन अभिराम उस महिला को हिम्मत देते हुए कहता है.....आप चिंता मत करो हम लोग हैं.... हम आप और आपकी बच्ची दोनों को बचा लेंगे .....खुद को बचाते हुए किसी तरह महिला के थोड़ा पास पहुँचता हैं और उस महिला को उसकी बच्ची को उसे पकड़ाने के लिए कहता ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 15

अभिराम ,अधीरा अब बड़ी हो गई है तुम्हें उसको लेकर ज्यादा ओवर प्रोटेक्टिव नहीं होना चाहिए तुम इस तरह मोटी बातों को लेकर ज्यादा परेशान मत हुआ करो चोट का क्या वो तो लगती रहती है l डॉ मीरा - चलो ठीक है......कल से तुम उसे क्लिनिक पर मत लेकर आना मैं तुम्हारे घर पर ही आकर उसकी ड्रेसिंग कर दूँगी l मीरा - तुम्हारे घर के पास वाले एरिया में मुझे 3 दिनों का काम हैं इसलिए सोचा आंटी अंकल से भी मिलना हो जायगा.....और अधीरा के साथ भी कुछ समय व्यतीत कर लुंगी l अभिराम, डॉक्टर मीरा ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 16

अब आगे अभिराम की चोर नज़रें स्वरा पर टिकी रहती है जिस बात से स्वरा बिल्कुल अनजान हैं.....स्वरा को में जाता देख जिन नजरों में कुछ घंटे पहले चमक नज़र आ रही थी अब उन नजरों में उदासी छा जाती हैं l सभी धीरे धीरे अपने अपने वाहनों से अपने घरों की ओर जाने लगते हैं l इन सब के बीच एक इंसान ऐसा था जिसकी नज़रें अभिराम की बैचेनी को बखूबी मेहसूस कर रहा है......उसकी हर हरकत को बखूबी नोटिस कर रहा हैं जिसका पता अभिराम को भी नहीं है l अगले दिन सुबह ठीक चार बजे ही ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 17

अभिराम - ओह गॉड , 6 :45 हो गए , फिर झुंझलाहट में....माँ आपने हमें उठाया क्यों नहीं ?अब -माँ - मैं तो आपको एक घंटे से उठा उठा कर थक चुकी पर आप हैं की उठने का नाम ही नहीं ले रहे थे इसलिए मजबूरन अधीरा को भेजना प़डा आपको उठाने के लिए lमाँ की बातें सुनकर अधीरा भी हँसने लगती है उसे हँसता देखअभिराम - चिंपू , तुझे तो मैं बाद में देख लूँगाअधीरा - हाँ भाई, पहले घड़ी देख लो फिर मुझे भी देख लेना lअभिराम - फिर घड़ी देखते हुए टाॅवल लेकर तेजी से बाथरूम ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 18

आज स्वरा आई हैं इस बात का तो पता हैं इसलिए थोड़ी संतुष्टि हैं पर वह कहां हैं दिखाई नहीं दे रही हैं पीछे दूर तक लंबी लाइन हैं पर वह पीछे मुड़कर नहीं देख सकता क्योंकि उसके पीछे ही उसका दोस्त स्वास्तिक बैठा था जिसने मानो उसी पर अपनी नजरें टीका रखी हो अगर वह इधर-उधर अपनी गर्दन घुमा कर स्वरा को खोजता हैं तो उसे स्वास्तिक के सवालों का जबाब देना पड़ेगा जो वह अभी बिल्कुल भी नहीं चाहता है l अब आगे-इसलिए उदास मन से योग पर ध्यान लगाने की कोशिश करता हैं पर उसका मन ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 19

सब कुछ पता करने के बाद ..... इसलिए आप सभी को वहां इंतजार करना पड़ेगा l प्रिन्सिपल - ठीक निखिल आप उन्हें इनफाॅम कर दीजिए तब तक मैं इधर से दूसरी बस का बंदोबस्त करवाता हूँ l कैप्टन अभिराम - निखिल आप सभी परेशान नहीं हो ....मैं आप सभी के लिए आर्मी बस भिजवा देता हूँ .... आप मुझे अपनी लोकेशन सेंड कर दीजिये l इधर कैप्टन अभिराम ने देखा की कुछ देर पहले ही उनकी आर्मी बस योगा के लिए फेमलिज को लेकर आई थी जो अभी पार्किंग में खड़ी हैं l वह उस बस के ड्राइवर को ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 20

अनुलोम - विलोम, भ्रामरी ,शवासन के बाद ओम के उच्चारण के साथ योग समापन का समय भी आ जाता जिसका अभिराम को बेसब्री से इंतजार है l इस पल उसके चेहरे की चमक और खुशी देखते ही बनती है lसभी लोग योग समापन के बाद चाय ,जूस, नाश्ते के स्टॉल की तरफ बढ़ते हैं नाश्ते की प्लेटे पहले से ही सज चुकी है l काफी देर हो जाने के कारण सभी बच्चे नाश्ते की प्लेट्स पर टूट पड़ते हैं l दूसरी तरफ दो व्यक्ति सभी लोगों की एक ट्रे में जूस,और दूसरे में चाय सर्व कर रहा हैं....सभी लोग ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 21

