Devil se Mohhabat - 10 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 10

और वही अंजलि मंदिर देखा,,,,तो जैसे सदमे में चली गई है ,,,क्योंकि उसे पता नहीं क्यों ,,,,एक अजीब डर लग रहा था,,,,,उसे नहीं पता कि विराज उसे यहां क्यों लाया है ,,,,,,लेकिन फिर भी उसे इस वक्त ने एक्टिविटी फील हो रही थी ,,,,,क्योंकि अंजलि एक क्रिश्चियन है ,,,,,इसलिए उसे इन सब की ज्यादा पता नहीं था,,, 

और वही विराज अंजलि को खींचते हुए,,,,मंदिर में ले जा उसे मंडल पर बैठता है ,,,,,और वही अंजली एक तक ,,,,बस हवन कुंड को देखी जा रहे थे ,,,,,और फिर अचानक से ही विराज की तरफ देख ,,,,यह सब क्या है,,,,,,यह कह ,,,,,अंजलि एक झटके में वहां से उठ जाती है

की तभी विराज अंजलि के बगल में बैठा     अंजलि का हाथ पकड़ दोबारा,,,उस मंडप पर बिठा देता है,,,,और फिर गुस्से से अपने दांत पिसते हुए ,,,,,चुपचाप यहां बैठी रहो,,,,,और यह शादी करो ,,,, 

और वहीं दूसरी तरफ,,,,क्या मॉम आप मुझे बता रही है,,,,कि अंजलि मिल नहीं रही है,,,,वह भी तीन दिन बाद ,,,,,मैं आ रहा हूं,,,,मैं आज ही इंडिया वापस आ रहा हूं ,,,,यह कह वह लड़का,, फोन कट कर देता है ,,,,और फिर अपने असिस्टेंट को बुला ,,,,,अभी के अभी ,,,,जैक तैयार करो ,,,,,हम इंडिया के लिए रवाना हो रहे हैं

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Aab aage________

जिसे सुन अंजलि चिखाते हुए,,,, क्या शादी शादी में मैं नहीं कर सकती,,,,,यह कह अंजलि दोबारा मंडप पर से उठने लगती है,,,, 

जिसे विराज ,,,,अजली का हाथ पकड़,,,,तुम्हें सुनाई नहीं दे रहा ,,,,चुप चाप बैठे रहो ,,,,,वरना तो सोच भी नहीं सकती ,,,,मैं क्या करूंगा

जिसे सुन  अंजलि की आंखों में आंसू आ जाते हैं,,,,,और फिर वह अपने आंखों में आंसू लिए ,,,,,दोबारा मुंडप पर बैठ जाती है ,,,,और फिर विराज की तरफ देखते हुए,,,,क्यों क्यों कर रहे हो तुम ,    मुझे जाने दो ना ,,,,,मैं मेरी मामा पापा मेरा इंतजार कर रहे होंगे ,,,,

और प्लीज ऐसा मत करो ,,,,,मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो ,,,,,,देखो मेरे साथ-साथ ,,,,तुम्हारी जिंदगी भी खराब होगी ,,,तुम तुम मुझसे शादी,,, 

अंजलि का इतना ही कहना था कि तभी विरात सट योर माउथ ,,   ,,,चुपचाप बैठो ,,,,और ,,,,गले से एक भी आवाज नहीं आनी चाहिए ,,,,,,वरना यह कहते हुए विराज धीरे-धीरे  उसके कान में ,,,,,वरना तुम्हारी फ्रेंड मधु ,,,,,इस दुनिया से गायब ,,,,तो सोच लो ,,,,,कि तुम किसी की जान चाहती हो,,,,,,या फिर मुझसे शादी करोगी,,, 

जिसे सुन अंजलि की आंखें बड़ी हो जाती है,,,,और फिर वह हैरान नजरों से विराज की तरफ देखते हुए,,,,,मधु के साथ क्या किया ,,,,,,देखो तुम मधु को,, हमारे बीच में,,मत लालो,,,,,

