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Mystery

रहस्य ( झूंट या सच )

हमारे आस पास सदैव कुछ ना कुछ घटित तो होता ही रहता है । हर घटित घटना से हर आदमी अपने मतलब का कुछ ना कुछ ढूंढ़ ही लेता है । किसी भी बारे में हमारे विचार कई दुसरे आदमीयों से कभी — कभी मेल खाते हैं और कभी — कभी नही खाते ।

वैसे तो मैं स्वयं भूत प्रेतों को मानता हूं । और कभी इनके होने और न होने के विषय की बहस में नही पड़ता पर मैंने कभी स्वयं इन्हें नही देखा । अगर आप को ये विषय पसंद है तो ये किस्से आपको जरुर पसंद आयेंगे ।

1 मामा का किस्सा

हमारे मामा जी सच में भूतों को नही मानते थे । लकिन अब मानते है । उनके साथ कुछ ऐसा हुआ । एक बार मामा जी किसी रिस्तेदार के यहां गये हुए थे । तब उनकी उम्र मात्र 22 —23 साल रही होगी । उस समय तक उनकी शदि भी नही हुई थी । जब वे रिस्तेदारी से वापस आ रहे थे तो रास्ते में गांव की एक लड़की का सुसराल पड़ता था । उन्होने सोचा कि चलो मिल कर चलता हूं । उस लड़की के विवाह को मात्र 7 — 8 साल हुए थे । उस लड़की के दो लड़के और एक लड़की थी । सबसे छोटा लड़का मात्र 2 साल का था । और एक साल पहले उसका पति एक दुर्घटना में जान गंवा बैठा । मामा जब उसके घर पहुचें तो वो घर में झाड़ू लगा रही थी । उसके परिवार वाले जंगल गये हुए थे । बड़ा लड़का स्कूल गया था । छोटा लड़का और लड़की वंही खेल रहे थे । मामा को देखकर वो बहुत खुश हुई । उन्हे पानी पिलाया और चाय बनाने चली गई । मामा जी बैठ कर बाहर से ही बातें करने लगे । एक दुसरे से कुशलता पूछने मे चाय भी तैयार हो गई । चाय का कप मामा जी को देकर वो भी वंही पास मे बैठ गई । मामा जी को अजीब सी घुटन लगने लगी । मामा ने जल्दी — जल्दी चाय खत्म करके कहा — में चलता हूं । तो उसने खाना खा कर जाने को कहा । लेकिन उनकी बेचैनी ने उन्हें एक मिनट भी न रुकने दिया । मामा ने मना करते हुए उसको और बच्चों को भेट देते हुए विदा ली । मामा को अभी भी अजीब सा लग रहा था । बस पकड़ने के लिए मामा जी को गांव से लगभग एक किमी का सफर पैदल तय करना था तो मामा जी ने तेेजी से कदम अपनी मंजिल की और बढ़ाऐ । लेकिन जैसे ही वो चलने लगे तो उन्हे ऐसा भान हुआ कि कोई उनका पीछा कर रहा है । लेकिन जब वो पीछे मुड़ कर देखते तो कोई दिखाई नही देता । वो फिर चलने लगते । और तेज कदमों से । लेकिन अचानक पीछे से किसी ने उन्हे छुआ । पर पीछे कोई नही था । अब मामा ने लगभग दौड़ना श्ुरु कर दिया । लेकिन कुछ कदम दौड़ कर मामा के पैर अचानक भारी होने लगे । उन्हे ऐसा लगा जैसे किसी ने उनके पैर जमीन से चिपका दिये हों । वहां आस पास कोई नही था न ही उनकी आवाज गले से बाहर निकल रही थी । मामा जी माजरा समझ रहे थे । उन्होने हिम्मत से काम लिया । उन्होने धीरे — धीरे अपने आप को सड़क के किनारे पर पहुंचाया । वहां वे थोड़ा — थोड़ा करके सूखा घास और झाड़ एकत्र करने लगे । उनके पास माचिस थी । उससे उन्होंने आग जलाई और अपने हाथ पैर सेके । उन्हे अपने पैर चमत्कारिक रुप से हल्के प्रतीत होने लगे । अब उन्होने कुछ जलती हुई लकड़ियां हाथ में ली और चलने लगे । कुछ ही देर में मामा बस स्टैंड़ पर पहुंच गये लेकिन आग नही बुझने दी । बस आने पर वे बस में बैठ कर आ गये । वे आज तक उस दिन की घटना को नही समझ पाये ।

