एक नाम, जो प्यार से जन्मा सुबह की हल्की धूप अस्पताल के कमरे में फैल रही थी।Anushka गहरी नींद में थीऔर Raj पास बैठाअपनी नन्ही-सी बेटी को निहार रहा था।इतनी छोटी…लेकिन उसकी सांसों मेंRaj की पूरी दुनिया बस चुकी थी।---नाम का फैसलाAnushka ने आँखें खोलते हीधीरे से पूछा“Raj…हमारी बेटी का नाम क्या रखें?”Raj मुस्कुराया।उसने बच्ची की छोटी-सी उँगली पकड़ ली।“ये बच्ची मुझेज़मीन से जुड़ी हुई लगती है…मजबूत, सच्ची,और शांत।”Anushka ने प्यार से कहा“अवनी…”Raj की आँखें चमक उठीं।“अवनी…धरती जैसी—जो सबको संभालती है।”दोनों ने एक साथअपनी बेटी को देखा।“हमारी बेटी — अवनी।”---घर वापसीघर फूलों और खुशियों से सजा था।माँ ने अवनी को गोद में लेते हुए कहा—“घर की रौनक आ गई है।”Raj ने Anushka का हाथ थाम लिया—“अब हमारी ज़िंदगीअवनी के इर्द-गिर्द घूमेगी।”---पहली रातरात को अवनी रोने लगी।Raj तुरंत उठा।“तुम सो जाओ,”उसने Anushka से कहा,“आज पापा की ड्यूटी है।”Raj ने अवनी को सीने से लगाया,धीरे-धीरे झुलाते हुए बोला—“श्श…पापा यहीं हैं, अवनी…”कुछ ही देर मेंअवनी सो गई।Anushka की आँखों मेंखामोश खुशी थी।---दिल का रिश्ता — अब तीन दिलों काAnushka ने धीरे से कहा—“Raj…आज तुम्हें पिता बनते देखकरमुझे फिर से तुमसे प्यार हो गया।”Raj मुस्कुराया—“और मुझेज़िंदगी से…”तीन दिल,एक रिश्ता,और एक छोटी-सी अवनीजो उनके प्यार कीसबसे खूबसूरत निशानी थी (पहली मुस्कान, पहली आवाज़, और माता-पिता का नया रूप)समय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।Raj और Anushka की ज़िंदगी अबअलार्म और मीटिंग्स से ज़्यादादूध की बोतलों, लोरियोंऔर नींद से भरी रातों में बँट चुकी थी।---अवनी की पहली मुस्कानएक सुबहAnushka अवनी को गोद में लिएधीरे-धीरे झुला रही थी।Raj सामने खड़ाकॉफ़ी का कप पकड़े था।तभी अवनी नेहल्की-सी मुस्कान दी।“Raj! देखो…वो मुस्कुरा रही है!”Raj का कप हाथ से छूटते-छूटते बचा।वो दौड़कर आया।“अवनी… पापा को देखकर मुस्कुराई क्या?”जैसे जवाब मेंअवनी ने फिर से मुस्कुरा दिया।Raj की आँखें भर आईं।“आज मेरी ज़िंदगी कीसबसे बड़ी जीत है।”---पहली रात की लोरीरात कोअवनी रोने लगी।Anushka थकी हुई थी।Raj ने उसे रोका—“आज मैं संभालता हूँ।”वो अवनी को गोद में लेकरधीरे-धीरे कमरे में घूमने लगा।“सो जा मेरी गुड़िया…पापा हैं पास…”उसकी आवाज़ मेंना सुर था,ना ताल—लेकिन प्यार पूरा था।कुछ ही देर मेंअवनी चुप हो गई।Anushka दरवाज़े से देखती रही—उसका Rajअब सिर्फ़ पति नहीं,एक पिता बन चुका था।---एक छोटी-सी चिंताकुछ दिनों बादअवनी को हल्का बुख़ार आ गया।Anushka घबरा गई।Raj ने तुरंत डॉक्टर को फोन किया।डॉक्टर ने मुस्कुराकर कहा—“New parents syndrome…घबराइए मत।”Raj और Anushkaएक-दूसरे को देखकरहल्की-सी हँसी हँस दिए।---पहली बार ‘पापा’कुछ महीनों बाद…अवनी ज़मीन पर बैठीखिलौनों से खेल रही थी।Raj सामने बैठामज़ाक कर रहा था।तभी अवनी के मुँह सेधीमी-सी आवाज़ निकली—“पा…पा…”Raj सन्न रह गया।“Anushka…क्या उसने अभी—?”“हाँ Raj…उसने पापा कहा!”Raj ने अवनी को गोद में उठा लिया।“मेरी जान…तूने आज पापा कोदुनिया दे दी।”---दिल का रिश्ता — अब और मजबूतरात कोतीनों एक साथ लेटे थे।अवनी बीच में सो रही थी।Raj ने धीरे से कहा—“Anushka…हम पहले एक-दूसरे के लिए जीते थे,अब इसके लिए जीते हैं।”Anushka मुस्कुराई“और यही हमारे दिल के रिश्ते कोपूरा करता है।”तीन दिल…एक परिवार…और अनगिनत कहानियाँजो अभी लिखी जानी बाकी थीं।💖 (अवनी का पहला कदम) स्कूल, आँसू और गर्व समय पंख लगाकर उड़ गया।अवनी अब ढाई साल की हो चुकी थी—नन्हे कदम,बड़ी-बड़ी आँखेंऔर सवालों से भरी दुनिया।Raj और Anushka के लिएआज का दिन खास था।अवनी का पहला स्कूल।सुबह की भागदौड़“अवनी… जूते पहनो,”Anushka प्यार से बोली।