मीता ; एक लड़की के संघर्ष की कहानी

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अध्याय - 1आज कॉलेज का पहला दिन था सभी प्रथम वर्ष के छात्र पहली बार बी.ए. फ़र्स्ट ईयर की कक्षा में आये थे और करीब-करीब सभी कॉलेज में नए छात्रों के साथ रैगिंग या इन्ट्रो किया जाता है। यहाँ देवी प्रसाद महाविद्यालय में भी यही रिवाज निभाया जा रहा था। कॉलेज के कुछ सीनियर्स इन्ट्रो लेने के नाम पर कक्षा में आ गए थे। फ़र्स्ट इयर की क्लास में आधे से ज्यादा लड़कियाँ ही थी, और इन्हीं लड़कियों के बीच हमारी कहानी की पात्र भी थी मीता, मीता शर्मा। दिखने में आकर्षक और सुंदर। ग्रुप लीडर जो रैगिंग लेने आया था

Full Novel

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 1

अध्याय - 1आज कॉलेज का पहला दिन था सभी प्रथम वर्ष के छात्र पहली बार बी.ए. फ़र्स्ट ईयर की में आये थे और करीब-करीब सभी कॉलेज में नए छात्रों के साथ रैगिंग या इन्ट्रो किया जाता है। यहाँ देवी प्रसाद महाविद्यालय में भी यही रिवाज निभाया जा रहा था। कॉलेज के कुछ सीनियर्स इन्ट्रो लेने के नाम पर कक्षा में आ गए थे। फ़र्स्ट इयर की क्लास में आधे से ज्यादा लड़कियाँ ही थी, और इन्हीं लड़कियों के बीच हमारी कहानी की पात्र भी थी मीता, मीता शर्मा। दिखने में आकर्षक और सुंदर। ग्रुप लीडर जो रैगिंग लेने आया था ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 2

अध्याय-25 मिनट, 10 मिनट, 15 मिनट से आधा घंटा बीत गया, परंतु दोनों मे से कोई एक शब्द नहीं एक छात्र आईसक्रीम लेकर उसके सामने से गुजरा, दोनो चुप्पी तोड़ते हुए एक साथ बोले -आईसक्रीम खाओगे ?और एक साथ हँस पड़े।ठीक है तुम बैठो सुबोध मैं आईसक्रीम लेकर आती हूँ, पर आज मुझे तुम्हारा जवाब जानना ही है।मीता उठकर आईसक्रीम लेने कैंटीन चली गई। सुबोध अब भी चिंतन में था। तभी मीता वापस आ गई।हाँ तो तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया सुबोध।मैं तुम्हारे मन की भावों का सम्मान करता हूँ मीता, परंतु कोई भी उत्तर देने से ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 3

अध्याय-3इधर मीता जब घर पहुँची तो उसकी माँ किचन में थी।माँ आपसे एक बात करनी है।अरे मीता तुम। तुम आज सुबोध को मिलाने लाने वाली थी न। माँ ने उल्टा सवाल दाग दिया।हाँ माँ उसी के बारे में आपसे बात करनी थी।हाँ बताओ ? माँ ने कहा।दरअसल माँ मुझे तुम्हें उसके पारिवारिक स्थिति के बारे में आपको बताना था।हाँ तो बताओ ना ?माँ वो असल में एक सब्जी बेचने वाली फैमिली से बिलांग करता है।क्या ? उसकी माँ थोड़ी उग्र हो गई।हाँ माँ उसकी माँ मंडी में सब्जी बेचती है और उसके पिताजी ठेले पर सब्जी बेचते हैं।और तू ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 4

