## रब ने मिला दी जोड़ी ##
लेख़क - मयुर पटेल
## पात्र ##
रोहित और रोमा (मुख्य पात्र) - कॉलेज स्टूडेंट्स
कृणाल, पार्थ, अनिकेत, जयेश (रोहित के दोस्त) - कॉलेज स्टूडेंट्स
अंकित – अनिकेत का महेमान
दीपेश – पढ़ाकू स्टूडेंट
दीपकजी – बिज़नस मैन
## कहानी ##
# रोहित शादी के जोड़े में अपनी दुल्हन ने साथ अपने रूम में बता हे. दुल्हन घूंघट में हे. #
रोहित: लेकिन में...
# दुल्हन रोहित को चाटा मार देती हे. #
## एक दिन पहले ##
# पार्थ, कृणाल, जयेश, अनिकेत और अंकित एक सोडा की दुकान पे सोडा पि रहे है. #
अनिकेत: अंकल, अंकित को सबसे बढ़िया वाली सोडा देना, वो हमारा गेस्ट हे.
अंकल: हमारे यहाँ महेमान को भगवान् मानते हे. तो उनके लिए आज सोडा फ्री.
जयेश: हममे से कोई एक अगर रोज गेस्ट बनके आये तो रोज एक सोडा फ्री में मिलेगी.
# सब हसने लगते हे लेकिन पार्थ खामोश हे. #
कृणाल: पार्थ क्या हुआ? मूड क्यों ऑफ हे तेरा?
पार्थ: कुछ नहीं.
जयेश (हँसते हुए): गर्लफ्रेंड के साथ लड़ाई और क्या?
# जयेश, कृणाल और अनिकेत हसने लगते हे. #
कृणाल: श.... यार एसी बात पे मज़ाक नहीं. पार्थ सच बता क्या हुआ हे?
पार्थ (आँखों में पानी के साथ): हम लोग हमेशा के लिये अलग हो गये. उसकी शादी कही और तय हो गयी.
# अनिकेत उसके पास जाके उसके कंधे पे हाथ रखता हे. #
अनिकेत: हिमत रख यार. मेरे साथ भी तो ऐसा ही हुआ था.
जयेश: में भी आज रिजेक्ट हो गया.
कृणाल: तू तो बोल ही मत. साले रोज पाँच लडकियों को प्रपोस करेगा तो रिजेक्ट तो होगा ही ना!
जयेश: तो कई बार पास भी हो जाता हूँ.
अनिकेत: तुज जेसे लड़के को पास करने वाली लडकियों से बेवकूफ इस दुनिया मैं और कोई नहीं हे.
अंकित: राईट. आज कल की लड़किया बिना कुछ सोचे समजे ही बॉयफ्रेंड बना लेती हे. उनको तो ये ही लगता है के उनके बॉयफ्रेंड के जितना सीधा और अच्छा लड़का इस दुनिया में कोई और हे ही नहीं. लेकिन हम जेसे दोस्तों की पता होता हे की वो जलेबी की तरह सीधा और कूड़े की तरह अच्छा हे.
कृणाल: आज कल के मूवीज और सीरियल देखके लड़के ये सब सीखते हे. आँखों में आँखे डालके जूठ बोलना ताकि लड़किया उन पर तुरंत यकीन कर ले.
अंकित: सो में से अस्सी बेईमान, फिर भी मेरा देश महान.
जयेश: तुम लोग न मुझसे जलते हो. इस लिए मुझे ये सब सुना रहे हो.
अनिकेत: छोड़ो इसकी बात. इसकी तो पूरी कहानी एसी ही हे. अभी पार्थ की कहानी पे ध्यान देते हे.
कृणाल: हाँ यार. सबकी यही कहानी बन गयी हे. सब पेरेंट्स का यही तो काम हे!
अंकित: क्या?
कृणाल: अपने बच्चो की शादी किसी और के प्यार के साथ कर देना!
