कल हमने पढ़ा था कि अंश गुस्से में उसे कर में बैठा उसे घर की तरफ ले जाता है और फिर उसे खींचते हुए कैमरे की तरफ ले जाने लगता है
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और फिर अंश गुस्से से उसे कमरे में ले जा वॉशरूम की तरफ बढ़ जाता है
अंश गुस्से से वॉशरूम में जानवी को धक्का देते हुए,,,,,अभी इसी वक्त कपड़े चेंज कर,,,,मुझे लाकर दो ,,,,सुना तुमने और फिर वॉशरूम का दरवाजा बंद कर देता है
अंशु के धक्का देने की वजह से जानवी सीधा वॉशरूम में जमीन पर गिर जाती है जानवी जमीन पर गिरने की वजह से उसके हाथ में चोट लग जाती है ,,,,जिसकी वजह से उसकी आंखों में आंसू भी आ जाते हैं
फिर जानवी अपने आंसू को साफ कर खड़े होती है ,,,,और फिर कपड़े चेंज कर ,,,,bathrobe पहन,,,कमरे में वापस आ जाती है,,,,क्योंकि वॉशरूम के अंदर,,,जानवी का कोई और कपड़ा नहीं था&,,, isliye vah bathrob pahankar hi; Kamre ke andar; a Jaati Hai,,,,
Idhar ansh Jo gusse Mein janvi ko washroom ke andar Dhakka De darvaja band kar Sidha bed per baith,,,,,; uska Intezar karne lagta hai,,,,,
जानवी वॉशरूम के बाहर निकल ,,,,अंश को अपने सामने बेड पर बैठा देख ,,,,उसकी फेस पर दर्द भरी मुस्कान आ जाती है ,,, or FIR vah Uske pass Ja ,,,Uske Hathon Mein kapde De Deti Hai,,,,
Ansh apne Hathon per kapde mahsus kar upar dekhta hai to ,,,,janvi,,,Jo bathrob mein Khadi thi. ,
और फिर अंश खड़ा हो गुस्से से,,,,उसके बाजू को पकड़,,,अपने करीब करते हुए,,,,,आज तो तुमने कपड़े को हाथ लगा लिया ,,,,आइंदा से कभी भी मेरे किसी भी चीज को छूने से पहले ,,,,100 बार जरूर सोच लेना ,,,,,वरना इसका अंजाम बहुत बुरा होगा,,,,,वैसे आज तो तुमने डेमो देख ही लिया था,,,,,और फिर उसे बेड पर धक्का दे,,,,,वहां से चला जाता है,,,,
और वही जानवी अपनी दर्द भरी स्माइल से बेड से उठती है ,,,,और फिर खुद से ही ,,,,,अच्छा हुआ जो मेरे साथ यह अब हो रहा है ,,,,,मेरे साथ तो ऐसा होना ही चाहिए था,,,,मैं इसी के काबिल हूं ,,,,मुझे सजा तो मिलनी चाहिए,,,,प्यार करने की इसमें सिर्फ मेरी गलती है ,,,सिर्फ मेरी ,,,,,और किसी की नहीं ,,,क्योंकि मैं विश्वास किया था,,,सब कुछ मैंने किया था,,,सब कुछ,,,,,
और फिर आंखों में आंसू ले अपने दिल पर हाथ रख, ,,,पर यह दिल ,,,,यह दिल मेरा इतना दर्द क्यों कर रहा है ,,,,,मैं क्या करूं,,,,,मेरा दिल मेरे बस में क्यों नहीं है,,,,,और जानवी ko,,वह सब याद आने लगता है ,,,,जो आज जानवी के साथ अस्पताल में हुआ था,,,,यह सब सोch,,,जानvi की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं ,,,
Apne Aansu saaf kar Jaanvi apne aap se____ansh; tum sirf; mujhe apni Dadi ke liye yaha lekar aaye ho na ,,,,,toh theek hai ,,,,main vo sab karungi,,,,,jo tum chahate ho
