जाको राखे साइयां
एक कहावत है - ‘ जाको राखे साइयां मार सके न कोई ‘ जो बिल्कुल सही है . ऊपर वाले की मर्जी के बिना कोई मौत के मुंह से भी जिन्दा लौट आता है और कोई जाने अनजाने स्वतः मौत के मुंह में चला जाता है . उदाहरण के तौर पर जैसा कि हम सभी जहाज ‘ टाइटैनिक ‘ की दुर्घटना के बारे में जानते हैं . उस जहाज में सफर करना बड़े बड़े लोगों के लिए एक सपना था . टाइटैनिक के निर्माता ने इसे ‘ Invincible ‘ यानी अजेय कहा था और यह अपनी पहली समुद्री यात्रा के लिए 11 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड के साउथैंप्टन से अमेरिका के न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुआ था . पर दुर्भाग्य से मात्र चार दिनों के बाद एक विशाल हिमखंड से टकराने के बाद यह डूब गया जिसके चलते लगभग 1517 यात्रियों और क्रू की मौत हुई थी . पर दूसरी तरफ कुछ ऐसे भाग्यशाली लोग भी थे जो इस यात्रा की टिकट लेने के बावजूद किन्हीं कारणों से यात्रा नहीं कर सके और वे बच गए हालांकि शुरू में उन्हें टाइटैनिक मिस करने का बहुत दुःख हुआ था .
वैसे तो टाइटैनिक का सफर बहुत महंगा था जो सब के बस में नहीं था पर इसमें यात्रा के लिए कुछ साधारण या मध्यम वर्ग के यात्री भी थे जो सारी जिंदगी की कमाई लगाने को तैयार थे .
ऐसे ही एक परिवार था स्कॉटलैंड का क्लार्क जिसकी चर्चा करते हैं -
1 . स्कॉटलैंड के रहने वाले क्लार्क परिवार का सपना था कि वे अमेरिका घूमने जायेंगे . क्लार्क एक साधारण किसान थे . उन्होंने अपने बच्चों के साथ अमेरिका जाने के लिए टाइटैनिक की टिकट बुक करा लिया था . इसके लिए उन्होंने सारी जिंदगी की कमाई टिकट में खर्च कर दिया पर होनी को कुछ और ही मंजूर था . सफर के कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने ने उनके सबसे छोटे बेटे को काट दिया . उनकी पत्नी ने उन्हें कहा भी था कि वह अन्य बच्चों को ले कर टाइटैनिक से अमेरिका के लिए रवाना हो जाएँ पर क्लार्क को यह ठीक नहीं लगा और अंतिम क्षणों में क्लार्क ने अपनी यात्रा रद्द कर दी . इसके लिए वे बहुत दुखी थे और बार बार कभी बेटे , कभी कुत्ते तो कभी भगवान को कोस रहे थे . पांचवे दिन उन्हें टाइटैनिक के डूबने का समाचार मिला तब उन्हें न जाने का कोई अफ़सोस नहीं रहा और वे कभी भगवान , कभी कुत्ते तो कभी बेटे की प्रशंसा करते नहीं थकते थे . उनका न जाना blessing in disguise साबित हुआ .
कुछ V . I .P . जो टाइटैनिक से जाने वाले थे पर न जा सके
2 . मिल्टन स्नावली हर्षे - हर्षे अमेरिका के विश्व विख्यात चॉकलेट कंपनी के मालिक थे . उन्होंने अपनी पत्नी कैथरीन के साथ टाइटैनिक से अमेरिका जाने के लिए टिकटें बुक करने के लिए 300 डॉलर का चेक वाइट स्टार लाइन कंपनी को भेजा था . पर बाद में बिजनेस की व्यस्तता के कारण वे टाइटैनिक से सफर नहीं कर सके और अंतिम क्षणों में उन्होंने चेक कैंसिल कर दिया . इस तरह हर्षे और कैथरीन दोनों बाल बाल बच गए . उनका चेक आज भी हर्षे कम्युनिटी के आर्काइव में रखा मिलेगा .
3 . जॉन पिएर्पोट मॉर्गन - जे . पी . मॉर्गन ( J .P . Morgan ) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं . वे न्यूयॉर्क स्थित J . P . Morgan , एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय वित्त कंपनी , के मालिक थे . यह अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक और 2023 तक बाजार पूंजीकरण के अनुसार विश्व का सबसे बड़ा बैंक है . उन्होंने भी टाइटैनिक से अमेरिका लौटने के लिए टिकट बुक की थी . उनकी कंपनी के अनुसार उनके टिकट कैंसिल किये जाने का सही कारण आज तक किसी को पता नहीं है . कहा जाता है कि स्वास्थ्य कारणों से या आर्ट कलेक्शन पर कस्टम के साथ विवाद के चलते उन्होंने टाइटैनिक की यात्रा रद्द किया होगा . जो भी हो वे भाग्यशाली रहे .