2 पुराने खंड़हर का रहस्य

काफी पुराने समय से हमारे पास के एक गांव में गांव के बिलकुल बिचोबीच एक प्राचीन खंड़हर था । वो बहुत पुराना था । उसकी हालत जिर्ण किर्ण थी । उसके आस पास कुछ जमीन खाली भी पड़ी थी । उसके बारे मे हम बचपन से कई किंवदंती सुनते आये थे कि इसमे बुरी आत्मा या श्क्ति का निवास है । जिसके कारण उसके मालिक भी उसका प्रयोग नही करते थे । और ना ही कोई उस जगह को खरीदने को तैयार होता था । क्योंकि सब उस जगह से डरते थे । कुछ इन बातों को कोरी बकवास कहते थे पर जगह को खीरदने के नाम पर गोल हो जाते । ना ही रात में वहां जानेे को तैयार होते । समय बीतता रहा और गांव में तरक्की होने लगी । गांव में अब घर — घर बिजली है । सब बच्चे पढ़ते हैं । सभी जागरुक हैं । लोगों में भूतों को लेकर डर कुछ कम हुआ है ।

तो इन्ही बातों से प्रेरित होकर उस खंड़हर के मालिकाना हक रखने वाले एक मालिक ने उस खंड़हर को ध्वस्त करके नये मकान का निर्माण करने का फैंसला लिया । निमार्ण कार्य शुरु किया गया । मकान बन कर तैयार हो गया । कोई अनहोनी भी नही हुई जैसा कि गांव वाले कयास लगा रहे थे । लेकिन जिसने वो मकान अपने लिए बनवाया था उसकी भी हिम्मत नही होती की उसमे जाकर रहे । अभी तक वो मकान खाली पड़ा है ।

3

तपन बचपन से ही थोड़ा सा अलग था कुछ सनकी सा । वो कम उम्र में ही अपना घर छोड़कर भाग गया । वो कुछ दिन एक तांत्रिक के साथ भी रहा । फिर वो स्वयं सिद्दि करने के लिए जंगलों में भटकने लगा । वो समसान में भी कई — कई दिनों तक मंत्रों का जप करता रहता था । बहुत दिनों तक इसी तरहा वो इन बातों में उलझता चला गया । एक दिन किसी दुसरे तांत्रिक ने उसे बताया कि उसकी सिद्दि तब पूरी होगी जब तू माँ काली को एक 9 साल से कम के बच्चे की बली देगा । पर ध्यान रहे बली बच्चे के माँ — बाप की मंजूरी से ही चढे़ । और बच्चे के माँ — बाप दौनो होने चाहिए ।

तपन किसी भी कीमत पर अपनी सिद्दि पूरी करना चाहता था पर ये इतना आसान काम नही था । पहले तो तपन को ऐसे घर की खोज थी जहां उसकी सारी षर्तें पूरी हो सकें । बहुत दिनों तक खोजने पर उसे एक घर मिल गया जंहा उसका काम बन सकता था । उस घर में संजू और उसका परिवार रहता था । संजू के परिवार में उसकी पत्नी और उसके चार बच्चे तीन लड़की और एक लड़का था । संजू की पत्नी कम्मो बड़ी कंजूस थी । इस बात का पता तपन लगा चुका था । उसने सबसे पहले तो अपना भेष बदला और उस घर पहुंच गया । वंहा जाकर काम मांगा । लेकिन कम्मो ने तुरंत बिना तपन की बात सुने ही मना कर दिया । तपन ने हार नही मानी वह वंही खड़ा रहा । कुछ समय बाद उसने फिर से दरवाजा खट खटाया कम्मो ने दरवाजा खोला और कहा तुम्हें एक बार की बात समझ नही आती क्या ? तपन फटाक से बोला आप मेरी बात तो सुनो मैं बिना पैसो के काम करने को तैयार हूं बस खाने — खाने पर ।

ये सुन कर तो कम्मो खुश हो गई । उसने किसी से बिना पूछे ही तपन को काम पर रख लिया । संजू जब काम से घर लौटा तो उसने तपन को देखा और पूछा कि ये कौन है और यहां क्या कर रहा है ? तब कम्मो ने सारा किस्सा कह सूनाया । कम्मों के मना करने के बावजूद संजू ने तपन से पूछा — तुम फ्री काम क्यों करना चाहते हो ? तपन ने उत्तर दिया — जी मेरा इस दुनिया में कोई नही जिसके लिए मैं धन कमाऊं ।