# सब उसकी बात से सहमत होते हे. #
कृणाल: लेकिन यार एक बात तो हे, अपने रोहित जेसी किस्मत लाखो में एक की होती हे.
अंकित? क्यों? क्या हुआ उसके साथ?
अनिकेत: उसकी भी शादी तय हो गयी.
कृणाल: वो भी एक सहजादी से. एक सच्चे आशिक के सपनो की सहजादी से.
## एक साल पहेले ##
# रोहित हर रोज रोमा को देखने के लिए उसका इंतज़ार करता है. कभी बस-स्टेशन पे, कभी कॉलेज के गेट पे, कभी रीक्षा-स्टैंड पे. एक दिन एक मंदिर के बहार रोहित रोमा का इंतज़ार कर रहा होता हे. कृणाल वहाँ से गुज़रते हुए उसे देखता हे और उसके पास आता हे. तभी रोमा भी मंदिर से निकल के चली जाती हे. रोहित उसे देख के पीछे मुड़ता हे तो कृणाल उसके सामने खड़ा होता हे. #
कृणाल: अपने दिल की बात उसे बता क्यों नहीं देता?
रोहित: डरता हूँ.
कृणाल: अरे ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? मना कर देगी. और क्या?
रोहित (थोड़ा मुस्कुराके): उसका सर किसे हे? दर तो ये हे कही उसे बुरा ना लग जाए!
# इतना कहके रोहित चला जाता हे. #
कृणाल (उपर देखके): अजीब दोस्त दिए हे तूने. एक हे जो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चौबीस घंटे लड़ता रहता हे. एक हे जिसे हर लड़की से प्यार हो जाता हे. नौटंकी साला! और एक ये हे. सच्चा प्यार करता हे पर कहने से डरता हे. कही उसे बुरा ना लग जाए! पता नहीं इन लोगो के बिच में रहकर मेरा क्या होगा?
## कॉलेज में रिजल्ट के दिन ##
# रिजल्ट बोर्ड के पास भीड़ लगी हे. उसमे से दीपेश गाना गाते हुए बाहर निकलता हे. #
दीपेश: में टोपर, में टोपर... चैंपियन, में चैंपियन... चैंपियन, में चैंपियन...
# जयेश उसके सर पे मारता हे #
दीपेश: अरे वह छोटा दिमाग होता हे लग जायेगी.
रोहित: अनिकेत, रोमा का रिजल्ट देख ना!
जयेश: ओये होए... साहब को अपने रिजल्ट से ज्यादा अपने प्यार के रिजल्ट की परवाह हे!
अनिकेत: इट्स टाइम टू पार्टी गाय्ज़... हम सब पास हो गए हे.
# सब चिल्लाते हे लेकिन रोहित खामोश रहता हे. #
रोहित: इसका मतलब आज के बाद रोमा को नहीं देख पाउंगा.
कृणाल: आज भी मोका हे. जाके बोल दे.
रोहित: कोंगराजुलेसन गाय्ज़... आज शाम की ट्रीट मेरी तरफ से.
# रोहित वहाँ से चला जाता हे. सब दुखी हो जाते हे. #
## कुछ महीनो बाद ##
# रोहित अपनी ऑफिस में दीपकजी के साथ बिज़नेस मीटिंग कर रहा हे. #
दीपकजी: रोहित जी आप बिलकुल अपने पापा की तरह बात करते हे. आपसे बिज़नेस करके अच्छा लगा.
# दीपकजी रोहित से हाथ मिलाके चल जाते हे और रोहित के फ़ोन की रिंग बजती हे. #
रोहित: नौ मोम. मेने कितनी बार कहा के मुझे शादी नहीं करनी.
# कुछ सुनने के बाद #
रोहित: नहीं मुझे कोई लड़की पसंद नहीं हे.
# कुछ सुनने के बाद #
रोहित: क्या बोल रही हो मोम? मुझे कोई लड़का भी पसंद नहीं हे. में घर पे आके बात करूँगा. बाय.
