हा हा हा हा .... क्या अजीब बात है न , मेरा सब कुछ आज ख़तम होने का बाद भी मेरे होटों पर एक मुस्कान ही है | पर दिल , दिल पर तो आज इतने घाव है , की शायद वो घाव कभी भी भरने नहीं वाले हैं | मैं काश्वी अगरवाल , अभी अभी 20 साल की हुई | हाँ अभी , क्यूंकि अभी रात के 12 ही तो बज रहे हैं | पुरे 20 साल हो गये मुझे , इस धरती पर साँसें लेते | ओर अपने दिल के जख्मों पर मल्हम लगाते | बारिश की इस काली रात में , आज कोई नहीं जो मेरा साथ दे सके | जो मुझे आकर ये कह सके , की चलो काश्वी , आज के बाद तुम्हारी ज़िन्दगी में सिर्फ खुशियाँ ही होंगी | ये कहानी है मेरी ... आइये सुनती हूँ तो आपको मेरी ये दर्द भरी कहानी , पर , आपकी जुबानी |

Full Novel

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प्यार भरा ज़हर - 1

एपिसोड 1 ( ज़िन्दगी की नई शुरुवात ! ) हा हा हा हा .... क्या अजीब बात है न मेरा सब कुछ आज ख़तम होने का बाद भी मेरे होटों पर एक मुस्कान ही है | पर दिल , दिल पर तो आज इतने घाव है , की शायद वो घाव कभी भी भरने नहीं वाले हैं | मैं काश्वी अगरवाल , अभी अभी 20 साल की हुई | हाँ अभी , क्यूंकि अभी रात के 12 ही तो बज रहे हैं | पुरे 20 साल हो गये मुझे , इस धरती पर साँसें लेते | ओर अपने दिल ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 2

एपिसोड 2 ( अलग सा एहसास ! ) राघव जब कॉलेज पहुंचा , तो सब लड़कियां सिर्फ उसे ही में बिजि थीं | राघव की पर्सनालिटी किसी मॉडल ओर उम्दा एक्टर से कम नहीं थी | पर कोई भी राघव के ज्यादा करीब आने की कोशिश भी नहीं करता था | क्यूंकि सब जानते थे , की राघव को किसी का उसके पास आना , ज्यादा पसंद नहीं है | काश्वी भी थोड़ी ही देर बाद , कॉलेज पहुंच गई हती | आज काश्वी ने जींन्ज़ कुरता पहन रखा था , हलके हरे रंग का कुरता काश्वी पर बहुत ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 3

एपिसोड 3 ( अनजान खत ! ) उसके बाद , राघव स्टेज पर गया | ओर अपनी स्पीच देने बाद , उसकी नजर काश्वी पर गई | जो उसे ही देख रही थी | पर जैसे ही काश्वी ने देखा की राघव उसे देख रहा था , उसने अपनी नजरें घुमा लीं थी | पर फिर अचानक से दोनों की नजरें फिर से मिल गईं | दोनों मानो एक दुसरे में खो से गये हो | उनके आसपास क्या हो रहा था , दोनों में से किसी को कोई एहसास नहीं था | फिर काश्वी का ध्यान टूटा , ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 4

एपिसोड 4 ( इतनी बड़ी रकम ! ) जब काशी उस अनजान जगह पहुंची , तो उसे वहां पर भी नहीं दिखा | काश्वी मन ही मन सोचने लगी | काश्वी :: "यहाँ पर तो कुछ भी नहीं है |" तभी काश्वी को एक जगह पर दूर कुछ कमल दिखी दिए | जब कश्वी उन कमल के पास गई , तो उसने वहां कुछ अजीब महसूस किया | वहां पर काश्वी को ऐसा फील हो रहा था , की वो यहाँ पहले भी आ चुकी है | काश्वी बहुत याद करने की कोशिश कर रही थी , पर उसे ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 5