अध्याय-4दूसरे दिन सुबह अचानक उसके कान में आवाज सुनाई पड़ी।ओ मैडम उठिए। आठ बज गए हैं।मीता ने अंगड़ाई लेते बाँहे फैलायी और सुबोध को अपने ऊपर खीच लिया।अरे रे रे! ये क्या कर रही हो। दरवाजा खुला है, कोई आ जाएगा अंदर।तो आ जाने दो अंदर। मुझे प्यार करो ना सुबोध।जब प्यार करने का वक्त था तब तो सो गई, अब काम में जाने के वक्त मैडम को प्यार की सूझी है।प्यार के लिए भी कोई वक्त होता है क्या।मीता ने उसके गले में हाथ डालकर पूछा।हाँ जी, कम से कम 10 से 05 तो नहीं होता। वो वक्त ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 5

अध्याय-5ट्रेन से उतरकर सुबोध ने पहले पेंईग गेस्ट वाले घर जाने का फैसला किया क्योंकि रहने का इंतजाम करना था इसलिए उसने तय किए गए घर की ओर रूख किया।हैलो आंटी। जी बोलिए।वो आपसे पेंईग गेस्ट के सिलसिले में बात हुई थी। क्या नाम है आपका ?जी मीता के नाम से बात किया था।अच्छा हाँ हाँ। आपने बात तो किया था। अंदर आईये। बैठिए।जी आंटी। सुबोध बोला।देखिए यहाँ पर तीन रूम है एक-एक रूम में दो-दो लड़कियाँ रहती हैं। अभी फिलहाल 5 लड़कियाँ है। एक रूम में एक ही लड़की है वही आप रह सकती है।और खाने की क्या व्यवस्था है ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 6

अध्याय-6अब लगभग रोज का यही रूटीन हो गया था। मीता मन लगाकर पढ़ाई कर रही थी। उसने अपनी पढ़ाई लिए सब संसाधन जुटा लिए थे। वो हर पंद्रह दिन में एक बार घर आ जाती थी और वापस जाकर फिर से तैयारी में जुट जाती थी। एक दिन पी.एस.सी प्रारंभिक का फार्म भी आ गया।हैलो सुबोध। पी.एस.सी. प्रारंभिक का फार्म आ गया है।चलो अच्छा है तुम तो परीक्षा के ठीक सामने आ गई हो। अब तुम्हें अपनी सारी शक्ति लगाकर एक्जाम दिलाना है मीता।हाँ परंतु मेरा फार्म यही इंस्टीट्यूट से भरा रहा है। इसलिए तुम वहाँ से मत भरना।अच्छा ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 7

अध्याय-7कुछ दिनों बाद लगभग डेढ़ वर्ष की मेहनत का परिणाम आ ही गया। उसकी 23वीं रैंक थी और ये हो गया था कि उसे कोई बड़ा पद मिलेगा। उनके परिवार के लिए ये बहुत बड़ी घटना थी। उस दिन सुबोध देर से घर पहुँचा उसे परिणाम के विषय में कुछ पता नहीं था वह घर पर आया तो मीता बोली। सुबोध आज पी.एस.सी. का रिजल्ट आ गया।सही में आ गया ? तो क्या हुआ तुम्हारा ? वह उत्साहित हो गया।कुछ नहीं सब निरर्थक हो गया। मीता दुखी होने का दिखावा करते हुए बोली।अच्छा पर रैंक कितना आया ?सिर्फ 23 वाँ।क्या ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 8

अध्याय-8मीता कुछ दिनों तक घर नहीं आ पाई और उसका ज्वानिंग लेटर भी आ गया। नजदीक के ही शहर उसे पोस्टिंग मिली थी। वो आराम से घर से आ जा सकती थी और ज्वानिंग के तुरंत बाद ही उसे प्रशिक्षण के लिए प्रशासन अकादमी जाना था।मीता सुबोध के साथ जाकर ज्वानिंग दे आई। सुबोध मैं प्रशासन अकादमी जाने से पहले फिर से एक बार घर जाना चाहती हूँ। मीता ने कहा।बिलकुल मीता। तुमको अपने पिताजी से फिर से बात करनी चाहिए।तो फिर चलो मुझे लेकर।सुबोध उसे लेकर उसके घर छोड़ आया।जिस वक्त वो घर पहुँची उसके पापा नहीं थे वो ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 9

