प्लीज मुझे जानें दीजिए - 4 Siya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्लीज मुझे जानें दीजिए - 4

Hello dosto...



नैना बोल रही थी साहिल छोड़ो मुझ को बर्दाश नही हो रहा लेकीन साहिल का जब तक नही रुका तब तक उसका गुस्सा शांत नही हुआ, नैना बोल रही थी क्या हुआ साहिल ऐसा क्यो कर रहे हों, क्यू मुझे इतना दर्द देते हो, में तो तुमसे प्यार करती हूं साहिल बोला तुम्हे ये पुरी ज़िंदगी बर्दास करना पड़ेगा ... फिर उठा और वाशरूम चला गया।







ओर बोल के गया आधे घण्टे में ब्रेकफास्ट बना देना मुझे ऑफीस जाना है, नैना जैसे तैसे उठी कपड़े पहने फिर किचेन में गई नाश्ता बनाने, नाश्ता बना के फ्री ही हुई थी की बाथरूम से साहिल की आवाज़ आई नैना इधर आओ, नैना जैसे तैसे धीरे धीरे चलकर वाशरूम में गई,







नैना ने बोला 3 साल हो गए है लेकिन आजतक तुम कभी भी प्यार से मेरे पास नही आए हमेशा मुझे ऐसे ही क्यों दर्द देते हो, वो बोला ऑफीस में एक कांट्रेक्ट हाथ से निकल गया, उसी का गुस्सा था जो तुमपर निकला।







ओर चला गया वहा से,नैना खुद को संभाल और फ्रेश होकर बहार आई उसे चक्कर आ रहा था क्यूंकि साहिल ना दिन देखता है और न ही रात बस शुरू हो जाता हैं।





उसने फिर जो नाश्ता बनाया था, वो खाया और आराम करने लगी क्युकी उसमे बिलकुल हिम्मत नहीं थी थोड़ी देर बाद उसकी नींद लग गई...





इधर ऑफीस में साहिल उसकी बहन के गायब होने की वजह से और कांट्रेक्ट नही मिला उसकी वजह से बहुत परेशान था, सब जगह से निराशा ही मिल रही थी, वो नही जानता था ऐसा क्यू हो रहा है और इसके पीछे किसका हाथ है।





इधर नैना की आंख खुली उसकी बॉडी में बहुत ही दर्द था उनसे पैन किलर खाई और फिर खाना बनाने लगी क्युकी उसे बहुत भूख लगी थी और साहिल भी आने वाला था 1घंटे में उसने खाना बना दिया था ओर टेबल पर रख कर साहिल का इंतजार कर रही थी...







बैठे बैठे सोच रही थी, की साहिल से प्यार किया है बहुत प्यार इसीलिए 3 साल से बीना गलती के टॉर्चर बर्दाश कर रही है....







सिंघानिया हाउस





आकांक्षा ने सोच लिया था की अब कुछ भी हो जाय वो यहां नही रहेगी विराज ने उसका जीना हराम करके रखा है, वो सोच रही थी कि इतना बड़ा मेंशन है, पर यहां कोई क्यू नही रहता क्या विराज के परिवार मै कोई नही है, ओर अगर है तो वो लोग कहा है, या फिर इसकी इसके घर वालो से भी नही बनती, बनेगी भी केसे इतना खडूस जो है।







विराज से पूछने की हिम्मत बिलकुल नहीं कर सकती क्युकी विराज कुछ जवाब देता नही उल्टा उसे पीट देता है या जबरदस्ती करता है..









विराज तो मुझे ये तक नही बता रहा की वो मुझे क्यो कैद किया और ऐसा जानवर जैसा व्यवहार क्यों कर रहा है, कब तक मुझे ये सब सहना पड़ेगा, किस गलती की ऐसी सजा दे रहा है.....







में पुछु भी तो किस्से ना ही मोबाईल है की पापा से पूछ लूं.....







पापा का ध्यान आते ही वो रोने लगी क्यूंकि उसको घर में भाई भाभी केसे होंगे मां सबकी याद आ रही थी....





वो सब भी मुझे ढूंढ रहे होगें उनको तो खबर भी नहीं होगी की मुझे किसी ने किडनैप किया होगा, उसे बहुत दुख हो रहा था, वो सबको याद करके रो रही थी, वो सोच रही थी कब वो यह से निकल पाएगी।







इसीलिए भागने का विचार आया मन में डर भी था की अगर पकड़ा गई तो पता नहीं विराज उसके साथ क्या करेगा लेकिन रिस्क तो लेना पड़ेगा यहां जीतेजी मरने से तो अच्छा है||







उधर विराज और रोनित बात कर रहे थे, रोनित बोलता क्या तू उसे ऐसे ही रखेगा जीवन भर कभी छोड़ेगा नही उसे...







विराज बोलता कभी नहीं छोडूंगा उसे में अभी उसे स्लेव की तरफ ट्रीट तो कर तू उसकी इज्जत की धजिया तो उड़ा लू, उसके मन में अपने लिए डर तो पैदा कर लूं ताकि वो मुझे कभी छोड़ के जानें की सोचे भी न, ओर उसे मेरे साथ ही जीना पड़ेगा और मरने की वो सोच भी नही सकती क्युकी उसको सांसों पर भी सिर्फ मेरा हक है।









उससे शादी करने के बाद उसके बाप के सामने ले के जाऊंगा, उसके बाप की बरबादी दिखाने उसके बाप की इज्जत तार तार करूंगा..







उसके बाप को भी तो पता चाले विराज सिंघानिया क्या चीज है, उसकी बेटी तो रोज मेरे बिस्तर पे सजा भुगतेगी और इसका बाप बरबादी बर्दाश नही कर पाएगा मर जायेगा साला मेरे पिता के साथ जो किया उसने बहुत गलत किया, उसे भी समझ आएगा उसने किया क्या है।







उसने जब मेरे परिवार के बारे में नही सोचा तो में क्यो रहम खा, पता नहीं मेरी बहन कैसी होगी उस कामीने साहिल ने उसे मुझसे दूर कर दिया,







मुझसे बात भी नही करने देता 3 साल हो गए उसे देखा भी नहीं, मैने , अब में उसकी बहन का वो हाल इतना बुरा करूंगा वो सोच भी नही सकता..





रोनित बोलता देखा भाई तू सोच ले वो लडकी अभी छोटी है, वो ये सब कैसे बर्दाश करेगी....





विराज गुस्से में बोलता बर्दाश तो उसे करना पड़ेगा वो भी मरते दम तक, ओर में नही छोड़ने वाला उसे.....





उसकी हर छोटी बड़ी गलती की सजा मिलेगी उसकी बहन को ही हर पल हर रात हर दिन,





वो सोच भी नही सकती, अभी तो बहुत कुछ करना है,





तू सिंपैथी मत दिखा उसके लिए तू मेरा दोस्त हैं,समझा और तू ज्यादा मत सोच में सब अपने हिसाब से निपट लूंगा, चल अभी घर जाता हूं उसकी औकात बताने....





इतना बोल के विराज ऑफीस से निकल जाता हैं घर के लिए, ओर रोनित उसे बैठा बैठा दिखता रहता है...







विरज घर पहुंच कर आकांक्षा को देखता है जो किचेन में काम कर रही थी उसके पास जा कर उसका हाथ पकड़ कर खींचता हुआ कमरे में ले जाता है, वो बोलता है I want you right now,





ओर शुरू हो जाता है करीब 3 घण्टे बाद उसे छोड़ता है उसकी हालात खराब करके....





आशा है आपको अपसंद आ रही होगी कहानी आगे जारी है कल मिलते हैं.....



हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