 विराज , ,,So okay, get married, I will leave your friend., , , (,तो ठीक है शादी कर लो छोड़ देंगे तुम्हारी फ्रेंड को) 

 ठीक है मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं ,,,,लेकिन मधु को कुछ मत करना,,,,,,मेरी वजह से किसी की जान ,,,,, जाए,,,

मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगी,,,,,प्लीज उसे कुछ मत करना,,, ,,,,,,,

 तुम चाहते हो मैं तुमसे शादी कर लूं ,,, तो कर लूंगी ,,,,तुम जैसा कहोगे ,,,,मैं वैसा करूंगी,,,,,,,,,,,,पर प्लीज तुम उसके साथ कुछ मत करना ,,,,,

 जिसे सुन विराज एक नजर अंजलि को देखा, , ,,,,,तो ठीक है जैसे जैसा पंडित कहता है ,,,,वैसा वैसा करो,,,,वह भी,,,,बगैर गले से कोई ,,,आवाज निकाले

और ,,,,कुछ देर में,,,,उन दोनों की शादी हो जाती है,,, 

और वही अंजलि के गले में विराज मंगलसूत्र  और  सिंदूर लगा देता है ,,,,,जिसका मतलब भी,,,,शायद अंजलि को पता ना हो ,,,,,,लेकिन फिर भी उसकी धड़कन बढ़ चुकी थी ,,,,,,,पता नहीं क्यों ,,,,,,लेकिन उसे इस मंगलसूत्र और सिंदूर में एक पवित्रता महसूस हो रही थी ,,,, 

लेकिन अंजलि उसे मंगलसूत्र सिंदूर को देख ,,,,उसकी आंखों से आंसू आ जाते हैं,,,,,,कि  उसके साथ क्या हो रहा है,,,,,उसके और उसके मॉम को पता चलेगा ,,,,,तो क्या होगा ,,,,

उनकी डैड की तो सपने चूर-चूर हो जाएंगे,,,,क्योंकि उसे अब भी याद है ,,,,,जब उसके डैड उसे प्यार से कहते थे ,,,,,कि तेरे लिए एक राजकुमार लेकर आऊंगा ,,,,,,क्योंकि अंजलि को बहुत ही प्यार और लाड से  पाला गया था ,,,,,,वह अपने घर की लाडली थी ,,,,,अपने डैड की परी थी,,,,,और अपने भाई की जान थी,,,,, 

और वही विराज अजली की आंखों में आंसू देख,,,,उसे थोड़ा तकलीफ होता है ,,,,लेकिन अपने सामने दो लोगों के आंसू ,,,,और खून देख उसकी वह मुस्कुराहट किसी दर्द में बदल जाती है ,,,,,और फिर अंजलि का हाथ पकड़ जबरदस्ती उसे,,,,,अपने साथ ले जाकर ,,,,,,कार के अंदर धक्का दे देते हैं,,,, 

और फिर उसी के बगल में बैठते हुए,,,,अब यह रोना धोना हो गया हो ,,,,,तो,,,,और फिर अपनी जेब से कागज निकाल ,,,,इस पर साइन करो

जिसे सुन जानवी विराट की बातों को नजर आंनदाज कर ,,,,,,वह अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा देती है ,,,,,और वही विराज अंजलि के इस हरकत पर,,,,,,अंजलि का चेहरा जबरदस्ती अपने सामने कर ,,  उस पर गुस्से से चिखते हुए,,,,, अपनी यह बीवी वाले नखरे ,,,किसी और को दिखाना,,,,मुझे नहीं,,,,,, क्योंकि तुम सिर्फ मेरी नाम की बीवी हो,,,,बीवी नहीं ,,,,,इसलिए चुपचाप ,,,इस पर साइन करो,,, 

और वही अंजलि रोते हुए,,,,नहीं करूंगी ,,,किसी पर साइन ,,हक्यों क्यों करूं,,,,,और  यह है किस चीज का पेपर,,,,, 

