एसपी मुकेश- विकास मैं जानता हूं तुमने रुद्र के साथ बहुत से केस सॉल्व किए हैं लेकिन जानते हो ना कि वह इस समय सस्पेंड है तो मैं तुम्हें कैसे परमिशन दे दूं
विकास - सर मैं जानता हूं लेकिन वह होते तो मुझे इस केस में जल्दी सफलता मिल सकती थी
एसपी मुकेश - विकास तुम्हें जैसा सही लगे करो लेकिन याद रहे कैसे तुम्हें ही देखना तुम सिर्फ रुद्र की हेल्प ले सकते हो
विकास (खुश होकर)- ओके सर
इसके बाद एसपी मुकेश वहां से चला जाता है और विकास और उसकी टीम हॉस्टल रूम को भी सील कर देती है और स्टाफ प्रिंसिपल प्रोफेसर जितने लोग मौजूद हैं वह सबको कल स्टेशन पूछताछ के लिए आने को कहता है
दोनों लाश को एंबुलेंस में रखकर पुलिस और विकास भी वहां से चले जाते हैं विकास और हवलदार भोला गाड़ी में चलते हुए
हवलदार भोला - सर आप बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं
विकास - अरे पूछो इसमें बुरा लगने जैसा क्या है
भोला - सर मुझे तो यहां इस पुलिस स्टेशन में आए 2 महीने हुए हैं और जब आप एसपी सर से किसी रुद्र के बारे में बात कर रहे थे तब मैं भी सुना था कौन है वो?
विकास- रूद्र नहीं भोला रूद्र सर अभी तू जानता नहीं उन्हें एक बार बस उन्हें आने दे और इस केस को उन्हें लीड करने दे फिर देख कैसे यह चुटकी में सॉल्व होता है
भोला - बात सर आपकी ठीक है जब वो इतने शातिर है तो उन्हें सस्पेंड क्यों किया गया
विकास(हंसते हुए) - अरे तू सवाल बहुत करता है खैर स्टेशन आ गया है इसके बारे में कभी फुर्सत में बताऊंगा अब चल इस केस को पहले खत्म करते हैं
गाड़ी रूकती है विकास अपने केबिन में जाता है और अपनी सीट पर बैठता है और एसपी मुकेश को कॉल करता है
विकास एसपी से फोन में - सर मुझे अपनी एक टीम चाहिए जिससे मैं काम में तेजी ला सकूं और सर मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि इस टीम को लीड रूद्र सर करेंगे
एसपी मुकेश (फोन में) - देखो विकास हम एक सस्पेंड ऑफिसर को ऑफिशियल तरह से रख नहीं सकते लेकिन तुम उन्हें बुलाकर कैसे की जानकारी दो बस यह बात याद रहे कि मीडिया को किसी भी तरह पता ना चले कि रूद्र इस केस को हैंडल कर रहा है
विकास - यस सर
इतना कहने के बाद विकास फोन काट देता है और अपने चेयर में बैठ जाता है
अगले ही वक्त पुलिस स्टेशन के बाहर एक कार रूकती है जिससे एक आदमी 40 साल का तेज दिमाग वाला चेहरे में शातिर अंदाज वाला कार से उतरता है
बोला अपने साथी हवलदार रमेश से - अब रमेश देख अब ये कौन है
रमेश (कड़क आवाज में)- एसीपी रुद्र प्रताप सिंह लोमड़ी से तेज दिमाग चीते से तेज रफ्तार बाज से तेज नजर यही है वो जिसके आगे कोई क्रिमिनल अपने को कितना भी शातिर क्यों ना समझे उसे तुरंत पकड़ लेते हैं नफरत है तो सिर्फ और सिर्फ झूठ से
