अलौकिक प्रेम कथायें - 5 सोनू समाधिया रसिक द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अलौकिक प्रेम कथायें - 5

     


            आर्या :– एक डायन 


सदियों पहले, एक छोटे से गांव नंदगांव की पहाड़ियों और घने जंगलों में एक अजीबोगरीब रहस्य छिपा था। गांव के लोग मानते थे कि उस जंगल में एक डायन का वास है, जो रात के समय पहाड़ी से नीचे आकर गांव में घूमती थी। कोई भी उस जंगल में जाने की हिम्मत नहीं करता था, खासकर रात के समय। कहा जाता था कि जो भी जंगल के अंदर गया, वह फिर कभी वापस नहीं आया।

गांव में एक युवक था, जिसका नाम **आदित्य** था। आदित्य एक सरल और ईमानदार किसान था, जो अपने जीवन से संतुष्ट था। लेकिन उसके मन में हमेशा यह जिज्ञासा बनी रहती थी कि उस जंगल में आखिर क्या है। वह बचपन से ही इस रहस्यमयी जंगल के बारे में सुनता आया था, लेकिन उसे कभी कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उसकी माँ ने उसे कई बार चेतावनी दी थी कि वह जंगल के करीब भी न जाए, लेकिन आदित्य के दिल में उस जंगल को देखने की एक अजीब सी ख्वाहिश थी। 

पहली मुलाकात……

एक रात, जब गांव के सारे लोग गहरी नींद में सो रहे थे, आदित्य ने जंगल में जाने का निश्चय किया। वह जानता था कि यह खतरनाक हो सकता है, लेकिन उसकी जिज्ञासा उसे रोक नहीं पाई। उसने अपने हाथ में एक मशाल उठाई और चुपचाप जंगल की ओर चल पड़ा। 

जंगल में घुसते ही उसे अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देने लगीं—पेड़ों की सरसराहट, पक्षियों की चीख, और कहीं-कहीं से आती हुई रहस्यमयी हंसी। जंगल घना था, और हर तरफ धुंध फैली हुई थी। चलते-चलते आदित्य को ऐसा महसूस होने लगा कि कोई उसकी परछाई के पीछे-पीछे चल रहा है। 

अचानक, वह ठिठक गया। उसके सामने एक खूबसूरत युवती खड़ी थी, जिसकी आँखें चमक रही थीं और बाल हवा में लहराते हुए किसी अजीब जादूई शक्ति से भरे लग रहे थे। उसकी उपस्थिति ने आदित्य को स्तब्ध कर दिया। 

"कौन हो तुम?" आदित्य ने हिचकते हुए पूछा। 

"मैं आर्या हूँ," युवती ने धीमे स्वर में कहा। "तुम्हें यहां नहीं आना चाहिए था।"

आर्या की आवाज़ में एक अजीब कशिश थी। आदित्य उसकी ओर खिंचता चला गया। वह जानता था कि यह वही डायन हो सकती है जिसके बारे में गांव में बातें होती थीं, लेकिन उसके सामने खड़ी इस युवती में उसे कोई बुराई नजर नहीं आई। 

"तुम... डायन हो?" आदित्य ने धीमे से पूछा। 

आर्या मुस्कुराई। उसकी मुस्कान में एक दर्द छिपा था। "लोग मुझे यही कहते हैं। पर मैंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा। इस जंगल में रहने के सिवाय मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था।"

आदित्य ने महसूस किया कि आर्या के शब्दों में सच्चाई थी। वह उसे देखकर भयभीत नहीं हुआ। इसके विपरीत, उसे आर्या के प्रति एक अजीब सी हमदर्दी महसूस होने लगी। वह उससे दूर नहीं जाना चाहता था। 

        **आर्या का अतीत*

आदित्य के सवाल पूछने पर, आर्या ने अपना अतीत बताया। सदियों पहले, वह एक साधारण इंसान थी। लेकिन उसकी सुंदरता और बुद्धिमानी के कारण गांव के कुछ स्वार्थी लोगों ने उस पर जादू-टोने का झूठा आरोप लगाया। उसे डायन करार देकर जंगल में भगा दिया गया और समाज से बेदखल कर दिया गया। तभी से वह जंगल में अकेले जीवन व्यतीत कर रही थी। 

आर्या ने बताया कि उसे एक शाप मिला था, जिसके कारण वह अमर हो गई थी। लेकिन उसकी अमरता एक अभिशाप बन गई थी, क्योंकि उसे हर पल अकेलेपन का दर्द झेलना पड़ता था। वह चाहकर भी किसी के करीब नहीं आ सकती थी, क्योंकि उसकी जादुई शक्तियां किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती थीं।

