टिप टिप पानी की बुंदे गिरने की आवाज एक कमरे में गुंज रही है । एक लड़की बेसुध सी जमीन पर लेटी हुई थी।उसे देखकर कोई नहीं बता सकता है की वो क्या सोच रही है । बिना किसी भाव का उसका चेहरा पर उसकी आँखे सब बया कर रही थी वो लड़की थक चुकी थी उसके शरिर में इतनी भी हिमत नहीं थी की वो अपना हाथ भी हिला सके । तभी एक बुढ़ी आवाज आती है ,"आही कौन हो तुम ?इतना सहा तुमने फिर भी जिद पकड़े बैठी हो बहुत हिमत है तुममें पर अब हार मान लो । "
आही थकी हारी आवाज में बोली ,"नहीं कभी नहीं में में हार नहीं मानूगी अपनी जिंदगी में जो सहा वो किसी ओर को नहीं सहने दूगी। "
एक कड़क आवाज में वो बुढ़ा आदमी बोलता है,"पर वो इंसान नहीं है आही ।"
आही बिना भाव के कहती है ,"उन्हे भी दर्द होता है उन्हे भी सांसे आती है वो भी जीते है। "
बुढ़ा आदमी चेहरा ना में हिलाते हुए कहता है ,"तुम बिल्कुल विशवा की तरह हो ।वो मेरा पागल दोस्त भी ऐसा हि था दोनो दादा पोती एक जैसे हो एक नम्बर के जिद्दी वो भी एक दिन ऐसे हि बाहर आया पर में उसे बचा ना सका । अब में तुम्हे ये सब करने नहीं दुगा ।"
आही कहती है ,"आप मुझे मत रोकिये राजू दादू मेरी ज़िंदगी में अब कुछ भी नहीं बचा है ।कम से कम दूसरों की खुशियों को में बर्बादी से बचा लु ।"
राजू कहता है ,"नहीं आही। "
आही राजू की बात काटती हुई बोलती है ,"नहीं राजू दादू अब कुछ नहीं बचा है सब बहुत पहले हि खत्म हो गया । पर फिर भी में जीना चाहती हु ओर मुझे अपनी जिने की वजह भी पता है मुझसे मेरी जिने की वजह मत छिनिये राजू दादू। "
राजू आहे भरते हुए आही से कहता है ,"तुम भी अपने दादा की तरह जिद्दी हो कुछ ढान लेती हो तो कर कर हि रहती हो।ओर वैसे भी अब तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है तुम्हारे विशवा दादा मेरा दोस्त वो भी यही चाहता था पता नहीं उसे इन सब में क्या हि सुकून मिलता था। "
फिर वो आही की तरफ देखकर कहता है ,"ठीक है आही तुम आराम करो । "
ओर फिर राजू वाहा से चला जाता है ओर आही भी अपनी आँखे बंद कर लेती है। अगली सुबह आही आईने के सामने खड़ी थी और मन ही मन कुछ सोचे जा रही है । आही बला की खूबसूरत जो देखे बस देखता हि रह जाये कमर तक काले घने बाल दूध सी सफ़ेद ओर खिली खिली त्वचा गुलाबि गाल काली आँखे लम्बी ओर घनी पलकें सुर्ख लाल होंठ पतला वह गठीला शरीर परियो सी खूबसूरत है 'आही ' तभी बहार से राजू की आवाज आती है ," बेटा आही। "
आही अपने ख्यालो से बहार आती है ओर होल में आ जाती है वह राजू से कहती है ,"राजू दादू में आज जाना चाहती हु ।"
राजु एक गहरी सास लेता है ओर कहता है ,"ठीक जैसा तुम चाहो ।में तुम्हे रोकूंगा नहीं पर मुझसे एक वादा करो की तुम सही सलामत बाहार आओगी खुद को खतरे में नहीं डालोगी। "
आही मुस्कुराते हुए राजू से कहती है," दादू में आपसे वादा करती हु की में खुदको कुछ नहीं होने दूगी। "
ओर फिर अपने मन हि मन में कहती है ,"मुझे माफ कर देना राजू दादु मुझे कतरा तो लेना हि पड़ेगा अगर वो मुसीबत में होगे तो। "
ओर फिर राजू से कहती है ,"राजू दादू आप परेशान मत होइए मुझे कुछ भी नहीं होगा ओर आपको तो इन सब के बारे में पता हि है की में अपनी मर्जी से जा तो सकती हु अंदर पर अपनी मर्जी से बाहार नहीं आ सकती जब तक नॉवेल खत्म नहीं हो जाती ।"
