Devil se Mohhabat - 26 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 26

मैं तुम्हारी बहन को बिल्कुल भी चोट नहीं पहुंचाउगा,,,,,,,,लेकिन ; गलती से भी मेरी बहन को ;कोई खरोच आई तो,,,,,सोर में तुम्हारी जान ले लूंगा,,,,,,और एक पल भी नहीं सोचूंगा ,,,,,,,,की तू कभी मेरा दोस्त था,,,,,,,यह कह विराट गुस्से से वहां से चला जाता है

विराज के जाते ही अनिरुद्ध ,,,,,एकदम से किसी को फोन लगा देता है ,,,,,और फिर अपने कठोर कर कर आवाज में,,,,,कैसी है जिसे सुन वह बॉडीगार्ड ,,,,,,आई डोंट नो मुझे नहीं पता ,,,,,आपने सिर्फ उसे अस्पताल तक पहुंचाने को कहा था,,,

बाकी का उसने इतना ही कहा था ,,,,कि अनिरुद्ध गुस्से से चिखते हुए,,,,,,,शट अप तुझे जितना पूछा जाए ,, , उतना जवाब दे,, ;क्या किया वह कैसी है ,,,,,जिसे सुन वह बॉडीगार्ड काफी डर जाता है ,,,,,और फिर वहां डरते हुए ,,,,,सॉरी सर मुझे इस बारे में कोई पता नहीं,,,,,,जिसे सुन अनिरुद्ध गुस्से से,,,,,कौन से कौन से अस्पताल में एडमिट है वह,,

;अनुरोध दूसरी तरफ की बात सुन,,,,वह एकदम से फोन काट,,,,,अपने लंबे कदमों से,,,,,वह उस मेंशन से निकल ,,,,,,हॉस्पिटल की तरफ चला जाता है,,,,,,,

इस वक्त आनिरुद को देख,,,,,कोई भी नहीं बता सकता था ,,,,कि इस वक्त ,,, आनिरुद के दिमाग में,,,,क्या चल रहा था,,,,वह जैसे-जैसे अस्पताल के करीब पहुंचता जा रहा था,,,,,,उसकी आंखें और भी ठंडी होती जा रही थी,,,,,

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Aab aage____

और कुछ ही देर में अनिरुद्ध अस्पताल पहुंच जाता है,,,,,और फिर वह रिसेप्शनेट से कुछ बातें कर ,,,,, वह अपने कदम वार्ड की तरफ बढ़ा देता है

जिस वोर्ड में इस वक्त विधि एडमिट थी ,,; और फिर वह वहां पहुंच देखता है तो ,,,,,,,वह बूढी औरत आब भी ,,,,,विधि के बोर्ड के बाहर बैठे ,,,,अपने आंसू बहा,,,रही थी,,,,

की पता नहीं क्यों ,,,,,लेकिन उस औरत के आंसू देख,,,,अनिरुद्ध को गुस्सा और चिड़ सी होने लगी थी ,,,,जिससे वह अपने कदम ,,,उस,,,

बूढी औरत की तरह बढ़ा देता है,,,,,और फिर उसे घूरते हुए,,,,,, आंखिर में वह तुम्हारी लगती क्या है,,,,,,,,जो इतना मातम मनाया जा रहा है,,,,,पहले रोना बंद करो ,,,,,,मैं तुम्हें पैसे यहां रोने धोने के लिए नहीं देता ,,,,,और फिर उसे भी नहीं पता कि वह यह सब क्यों कह रहा है,,,,,,,शायद वह चाहता नहीं था की,,,,,,विधी को कुछ हो ,,,,,,,लेकिन उसे बुढी औरत के आंसू अनिरुद्ध को गुस्सा दिला रही थी,,,,और उसे नेगेटिव में भी आने लगी थी,,,,,,,जिससे वह गुस्से से लेकिन अपने

थोड़ा ऊंची आवाज में ,,,,,,,चुप और दफा हो जाओ,,,,,जिसे सुन बूढ़े औरत को एक नजर आनिरुध को देख,,,,,,वह एकदम से चुप हो जाती है,,,,,,और उसकी आंखों में दर्द भी पलपने लगता है,,,,,जिससे वहां अपना सर झुकाए वहां से जाने लगती है ,,,,

जिससे अनिरुद्ध एक लंबी गहरी सांस ले,,,,,उसे रोकते हुए ,,,,कैसी है वह ,,,,,उसका इतना ही कहना था कि ,,,,,वह औरत वही अपने कदम रोक देती है,,,,,,और फिर जल्दी से पीछे मुड़ बड़े ध्यान से ,,,,,अनुरोध को देखने लगती है,,,,,,क्योंकि उसे भी समझ नहीं आ रहा था,,,,,कि के सामने खड़ा इंसान ,,,क्या है ,,,,कभी क्या कभी क्या ,,,बन जाता है,,,

जिससे वह अपने आंसुओं को साफ करते हैं साहब डॉक्टर ने साफ मना कर दिया,,,,,,,कि वह अब उसे बचाना मुश्किल है,,,,,उसको वह शायद कोमा में चली जाएगी,,,,