एपिसोड 5 ( काश्वी बनी दुल्हन ! ) एक ओर काश्वी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा | की कब उसकी माँ ने इतने पैसे किसी से लिए होंगे ? ओर ऐसी भी क्या जरूरत आ पड़ी थी , उसकी माँ को किसी से पैसे लेने पड़े ? ओर दूसरी तरफ राघव अपनी माँ के कहने पर मलिका से शादी करने को तैयार हो चूका था | राघव की रिंग सेरमनी पर , राघव ने कॉलेज के नए बच्चो को बुलाया था | जिसमें काश्वी भी वहां पर थी | सब सही चल रहा था , पर ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 6

एपिसोड 6 ( घर की बहु ! ) तो अभी तक आपने देखा , की कैसे काश्वी दुल्हन की राघव से शादी कर लेती है | ओर सबसे ज्यादा चौकाने की बात तो ये थी , की राघव की माँ , रंजना जी इस बात से बहुत खुस थीं , की काश्वी उनके घर की बहु बनी है | सभी रिश्तेदार आपस में बातें करने लगे थे | एक रिश्तेदार बोली | "हे भगवन ! ये क्या हो गया ? दुल्हन ही बदल गई ?" तो दूसरी रिश्तेदार बोली | "कितनी बेशरम लड़की है , किसी ओर की जगह ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 7

एपिसोड 7 ( काश्वी का सपना ! ) अपनी बहन को , गाड़ी गिफ्ट करने के बाद , राघव कमरे के अंदर गया । काश्वि कमरे के बीच में रखे एक किंग साइज बेड पर आराम से घूंघट ले कर बैठी थी ।जैसे ही काशी ने कमरे का दरवाजा खुलने ओ आवाज सुनी , तो उसकी बैचनी बढ़ गई थी । काश्वी के हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे । और हारों की हतेलियों में पसीना भी आ गया था । और भी राघव का भी कुछ ऐसा ही बुरा हाल था । राघव की दिल की धड़कनें तेज ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 8

एपिसोड 8 ( पहली रसोइ का शगुन ! ) अगली सुबह जब तक काशवी उठी , तब तक राघव जिम के लिए जा चुका था । ऐसा काशवी को लगा था । फिर काशवी जल्दी से उठी , और तयार होकर कमरे से निकल गई । कमरे के वोड्रोब में , काशवी ने जो कपड़े देखे थे , वो सब बहुत महंगे थे । और काशवी मन ही मन सोच रही थी। "हे भगवान , ये सारे कपड़े तो बहुत महंगे हैं ।" पर काशवी के पास कोई और चॉइस नहीं थी । उसने एक हरे रंग को साड़ी ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 9

एपिसोड 9 ( राघव का गिफ्ट ! ) काश्वी के दिमाग में मानो एक बात आई हो की राजीव ने ऐसा क्यूँ कहा , की ये लाल पत्थर को वो सिर्फ एक बार की इस्तेमाल क्यूँ कर सकती है | ओर उसे समझ नहीं आ रहा था , की वो पत्थर जब काश्वी में समय , तो राजीव जी ने कोई रियेक्ट क्यूँ नहीं किया | वो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी , की तभी उसके फ़ोन में राघव का मैसेज आता है | राघव काश्वी को रूम में बुला रहा था | काश्वी को भी राघव ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 10

एपिसोड 10 ( लाल रौशनी का पिच्छा ! ) राघव सिर्फ काश्वी को कॉलेज तक छोड़ने ही आया था फिर उसके बाद , ड्राईवर ने गाड़ी ऑफिस की ओर मोड़ दी | ऑफिस की बिल्डिंग देख , हर कोई हैरान रह जाता था | जब राघव गाड़ी से उतरा , तो सारे एम्प्लोइएस दोनो तरफ लाइन में खड़े होकर , अपना सर झुकाए , खड़े थे | ओर रागाह्व का असिस्टेंट , ओर उसका में बॉडी गार्ड उस के साथ चल रहे थे | ये सीन देख , कोई भी राघव की अमीरी का अंदाज़ा लगा सकता था | ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 11