अवनी मुँह फुलाकर बैठ गई—“नहीं जाना…”Raj नीचे झुककर बोला“पापा भी साथ चलेंगे।”ये सुनते हीअवनी तैयार हो गई।Raj और Anushkaएक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए।स्कूल के बाहरस्कूल गेट रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजा था।बच्चों की हँसीऔर रोने की आवाज़एक साथ गूंज रही थी।अवनी ने Raj की उँगलीज़ोर से पकड़ ली।“पापा… घर चलो।”Raj का दिल भर आया।Anushka की आँखें भी नम थीं।टीचर ने मुस्कुराकर कहा—“कोई बात नहीं,थोड़ा रोएगी…फिर खेल में लग जाएगी।”वो पल — जो सबसे मुश्किल थाअवनी को गोद से उतारते हुएRaj की आवाज़ भारी हो गई“अवनी,पापा बाहर ही हैं…तुम बहादुर बच्ची हो।”अवनी रो पड़ी।Anushka ने खुद को संभालते हुएधीरे से कहा—“जाना पड़ेगा बेटा…”दरवाज़ा बंद हुआ।Raj और Anushkaकुछ देर वहीं खड़े रहे—जैसे दिल अंदर ही छूट गया हो।इंतज़ार के घंटेघर आकर भीAnushka बार-बार घड़ी देख रही थी।Raj ने उसे शांत किया—“सब ठीक होगा…”लेकिन दोनों जानते थेये माता-पिता बनने कीएक नई परीक्षा थी।छुट्टी का समयजब वे वापस स्कूल पहुँचे,अवनी खेल के मैदान मेंहँस रही थी।उन्हें देखते हीदौड़कर आई—“पापा! मम्मा!”Raj ने उसे उठा लिया।उसकी आँखों मेंगर्व के आँसू थे।“तूने कर दिखाया,मेरी बहादुर बेटी।”दिल का रिश्ता — बढ़ते कदमघर लौटते हुएअवनी थककर सो गई।Anushka ने धीरे से कहा“हर कदम परइसे छोड़ना सीखना पड़ेगा…”Raj ने उसका हाथ थाम लिया“लेकिन हर कदम परइसका साथ भी देना होगा।”तीन दिल…एक परिवार…और अवनी के नन्हे कदम उन्हें ज़िंदगी केनए रास्तों पर ले जा रहे थे (एक डरावनी रात)(बीमारी, दुआएँ और माता-पिता का इम्तिहान)स्कूल शुरू हुए अभी कुछ ही हफ्ते हुए थे।अवनी हर दिन नई बातें सीखकर घर आती—कभी कविता,कभी नई दोस्त का नाम।Raj और Anushka खुश थे…लेकिन किस्मत नेएक अचानक इम्तिहान रख दिया।वो रात — जब सब बदल गयाआधी रात थी।अवनी अचानक रोने लगी।Anushka घबरा कर उठी“Raj… अवनी बहुत गरम लग रही है।”Raj ने माथे पर हाथ रखा।तेज़ बुखार।अवनी की आँखें बोझिल थीं,और उसकी आवाज़ कमज़ोर—“मम्मा… पापा…”Raj ने बिना देर किएउसे गोद में उठाया।“गाड़ी निकालता हूँ,”उसकी आवाज़ मेंडर साफ़ झलक रहा था।अस्पताल — फिर वही बेचैनीइमरजेंसी वार्ड की रोशनीRaj को वही पुरानी रातयाद दिला रही थी—जब Anushka डिलीवरी में थी।Anushka कुर्सी पर बैठीअवनी का हाथ थामे थी।उसकी आँखों से आँसूरुक नहीं रहे थे।डॉक्टर ने जाँच के बाद कहा“Viral infection है।डरने की बात नहीं,लेकिन हमें observation में रखना होगा।”“डरने की बात नहीं”ये शब्द सुनकर भीRaj और Anushka का दिलशांत नहीं हुआ।पूरी रात की दुआअवनी सो रही थी,IV लगी हुई।Raj खिड़की के पास खड़ाचुपचाप प्रार्थना कर रहा था।Anushka उसके पास आई“Raj…अगर इसे कुछ हो गया तो—”Raj ने तुरंत उसे गले लगा लिया—“कुछ नहीं होगा।हमारी अवनी मज़बूत है…तुम्हारी तरह।”Anushka की सिसकियाँउसके सीने में दब गईं।सुबह की उम्मीदसुबह डॉक्टर आए।मुस्कुराकर बोले—“बुखार कम हो रहा है।आज शाम तकडिस्चार्ज कर देंगे।”Anushka ने राहत की सांस ली।Raj की आँखें भर आईं।अवनी ने धीरे से आँखें खोलीं“पापा…”Raj ने उसका हाथ चूम लिया“मैं यहीं हूँ, मेरी जान।”घर वापसीघर लौटते वक्तअवनी Raj की गोद में सो रही थी।Anushka ने धीमे से कहा—“आज समझ आया,हम इसके बिनाकुछ भी नहीं हैं।”Raj ने सिर हिलाया—“और इसे बिना हमारेकुछ भी नहीं होना चाहिए।”दिल का रिश्ता — डर से और गहराबीमारी ने उन्हें डरा दिया था,लेकिन एक बात साफ़ कर दी—प्यार सिर्फ़ खुशियों में नहीं,बल्कि उन रातों में भीऔर गहरा होता हैजब पूरी दुनियाबस एक दुआ बन जाती है।तीन दिल…एक परिवार…और अवनी जो अब पहले से और ज़्यादा कीमती हो चुकी थी। नेक्स्ट पार्ट पढ़ने के लिए मुझे फॉलो करे........