इतना सुनकर भोला थोड़ा चौक जाता है रमेश और सभी ऑफिसर जो वहां पर तैनात थे रूद्र को सैल्यूट करते हैं और रुद्र अब अंदर जाता है अंदर से विकास कार की आवाज सुनकर बाहर ऑफिस में आता है और रुद्र को देखकर खुश होता है और सैल्यूट करता है
एसीपी रुद्र - और विकास क्या हाल कैसा चल रहा है सब और तेरी गर्लफ्रेंड साक्षी कैसी है
इंस्पेक्टर विकास - (हंसते हुए)
सर आपको अभी भी याद है उसके और मेरे बारे में खैर अगले महीने शादी है हमारी
रुद्र- अरे वाह congratulation विकास
विकास - थैंक यू सर
रुद्र और विकास यह बात स्टेशन से बाहर आकर टहलते हुए करते हैं और स्टेशन के पास ही एक चाय की दुकान में जाते हैं
विकास - आई ना सर चाय पीते पीते बात करते हैं
रुद्र - हां हां चलो वैसे भी बहुत दिन हो गए दोनों को साथ में बैठे हुए
अब दोनों दुकान के अंदर टेबल में जाकर बैठ जाते है विकास दो चाय ऑर्डर करता है
विकास - अरे छोटू जा दो चाय लेकर आ
अब दोनों टेबल पर बैठे हुए बात करते हैं
एसीपी रुद्र - हां तो बताएं इंस्पेक्टर साहब कैसे याद किया?
विकास - सर मुझे एक केस के बारे में आपसे मदद चाहिए थी सॉरी सॉरी एक नहीं दो केस
एसीपी रुद्र - विकास क्या तुम जो आज सुबह कॉलेज में 2 लड़कियों की लाश मिली है उनके बारे में बात कर रहे हो
विकास - हां सर मैं उन दोनों केस के बारे में ही बात कर रहा हूं और अभी तक यह कंफर्म नहीं हो पाया है कि यह मर्डर है या सुसाइड लेकिन सर आपको कैसे पता
रुद्र (मुस्कुराते हुए) - अरे जब तुम्हारा फोन आया था तो मैं टीवी देख रहा था तो उसी से मुझे पता चला बताओ मैं क्या मदद कर सकता हूं तुम्हारी
विकास - सर मैने एसपी सर से बात कर ली है हम आज शाम तक अपनी टीम बनाकर काम शुरू कर देंगे बस सर मैं चाहता हूं इसे आप लीड करें और और कल शाम को ही मैंने इस केस से जितने भी रिलेटेड लोग हैं सब को पूछताछ के लिए बुला लिया है
चाय टेबल में आ जाती है और चाय रखकर छोटू वहां से चला जाता है और फिर रूद्र चाय पीते पीते कहता है
रुद्र - देखो विकास मैं ऑफिशियल तरह से सेलेक्ट नहीं हुआ हूं इन दोनों केस के लिए इसलिए एक रूम में तुम और तुम्हारी टीम पूरा सेटअप करो और पूरी केस की फाइल कल तक मेरे टेबल में होनी चाहिए इन दोनों केस को कल से मैं हैंडल करूंगा और इसे जितने भी लोग हैं उनको पूछताछ के लिए कल वहीं पर बुलाओ
अब दोनों लोग वहां से उठते हैं रूद्र रुपए देने लगता है तो विकास कहता है
इंस्पेक्टर विकास- अरे सर मैं दे रहा हूं
एसीपी रुद्र - कोई बात नहीं विकास जब तुम्हारा केस सॉल्व हो जाए तो एक बड़ी पार्टी दे देना अभी फिलहाल रुपए मैं दिए दे रहा हूं
विकास मुस्कुराते हुए - ओके सर
अब रूद्र निकलने लगता है क्योंकि उसे भी अब घर जाना है और विकास भी अपनी टीम के साथ एक ऑफिस की तैयारी करने में लग जाता है
क्या अब रूद्र इस दोनो केस को स्लॉव कर पाएगा
और क्या क्या पूछताछ और किससे किससे करेगा
आखिर क्या हुआ था उस दिन सुसाइड या मर्डर........