💓हम फिर से मिले मगर इस तरह💓
🌹{ऐपीसोड़ - 6}🌹
अरुण बेड़ पर लेटा रूपाली के बारे मे ही सोच रहा था, वह कितना बदल गई है और कितनी खुबसुरत भी हो गई है,
वह उसे एक अच्छी दोस्त की तरह पसंद करता था, या उससे ज्यादा,वह उस वक्त जान गया था कि रूपाली उसे पसंद करती है और उसे प्यार करने लगी है, और उसके दिल मे भी रुपाली के लिए दोस्ती से अलग जगह थी, पर वह उससे प्यार नही कर सकता था , इसकी वजाह थी आरुषि जिसे वह कालेज के पहले दिन से पसंद करता था, और उससे प्यार करता था और आरुषि भी उसे प्यार करती थी मगर अब उसका जिक्र उसके दिमाग मे आते ही उसे गुस्सा आने लगता है .
सुबाह जब वह उठा तो आज का मौसम कल से भी ज्यादा सुहाना नजर आ रहा था, बाहर से पक्षियो की चह चह की आवाजे उसका मन मोह लेती है इस खुबसुरत वातावरण का मजा लेने के लिए, वह उठकर घर के बाहर आता है
आज भी धूप खिली हुई थी और उसके साथ ठंडी हवाएं चल रही थी जिसकी वजह से उसे ठोड़ी ठंड महसूस देती है, मगर प्राकृति की शानदार सुबह का वह भरपुर मजा उठाता है, फिर वह घर अन्दर आ जाता है, और अपना डेली का रुटीन निप्टाता है, फिर अपनी बलेक कलर जैकेट उठा निकल जाता है उस तालाब की ओर इस उम्मीद मे कि वहा उसे रूपाली मिल जायेगी और उसका सोचना सही साबित हुआ रुपाली वही तालाब के पास उस सिमेंट के बेंच पर बैठी हुई थी शायद उसी का इन्तेजार कर रही थी और मुस्कुराकर कुछ सोच रही थी उसे देखकर अरुण भी मुस्कुराता हुआ उसके पास जाकर उस बेंच पर बैठ जाता है.
रुपाली शायद अरुण के ही ख्यालो मे खोई थी उसे अन्दाजा नही था कि अरुण उसके एक साइड आ बैठा है,जब रुपाली की नजर अपने बाये तरफ जाती है तो वह अरुण को वहा बैठा पाती है, जो उसे ही देख कर मुस्कुरा रहा था, तो वह भी एक हल्की मुस्कान के साथ उसे देखती है, मगर कल की बात याद कर उसे शर्म आ रही थी तो वह उससे नजरे चुराने लगती है, अरुण उसके पास बैठा बस उसे ही देख रहा था दोनो के बीच कुछ वक्त कोई बात नही होती, दोनो खामोशी से एक दूसरे को देख रहे थे , फिर अरुण ही इस शांत पड़े माहोल को खत्म करता है .
अरुण कहता है,, सो कैसा रहा कालेज के बाद का सब .
मुझे देखकर कर क्या लग रहा है तुम्हे … रूपाली ने अरुण की आंखो मे देखकर कहा .
खुबसुरती, सादगी, एक नयापन और तुम्हारा लेहजा भी थोड़ा बदल गया अब तुम वो पुरानी कददू वाली वाइव नही देती जो एक ही सांस मे कितने शब्द बोल देती थी, कभी कभी तो सर से बाउंसर हो जाता था … अरुण ने मुस्कुराकर जवाब दिया .
वैल आज कल मे टीचर टीचर खेल रही हूँ, यहा से थोड़ी दूर एक स्कूल मे बच्चो को पढ़ाती हूँ … रुपाली ने अपने बारे मे बताया .
तब अरुण भी उसे बताता है कि वह एक राईटर है और टीवी शोज मे अपनी राइटिंग का हुनर इस्तेमाल कर रहा है .