अधीरा - भाई दो ही टिकट बुक करना माँ, पापा ने मूवी के लिए मना कर दिया है l तरफ कॉलेज में अमूल्या ,राहा और अवनी अवतार 2 मूवी देखने का प्लान बनाते हैं और स्वरा को भी मूवी देखने चलने के लिए कहते हैं पहले तो वह मना कर देती हैं लेकिन बाद में अमूल्या , राहा, अवनी की जिद्द के आगे उसे हाँ करना पड़ता है l आज इनका मूवी देखने का प्लान था इसलिए चारों कॉलेज से घर जल्दी निकल जाते हैं l दूसरी तरफ अभिराम शाम के समय जाम मिलने की संभावना के कारण पहले ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 22

पार्टी में उसने अपने अन्य दोस्तों के साथ अभिराम को भी आमंत्रित किया और पार्टी में आने के लिए को शाम को राहा अपने घर से निकलते हुए सबसे पहले अमूल्या को पीक करती है फिर उसके बाद अवनी और सबसे अंत में स्वरा को पीक करते हुए "फन एण्ड फूड प्लाजा" की तरफ बढ़ते हैं l चारों सहेलियाँ मस्ती मज़ाक भरी बातें करते हुए करीब 7:30 बजे "फन एण्ड फूड प्लाजा" पहुंच जाती हैं....वहां पहुंचकर राहा सबसे पहले कार को पार्किंग एरिया में खड़ी कर देती हैं l फिर वे चारों मिलकर प्लाजा के अंदर जाती है l ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 23

तभी पीछे से कोई बच्चा आकर उससे टकरा जाता है.... गिरने ही वाली होती हैं की वह बाइक सवार उनकी कार के पास बाइक लगाई थी वह उसे संभाल लेता है...स्वरा ने डर से अपनी आंखें बंद कर ली होती पर उसे मेहसूस होता है कि उसे किसी ने बचा लिया है, वह अपनी आंखें धीरे-धीरे खोलती हैं ....अपने सामने उस शख्स को देखकर (जिससे उसे पहली ही नज़र में प्यार हो गया था) उसकी आँखों में खो जाती हैं ....यही हाल अभिराम का भी था सामने स्वरा को देखकर वह भी उसमे खो जाता है l अभिराम फोन ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 24

दूसरी तरफ अभिराम गेम प्लाजा में अपने दोस्तों के साथ गेम खेलता हैं.... उसके बाद वे सभी मिलकर डिनर हैं .....फिर वहां से पार्टी ख़त्म कर सभी एक दूसरे को गुड नाइट बोलकर अपने घरों के लिए निकलते हैं l इन्हीं ख्यालों में गुम वह अपने घर पहुंच जाता है.....बाइक को घर के कंपाउंड में खड़ा करता हैं....सब लोग घर मे सो चुके थे इसलिए वह किसी को बिना डिस्टर्ब किए उसके पास पड़ी दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर घर के अंदर जाता है....फिर बिना शोर किए दरवाज़ा बंद करके अपने रूम में जाता है .....जहाँ पर ड्रेस चेंज ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 25

अधीरा - एक्साइटमेंट में....चलो... अभी तो आपको माफ कर दिया....पर दुबारा से मेरी दी हुई चीजे नहीं खोना .... मुस्कुराते हुए वैसे कब ले चल रहे हो भाई ? " एडवेंचर एंड फन प्लाजा" में मेरी फ्रेंड्स वीकेंड पर वहां घूमने गयी थी वे लोग उस जगह की बहुत तारीफ कर रहीं थीं ....मुझे भी जाना हैं l मीरा - नमस्ते अंकल ,आंटी जी फिर मुस्कराते हुए और अधीरा, कहां जाने की तैयारी हो रही हैं ? मीरा - चलो ठीक है ,मैं कोशिश करती हूँ l मीरा - ठीक है, इमर्जेंसी नहीं होगी तो पक्का चलेंगे l स्वस्तिक ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 26

स्वास्तिक - जी आप तो डॉक्टर हैं न क्या पता दांत टेढ़े मेढ़े होंगे तो आपने सेट लगवा लिए lमीरा - क्या कुछ भी बकते हो....काट कर दिखाऊ असली हैं या नकली पता चल जायगा lस्वास्तिक मज़ाक में भागते हुए चलो दिखाओ तो सही पहले काटकर मीरा उसके पीछे भागती है ....स्वास्तिक की नजर भागते हुए भी मीरा पर ही टिकी थी....कुछ दूर जाने पर वह देखता है मीरा को एक पत्थर से ठोकर लगती है जिससे वह गिरने वाली होती ही है की तभी वह वापिस दौड़कर आकर उसे अपनी बाहों में संभाल लेता है....इस वक़्त दोनों ही ...और पढ़े

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ऐसे बरसे सावन - 27

और वो भी अपने तरीके से है ....शुभ रात्री l उधर स्वास्तिक को तो 9 बजे से पहले किसी हालत में बस मीरा से बात करने की पड़ी थी इसी चक्कर मे दिमाग के घोड़े दौड़ने में लगा था l तभी उसके दिमाग में आइडिया आता है वह तुरंत इन्टरनेट पर उसके हॉस्पिटल का नाम सर्च करता हैं स्वास्तिक - जी मुझे पता हैं पर मुझसे उनका नंबर अभी खो गया हैं और मेरी वाइफ दूसरे शहर मे हैं उससे डॉक्टर मीरा ने खुद कहा था कुछ भी प्रॉब्लम हो तो उसे कॉल कर लें.... अभी नंबर खो गया ...और पढ़े

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