; ,,,,,,,,,, मैंने तुम्हें वादा किया था ना मैं वह सब वादा निभाऊंगी चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े मैं दादी के ठीक होने में पूरी हेल्प करूंगी और फिर दादी के ठीक होते ही मैं यहां से चली जाऊंगी और तुम्हें मैं अपनी कभी शक्ल भी नहीं दिखाऊंगी तुम चाहोगे तब भी मैं तुम्हारी जिंदगी में वापस नहीं आऊंगी यह मेरा खुद से वादा है और फिर कपबोर्ड से कपड़े निकाल पहन लेती है,
Ansh gusse se jaanvi ke Kamre se nikal Apne Kamre Mein chala; jata hai,,, or FIR use kapde ko Apne capboard मैं rakhte hue___ Ek Bar uss kapde ko Apne Hath se chhuta hai और फिर खुद से ही आलिया माफ कर दो कि इस कपड़े को किसी और ने अपने कंधे हाथ लगाए हैं
और फिर उसे कपड़े को प्यार से कबड्डी में रख कपबोर्ड बंद करते हुए आई प्रॉमिस तुम्हारे कपड़े अब कोई नहीं लेगा क्योंकि यह कपड़े सिर्फ तुम्हारे हैं और तुम्हारे ही रहेंगे उसे लड़की ने सिर्फ तुम्हारी शक्ल ली है ना कि तुम्हारी सोच और ना ही तुम्हारी आत्मा,,,,,
Or rahi baat toh tum sirf meri Thi. ,,,or Main sirf tumhara or koi bhi meri life mein Kabhi Nahin a sakta,,, kabhi bhi nahin ,,,,
और फिर अंश कबड्डी को ताला मारते हुए और उसे चाबी को तकिए के नीचे रख ऑफिस के लिए निकल जाता है
ऐसे ही दो दिन बीत जाते हैं यहां ना अंश जानवी से कोई बात करता था और ना ही जाने उनसे कोई बात करती थी
इधर अब जानवी भी थक चुकी थी अंश के बेरुखी से और वह खुद से ही रहती थी कि जल्दी-जल्दी दादी ठीक हो और मैं यहां से जाऊं मुझे घुटन होने लगी है इस घर से मैं ऐसा क्या करूं की दादी जल्दी ठीक हो जाए और फिर तभी उसे आइडिया आता है और और फिर वह वहां से मार्केट की तरफ चली जाती है मार्केट में पहुंच जानवी जिस तरह के कपड़े आलिया पहनती थी उसे तरह के कपड़े खरीद घर वापस आ जाते हैं
और जानवी फिर से उन कपड़ों को पहन आलिया की तरह खुद को ढाल लेती है
hi ऐसे ही जानवी आर्य की जैसे कपड़े पहन हॉस्पिटल के लिए निकल जाती है और फिर अस्पताल पहुंचे जानवी दादी से बातें करने लगती है ऐसा ही वक्त बिता जा रहा था दादी जी की हालत थी पहले से काफी ठीक हो गई थी
ऐसे ही एक दिन फिर आलिया की तरह जानवी कपड़े पहन हॉस्पिटल पहुंच जाती है और जब जानवी कमरे में इंटर करती है तो अंश पहले से ही उसे कमरे में दादी के पास बैठा था
Divya bhi Sidha Dadi ke pass Chali jaati hai,,,, or Dadi jaanvi ko dekh गुस्सा hote huye ___aa gai Meri aliya Beti,,,
Dadi ko khush dekh ___hann dadi Mein aa gayi और फिर अंश एक दादी के पास और दिव्या दूसरी दादी के पास जा बैठी है
Ansh jaanvi ko fir se Aaliya ke kapdon mein dekh,,,,, uska Khoon kholta ja raha thaa,,,,ansh ka gusse saaf pata chal raha thaa,,,, Kyunki ansh ke gusse ki vajah se ansh ki aankhe Lal ho gai,,,,
अंश के पास बैठी दादी आलिया को अपने पास बुलाती है
Jaanvi dadi ki baat sunn ek nazar dadi ki taraf dekh ,,,jaha pehle se hi ansh baitha jai ,,,,isliye chupchap jaanvi dadi ke dusri side jakar baith jaati hai
