अनुबंध Diksha mis kahani द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनुबंध

---💕💕💕💕💕💕अनुबंध💕💕💕💕💕💕

"कभी-कभी, प्यार को अपनाने का तरीका अनुबंध से ही शुरू होता है…
' अनुबंध:प्यार या सौदा' – जल्द ही आपके सामने।"


♥️♥️समर्पण🤍🤍::

✨♥️यह कहानी मैं उन सभी दिलों को समर्पित करती हूँ,
जो टूटी हुई हालात में भी मोहब्बत पर यकीन रखते हैं।
उन लड़कियों के लिए, जो अकेली होकर भी अपने परिवार के लिए लड़ती हैं,
और उन लड़कों के लिए, जो अपनी दीवारों के पीछे एक नर्म दिल छुपाए रखते हैं।♥️✨

🤍✨यह कहानी उन रिश्तों को सलाम है,
जो एक काग़ज़ी समझौते से शुरू होकर,
एक धड़कते हुए दिल की कहानी बन जाते हैं।🤍♥️✨

*********


🤍♥️ ट्रेलर सीन 1 :~

बारिश के बाद की ठंडी हवा में वो उसके सामने खड़ी थी…
आँखों में अजीब सा हठ, होंठों पर ताना, जैसे कह रही हो— "तुमसे मैं डरने वाली नहीं।"
वो एक कदम आगे बढ़ा… फिर एक और… जब तक उनके बीच का फासला खत्म न हो गया।
उसने उसका हाथ कसकर पकड़ते हुए धीमे से फुसफुसाया—
"तुम्हें लगता है… तुम मुझसे बच जाओगी?"
वो हल्के से मुस्कुराई, उसकी आँखों में सीधा देखते हुए—
"मैं किसी की कैदी नहीं हूँ।"
लेकिन उसकी नज़रों में जलता हुआ जूनून साफ़ था…
"अब तुम सिर्फ़ मेरी हो… हमेशा के लिए।"



: क्या ये वादा हिफ़ाज़त का है… या कैद का?✨🫂


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✨🤍♥️ ट्रेलर सीन 2 – 

बारिश की बूँदें उसके बालों से फिसलकर गालों तक आ रही थीं, उसके होंठ काँप रहे थे— ठंड से, या उससे, पता नहीं।
वो उसके बिल्कुल करीब खड़ा था… एक हाथ दीवार पर, दूसरा उसके कंधे के पास, जैसे उसे कहीं जाने का कोई रास्ता न दे।
"एक बार और कहो… कि तुम्हें फर्क नहीं पड़ता," उसकी आवाज़ धीमी थी, लेकिन उसमें एक खतरनाक ज़िद थी।
वो नज़रें चुराती रही, दिल को काबू में रखने की कोशिश करती रही, लेकिन उसकी धड़कनों ने सच बता दिया।
उसके होंठ उसके कान के पास आए—
"तुम्हारा झूठ… तुम्हारे दिल की धड़कनों से ज़्यादा तेज़ नहीं बोल सकता।"

: क्या आज वो अपनी ज़िद पूरी करेगा, या उसका डर जीत जाएगा?


---

✨ट्रेलर सीन 3 :~

पार्टी के बीचों-बीच, चमकते लाइट्स और सैकड़ों आँखों के सामने…
वो किसी के साथ खड़ी हँस रही थी।
वो उसकी तरफ बढ़ा, एक पल में उसके और उस आदमी के बीच आ खड़ा हुआ।
बिना एक शब्द कहे, उसने उसकी कमर पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया।
वो चौंक गई—
"तुम कर क्या रहे हो?"
उसका जवाब धीमा था, लेकिन आँखों में आग थी—
"अपना हक़ जताने का हक़ है मुझे… और मैं ये हक़ किसी से नहीं छीनने दूँगा।"



– ये हक़ सिर्फ़ मोहब्बत का है… या जूनून का?