अध्याय-9एक दिन शाम को देर तक क्लास हुई। जब सभी लोग बाहर निकल कर आये तो अंधेरा हो चुका अंजली और मीता बात करते हुए धीरे-धीरे आ रहे थे तभी अचानक दीपक सामने आ गया।हैलो मैडम।अरे आप फिर आ गए ? मीता ने कहा।हाँ मुझे तुमसे कुछ कहना है।बोलो मुझे जल्दी जाना है। आज तो अंजली भी साथ थी इसलिए मीता थोड़ी हिम्मत दिखा रही थी।मैडम मैं जिस दिन से तुमको देखा हूँ एकदम पागल हो गया हूँ। मुझसे शादी कर लो।पागल हो गए हो तुम ? मैं शादी-शुदा हूँ। तीन सालों से शादी-शुदा हूँ। तुम्हारा दिमाग खराब है। ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 10

अध्याय-10दूसरे दिन सांसद महोदय मिस्टर शर्मा के घर पहुँच गए।जैसे ही शर्मा जी ने दरवाजा खोला तो देखा सामने महोदय खड़े थे।अरे! आईए साहनी जी। प्लीज, प्लीज अंदर आईए। आईए बैठिए।आपसे कुछ चर्चा करनी थी शर्मा जी।हाँ बताईये।ये बताईये आपके पत्नि बच्चे सब ठीक है ?हाँ सब ठीक है, पर आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं ?बस ऐसे ही। मुझे पता चला था कि आपकी लड़की ने आपके मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी।हाँ आपने सही सुना है साहनी जी। मेरी नाराजगी के बावजूद उसने अपनी मर्जी से एक सब्जी वाले से शादी कर ली थी।तो क्या वो ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 11

अध्याय-11इधर थोड़ी देर बाद सुबोध ने मीता को फोन किया तो उसका फोन स्वीच ऑफ बताया। उसने सोचा हो सकता है चार्जिंग खत्म हो गया हो इसलिए उसने आधे घंटे के बाद फिर फोन लगाया। फिर से फोन स्वीच ऑफ बता रह था। वो 2 घंटे तक बीसों बार फोन लगाने की कोशिश करता रहा पर सब बेकार अब भी फोन स्वीच ऑफ ही बता रहा था। चूंकि रात ज्यादा हो गई थी इसलिए वो परेशान मन से ही शांत हो गया। उसने फिर फोन नहीं लगाया। सोचा हो सकता है फोन खराब हो गया हो। सुबह प्रशासन अकादमी ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 12

अध्याय-12होश में आने के बाद वो अस्पताल के बिस्तर पर पड़े पड़े रो रहा था उसका बड़ा भाई सामने बैठा था।उसने मुझे धोखा दे दिया है भैया। वो किसी और से शादी करूँगी कहती है। मैने जान से चाहा उसे। उसके सपने को पूरा करने के लिए इतनी मेहनत की और उसने क्या किया। सब पाकर उसने मुझे छोड़ दिया। आज मैं मर गया भैया, आज मैं मर गया।चुप हो जा भाई। ये बड़े घर के लोगों की सोच के विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता। वो कब क्या कर देंगे कुछ बता नहीं सकते। ऊपर से तुम्हारा ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 13

अध्याय-13एक दिन दीपक अपने पिता की आय का काला चिट्ठा लेकर घर आया। सुनो। ये फाईल रखो इसकी पूरी तुम्हारी है। दीपक बोला।क्या है ये ?तुम फाईल खोलकर देखो तुम्हें समझ आ जाएगा।मीता ने फाईल खोलकर देखा तो सांसद महोदय की संपत्ति और आय का काला चिट्ठा था।ये सब क्या है और तुम मुझसे क्या चाहते हो ?मीता ने पूछा।ये सब भी पिताजी की ही संपत्ति हैतो ?तो इन सभी को तुमको लीगल बनाना है। मैं ही क्यूँ। तुम इसे मुझसे बड़े अधिकारी को दे दो। तुम्हारे पिताजी तो सांसद है उनकी तो ऊपर तक अच्छी पकड़ है। वो किसी को ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 14

