इश्क़ - 1 Anki द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ - 1

कहते है इश्क़ से अच्छी कोई फीलिंग नहीं है। इश्क़ में सब कुछ अच्छा लगता है। इश्क़ में  इंसान किसी भी हद को पार कर देता है। इश्क़ एक इबादत है और जिससे इश्क़ हो जाए वो मुरीद बन जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है ये तो चलिए शुरू करते है......

हिमाचल प्रदेश की वादियों में  जहां सब आकर उसकी खूबसूरती  में खो जाते है वहीं एक दिल दूसरे दिल की मासूमियत  में खो गया । 

अरे मोहित बेटा तुमने अभिषेक को देखा कब से ढूंढ रही हूं उसे। उसका फोन भी नहीं लग रहा है। 

नहीं मासी जी मैंने नहीं देखा मैं भी उसे कब से ढूंढ रहा हूं आप चिंता मत करो यहीं कहीं होगा । मैं ढूंढता हूं उसे और ऐसा कहकर मोहित चला  जाता है।

मोहित बाइक पर अभिषेक को ढूंढ रहा होता है कि वो देखता है कि नदी किनारे पेड़ो की छाया में  गाड़ी के बोनट पर कोई बैठा हुआ है। वो करीब जाता है और उस इंसान के पीछे खड़े होकर  कहता है कि तुम यहां क्या कर रहे हो ? 

तभी आवाज़ आती है सुकून ढूंढ रहा हूं और वो गाड़ी के बोनट से जंप मारता है और पीछे मुड़ता है । उसकी आंखों की गहराई,  चेहरे की शांति , मुस्कुराहट देखकर कोई भी पिघल सकता है। 

तभी मोहित कहता है तुम सुकून बाद में ढूंढना अभी तो फिलहाल मासी तुम्हे ढूंढ रहे हैं चले ।

चलो चलो आज तो मेरे को डांट पड़नी है मेरे को। ऐसा कहकर दोनों घर को चले जाते है। 

घर पर विमला जी ( अभिषेक की मासी ) उनके इंतजार में रास्ता निहार रही होती है। 

अरे विमला  लोग आ जाएंगे तुम मेहमानों की तरफ ध्यान दो । आज घर में जागरण है उस पर जायदा ध्यान दो ऐसा कहकर शरद ( विमला के पति ) चले जाते है। 

कुछ समय बाद  अभिषेक सबकी नजरों  बचकर जैसे ही घर में घुसने लगता हैं तभी विमला जी कहती है: कहां थे तुम ? पता है न घर में जागरण है फिर भी परेशान कर रहे हो मुझे । 

अरे मासी जी यहीं तो था मैं। पता है मैंने इतना काम किया है कि अब मैं थक गया हूं। बस थोड़ा रीट करने जा रहा था। 

तुम सच बोल रहे हो विमला जी शक भरी निगाहों से पूछती है। 

मैंने कभी झूठ बोला है आपसे अभिषेक कहता है।

अरे मेरा बच्चा तू जा रेस्ट कर । इतना थक गया है। अभिषेक मुस्कुराता हुआ चला जाता है । 

अभिषेक रूम में enter करता है तभी उसके कंधे पर हाथ रखता है वो पीछे मुड़ कर देखता है कि पीछे मोहित खड़ा हुआ है और वो उससे कहता है: और बोल दिया झूठ मासी से । 

अगर झूठ नहीं बोलता तो डांट पड़ जाती न। 

और दोनों मुस्कुरा देते हैं। 

रात को जागरण शुरू होता है सब लोग dance कर रहे होते है तभी अभिषेक से अचानक एक लड़की टकरा जाती है और दोनों गिर जाते हैं। 

अभिषेक गुस्से में उसकी तरफ देखता है और देखता ही रह जाता है।  उसकी बड़ी बड़ी आंखें , चेहरे पर गिरती उसकी जुल्फें , मासूम सा चेहरा जैसे उनमें वो खो गया हो। 

तभी उसे आवाज सुनाई देती है:  I am sorry गलती से टकरा गई थी। I am so sorry आपको लगी तो नहीं और ये आवाज़ सुनकर अभिषेक होश में आता है ।