एपिसोड 11 ( गहरा ज़ख्म ! ) काश्वी घने जंगल में लाल रौशनी का पिच्छा करते करते , एक में गिर जाती है | वहां गिरने के बाद , जब काश्वी खुद को संभालती है , तब जो नजारा वो देखती है , उसे देख , काश्वी का मुह खुला का खुला ही रह जाता है | काश्वी इस वक्त अपने नागिन रूम में थी | हलके नीले रंग की पोशाक , सीने पर नाग लोक का निशाँ , लम्बे घने कमर को छुट्टे हुए बाल | काश्वी के चारों तरफ , लाल रौशनी ही थी | सामने दो ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 12

एपिसोड 12 ( रंजना जी का डर ! ) काश्वी के पेट पर बहुत ही ज्यादा गहरा ज़ख्म हो था | जिसकी वजह से काश्वी , को बहुत तेज़ बुखार हो गया था | ओर ये बुखार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था | राघव खुद से बोला :: "शायद उस खंजर में ज़हर था | इसलिए काश्वी एक नागोएँ होने के बावजूद भी , ठीक नहीं हुई | ओर उल्टा बुखार बढ़ता जा रहा है |" बहुत देर सोचने के बाद , राघव के मन में एक ख्याल आया | फिर वो खुद से बोला ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 13

एपिसोड 13 ( लम्बा सफ़र ! ) राघव ओर काश्वी , कुलेवी के मंदिर के लिए , निकल चुके | पर ना जाने क्यूँ , रंजना जी को एक अजीब सी घबराहट सी हो रही थी | काश्वी ओर राघव गाड़ी में थे | राघव ड्राइव कर रहा था | ओर काश्वी राघव की बगल वाली सीट पर ही बैठी हुई थी | काश्वी खिड़की के बाहर देखा रही थी | तभी राघव अपनी सर का म्यूजिक सिस्टम ओन करता है | ओर एक romantic सोंग बजता है | निगाहों में देखो , मेरी जो है बस गया ... ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 14

एपिसोड 14 ( काव्य का आना ! ) राघव को समझ नहीं आ रहा था , की काश्वी इस रियेक्ट क्यूँ कर रही थी | राघव ने फिर ध्यान दिया , की काश्वी उसी के पिच्छे कुछ देख रही थी | राघव जब पिच्छे मुदा , तो उसके पिच्छे सिर्फ सीड़ियाँ ही थीं | ध्यान से सोचने के बाद , राघव को समझ में आया की , काश्वी क्या कहना चाहती है | राघव कुछ बोलता , उससे पहले ही काश्वी बोल पड़ी | काश्वी :: "राघव इतनी सारी सीड़ियाँ ?" मंदिर के मेन द्वार तक पहुंचने के लिए ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 15

एपिसोड 15 ( काव्य का नाटक ! ) काश्वी को ना जाने क्यूँ , पर गुस्सा आ रहा था शाम हो चुकी थी | ओर काश्वी बहुत ज्यादा थक भी चुकी थी | पर जैसे जैसे काश्वी काव्य को देख रही थी , काश्वी को ऐसा लग रहा था , की उसने काश्वी को कहीं तो देखा था , अचानक से कास्ज्वी के सामने कुछ दृश्य आए | जिसके बाद तेज़ सर में दर्द होने के कारण काश्वी की आँखों के सामने काला अँधेरे छाने लगा था | राघव काव्य को खुद से दूर करने की कोशिश कर रहा ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 16