अध्याय-14ये खबर तत्काल आग की तरह फैल गई। उसके पापा के पास जैसे ही ये खबर पहुँची वो विचलित गए। उन्होंने तुरंत अपने एक वकील मित्र को फोन किया और उसको लेकर सेंट्रल जेल पहुँच गए।ये सब कैसे हो गया बेटा। शर्मा जी ने मीता से पूछा।मीता चुपचाप बैठी थी।क्या तुमने कुछ किया ?मीता ने ना में सिर हिला दिया।फिर कैसे हुआ कुछ बताओगी।मीता के आँसू बह निकले।मीता तुम पहलें शांत हो जाओ प्लीज। पापा बोले।अब बताओ पूरी बात।पापा, परसो जो आपसे चर्चा हुई थी। उसी के बाद की ये सारी घटना हुई है। मैंने उनके अवैध संपत्ति को ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 15

अध्याय-15मीता के पापा अचानक उसकी ओर भागे तब तक सुबोध गाड़ी में बैठ चुका था। सुबोध बेटा सुबोध। एक एक मिनट रूको। जी बोलिए।बेटा तुमसे कुछ बात करनी थी।आपको जो भी कहना है अदालत में आप कह सकते हैं।नहीं बेटा तुमसे व्यक्तिगत बात करनी थी।देखिए नियम के तहत कोर्ट के बाहर प्रकरण से संबंधित कोई भी बात करना ठीक नहीं है। वो मेरे कर्तव्यों के विरूद्ध है।प्रकरण से संबंधित यदि आपकेा कोई बात करनी है तो फिर आप कोर्ट में ही आईये।बेटा मीता के विषय में बात करनी है।मैं उसके विषय में कोई बात नहीं करना चाहता।आप दोनो ने ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 16

अध्याय-16मीता जब कोर्ट अंदर गई तो सुबोध किसी और काम में व्यस्त था। जैसे ही उसकी आँखे चार हुई दिल धक्क से हुआ।साईलेंस। प्लीज थोड़ा शांति बनाए रखिए सुबोध बोला।भंडारी साहब मैंने जो जो कहा था वो सारी चीजें आज आप लेकर आए हैं।जी सर। हमने मीता देवी से और जानकारियाँ ली है। उनके आस पास के लोगों से, दीपक के विभाग के लोगों से, उनके परिसर, सभी से पूछताछ की है। हमने मीता देवी के भी विभाग से पूछताछ की है।गवाह के रूप में आज सिर्फ दो आयकर अधिकारी ही आए है हालांकि उस दिन जब दीपक गिरा ...और पढ़े

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मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 17 अंतिम भाग

अध्याय-17अंतिम भागमि. शर्मा अंदर गये तो मीता को जागा हुआ देख खुश हो गए। उन्हें रोना आ गया ओर वही स्टूल में बैठकर सुबकने लगे।मीता ने उनका हाथ पकड़ा और पूछा।पापा आप क्यों रो रहे हैं अब तो मैं ठीक हूँ। कुछ नहीं बेटा तुझे होश में देखकर मुझे रोना आ गया।मुझे क्या हुआ था पापा ? कुछ याद नहीं आ रहा है। तू कोर्ट रूम में अचानक चक्कर खाकर गिर गई थी। बेटा और गिरते वक्त सिर पर बेंच से चोट लग गई करके बेहोश हो गई थी।ओह! तो मुझ यहाँ कौन लाया। आप लाये ?जी नहीं बेटा। ...और पढ़े

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