उसे औरत की पूरी बात सुन अनिरुद्ध दो कदम पीछे हट जाता है,,,,,,,उसे याकीन कि नहीं हो रहा था,,,,,कि क्या सच में उसकी वजह से,,,,,वह लड़की इस हालात तक पहुंच गई,,,,,उसे नहीं लगा था ,,,,,की विधि की ऐसी हालत हो जाएगी ,,,,जिससे वह कुछ देर तक तो,,,,अपनी जगह पर जैसे जंम सा जाता है,,,,,उसे अजीब सी डर लगने लगा था,,,,,,क्योंकि उसे किसी भी किसी ने किसी हालत में विधि को बचाना था,,,,,,ताकि उसकी बहन सेफ रहे,,,,

इसका मकसद तो यही था कि,,,,,वह विधि को अपने साथ रख अपनी बहन को सेफ रखने की थी ,,,,,उसने जब विराज के मुंह से अंजलि की सेफ्टी सुनी तो,,,,,,वह उसके एकदम से कल रात का सीन याद आ जाता है,,,,,,कि उसने तो विधि की क्या हालत करती,,,,,,जिससे वह एक पल भी गवाई उसने खुद ही विराज के आगे सौदा रख दिया था,,,,कि ताकि वहां विधि को सही सलामत विराट को सौंप सके

यह सब सोच रहा था,,,,,कि एकदम सही अनिरुद्ध अपने सभी ख्यालों को झटक,,,,,कभी नहीं,,,,उस लड़की को कुछ नहीं होगा ,,,,उसे ठीक होना ही होगा,,,,,,आखिर में वह लड़की मेरी बहन की रक्षा कवच है,,,,,,और मेरे डैड की मौत,,,,,,,यह कहते हुए अनिरुद्ध के चेहरे पर इस वक्त सिर्फ भयानक लूक थे ,,,,

जिसे वहां गुस्से से अपने कदम वह वोर्ड की तरफ बढ़ा देता है,,,,,कि एकदम से इसकी नजर उसे औरत को पड़ती है ,,,,,जिसे देख वहां एकदम से उसे अपना फेस मोड,,,,,तुम यहां से जा सकती हो,,,,,यह कहे वह औरत की तरफ बढ़ने लगता है ,,,,,कि तभी डॉक्टर बाहर आते हैं,,,,

जिसे देख आनिरुध एकदम से ,,,,उस डॉक्टर के आगे आंख खड़ा होता है ,,,,,,,और फिर उसे देखते हुए,,,,,,कैसी है,,,वह

जिसे सुन वह डॉक्टर कौन आप किसकी बात कर रहे हैं ,,,,,और आप हैं कौन,,,,,,क्योंकि डॉक्टर को भी समझ नहीं आया था,,,,,,क्योंकि अनिरुद्ध जी स्टोन में ,,,,,उसे डॉक्टर से बात कर रहा था ,

और वही अनिरुद्ध डॉक्टर के बात सुन ,,,,,अपनी नजर इधर उधर फिरते हैं वह लड़की ,,,,,जिसे तुम इलाज कर रहे हो ,,,,,जिसे सुन डॉक्टर की आंखें छोटी हो जाती है,,,,,,और फिर वहां अनुरोध को ऊपर से नीचे देखते हुए हु ,,,,,आर यू आप उसे पेशेंट के क्या लगते हैं,,,

जिसे सुन अनिरुद्ध जो अपनी नज़रें इधर-उधर को घूमा रहा था,,,,,,वह एकदम से डॉक्टर की तरफ देखते हुए ,,,,मैंने पूछा पेशेंट कैसी है

जिसे सुन डॉक्टर अनिरुद्ध को ऊपर से नीचे देखते हुए ,,,,,,कुछ देर कुछ सोच अपने सर को झटका ,,,,,,वह पेशेंट काफी बूरी हालत में है,,,,,, किसी ने उसके साथ बहुत बेरहमी वरर्ती है,,,,,,आई मीन इस वक्त वह बहुत ही नाजुक हालत में है ,,,,,,हम सुबह तक का वेट करते हैं ,,,,,अगर होश में आ गई तो ठीक,,,,,वरना वह कोमा में जा सकती है ,,,,,और आई एम सो सॉरी ,,,,,हम आगे से कुछ नहीं करते हैं,,,,,, यह कह वह डॉक्टर वहां से चला जाता है ,,

जिसे सुन अनिरुद्ध अपने हाथों की मुट्ठी बना खुद से ही तुम्हें होश में आना होगा मेरी बहन के लिए तुम्हें जीना होगा मेरी बहन के लिए तुम मेरी बहन की सिर्फ और सिर्फ रक्षा कवच हो और मेरी दादा की तबाही

आज के लिए बस इतना

तो देखते हैं कि अब क्या तूफान आने वाला है और किस हद तक जाएंगे ,,,,,यह दोनोंदोनों कि दस मनि,,,,अंजलि और विधि की जिंदगी यही है,,,

ऐसे ही पूरी जिंदगी चलती रहेगी ,,,,,या फिर आएगा कोई मोड जाने के लिए पढ़ते रहे;