4 . गुग्लिएल्मो मार्कोनी - नोबेल प्राइज विजेता मार्कोनी रेडियो के आविष्कारक थे जिसके चलते वे दुनिया भर में प्रसिद्ध हुए . उन्हें सम्मान स्वरुप टाइटैनिक से यात्रा के लिए फ्री टिकट दिया गया था . पर टाइटैनिक से न जा कर तीन दिन पहले वे एक दूसरे शिप ‘ लुसितानिया ‘ से रवाना हो गए . इस प्रकार मार्कोनी भी भाग्यशाली रहे . मार्कोनी के आविष्कार वायरलेस रेडियो ने टाइटैनिक की दुर्घटना की सूचना उस क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों को दे रखी थी ताकि टाइटैनिक के यात्रियों तक यथासंभव सहायता पहुंचाने में मदद मिले .
5 . हेनी क्ले फ्रिक - फ्रिक एक अमेरिकी स्टील कंपनी के मालिक थे और साथ ही वहां के एक मशहूर उद्योगपति भी . वे भी अपनी पत्नी के साथ टाइटैनिक से यूरोप से अमेरिका लौटने वाले थे . उन दिनों वे यूरोप टूर पर इटली में थे . इटली में उनकी पत्नी के टखने में चोट लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया . इस तरह फ्रिक भी टाइटैनिक से सफर नहीं कर सके और बहुत भाग्यशाली रहे .
कहा जाता है कि फ्रिक ने जिस सुइट को बुक किया था वह भाग्यशाली था क्योंकि उसमें सफर करने वाला व्यक्ति लाइफबोट से बच निकलने में सफल रहा .
6 . थिओडोर ड्रेसर - थिओडोर ड्रेसर एक मशहूर अमेरिकी पत्रकार थे . उन्होंने भी अमीर लोगों के बीच टाइटैनिक से अमेरिका जाने के लिए टिकट बुक किया था . पर दो दिन पहले उनके प्रकाशक ने उन्हें सस्ते जहाज से सफर करने का अनुरोध किया और उन्हें एक दूसरे जहाज ‘ क्रूँलैंड ‘ द्वारा सफर करना पड़ा . इस तरह ड्रेसर भी मौत का शिकार होते होते बच गए .
7 . अल्फ्रेड ग्विंने वेंडरबिल्ट - अल्फ्रेड न्यूयॉर्क सोसाइटी के सम्मानित व्यक्ति थे . उन्होंने टाइटैनिक की टिकट अंतिम क्षणों में कैंसिल किया था और वे भी भाग्यशाली रहे . हालांकि हर बार भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया . मई 1915 में जब वे ब्रिटिश लाइनर लुसितानिया से सफर कर रहे थे उनके जहाज को जर्मनी के U बोट ने डुबो दिया और उस में सवार सभी 1200 यात्री और क्रू मौत के शिकार हुए थे .
8 . जॉन रैले मोट्ट - जॉन रैले यंग मेंस क्रिश्चियन एसोसिएशन ( YMCA ) और वर्ल्ड स्टूडेंट क्रिश्चियन फेडरेशन के लम्बे समय तक नेता रहे . दुनिया में शांति को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए 1946 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था . उन्हें टाइटैनिक से यात्रा के लिए फ्री टिकट का ऑफर था पर उन्होंने एक दूसरे छोटे शिप ‘ लैपलैंड ‘ से अमेरिका लौटना बेहतर समझा .
9. एडगर सेल्विन - एडगर अमेरिका के मशहूर थिएटर ‘ ब्रॉडवे ‘ और हॉलीवुड के निर्माता और गोल्डविन मूवीज के संस्थापक थे . उन्हें अपने निकटतम मित्र के उपन्यास के ड्राफ्ट की समीक्षा के लिए इंग्लैंड में कुछ दिन और रुकना पड़ा . इसलिए उन्हें टाइटैनिक की बुकिंग रद्द करनी पड़ी और वे भी भाग्यशाली रहे .
10 . बैरन मोर्टिज़ वॉन बेथ्मन - बैरन एक प्रसिद्ध जर्मन बैंकर थे . बैरन को अपने अन्य साथियों के साथ 11 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक से रवाना होना था . पर वे 11 अप्रैल तक इंतजार नहीं करना चाहते थे और कुछ मित्र चाहते थे कि टाइटैनिक से सफर न कर किसी अन्य छोटे जहाज से यात्रा करें . मित्रों के कहने पर सिक्के को टॉस कर फैसला लिया गया . फैसला टाइटैनिक के पक्ष में नहीं था . इसलिए वे सभी दूसरे जहाज से गए और सभी मौत के मुंह में जाने से बच गए .
नोट -उपरोक्त के अतिरिक्त और भी कुछ उदाहरण हो सकते हैं .