एपिसोड 16 ( ख़ुशी का रोनित के बाल खींचना ! ) राघव काश्वी को लेकर अपने रूम में आता , ओर उसे बड़े ध्यान से बिस्तर पर लेटाते हुए पूछने लगा | राघव :: "अब तुम कैसा फील कर रही हो ? डॉक्टर को बुलायुं ?" राघव की खुद के लिए इतना परेशान होता देख , काश्वी की आँखों में आंसू आ गये | जिन्हें राघव ने जब नोटिस किया , तो काश्वी के पास बिस्तर पर बैठते हुए , ओर काश्वी के आंसुओं ओर पौंछते हुए , उससे बोला | राघव :: "क्या हुआ काश्वी , देखो मैं ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 17

एपिसोड 17 ( मंदिर में काव्या ओर राघव ! ) वहीँ रूम में , रोनित से रुका नहीं जा था | इसलिए ख़ुशी के इतने मना करने के बाद , भी रोनित बोल ही पड़ा | रोनित :: "पता हिया भाभी , वो जो काव्या है न , भाई को थोडा उससे दूर ही रखना | काश्वी मसुमियत से :: "पर क्यूँ , वो तो राघव की दोस्त है न ?" तो ख़ुशी छिड़ते हुए बोलती है :: "दोस्त , नहीं भाभी , वो तो इसलिए क्यूंकि काव्या के पेरेंट्स ओर हमारे पेरेंट्स एक दुसरे को बहुत टाइम से ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 18

एपिसोड 18 ( प्लैन फ्लॉप ! ) काश्वी राघव को वहां से जाते हुए देख रही थी | वो नम आँखें ये ब्यान कर रहें थीं , की काश्वी को राघव की इस बात का कितना बुरा लगा है | पर राघव को तो मानो कोई फर्क ही नहीं पड़ा , वो काव्या को अपनी गोद में उठाकर वहां से चला गया | उसके बाद , काश्वी अपने कॉलेज चली गई | शाम को जब काश्वी घर आई , तो राघव उसे कहीं भी नहीं दिखा , काश्वी रंजना जी के कमरे में गई , ओर बोली | काश्वी ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 19

एपिसोड 19 ( मिसिंग काश्वी ! ) काव्या ने राघव को वाइन पिला दी थी | ओर आज काव्या साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार भी थी | पर तभी अचानक से राघव को , रोनित का फ़ोन आता है | रोनित :: "भाई , वो , वो भाभी ..." राघव भागरा जाता है | तो वो रोनित से गुस्से में कहता है | राघव की सर्द आवाज़ से तो कुछ पलों के लिए पास में ही बैठी , काव्या भी कांप उठी थी | राघव :: "क्या बात है रोनित ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 20

एपिसोड 20 ( आइस रूम में लड़की ! ) राघव अपने गार्ड्स के साथ गया था | रास्ते में अपनी दिव्य शक्तियों से काश्वी की लोकेशन के पता करने की कोशिश कर रहा था | पर काश्वी का कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था | राघव के गार्ड्स में पूरे शेहर में इमरजेंसी लगा दी थी | कोई भी शेहर में ना ही आ सकता था , ओर ना ही यहाँ से कोई जा सकता था | ओर इस बात से शेहे के सारे लोग बहुत हैरान थे , की आखिर है कौन ये शक्स जिसके पास ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 21

एपिसोड 21 ( नकाब पोश का हमला ! ) राघव :: "नहीं , ऐसा नहीं हो सकता |" राघव से उस लड़की के पास गया | ओर जैसे जी राघव ने उस लड़की का चेहरा देखा, राघव का दिल मानो हजार टुकड़ों में टूट गया था | काश्वी की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी | होंठ पूरी तरह नीले पद चुके थे | चेहरे का रंग उड़ चूका था | राघव बोला | राघव :: "काश्वी ..." रोनित ओर विजय दोनों अंदर आते हैं , ओर जैसे ही वो दोनों काश्वी को देखते हैं , उन दोनों ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 22

