थ्री बेस्ट फॉरेवर - 11 Kaju द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 11

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( √💜💌💜 🙏राम राम सा हम है बंकुआ के बड़के भईया पंकुआ 😁 हमरे बंकुआ का बुखार जकड़ लिया है तो आज हम ई स्तोरी के चोकीदार हैं का समझे बचुआ पड़ाकू रिदर्स चलो पढ़ो आगे,,,

"सामने देख" धनेशी के कहने पर जैसे ही वो सामने देखी ज्यादा ध्यान न देकर बेपरवाही में बोली "हा भुत बंगला है तो क्या हुआ,,,?  (फिर अचानक अपने बातो पर गौर कर)भूत बंगलाआ,,,हे भगवान हम यहां कैसे आ गए हम तो ट्रिप पर जा रहें थे ना फिर यहां कैसे आ गए और,,,और मुझे पता भी नहीं चला ???" अब आगे,,,,

"अपनी शक्ल पर लिपा पोती करने के साथ आस पास क्या हो रहा ध्यान देती तो पता चलता ना" रियु और मस्तानी  एक साथ उसे ताना कसी।

जो रिचा से बर्दास्त नही हुआ वो 
गुस्से में "how day you तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे मेकअप के बारे में ऐसा बोलने की तुम दोनो कुछ ज्यादा ही अपनी तानेगिरी नही झाड़ती"


"हम कब झाड़े हमारे हाथ में झाड़ू भी नही है देख" मस्तानी अपना हाथ रिचा को दिखाते हुए उसके मुंह पर चिपकाकर बोली। 
उसकी हरकत पर सभी की हसी छूट गई।

रिचा उसका हाथ झटक कर चील्लाते हुए  बोली"where are you mad girl duffer तुम,,,तुम समझती क्या हो अपने आप को" 

"ए चुप,,," रियुमा गुस्से में बोली।

" क्या हुआ,,,तुम दोनो को बड़ा मजा आता है ना दुसरो को तंग करने मे जब देखो तब किच किच,,,और खुद की बारी आई तो चुप करा देती" धनेशी अपनी besti का साथ देते हुए बोल ही रही थी की,,,

"अरे हम तो बड़े शरीफ है वो तो तुम हो जो मुंह उठाए कहीं भी चली जाती चिपचिप करने हुऊ" मस्तानी बड़े सराफत से मुंह बनाकर टोंट मारी। 

तो सभी हैरानी से "ये चिपचिप क्या होता है???" 

"छिपकली की तरह चिपकना को बोलते चिप चिप समझे ना समझ शिष्यों" मस्तानी सभी को ऐसे समझाई जैसे बहुत बड़ा ज्ञान दे रही हो। 

"तो डायरेक्ट बोल देती ना ऐसे ज्ञान क्यों पेल रही?" रियुमा धनेशी को तिरछी स्माइल कर घूरते हुए बोली।

मस्तानी खिसियानी हसी हंसते हुए "it was making me lazy तो मैं शॉर्टकट में बोल दी" 

उसकी बात सुन सभी मुंह दबाए हंसने लगे। और इन सबसे अलग चिप चिप करने वाली और उसकी लिपा पोती वाली फ्रैंड गुस्से भरी नज़रों से रियू और मस्तानी को घुर रही थी जैसे अभी उनका कत्ल कर देगी। 

उन्हें बहुत गुस्सा आ रहा था पर क्या ही करती इसलिए गुस्सा कंट्रोल कर मुंह बनाकर खड़ी रह गई।

"बस भी करो अब,,, देखो तुम सबकी वजह से टीचर्स फिर गायब हो गए" राहुल बोला तो सभी इधर उधर देखने लगे सच में तीनो टीचर्स नही थे। 

"अभी तो हम अंदर कदम भी नहीं रखे और अशुभ प्रभाव पड़ रहा हे भगवान मैं क्यों क्यों क्यों आई यहां" धनेशी मन में ख़ुद को कोस रही थी। 

तो वही मस्तानी खुशी से मुस्कुराती हुई इधर उधर देख रही थी जैसे कोई खुबसूरत नजारा देख रही हो सभी उसे हैरानी से देख रहे थे और सोच रहे थे की पता नहीं ये लड़की किस दुनिया से आई है कही इसी जगह तो नही पैदा हुई है ना? ऐसे ही कुछ न कुछ ऊलजुलूल सोच रहे थे सब।

"पुरी पागल लड़की है भगवान करे कोई भूत उठा ले जाए बहुत शौक चढ़ा है ना जब सच में भूत प्रेत सामने आएगा तब अकल ठिकाने पर आएगी बड़ी आई बहादुर बनने" धनेशी मस्तानी को घूरते हुए मन में कोसी जा रही थी।

"बहादुर तो मैं हु ही क्यों है ना मनीष" मस्तानी धनेशी को देख डेंजर स्माइल कर बोली। 