रुपाली कहती है,, हा मालूम है, हमने मिलकर ये प्ररोफेशन चूना था तुम्हारे लिए, वैल तुम्हारे बारे मे यहा गांव मे सब लोग अच्छे से जानते है, तुम्हारे लिखे शोज बहुत पसंद करते है और साथ ही साथ तुम्हे गालिया भी खुब देते है .
गालिया वो क्यू भाई मैने क्या बिगाड़ा उन लोगो का मै तो उन लोगो को जानता भी नही … अरुण ने हेरानी से कहा .
अफ्कोर्श बिगाड़ा है,जब तुम उनके फेवरीट शो के फेवरीट केरेक्टर को मार कर, फिर स्टोरी का दि एंड कर देते हो तो भला वो कैसे गाली ना दे और बाकी का काम न्यूज वाले भी कर देते है आग मे घी डालकर …. रुपाली ने हंसकर जवाब दिया .
अरुण उसकी बात सुनकर हंसता है और कहता है,, यहा भी लोग मेरे दुश्मन बने बैठे है, भला अब और जाये कहा हर जगह यही हाल है, लोग पसंद करते है मुझे पर साथ ही साथ मुझसे नाराज भी रहते है .
रुपाली उसका होसला बढ़ाते हुए कहती है,, वैल मिस्टर अरुण शर्मा ये आपकी कमाई है, तुम्हारा फेमस होना और लोगो का तुमसे नाराज होना ये तो चलता ही रहेगा, उपर आसमान मे चमकते चांद को लोग बेशक बहुत पसंद करते है मगर उसके अन्दर के दाग को देखना उनके लिए नागवार गुजरता है, तो वह उसको भी अपने शब्दो मे निन्दा करना नही भूलते है, तुम इनपर ध्यान देना छोड़ दो तो कोई प्रोबमल ही नही रहेगी और तुम्हारी जिन्दगी खुब खुशहाल रहेगी .
अरुण को रूपाली बाते सुन दिल को सुकुन और होसला मिलता है, तो वह उसको कहता है,, मै अब सोचू क्या मिस कर रहा था जिन्दगी मे, येही तो येही तो मिस कर रहा था मै तुम्हारी बाते, तुम्हारा समझाना, तुम्हारा मुझे होसला बढ़ाना, तुम्हारा मेरे लिए केयर करना, तुम्हारा शब्दो के साथ खेलना मुझे कितना पसंद था, तुम बिल्कुल नही बदली कददू, ओअ ओ आइ अम सोरी, रूपाली क्यूट रूपाली,, वह मुस्कुराते हुए कहता है .
रुपाली को भी उसकी बात सुनकर दिल को सुकुन और तसल्ली मिलती है कि अरुण उसको बिल्कुल नही भूला, वह आज भी उसकी बातो पसंद करता है, भले ही वह उस वक्त बहुत ज्यदा बोलती थी मगर उसकी बाते लोगो का दिल जीत लेती थी, और अरुण भी उन ही लोगो मे से था, नही नही वह उन सब लोगो मे सबसे खाश था, क्यूकि वह रूपाली का पहला प्यार जो था, और उसकी जिन्दगी का एक खास हिस्सा, एक खुबसुरत अहसास और एक खास पल जिसे वो कभी ना भुल पायी .
इसी तरह कुछ देर दोनो के बीच खुबसारी बाते होती, दोनो हंसते हुए कॉलेज के दिनो को याद करते है, फिर रूपाली आरुषि का जिक्र करती है तो अरुण के चेहरे के सारे भाव बदल जाते है .
मुझे पता चला तुम्हारे और आरुषि के बीच सब खत्म हो चुका है और अब वो किसी और की साथ है… रुपाली ने उसकी दुख्ती रग छेडते हुए कहा .
जिसे सुन उसके मन मे गुस्सा ,गम और उदासी की भावनाओ ने एक साथ धमाका कर दिया उसके दिल मे कई तुफान आ खड़े हुए और वह बेंच पर दोनो ओर हाथ रख ऊपर आसमान की तरफ देख कर आरुषि के साथ बिताये गये पलो को याद कर अपने आंसू बाहाने लगा .
कहानी जारी है.........✍️