और फिर दादी jaanvi ka Hath पकड़ ansh ke Hathon Mein De deti hai or FIR Uske Sar per Hath rakhte Hue___ beta tum donon kab Shaadi Karoge main chahti hun tum donon shaadi kar lo ,,,,,Taki Mujhe marne ke bad sukun mile,,,,,
दादी की बात सुन अंश गुस्से में दादी बातें ऐसी बातें क्यों कर रही है आप , ,,,humm आपको कुछ नहीं होने देंगे
Ki tabhi dusri dadi ,,,,,,hann ansh beta main bhi yahi chahti Hunn,,,ki Tum or Aliya shaadi kar lo ,,,,Kyunki Hamara Kuchh Nahin Pata Ham kab Iss Duniya Se chale jayen,,,,,
Yah Hamari Aankhiri khawahish hai beta,,,,, ki tum donon ko Ham shaadi ke bandhan mein dekhna Chahte Hain
Kya tum Hamari ichcha Puri nhi Karoge,,,,,,
Ansh ek nazar jaanvi ko dekh ____dadi Ham shaadi nahin ka ,,,
की तभी जानवी में अंश की बात बीच में काटते हुए हां दादी हम कल ही शादी करेंगे और वह भी धूमधाम से और वह भी आपके सामने
Ansh jaanvi Ki Baat Sunn uska Khoon kholne Laga ,,,,,usse jaanvi per Itna gussa a raha thaa,,,,, ki Uska Dil Kar raha thaa कि वह अभी इसका गला दबा के मार दे या फिर किसी पहाड़ी पर से नीचे जमीन पर फेक दे
Ansh apni gusse mein ,,,sirf jaanvi ko Ghori ja raha thaa uska bus chalta toh anpi gusse wali ankho se hi usko Jinda Jala De,,,,,
Aliya Dadi se baten karne Lagti Hai,,,,
इधर अंश वेट करता है कि कब उनकी बातें खत्म हो और वह जानवी से पूछे कि तुमने यह सब क्यों किया
ki tabhi Dadi ko khansi Aati Hai Divya jaldi se gilas Mein Pani bhar dadi ko Pani pilane lagti hai ,,,,
Dadi jaldi se Pani Pi Lete Hain,,,,fir (Sita ji) matalb dadi ) jaanvi ko Dekhte Hue jaanvi beta Tum Kafi Badal Gaye Ho ,,,,
जानवी दादी की बात सुन डर जाती है कि उन्हें कैसे पता चल कहीं उन्हें शक तो नहीं हो गया मुझ पर
Fir jaanvi dadi se __dadi maine kya kiya jo aap aisa kah rahi hai ,,,,
Nahin per tum bahut Khubsurat lag rahi ho,,,, or Main chahti Hun Ki tum donon shaadi kar lo kya tum apni Dadi Ki Baat manoge Aliya ,,,,
han Dadi Kyon Nahin Main To Shaadi Ke Liye taiyar hunn,,,,
की तभी अंश जो कब से उनकी बातें सुन रहा था और फिर से शादी की बात सुन उसका गुस्सा और बढ़ जाता है और फिर वहां खड़ा हो दादी मुझे आलिया से कुछ काम है
Or FIR uska hath pakar ,,,,door open kar ,,,,gate ke bahar le aata hai ,,,,
और फिर गुस्से से उसका हाथ पैर पकड़ बना खींचते हुए अस्पताल के बाहर ले जाने लगता है ,,,,,
इधर जाने अंश द्वारा इतनी मजबूती से पड़े होने की वजह से उसके हाथों में दर्द होने लगता है फिर भी जाने अपने दर्द भरी आवाज से यह तुम क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है लेकिन अंश उसकी एक भी नहीं सुनता और खींचते हुए उसे अस्पताल से बाहर ले जाने लगता है और इधर जान भी अंश के खेलते हुए ले जाने की वजह से उसके साथ खींचते हुए बाहर की तरफ पहुंच जाते हैं
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