राजू हा में सिर हिलाता है ओर आही से कहता है ,"फिर भी तुम अपना ख्याल रखना ओर हा में जानता हु की हम अपनी मर्जी से जा तो सकते है पर आ नहीं सकते क्योकि ये हमारी दुनिया नहीं नॉवेल की दुनिया है ओर इस दुनिया में नॉवेल की दुनिया की बहुत से पोटल खुले है पर इन दुनिया में हमे सिर्फ एक हि चीज लेकर जा सकती है जादुई मंत्र आही हा में सर हिलाति है ओर अपने कदम एक बड़े से कमरे में रखती है जहा अनगिनत नोवल है।"
आही राजू दोनो हि अंदर जाते है ओर राजू आही से कहता है ,"एक कोई भी नॉवेल उठा लो पर याद रखना आही तुम किसी भी नॉवेल में जाओ दोनो दुनिया का समय अलग चलेगा ।भले हि तुम नॉवेल में एक साल रहो या पचास साल इस दुनिया में सिर्फ एक दिन गुजरेगा कोई फर्क नहीं पड़ता की तुम नॉवेल में कितना समय बिताती हो। ओर हा आही इस नॉवेल में जो कुछ भी लिखा है उस हिसाब से तुम नॉवेल के नायक या नायिका की जिंदगी जरूर बदल जाये पर बाहर की दुनिया में कुछ नहीं बदलेगा सिवाए तुम जिस नॉवेल में जा रही हो उस नॉवेल की किताब के आलावा सारी दुनिया में वही कहानी रहेगि ।पर इन पनो की कहानी बदलेंगी ।"
राजू एक पल रुक कर आगे बोलता है ,"पर उन नायक नायिका की जिंदगी जरूर बदल जाएगी और तुम्हारे बाहार आने से उनकी जिंदगी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। "
आही खुश होते हुए राजू से कहती है ,"में यही तो चाहती हु । राजू दादू। "
आही चारो ओर घूमती है ओर एक नॉवेल चुनती है उस नॉवेल का नाम मेरा रिबर्थ है आही ने ये नॉवेल पठ रखी थी। इस नॉवेल में सिया नायिका का खुन होता है जो उसी की सौतेली बहन ओर बॉयफ्रेंड ने किया था ओर उसका रिबर्थ दूसरी नायिका चाहत के शरीर में होता है आही एक गहरी सास लेती है ओर राजू से कहती है में सिया ओर चाहत को मरने नहीं दूगी उन्हे बचाऊगी ।राजू दादू में इस नॉवेल में जाऊगी । राजू आही के पीछे खड़ा था ओर आही को देख रहा था जैसे कोई अपने बचे को देखता है प्यार से देखता है।
आही के चेहरे के भाव दृढ़ थे आही अपना हाथ उस नॉवेल पर रखती है ओर मंत्र बोलती है,"शरिरायम् चकर दर्शनम पुनियम कृतानी त्वं कुपा मम इच्छा समय। "
ओर फिर एक दम से एक सुनेहेरी रौशनी के साथ आही उस नॉवेल में चली जाती है।ओर पीछे राजू के साथ उस बड़े से कमरे में सनाटा रह जाता है । आही पुरी तरीके से गायब हो जाती है वही दूसरी तरफ नॉवेल की दुनिया में आही पोहोच चुकी थी वो अभी बिच सड़क पर थी तभी एक बस आही की तरफ तेजी से आ रही थी ओर सही समय पर आही साइड हो गई आही सड़क के किनारे एक चेयर पर बैठ जाती है ,ओर अपने सीने पर हाथ रखती है जो की तेजी से धड़क रहा है आही ऊपर से निचे तक पसीने से भीग गई थी वह बहुत डर गई थी ओर उसका शरीर काप रहा था । आही खुद को शांत करते हुए कहती है,' काम डाउन आही तुझे सिया ओर चाहत की जान बचानी है। "
शांत हो जा ओर फिर खड़ी होकर आस पास देखती है ओर सोचती है की वो अभी कहा है तभी आही को सिया का होटल जहा उसके बॉयफ्रेंड ओर सिया की सगाई होनी है ब्लू होटल याद आता है आही एक लड़की से ब्लू होटल का रास्ता पूछती है ओर ब्लू होटल की तरफ भागती है। थोड़ी हि देर में आही होटल पोहच जाती है 307 रुम की तरफ जाती है ओर वाहा पहुंचकर दरवाजा खटखटाती है दरवाजा एक बहुत हि खूबसूरत लड़की खोलती है वो बहुत हि ज्यादा सुंदर लग रही थी उसने रेड कलर की इंडो वेस्टन कपड़े पहने थे ।वो लड़की कन्फियूजन में कहती है ,"येस आप कौन?"