जिसे सुन विराज नहीं करना साइन,,,,ठीक है यह कहे वह फोन निकाल ,,,,किसी को फोन करने लगता है,,,,,,कि तभी अंजलि को विराज की कही बात याद आती है,,,,,,कि अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी ,,,  तो मैं तुम्हारी सहेली,,,,जिसे याद कर आजली झट से,,,, 

विराज के हाथ से वह पेपर ले,,,,,उस पर साइन कर देती है,,,   साइन करते हुए ,,,,,, अब भी अंजलि की आंखों में आंसू थे ,,,,,वह अब भी सीसकते हुए ,,,,,रो रही थी,,,,, 

जिसे देख विराज के होठों पर डेविल स्माइल आ जाते हैं ,,,,और फिर वह,,,,अंजलि को देखते हुए,,,,,गुड गर्ल तो अब चलो ,,,,एक अच्छी बीवी,,,,, सोरी ,, एक नकली बीवी की  तरह ,,,,,शांति से बैठी रहो ,,,,

और यह अपने आंसू बच्चा कर रखो ,,,,आगे चलकर बहुत काम आने वाले हैं,,,,,,,,,



और वही विराज मेंशन में सबको बता चुका था ,,,,जिससे मेंशन में खुशी की आने की तैयारी होने लगी थी,,,,जिसे

और विराज के कहने पर दाई मां ने ,,,,,,पूरी तैयारी भी कर ली थी ,,,,,,और वह आरती की ,,,थाली लिए,,,गेट पर खड़ी थी,,,,,की तबी अंजलि विराज के साथ मेंशन के दरवाजे के सामने खड़े,,,,,

दाई मां अंजलि को पहली बार देख रही थी,,,, सच में अंजली बहुत खूबसूरत थी,,,,,जिसका दाई मां बड़ी प्यार से स्वागत भी करती है ,,,,,क्योंकि उसे नहीं पता था ,,,,,कि यह शादी नहीं एक खेल था ,,,,,,विराज का,,,,,,,,,जो वह अंजलि के घर वालों के साथ खेल रहा था ,,, 

वजह चाहे जो हो ,,,,,,लेकिन विराज ने अंजलि को भी घसीट किया था ,,, ,अपने बदले के मंजर में,,,,,,जहां उसे नहीं पता ,,,  कि,,,इसका अंजाम क्या होगा,,,,लेकिन जो भी होगा ,,,,,उसे यह सब करना ही होगा,,,,,,क्योंकि उसे अपनी मां और बुआ का बदला,,,,अपने डैड के खून का बदला जो लेना था ,,,, 

लेकिन आज विराट को बहुत तकलीफ भी हो रही थी,,,,,कि उसने आज बहुत बड़ा कदम उठाए ,,,,,

जो वह कभी सोच भी नहीं सकता था ,,,,,वह उस लड़की को इस घर की बहू,,,,और अपनी बीवी बनाकर लाया था,,,,, 

जिसके बाप ने ,,,,,उसके पूरे खानदान को तबाह करते हैं,,,,चाहे अंजलि का कोई कसूर,,,न हो ,,,,लेकिन खून उसके रगों में तो,,,, उसी का बहता था ,,,,,जिसे सोच विराज का ,,,,इस वक्त गुस्सा आ रहा था,,, 

कि कहीं उसने अपने बदले में कोई गलती तो नहीं कर दिया,,,,इस लड़की को अपनी बीवी बनाकर ,,,,,जिससे वह एक नजर दाई मां को देख,,,,दोबारा अंजलि को देखा ,,,,वह  बगैर कुछ कहे,,,अपने कदम मेंशन के अंदर बढ़ा देता है,, 

और वही दाई मां ,,,,अंजलि और विराज की आरती उतार,,,, उनहे,,,,अंदर आने को कहती है,,,,तो विराज सिधा कमरे में जाता देख,,,अंजलि की तरफ देखते हुए ,,,,बेटा  क्या ,झगड़ा हुआ है,, तुमहारा,,, 