# रोहित फ़ोन रख के कुछ सोच में पद जाता हे. फिर वो कृणाल को फ़ोन करता हे. #
रोहित: हेय कृणाल, केसा हे तू?
कृणाल: फर्स्ट क्लास. तू बता.
रोहित: में भी ठीक हूँ.
कृणाल: तो बोल क्या प्रोब्लेम हे?
रोहित: कोए प्रोब्लेम हो तो ही तुझे फ़ोन कर सकता हूँ क्या?
कृणाल: अरे बोलना मेरे भाई, तेरी मोम का दो दिन पहेले कॉल आया था. बोल रही थी कोई अच्छी लड़की देखी हे तेरे लिए पर तू शादी करने से मना कर रहा हे. सुन में जानता हु रोमा के लिए तेरे दील में आज भी उतना ही प्यार हे. पर उस बात को एक साल ख़तम होने को आया. अब तुझे आगे बढ़ना चाहिए. तू अपने माँ बाप का एक लोता बीटा हे. कम से कम उन लोगो के लिए तुझे शादी कर लेनी चाहिए.
रोहित: तू ठीक कह रहा हे.
कृणाल: तू एक बार इस लड़की की फोटो तो देख ले. पसंद ना आये तो तेरे घर वाले कोई और लड़की देखेंगे!
रोहित: ठीक हे. आज तो ऑफिस में काम ज्यादा हे. घर पहुचते काफी देर हो जायेगी. तो कल सुबह देखता हूँ.
कृणाल: आल ध बेस्ट. बाय.
रोहित. थँक्स. बाय.
## कृणाल के घर (रात के दो बजे) ##
# कृणाल के फ़ोन की रिंग बजती हे. कृणाल नींद में से जागके फ़ोन हाथ में लेता हे. #
कृणाल: इतनी रात को कौन परेशान कर रहा हे? रोहित? इस वक़्त? (कॉल रिसीव करके) हाँ बोल रोहित. क्या हुआ?
रोहित (ख़ुशी में): अबे तू यकीन नहीं करेगा.
कृणाल: क्या हुआ?
रोहित: सुनेगा तो तेरी नींद उड़ जायेगी.
कृणाल: लेकिन हुआ क्या?
रोहित: तू सोच भी नहीं सकता.
कृणाल: लेकिन सो तो सकता हो ना? गुड नाईट. बाय.
रोहित: सुन सुन सुन. मेने उस लड़की की तस्वीर देखी.
कृणाल: तो?
रोहित: वो कोई और नहीं, मेरी रोमा हे!
कृणाल (बिस्तर पे खड़े होक): क्या बात कर रहा हे?
रोहित: सच बोल रहा हु, तेरी कसम.
कृणाल: साले मज़ाक करता हे, वो भी इस वक़्त और उपर से कसम भी मेरी ही खता हे?
रोहित: मज़ाक नहीं कर रहा. गॉड प्रोमिस.
कृणाल: तेरी तो लोटरी लग गयी. में आ रहा हु तेरे घर पे. पार्टी लेने.
रोहित: अभी? नींद में हे क्या?
कृणाल: ठीक हे सुबह मिलते हे. बाय.
रोहित: बाय.
## शादी के एक दिन पहेले (सोड़ा शॉप पे) ##
कृणाल: कल रोहित की शादी हे. अंकित, तू भी चलना हमारे साथ.
अंकित: पक्का. ऐसी किस्मत वाले से मिलना कौन नहीं चाहेगा?
## आज का दिन (शादी के बाद) ##
रोमा (रोते हुए): इतना प्यार करते थे तो पहेले नहीं कह सकते थे?
रोहित: मेने बहोत कोशीस की थी तुमसे अपने प्यार का इज़हार करने की, पर कभी हिम्मत ही नहीं जुटा पाया.
रोमा: मेरी शादी कही और हो जाती तो?
रोहित: लेकिन में...
# रोमा रोहित को चाटा मारती हे और उसके गले लग जाती हे #
## धी एन्ड ##