वही उसे ऐसे अपनी तरफ घूरते देख धनेशी हड़बड़ाते हुए नजरे फेर ली और मनीष का नाम सुन आंखो में चमक लिए इधर उधर देखने लगी।

तभी धनेशी को तंग करने के लिए मस्तानी जानबूझकर याद आने का नाटक करते हुए "अरे यार मैं भी किससे पूछ रही मनीष तो है ही नही यहां,,,हैं ना धनेशी डार्लिंग ही ही ही" 
उसकी बात सुन धनेशी का मुंह लटक गया उसकी शक्ल देख मस्ती खिसियानी हसी हंसने लगी। 

"अरे यार मुझे लगता हैं सब लोग अंदर होंगे चलो जल्दी जल्दी सब" एक लड़का उत्साहित होकर बोला।
उत्साह उज्जेतन उम्र 18,जैसा नाम वैसा काम रोमांच को लेकर कुछ ज़्यादा ही उत्साहित रहता हैं। लेकिन सिर्फ तब तक जब तक कोई डरा न दे।

धनेशी पागलों जैसे बोलते हुए "हा तेरे मामा जी की शादी है ना अंदर चलो चलो जल्दी जल्दी,,,idiot" और फिर गुस्से से तमतमा कर उसे घुरने लगी।

"मैं तो आराम से जाऊंगा पहले जो जाना चाहता है जाओ"  उत्साह डरते हुए पिछे हट गया।

राहुल कुटिल मुस्कान लिए बोला "भाई पहले तो तू ही जाना चाहता था" 

"हा पर,,वो,,," उत्साह धनेशी को देख घबरा रहा था की

"अरे भाई जा जा डर मत सलामत रहे तो फिर मिलेंगे" मस्तानी उसके कंधे पर हाथ रख बोली। 
तो वही सभी लोग कन्फ्यूज होकर उसे घूर रहे थे उन्हे समझ में नहीं आ रहा था की मस्तानी उसका उत्साह बढ़ा रही या आखिरी वक्त में सांत्वना दे रही?

"क्या हुआ? ऐसे क्यू घूर रहे?" सबको अपनी तरफ घूरता देख वो सवाल की सभी जानते थे अगर कुछ पूछे तो ऊलजुलूल जवाब ही देगी इसलिए चुप रहने में भलाई समझी और बस ना में सिर हिला दीए।

वही उत्साह जिसकी मस्तानी की बात सुनकर सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी "नही नही,,,नही जाऊंगा मैं अब,,,पहले तुम ही जाओ दीदी बहुत खुश हो ना तुम ही जाओ" 

"हा हा बहुत चहक रही थी ना जाओ ना जाओ भूत मिले तो उससे भी दोस्ती कर  ऊलजुलूल बाते करने लग जाना" धनेशी और रिचा उसका मजाक बनाकर हंसते हुए बोली। और फिर दोनो सामने देखी तो हैरानी से उनकी आंखें बड़ी हो गई। 

मस्तानी चहकते हुए बंगले का बड़ा दरवाजा खोल दी और अंदर भी चली गई। 
सभी एक के बाद एक अंदर गए बस वो दोनों सहेली अभी भी आखें फाड़े खड़ी थी जिसके पिछे रियु शातिर मुस्कान लिए उन दोनों के करीब आकर जोर से चीखी "अंदर जाओऊऊ,,,," 
दोनो डर के मारे  सर पर हाथ पैर रख कर भागे अंदर रियुमा भी हस्ते हुए उनके पीछे अंदर गई उसके अंदर कदम रखते ही दरवाजा कर्कस की आवाज के साथ बंद हो गया। 

मस्तानी को छोड़ सभी चिहुंक कर पीछे देखे दरवाजा बंद होते ही घनघोर अंधेरा छा गया था जिससे सभी एक दूसरे से टकराए जा रहे थे।

कोई ए सोच कर अपनी आंखो को छू कर देखता की कही फिर से कोई पट्टी तो नही बांध दी 

"यार इस बार कोई पट्टी नही बांधी गई है फिर भी नही दिख रहा" एक बुद्धू लड़का बोला । 

तो उसकी बात सुन धनेशी डर गई बोली "कही भुत प्रेत के कालें जादू से तो अंधे नही हो गए हम" अब इसकी भूत लीला सुन डरपोक लोग डर से कांपने लगे।

"हे भगवान,,,,मुझे अंधी ब्यूटी क्वीन नही बनना धनेशी कुछ कर" रिचा घबराए हुए बोली। 

"बिलकुल वैसा हो रहा जैसा मै चाहती थी" 

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( √💜💌💜 कोउन हैं ये बछुआ ? आगे का होगा ? जानने के खातिर बनके रहिए हमरे स्तोरी के साथ। मिलत हैं जल्द ही Nev ep में टाटा राम राम चलत है हम🙏😁