एपिसोड 22 ( काश्वी की तबियत खराब ! ) राघव :: "अब तुम कैसा फील कर रही हो ?" राघव की ओर देखती है | ओर धीरे से बोलती है | काश्वी :: मैं ठीक हूँ | पर वो इन्सांन ?" राघव को समझ नहीं आ रहा था , की काश्वी क्या बात कर रही थी | कश्वी को अब समझ में नहीं आ रहा था , की वो राघव को जो भी क्लब में हुआ , उस बारे में कैसे बताए | ओर राघव को ये समझ नहीं आ रहा था , की काश्वी कहना क्या चाहती है ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 23

एपिसोड 23 ( दो जुड़वा बहनें ! ) गहरे समन्दर जैसी , लेकिन हरी | कश्वी सीधी खड़ी होती , ओर राघव से कहती है | काश्वी :: "आँखें राघव , उस नकाबपोश की आँखें गहरी हरी थीं | मैंने पहले इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया |" काश्वी को अच्छे से याद था , की उस रात वोशरूम से वापिस आते हुए , किसी ने उसे पिच्छे से पकड़ा था | ग्ताभी काश्वी को उन हरी आँखों की झलक दिखाई दी थी | राघव बोलता है | राघव :: "पर काशी दुनिया में हरी आँखें ना जाने ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 24

एपिसोड 24 ( रक्षांश का जिंदा होना ! ) बचपन से ही , जबा भी काश्वी अपनी माँ से कमरे के बारे में पूछती थी , तो काश्वी की माँ , कोई न कोई बहाना देकर , काश्वी को टाल दिया करती थी | ओर काश्वी ये बात अच्छे से जानती थी , की जरूर हो न हो , इस कमरे में कोई तो ऐसा राज़ छिपा है , जिसके बारे , काश्वी की माँ उसे पता नहीं लगने देना चाहती थी | कुछ क़दमों के फासलें को पूरा करने के लिए , काश्वी को ऐसा लग रहा था ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 25

एपिसोड 25 ( राक्षश ओर नागिन ! ) "अब रोने से क्या फायदा , जिसे आना था , वो आ गया | अब हिम्मत है , तो उससे बच कर बताओ |" तभी वो लड़की अचानक से गायब हो जाती है | या यूँ खो , की वो इतनी तेज़ भागने लगती है , की किसी को दिखाई ही नहीं देती | पहले वो लड़की लोकल हॉस्पिटल जाती है | वहां वो किसी नर्स से पूछती है | "सुनिए ..." नर्स :: "जी मैम ?" तो वो लड़की उस नर्स से पूछती है "ब्लड बैंक किस ओर है ?" ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 26

एपिसोड 26 ( आज की रात , मदहोशी भरी ! ) काम्या :: (गूंजती हुई आवाज़ में ) :: नागिन भी ...." रक्षांश ये बात सुनकर हैरान रह जाता है | जब काम्या पैदा हुई थी , रक्षांश को लगा था , की काम्या में नागिन शक्तियां हो सकती हैं | लेकिन जब काम्या पर रक्षाशी शक्तियां हावी होने लगीं थी | तो रक्षांश को भरोसा हो गया था , की काम्या एक राक्षश है | उसके बाद , काम्या आगे बोलती है | काम्या :: "मैं भी नागिन हूँ | ओर माँ के बाद , उस मणि पर ...और पढ़े

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प्यार भरा ज़हर - 27

एपिसोड 27 ( रानी मर गई ख़त्म कहानी ? ) काश्वी को समझ नहीं आ रहा था , की रात जो कुछ भी उसके ओर राघव के बीच हुआ था , उसके बाद राघव इस तरह क्यूँ चला गया था | लेकिन , काश्वी ने इस बात पर ध्यान नहीं देना ठीक समझा , क्यूंकि उसे लगा की हो सकता है की राघव को कुछ याद ही ना हो | वो तो नशे में था | रक्षांश को भनक लग चुकी थी , की काम्या काश्वी को जान से मरना चाहती है | ओर रक्षांश अपनी बेटी को अच्छे ...और पढ़े

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