आँखें तेर इतनी हसीं Shailesh chahar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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आँखें तेर इतनी हसीं

शहर की एक सुनसान सड़क पर एक लड़की कुछ लोगों से बचने के लिए भाग रही थी, कपड़े पर खून के धब्बे और चेहरे पर घबराहट, बिखरे बाल और हाथों पर चोट के निसान।भागते भागते वो लड़की जब वो थक गई ,तो वो एक बड़े से बैंक्वेट हॉल के पास आके रुकी। जब उसको लगा ली वो लोग उसके पीछे ही आ रहे हैं ,तो वो जल्दी से अंदर भाग गई।

" वो लड़की कहाँ गई ढूढो उसे अगर वो लड़की नहीं मिली तो बॉस हमें जान से मार देंगे। " उन लोगों में से एक आदमी ने कहा। 

"पर अंदर जाना ठीक रहेगा? देखो ना इस जगह पर कितनी सिक्योरिटी है, किसी ने हमें पहचान लिया तो?" दूसरे आदमी ने कहा। 

वो लड़की एक कोने में छुपके उनकी ये बातें सुन रही थी उसे भी लगा कि ये जगह उसके लिए सुरक्षित है।

वो लड़की सबसे छुपके एक कमरे में घुस गई, कमरे में जाते ही उस लड़की की नज़र बिस्तर पर रखी एक ड्रेस पर गई ,फिर उसने खुद के कपड़े पर लगे खून को देखा और खुद से कहा कहा," नूर बेटा अपने कपडे चेंज कर और भाग यहाँ से, अगर इस खून के कपड़ों में किसी ने तुझे देख लिया ना तो समस्या हो जाएगी। "

जी हाँ सही पहचाना आपने , ये है नूर 

उसने वो ड्रेस उठाई और अंदर वॉशरूम में चली गई वॉशरूम में जाने के बाद नूर ने वो ड्रेस देखी तो उसका मुंह खुला रह गया और अपने सर पर मारते हुए खुद से कहा ,"नूर ये तो किसी दुल्हन का लहंगा लगता है ,अब हम कुछ नहीं कर सकते भगवान हमें माफ करना किसी का लहंगा चुरा रहे हैं, क्यूँ कि हमारे कपडे तो खराब हो गए हैं, और हमारे पास दूसरे कपडे भी नी हें। "

यहीं सोचते सोचते चाहत ने वो लहंगा पहन लिया और वॉशरूम से बाहर आ गई। देर बाद उस कमरे का दरवाज़ा खुलता है ,और एक 45 साल की महिला अंदर आती है, दिखने में  वो किसी 90 की हीरोइन से कम नहीं थी, गहरे लाल रंग की साड़ी पर कट स्लीव ब्लाउज़ ,जैसे ही उन्होंने कमरे में कदम रखा तो सामने देखा कि एक लड़की उनकी तरफ अपनी पीठ करे खड़ी है।

वो बोली, "नताशा बेटा तुम अभी तक तैयार नहीं हुई, जल्दी करो बाहर सभी मेहमान आ चुके हैं। "

और ये बोलकर वो नूर की तरफ बढ़ने लगीं, उनके कदम खुद की तरफ आते देख नूर की साँसे तेज हो गई ,वो मन मैं बोली, "आज तो हम गए ,आज हमें कोई नहीं बचा सकता?"

वो औरत चाहत की तरफ़ आती उससे पहले ही बहार से आवाज आती है ," Mrs.bajaj आपको मिस्टर बजाज कबसे ढूढ़ रहे हे चलिये बारात आ गयी है। "

"अरे वाह! बारात आ गई ,नताशा  बेटा तुम जल्दी से तैयार हो जाओ हम तुमको लेने आएंगे। " ये कह कर वो कमरे से चली गई ।

 उनके जाने के बाद नूर की जान में जान आई उसने खुद से कहा ," नूर बेटा भाग यहाँ से जल्दी, नहीं तो ये आंटी तेरी सादी कराके मनेगी। "

फिर और इदर उधर देख कर चुकपे से कमरे से बाहर निकलने लगी तभी अचानक से उसकी नजर उन्हीं लोगों पर पड़ी जो उसका पीछा कर रहे थे ,और वो बिना देखे पीछे मुड़ी और किसी से टकरा गई ,पर जैसे ही वो गिरती, किसी ने उसे अपने मजबूत हाथों में थाम  लिया डर की वजह से नूर ने अपनी आँखें बंद करली।

उसके कानों में एक आवाज़ सुनाई दी ,"Beautiful" , 

उसने अपनी आँखें खोलीं और जल्दी से सीधी खड़ी हो गई ,और बोली , " सॉरी सॉरी हम गलती से आपसे टकरा गए ,हम जा ही रहे थे। "

जैसे ही वो जाने को हुई उस लड़के ने उसका एक हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा  ,अब नूर के दोनों हाथ उस लड़के के सीने पर थे। वो दोनों इस वक्त एक दूसरे की आँखों मैं देख रहे थे। नूर की आँखे इतनी आकर्षक और गहरी थीं, कि देखने वाला उनमें डूब जाए, उसकी आँखें किसी क्रिस्टल की तरह चमक रही थी, वो शक्स उसकी आँखो में ही देख रहा था। 

नूर की  आँखें गहरी थीं उसपर बड़ी बड़ी पलकों का पेहरा था। वो सिर्फ उसकी आखौं मैं देख रहा था, नूर की आँखें इतनी खुबशुरत थीं कि हर किसी का दिल ले लेंगी।

तेरी आँखों मैं इतनी गहराई है की होकर के मैं मदहोस् डूबा चला जा रहा हूं।

तबी background मैं म्यूजिक बजता है।

आँखों में तेरी अजबसी अजबसी अदायें हैं आँखों में तेरी अजबसी अजबसी अदायें हैं दिल को बना दे जो पतंग साँसे ये तेरी वो हवायें हैं।

आख़िर किस्से बचके भाग रही थी नूर और कौन थी ,नताशा और कौन था जिस्से टकराई थी नूर?