आदित्य यह सब सुनकर चौंक गया। उसे आर्या के प्रति और भी ज्यादा लगाव महसूस हुआ। वह उसकी कहानी सुनकर भावुक हो गया और उसने महसूस किया कि आर्या एक निर्दोष आत्मा थी, जिसे गलतफहमी और अन्याय के कारण इस अवस्था में जीने के लिए मजबूर किया गया था। 

आदित्य और आर्या के बीच धीरे-धीरे एक गहरी दोस्ती और फिर प्रेम पनपने लगा। आदित्य हर रात छिपकर आर्या से मिलने जंगल में आता। वे दोनों घंटों बातें करते, और आदित्य उसे अपने जीवन और सपनों के बारे में बताता। आर्या ने भी उसके साथ अपना दुख और अपनी इच्छाएं साझा कीं।

आदित्य ने तय किया कि वह आर्या को इस शाप से मुक्त करेगा। वह जानता था कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन उसके प्रेम में वह कुछ भी करने के लिए तैयार था। 

आर्या ने भी आदित्य से प्रेम करना शुरू कर दिया, लेकिन वह जानती थी कि उनका प्रेम असंभव है। "तुम एक इंसान हो, और मैं... मैं एक शापित आत्मा हूँ," उसने कहा। "हमारा साथ कभी नहीं हो सकता।"

लेकिन आदित्य हार मानने वालों में से नहीं था। उसने ठान लिया था कि वह आर्या के साथ रहेगा, चाहे कुछ भी हो जाए। 

एक दिन, गांववालों को आदित्य के जंगल जाने की बात पता चल गई। उन्हें यह भी शक हुआ कि आदित्य उस डायन के संपर्क में है। गांव के बुजुर्ग और मुखिया ने आदित्य को बुलाकर चेतावनी दी कि वह उस डायन से दूर रहे, वरना उसे भी शापित माना जाएगा। 

लेकिन आदित्य ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। उसके लिए आर्या अब सिर्फ एक डायन नहीं, बल्कि उसका सच्चा प्रेम बन चुकी थी। 

गांववालों को आदित्य की यह जिद बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने फैसला किया कि वे जंगल में जाकर उस डायन का अंत करेंगे और आदित्य को उससे दूर करेंगे। 

### **अंतिम संघर्ष**

एक रात, गांववाले मशालें लेकर जंगल की ओर बढ़े। वे आर्या को खत्म करने के इरादे से आए थे। आदित्य को यह बात पहले ही पता चल गई थी, और वह दौड़कर आर्या के पास पहुंचा। 

आर्या ने आदित्य से कहा, "तुम्हें मेरे लिए अपनी जान खतरे में डालने की जरूरत नहीं है। यह लड़ाई मेरी है।"

लेकिन आदित्य ने कहा, "यह लड़ाई अब हमारी है। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। अगर मुझे मरना भी पड़े, तो मैं तुम्हारे साथ मरना चाहता हूं।"

गांववाले जब पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि आदित्य और आर्या एक-दूसरे के साथ खड़े थे। गांव के लोग आर्या को खत्म करने के लिए आगे बढ़े, लेकिन तभी एक चमत्कार हुआ। 

आदित्य के प्रेम ने आर्या के शाप को तोड़ दिया। उसकी जादुई शक्तियां धीरे-धीरे खत्म हो गईं, और वह फिर से एक सामान्य इंसान बन गई। गांववाले यह देखकर दंग रह गए, और उन्हें एहसास हुआ कि वे गलत थे।

### **प्रेम का विजय**

आखिरकार, आदित्य और आर्या का प्रेम जीत गया। गांववाले अपने गलतफहमी के लिए शर्मिंदा हुए और उन्होंने आदित्य और आर्या को स्वीकार कर लिया। आर्या ने एक बार फिर से इंसानों के बीच जीना शुरू किया, और आदित्य के साथ उसका जीवन सुखमय हो गया।

इस प्रेम कहानी ने यह साबित कर दिया कि सच्चा प्रेम हर बाधा को पार कर सकता है, चाहे वह कितना ही कठिन और असंभव क्यों न लगे।

क्रमशः………

(कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी, कृपया तब तक मेरी अन्य कहानियां पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया दें। कमेंट करें और मुझे फॉलो करके मेरा सपोर्ट करें।🤗❤️)


             (©SS₹'S Original हॉरर) 
                  💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️