दोस्ती प्रेम और विवाह krick द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दोस्ती प्रेम और विवाह

ये कहानी मेरी और एक अंजान लडकी की है मे यानी प्रिंस और वो जिसका मुझे अभी तक नाम नही पता था उसका नाम हम तान्या रख मान लेते है! हर रोज की तरह मे शाम को पांच बजे जिम मे वर्क आउट करने के लिये जाता हु तब मैने देखा की एक बहुत ही सुंदर लडकी हमारे जिम मे आई हुई थी मैने इसे पहले भी देखा था वो मेरे साथ ही डांस क्लास मे आती थी लेकिन मैने कभी उसके साथ बात चित नही की और आज वो मुझे कई महीनों के बाद मिली तो मेडम बन गई थी! मतलब ये की वो अब डांस क्लास मे नही आती थी बल्कि वो तो जिम के स्टाफ मे काम करने लग गई थी! लेकिन मैने तो उसे पहली नजर मे ही पहचान लिया की ये वो ही है लेकिन उसने मुझे पहचान नही था वैसे भी खूबसूरत चेहरे मे जल्दी भूलता नही हूँ! पहले दो तीन दिन तो मे उसे ज्यादा देखता ही नही क्युकी मुझे पता था की उसको मेरे साथ प्यार हो जायेगा और आखिर मे आगे कहानी मे आपको पता भी चलेगा अब रोज रोज उसको मे नजर अंदाज करता था लेकिन वो तो मुझे ही देखती रहती है सायद उसे मेरा कसरत करने का तरीका बहुत पसंद आता था मे कभी थकता नही था योगा भी अच्छे से करता था डांस भी करता था और ये सबसे वो बहुत ही प्रभावित थी उसे जो एक लड़के मे चाहिए वो सब मेरे अंदर था जब मे डांस करता मेरी   कराटे की प्रैक्टिस करता तो वो देखती ही रह जाती मे उसे इग्नोर कर कर के थक जाता हूँ! वो मेरे से आते जाते समय गुड मॉर्निंग विष भी किया करती बात करने की बहुत ही कोशिश करती लेकिन मे उसे जान बुच कर ही तड़पाता लेकिन अब बहुत हुआ मुझे उसे इग्नोर नही करना चाहिए उसके साथ मुझे बात करनी ही पड़ेगी क्युकी वो मुझे सर बोलती है यार और मे उसे मेम बोलता हूँ भला ये क्या बात हुई मेरे जितनी ही उमर है उसकी अब ये सर मेम बंध करना होगा और दोस्ती करनी होगी! अगले दिन मे निश्चय करके ही आया था की मुझे उसे बात करनी ही है फिर मे आया तो वो मुझे कही दिखी नही तो मे उदास हो कर योगा रूम मे चला गया और योगा शुरू ही करने वाला था इतने मे वो मेरे सामने अचानक आ गयी मेरी खुशी का तो ठिकाना ही ना रहा और वो भी मुझसे मिल के बहुत खुश हो गई वो मेरे साथ जान बुच कर ही ऐसा कर रही थी क्युकी उसको मेरे साथ दोस्ती करनी थी उसने मुझे गुड एवनिंग की विस  कि और मैने भी मुझसे रहा ही नही गया मैने उसके आगे हाथ बढ़ाया उसने भी हाथ बढ़ाया पहली बार उसका हाथ छुया एक अलग ही एहसास था जैसे मन खुश हो गया और दिल गार्डन गार्डन हो गया मैने उसका नाम पूछा उसने अपना नाम निधि बताया जितना प्यारा नाम उतनी ही वो सुंदर थी मैने भी अपना नाम बताया! बात चित मे वो मेरे बहुत करीब आ गई मेरी आँखों मे आँखे डाल कर बोली की मेरा हाथ टूट जायेगा अब छोड दो तो मैने फटाक से हाथ छोड दिया उसके साथ बातो बातो मे पता ही नही लगा की मैने उसका हाथ पकड के रखा था! फिर हमारे बीच बहुत सारी बाते हुई मुझे उसका नाम ही जान ना था बाकी सब कुछ तो मैने अपने आप पता लगा लिया था! फिर धीरे धीरे हमारे बीच बहुत सारी बाते होने लगी वो पूरा दिन ऑफिस पे ही रेहती थी जैसे मे पांच बजे जिम आता था उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी झलक ने लगती थी! वो धीरे धीरे अब मुझे प्यार करने लगी थी वो मन मे ही मुझे अपना जिवन साथी मान ने लगी थी मे भी अब धीरे धीरे उसे पसंद करने लग गया था! लेकिन अभी तक उसने मुझे बताया नही था और मुझे पता था की वो जल्द ही मुझसे अपने प्यार का इझहार करने ही वाली थी उसे पहले मैने अपने तरीके से उसके बारे मे पता कर लिया प्रेम तो प्रेम भेदभाव नही है लेकिन हमारा समाज कभी अलग धर्म के साथ सादि को नही मानता अगर कर भी ले तो भी पूरा जिवन दूसरे के ताने सुन ने पड़ते इस लिये मुझे उसके बारे मे सब पता चल गया वो मेरे लायक ही थी सायद यही मेरी जिवन संगिनी थी! एक दिन हम दोनो ने बाहर मिलने का प्लान बनाया! हम दोनो बहुत ही अच्छे से तैयार हो कर डीनर के लिये गये थे ! हमने साथ मे बहुत सी बाते की और फाइनली हमने एक साथ एक दूसरे को अपने दिल की बात बताई हम बिना बताये ही सब कुछ समज गए एक दूसरे के लिये बहुत सारा प्यार हमारी आँखों मे था हमारी आँखों मे खुशी के आशु थे एक दूसरे को गले लगा कर फुट फुट कर रोने लगे ये आशु खुशी के थे!

"जब दूसरे के लिये प्रेम और भावना बढ़ जाती है तो वो आँखों से आशु बन कर टपक ने लग जाती है जिन आँखों मे प्रेम होता है उसे आशु ओ से भी भीगना पड़ता है! "

अब हम पूरी जिंदगी ऐसे ही एक दूसरे के साथ बिताना चाहते थे । वो रात हमारे जिवन की सबसे यादगार पलो मे से एक थी जिसके अंदर हमने अपने भविस्य मे सपनो के बहुत सारे महेल् बना दिया थे जो हम साथ मे पूरा करने वाले थे । अब हम दोनो बहुत ही खुश थे!

फिरे धीरे धीरे हमने अपने जिवन मे बहुत तरक्की की हम अच्छे से पैसे कमाने लग गए थे अब हमे लगने लगा था की अब हम सादी के लिये तैयारी हो गए है फिर हमने परिवार की मंजूरी और हमारे प्रेम से खुशी खुशी फाइनली हमारी सादी हो गई और हम दोनो एक दूसरे के साथ खुशी खुशी रहने लगे । 

"जिवन मे असली मजा तो तब आता है जब दोस्ती प्रेम और सादी एक ही इंसान से हो तब ये रबने बनादी जोडी सच्ची होती है । "

"अंत मे सच्चे प्रेम की जीत हुवी, निधि और प्रिंस दोनो ही जिवन साथी बन गये! "