स्ांजू भी निश्चिंत हो गया । संजू की बड़ी लड़की लगभग 15 साल की उससे छोटी 12 साल की ,, उससे छोटी 8 साल की ,, और लड़का 5 साल का था । तपन पूरी मेहनत से काम में लग गया । उसने कम्मो और संजू का विश्वास जीत लीया । लेकिन इस काम में उसे 6 — 7 महीनों का समय लग गया । उसने कई बार घर का वफादार होने का प्रमाण दिया। सुरु — सुरु में संजू को डर था कि कहीं घर में चोरी न कर ले । या किसी लड़की पर बुरी नजर न डाले । पर समय के साथ — साथ उसको भी तपन पर पूरा यकीन हो गया । अब तपन सोचने लगा की अगर इन्हें लालच दूं तो शायद संजू न माने कुछ और ही तरकीब निकालनी पड़ेगी । उसने सोचा यदि इन्हे डराया जाये तो काम बन सकता है । उसने अपना काम शुरु किया । रात को वो पायल पहन कर सारे कमरों के आगे से गुजरा । अगले दिन घर में एक दो सदस्यों ने पायल की आवाज सुनने की बात कही लेकिन संजू ने बहम बता कर टाल दिया । उस रात भी आवाज आई तो संजू ने बाहर निकल कर देखा पर कोई न दिखा । घर में थोड़ा — थोड़ा डर का माहौल बनने लगा । एक दिन तपन ने औरत के कपड़े पहने और कम्मो के सामने ऐसे कमरे में घुसा कि उसे बस पीछे से झलक ही दिखाई दी वो डर के मारे कमरे की तरफ भी ना गई । उसने तपन को पुकारा तपन औरत के कपड़े निकाल कर आ गया । क्योंकि उसने अपने कपड़ो के ऊपर ही वे कपड़े पहने थे । उसे उसी कमरे से निकलते देख कम्मो ने कहा कि इस कमरे में तो अभी — अभी एक औरत गई थी । तपन ने कहा वहां तो कोई नही है । और वो कम्मो को यकीन दिला कर उस कमरे में ले गया । वहां कोई नही था । कपड़ों को तपन ने अच्छी तरह छुपा दिया था । कम्मो पूरी तरह से डर चुकी थी । तपन ने इस बात का फायदा उठाते हुए कहा कि वह एक तांत्रिक को जानता है जो उनका काम बिना खर्च के कर देगा । कम्मो तैयार हो गई । कम्मो ने संजू से बात की पर वो नही माना । तपन ने एक दिन चुपके से रसोई में मांस का लोथड़ा डाल दिया । इस घटना से सब डर गये । तपन ने कहा कि उसे तो माँ काली का प्रकोप लगता है । फिर संजू भी तैयार हो गया । वे तीनो उसी तांत्रिक के पास पहुंचे जिसने तपन को बलि के लिऐ कहा था । उसने उन दौनो को खूब डराया । फिर बताया कि बलि देनी होगी वरना अनर्थ होगा । और कहा कि अब तक तुम तपन के कारण बचे हो क्योंकि वो काली का भक्त है। अगर बलि दे दी तो मालामाल हो जाओगे वरना दो या तीन मौते होंगी । वे वापस घर आ गये । डर तो संजू भी गया था पर वो बलि केे लिए तैयार न था । पर डर और माल के चक्कर में कम्मो तैयार थी । तपन ने कहा कि छोटी लड़की की बलि दे दो शादि का भी खर्च बचेगा और घर में खुशहाली आयगी । कम्मो की भी बात समझ में आ गई । अब उसने जबरदस्ती संजू को भी मना लिया । 2 — 3 मौत की बात सुन कर संजू भी मान गया । तीनो ने तीन दिन बाद अमावास्या की रात को बली देने का फैसला किया । तीन दिन तक तपन ने सारा इंतजाम कर लिया । सबसे छोटी लड़की की उम्र भी पता कर ली । अमावास्या की काली रात को एक कमरे में सब इंतजाम कर के तपन लड़की को लेने स्वयं गया । एक कपड़ा डाल कर उठा लाया । कम्मो और संजू दौनो पूजा में बैठे थे । उस दिन सब बच्चों को एक कमरे में सुलाया था । वे तीनों अपने काम में व्यस्त थे कि तभी पुलिश ने आकर तीनों को पकड़ लिया । तीनों की समझ न आया की पुलिश को पता कैसे चला । पुलिश ने जब बच्चे के ऊपर से कपड़ा हटाया तो कम्मो और संजू के होश उड़ गये । उसमें लडकी नही लड़का था । कम्मो ने पूछा तो तपन ने बताया कि लड़की की उम्र 9 साल से ज्यादा हो चुकी है और उसे 9 साल से कम के बच्चे की बलि देनी थी । उन दौनो को अहशास हुआ ि कवे कितनी बड़ी गलती करने जा रहे थे । पुलिश ने बताया कि उन्हे संजू की बड़ी बेटी ने फोन किया जिसने उनकी बातें सुन ली थी । तीनो को सजा हुई । तपन को जज ने सात साल की सजा सुनाई । उन दौनो को तीन — तीन साल की ।

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