 जिसे देख अंजलि अपने पालके उठा,,,, दाई मां की तरफ देखती है ,,,,,और वही दाई मा,,,अंजलि की आंखों में आंसू देख,,,,क्या हुआ बेटा तुम रो रही हो ,,,,और फिर अंजलि के सर पर हाथ फिराते हुए ,,,,पक्का इस विराज ने,,,,तुमसे कुछ कहा होगा,,,,उसका गुस्सा है ही ऐसा,,,,किसी पर भी ,,, उतार देता है ,,,,,अरे अभी-अभी तो शादी हुई है ,,,,और तुझे डांट भी दिया है,,,,यह कहते हुए दाई मां ,,,अंजलि को अपने साथ मेंशन में ले आते हैं,,, 

 और फिर अंजलि को सोफे पर बैठा ,,,,,,,,,बेटा  पहले रोना बंद करो ,,,,,और विराज ऐसा ही है,,,,लेकिन दिल का बहुत अच्छा है ,,  वह तुम्हें बहुत खुश रखेगा,,,,, 

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और वहीं दूसरी तरफ तो विधी,,,, जैसे पागल हो गई थी,,,,,,क्योंकि उसे दाई मां का मैसेज आ गया था,,,,,जिससे वह लेक्चर में ही ,, चिख पड़ती है,,,,क्या भाई ने शादी करली,,,, 

जिसे प्रोफेसर जो बच्चों को पढ़ रह रहा था ,,,, विधी का यू बीच में आवाज सुन ,,,,,विधी की तरफ देखते हुए,,,,,अंजलि क्या हो रहा है,,  

जिसे सुन विधि जबरदस्ती अपने होठों पर मुस्कुराहट लाए,,,सॉरी सर ,,,और फिर क्लास ओवर होने का वेट करने लगती है ,, 

और जैसे क्लास ओवर होती है,,,,,,विधि प्रोफेसर से पहले ही,,,,,दौड़ते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है,,,, 

और वही प्रोफेसर अंजलि को भागता देख,,,,,पक्का इस लड़की ने कोई शरारत की होगी ,,,,,कभी नहीं सुधरेगी,,,,,,यह कहे वह भी क्लास से बाहर निकल जाते हैं,,,, 

 और वही क्लास में सभी बच्चे  ,,,,विधि को भगता देख,,,,इससे क्या हुआ,,,,हमें कुछ बताया भी नहीं ,,,भाग गई

और वही विधि अपने घर पहुंचती है,,,,और दौड़ते हुए मेंशन के अंदर जाती है,,,,,और चारो तरफ देखने लगती है,,,,,तो उसे वहां कोई नहीं दिखता है,,,,जिससे विधि चिखाते हुए दाई मां 

जिससे दाई मां ,,,,जो अंजलि के रूम में बैठी थी,,,,विधि की आवाज सुन ,,,आ गयी शैतान,,,, 

की तब तक विधि दौड़ते हुए ,,,,विराज के कमरे में ही आ जाती है,,  और  बगैर कुछ कहे,,,,,,सिद्धा कमरे में आ अंजलि को देखते हैं,,  तो उसे देखते रह जाती है ,,,,और एकाएक उसके मुंह से निकलता है ,,,,अरे तुम तो वही बटरफ्लाई वाली हो  ,,,ना



आज के लिए बस इतना,,,,तो अब क्या हंगामा होने वाला है ,,,,और विधि विधि का क्या होहोगा,्या , ,,विधि इसी तरह हमेशा मुस्कुराते रहेगी ,,,,या ग्रहण लगने वाला है विधि के मुस्कुराहट पर,,,,,इन दोनों की जिंदगी में क्या तूफान आने वाला है ,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे 

और प्लीज मेरे प्यारे रीडर लाइक कमेंट जरुर करें

और प्लीज अगर स्टोरी अच्छी लगे तो,,,,मुझे रेटिंग भी जरूरत है🩵🩵🩵🩵🩵