आही उस लड़की की तरफ मुस्कुराते हुए कहती है,"आप सिया है ?"
वो लड़की अपनी भोवो की सिकुड़ते हुए कहती है," हा मेरा नाम सिया हैं।"
आही सिया की बात सुन कर रूम के अंदर आती है ओर गेट बंद कर देती है। सिया गुस्से से आही को देखती है ओर कुछ कहती 'उससे पहले आही सिया से कहती है ,"तुम्हारी जान को खतरा है ।"
सिया अजीब सा चेहरा बना कर कहती है ,"मेरी जान को खतरा है ?"
आही हा में सिर हिलाते हुए कहती है ," हा। "
तभी सिया आही पर चिलाते हुए कहती है," इस बकवास के तुम्हे कितने पैसे दिये है मेरी सौतेली बहन रागिनी ओर मेरी सौतेली मा मिसेज़ सुहानी रहेजा ने?"
ओर फिर अपने हाथ कमर पर बांधते हुए कहती है ,'मेरी आज मेरे बॉयफ्रेंड निखिल के साथ सगाई है तो यहा से चली जाओ तुम। "
ये कह कर सिया आही को धका मारकर रूम से निकाल देती है।आही परेशान सी बहार खड़ी होति है तभी उसे अंश का ख्याल आता है जो की एक पावरफूल बिजनेश टायकून है ओर सिया से एक तरफा प्यार करता है ।आही अंश के घर जाने को सोचती है तभी उसे याद आता है की अंश तो अभि डार्क विला में है आही को याद आता है की चाहत ओर अंश की बहन आहाना दोस्त है ओर एक बार चाहत की सौतेलो मा रवीना ओर सौतेली बहन मेघा ने चाहत के खिलाफ एक सादीश की 'ओर आहाना का एक्सीडेंट करवाया ओर उसका इल्जाम चाहत पर डाल दिया। तो अंश बिना सोचे चाहत को डार्क विला ले आया।
जहा अंश कुछ हि दिनों में लोगो को तड़पाकर जान से मार देता है ओर अब आही को याद आता है की दो हि दिन में चाहत मर जाएगी ओर सिया भी सिया के मरने के बाद सिया की सोल चाहत की बॉडी में चली जाएगी ओर सिया का रिबर्थ होगा।
कुछ देर में - आही अंश के डार्क विला के सामने खड़ी थी अंश की गाड़िया विला से बाहर आती है तो आही उन गाड़ियों के सामने खड़ी हो जाती है जब अचानक से गाड़ी रूकती है तो अंश गुसे में अपने ड्राइवर से कहता है ,"गाड़ी क्यू रोकी ?"
ड्राइवर डरते हुए अंश को जबाब देता है ,"सर वो वो। "
अंश चिढ़ते हुए कहता है ,"वो वो क्या कर रहे हो जबान नहीं है क्या?"
तभी आही बड़े हि घमंड से कार की विंडो पर नोक करती है ओर अपने हाथ अपने कमर पर रखती है। अंश विंडो खोलता है ओर आही को गुस्से से गुरने लगता है वो कुछ कहता उससे पहले आही कहती है वो भी सीरियस होकर ," देखो अंश ये मत पूछना की ये सब मुझे कैसे पता बस ये जानलो की सिया की जान खतरे में है।उसका किडनेप हो गया है दो दिन बाद खाई के पास की जगह पर उसके मोत की सादीश रची है। ओर तो ओर आहाना का एक्सीडेंट चाहत ने नहीं किया। "
यह कह आही डार्क विला की तरफ जाने लगती है।
अंश कहता है ,"पर में क्यू तूम्पे विशवाश करु ?"
आही जल्दबाजी में कहती है," सिया तुम्हारा एक तरफा प्यार है ये तुम्हारे आलावा कौन जानता है अंश निशब्द हो जाता है ।"
अंश आही के पास जाता है ओर बोलता है ,"तुम्हे ये सब कैसे पता ?"