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✨ ट्रेलर सीन – 4✨

अंधेरे कमरे में…
वो धीरे से दरवाज़ा बंद करता है, चाबी घुमाकर जेब में डाल देता है।
उसकी तरफ बढ़ते कदमों की आहट से उसका दिल तेज़ हो जाता है।
वो पीछे हटती है, जब तक उसकी पीठ ठंडी दीवार से न लग जाए।
उसकी साँसें उसके गालों को छूती हैं, आवाज़ धीमी लेकिन गहरी—
"तुम जितना दूर जाने की कोशिश करोगी… मैं उतना ही तुम्हारे करीब आऊँगा।"
वो काँपते हुए कहती है—
"ये तुम्हारा खेल है?"
उसकी आँखों में चमक थी—
"नहीं… ये मेरा सच है।"

– क्या इस अँधेरे में डर ज़्यादा है… या चाहत?


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मुख्य पात्रों का परिचय





वह…

सड़क किनारे बारिश में भीगती, टपकते बालों से चेहरा आधा ढका हुआ, आँखों में किसी अधूरे सपने की परछाईं…
उसका नाम अनाया था।
एक अनाथ लड़की, जिसके पास बचा था सिर्फ़ उसका छोटा-सा संसार—एक बीमार छोटी बहन।
गुलाबी गोरा रंग, बड़ी-बड़ी बादामी आँखें जो डर और हिम्मत का अजीब सा मेल दिखातीं। नाक छोटी और सीधी, होंठ कोमल गुलाबी, जो अनजाने में ही किसी का दिल चुरा लें। बाल—कमर तक लंबे, काले रेशमी, अक्सर खुली लटें गालों से चिपक जातीं।
वह देखने में नाज़ुक थी, पर दिल से लोहे की बनी हुई।
उसके हर हाव-भाव में एक मासूमियत थी, मगर बात करने में उतनी ही नुकीली ज़ुबान और चुलबुला अंदाज़—जो किसी को भी खीजा दे… या फिर दीवाना बना दे।


"वो मेरा बॉस था… और अब मेरा कॉन्ट्रैक्ट हज़बैंड भी।
उसकी हर बात में हुक्म… और मेरी हर बात में ताना।
वो कहता— 'तुम मेरी हो, मिस राठौड़।'
मैं हँसकर जवाब देती— 'सपनों में, मिस्टर सिंघानिया।'
लेकिन फिर… एक रात, एक हादसा, और एक साइन किया हुआ कॉन्ट्रैक्ट…
अब ना मैं भाग सकती थी, ना वो मुझे जाने देता।
क्योंकि… उसकी नज़रों में मैं सिर्फ़ उसकी 'असिस्टेंट' नहीं थी… उसकी हक़ीक़त बन चुकी थी।"






💕💕💕💕💕💕

वह…

काले सूट में, गर्दन पर हल्की ठंडी खुशबू का असर, और आँखों में बर्फीली ठंडक…
लोग उसे विराट सिंघानिया कहते थे—एक ऐसा नाम जिससे बिज़नेस की दुनिया कांपती थी।
6’2” की लंबाई, चौड़े कंधे, सख़्त मांसपेशियों वाला शरीर, जैसे जिम उसकी दूसरी दुनिया हो। नुकीली जॉलाइन, हल्की दाढ़ी का शैडो, और तीखी ग्रे रंग की आँखें—जिनमें किसी को भी निहारने का नहीं, बल्कि परखने का अंदाज़ था।
वह औरतों पर भरोसा नहीं करता था… क्योंकि उसके अतीत ने सिखाया था कि ख़ूबसूरत चेहरे सबसे ख़तरनाक धोखा होते हैं।
आवाज़ गहरी, भारी और आदेश देने की आदत से भरी हुई।
मुस्कान? वह उसके लिए सिर्फ़ एक बिज़नेस टूल थी—जो कम ही देखने को मिलती थी।


"मेरे लिए शादी सिर्फ़ एक कॉन्ट्रैक्ट थी… और वो कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ़ एक लड़की।
लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते… उसके बिना जीना मुश्किल हो गया।
वो कहती थी— 'तुम मुझे कंट्रोल नहीं कर सकते।'
और मैं हर बार साबित करता था— 'तुम सिर्फ़ मेरी हो, मिस राठौड़।'
मगर… मेरा अतीत, मेरी नफ़रत, और उसका भरोसा…
क्या ये कहानी हमेशा के लिए टूट जाएगी, या मोहब्बत हमें बचा लेगी?"



जानने के लिए पढ़ते रहे 
अनुबंध ......💕💕
©Diksha 
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