समीर अमन से कहता है ।-मैं पीहू से शादी केसे कर सकता हूँ
अमन उससे कहता है ।-सिर्फ तू ही कर सकता है, तुझसे अच्छा लड़का कभी नहीं मिलेगा। मुझे तुझपर पूरा भरोसा है, तू उसका साथ कभी नहीं छोड़ेगा।
समीर अमन के पापा को कहता है। -अंकल देखो ये क्या कह रहा है, ये पागल हो गया है, इसको समझोओ।
अमन के पापा अपना सर झुकाए समीर को कहते है ।-अमन सही बोल रहा है समीर, तुझसे अच्छा लड़का उसे कभी नहीं मिलेगा ।
अमन समीर को कहता है । - तो तू करेगा ना मेरी बहन से शादी ,अब तो पापा ने भी हा कह देता है ।
समीर दूसरी तरफ मुंह करके कहता है ।-वो तेरी बहन हैं, मैं तेरी बहन से कैसे शादी कर सकता हूँ।
तभी रूम में सिया आती है, वो अमन को कहती है । -- डूडी पंडित जी बोल रहे हैं महूरत निकाल रहा है, पीहू भी राहुल जीजू का फोन ट्राई कर रही है पर वो उसका फोन नहीं उठा रहा। पीहू को भी टेंशन हो रही है. उसको शादी की इतनी जल्दी है कि वो खुद राहुल जीजू को लेने आ जाएगी ।
समीर उसे कहता है । - भाग गया वो राहुल ।
सिया शॉक होके समीर को कहती है । -पीहू उसका इंतज़ार कर रह रही है भाई ।
समीर अमन को कहता है । -अमन मेरी बात सुन, उसके लिए हम बहुत अच्छा लड़का ढूंढ लेंगे, अभी पीहू को संभालना ज्यादा जरूरी है, उसकी शादी करवाने से भी ज्यादा जरूरी । तुझसे पीहू से बात नहीं होगी तो मैं जाता हूं उसके पास, तू अंकल को संभाल, मैं उसे संभाल लूंगा, इसके लिए मुझे शादी करने की जरूरत नहीं है पीहू से। मैं उसका बडी हु उसको संभाल लूंगा।
अमन समीर को कहता है । - तुझे हमारी दोस्ती की कसम है, या तो तू ये शादी कर, हां मुझे कभी अपना दोस्त नहीं बोलना।
समीर अमन को कहता है । -अमन प्लीज मत कर एसी बात ।
अमन उसे कहता है । - तुझे पता है, अपनी बहन के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं, और मुझे पता है तू हमारी दोस्ती के लिए कुछ भी कर सकता है। तुझे ये शादी करनी ही पड़ेगी, जा जाकर मंडप में बैठ, प्रोमिस कर तू उसका हमेंसा ध्यान रखेगा।
अमन अपना हाथ समीर के आगे करता है, समीर ना चाहते हुए भी उसका हाथ पकड़ लेता है । वो उसको कहता है । -पीहू को तो बता पहले, ऐसे केसे मंडप में बैठ जाऊ । उससे तो पुछ पहले , उसकी भी तो हा जरूरी है ,उसे करनी भी है क्या मुझसे शादी ?
अमन उसे कहता है । -तू जाकर बैठ मंडप में , मुहूर्त निकल रहा है, उसको मैं और पापा समझा देंगे।
समीर कुछ सोचता है। फिर अमन को कहता है । - 2 मिनट रुक जा ।
अमन उसके कंधे पर हाथ रखता है । -ठीक है , कर ले मासी से बात ।
समीर अपनी माँ को फ़ोन करता है, पर उनकी माँ उसका फ़ोन नहीं उठाती। वो बहुत बार कोशिश करता है। फिर समीर सिया के पास जाता है ,वो उसको कहता है । -- माँ मेरा फ़ोन नहीं उठा रही , क्या करूँ ?
सीया उसको कहती है । - आप शादी कर लो ।
समीर कहता है । - मां को बिना बताए ?
सिया उसको कहती है ।- मां समझ जाएगी। I
समीर जा कर मंडप में बैठ जाता है ।
पीहू समीर को राहुल समझ कर धीरे से कहती है ।-इतना टाइम कोई लगता है क्या, अपनी दुल्हन को इतना इंतजार कोन करवाता है, कितने फोन किए मैंने तुम्हें, एक भी नहीं उठाया तुमने । मुझे इग्नोर कर रही हो, आना तुम मेरे पास, मैं भी तुम्हें पूरा इंतज़ाम करूंगी। तुम्हें कुछ कहा था, मुझे तुम पर गर्व है, मुझे पता था कि तुम पापा से दहेज पैसे कभी नहीं लोगे, तुमने ही पापा को कहा था ना मेरे अकाउंट में पैसे डालने के लिए।
पंडित जी समीर को एक पटका पहनने के लिए दी है गले में। ताकि जिससे उसका और पीहू का गठबंधन हो से । पंडित जी कहते है । - दूल्हे की बहन आगे आए और वर वधु का गठबंधन करे ।
सिया उन दोनो का गठबंधन कर देती है । समीर के पटका और पीहू की चुनरी से ।
पीहू अपने मन में सोचती है । राहुल के तो बहन ही नही है , फिर किसने गठबंधन किया है हमारा ? कोई कजिन सिस्टर होगी शायद ।
पंडित जी पीहू के पापा को कन्या दान करने के लिए कहते है।
पीहू के पापा उसका कन्या दान करने के लिए आते है , वो पीहू के हाथ पर समीर का हाथ रखते है ,फिर पंडित विधि विधान से उनका कन्या दान करते है , पीहू को घूंघट के अंदर से कुछ भी नही दिख रहा था । उसका दुपट्टा काफी हैवी था , जब उसके पापा ने समीर का हाथ उसके हाथ में दिया तब उसको अलग सी फीलिंग आ रही थी , उसने कभी राहुल का हाथ नही पकड़ा था , पर उसे ये महसूस हो रहा था जिस हाथ को उसने पकड़ा है ,उस हाथ की उंगली में कोई अंगूठी नही है । वो समीर के हाथ को अपनी तरफ खींचती है , और घूंघट के अंदर से देखती हैं उसमे उसकी सगाई की अंगूठी नही थी ।
पीहू धीरे से समीर को कहती है ।-राहुल तुम्हारी सगाई की अंगुटी कहा है, उसको नहीं निकालना था। मम्मी ने कहा था सगाई की अंगूठी और शादी का मंगलसूत्र नहीं निकलना चाहिए, उनको पहनना पड़ता है हमेंसा
समीर कोई जवाब नही देता ।।
वो अपना थोड़ा सा घूंघट हटाते हुए समीर से धीरे से पूछती है ।- जवाब क्यू नही दे रहे हो तुम ?
पीहू समीर की तरफ देखती है और उसे कहती है । - कुछ तो बोलो ...
पीहू समीर को राहुल की जगह देख कर शोक हो जाति है ,वो जोर से बोलती है ।- बडी आप यहा क्या कर रहे हो ,राहुल कहा है ?