आही कहती है ,"इन सब से तुम्हारा कोई लेना देना नहीं है जितना कहा उतना करो।"
अंश को आही की बात सुन गुस्सा आ जाता है अंश अपनी मुठी गुस्से से बंद कर देता है ओर अपना गुस्सा शांत करते हुए आही से कहता है ,"हम दो दिन का वेट क्यू कर रहे है अगर सिया किडनेप हुई है तो हम उसे अभी क्यू नहीं बचाते ।"
आही बिना किसी भाव से अंश को देखती है ओर अपने मन में कहती है ,"सिया को निखिल का सच दो दिन बाद हि पता चलेगा अगर उससे पहले मेने सिया को बचाया तो सिया को निखिल का सच पता नहीं चलेगा। "
ये सोच सिया अंश से कहती है ,"तुम्हे सिया से शादी करनी है या नहीं। "
अंश बोलता है," करनी है। "
तो आही कहती है ,"तो बस जैसा जैसा में कहती हु तुम वैसा वैसा करते रहो समझे।"
अंश कन्फियूजन में सर पर हाथ फेरते हुए कहता है ,"पर सिया की जान। "
अंश इतना हि कहता है , आही अंश की बात काटते हुए बोलती है ,"तुम उन सब की चिंता मत करो में सब सभाल लुगी ठीक है। "
ओर डार्क विला के अंदर चली जाती है ।आही चाहत के रूम है पोछती है ओर उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह जाती है।चाहत खुन से लथपथ जमीन पर बेहोश थी आही ने ये सब नॉवेल में पढ़ा था फिर भी चाहत को देखने के बाद वो शोक हो गई वो अपनी गुस्से भरी नजरों से अंश को देखती है पर अंश को आही के गुरने से कोई वर्क नहीं पड़ रहा था ।थोड़ी हि में अंश ओर आही चाहत को लेकर हॉस्पिटल आ जाते है वही दूसरी ओर ब्लू होटल में सिया सगाई के लिए तैयार हो रही थी तभी उसे निखिल का मेसेज आता है मेसेज में लिखा था ,"निखिल बेबी सगाई से पहले मुझे तुमसे मिलाना है टेरेस पर आ जाओ ना। "
ये मेसेज देखते हि सिया के फेस पर इस्माइल आ जाती है ओर सिया कमरे से निकल कर गलियारे से गुजरती है तभी कोई पीछे से सिया के फेस पर रुमाल रख देता है जिसमे क्लोरोफार्म होता है जिससे सिया बेहोश हो जाती है।
सिटी हॉस्पिटल अंश किसे से फोन पर बात कर रहा था अंश सीरियस टोन में उस आदमी से कहता है पता करो की सिया रहेजा इस बक्त कहा है ओर फोन कट कर देता है? चाहत को होश आने लगता है चाहत के होश में आते ही आही ओर अंश चाहत के पास जाते है अंश को देखते ही चाहत डरने लगती है। आही अंश की तरफ देख कर टॉन्ड मारते हुए कहती है ,"अंश तुम बाहर जाओ तुम्हारे कारनामो की वजह से चाहत तुम से डर रही है। "
अंश अपनी गुर्ती नजर आही को देखता है ओर बाहर चला जाता है। अंश के बाहत जाने के बाद आही चाहत को शांत कराते हुए कहती है," रिलेक्स चाहत सब ठीक है मेरा नाम आही है तुम डरो मत अंश अब तुम्हे चोट नहीं पहुंचाएगा ।"
इतना कह वह शांत हो जाती है।चाहत आही को हि देख रही थी थोड़ी देर बाद चाहत आही से कहती है ,"बहुत खूबसूरत नाम है। "
आही मुस्कुरा देती है ओर चाहत से कहती है ,"में जानती हु की तुमने आहाना का एक्सीडेंट नहीं करवाया ओर जिसने ये किया में उसे नहीं छोडूगी। अब तुम आराम करो ये कह आही बाहार चली जाती है।"
बाहर आकर आही अंश से कहती है," तुम मेरे साथ चलो। "
अंश आही के पीछे पिछे जाने लगता है आही ओर अंश अंश की कार में बेढ़ते है । ओर आही अंश को चाहत के घर ले जाने को कहती है अंश शक भरी नजरों से आही को देखता है ओर चाहत के घर की तरफ गाडी गुमा देता है ।
हेल्लो फेमेली आज का एपिसोड बस यही तक आगे का एपिसोड कल मिलेगा ,तो केसी लगी , आपको मेरी कहानी आप इस कहानी को अपना बोहोत सारा प्यार देना ओर रीडर्स कहानी को पड़ते रहिये लाइक जरूर करना ,अगर कोई गलती हुई है तो माफ़ करना अगर कुछ सवाल हो तो कमेंड मै मुझे बता देना बस प्यार देते रहिये