मैदान - फिल्म रिव्यू Apurv Adarsh द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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मैदान - फिल्म रिव्यू

 रोंगटे खड़े हो गए थे , गला सूख गया था, आंखे नम थी और आंसू खुशी से बेचैन थे बाहर आने के लिए , वो तो भला हो पलकों का जिन्होंने उन्हें रोक के रखा । मैं चुप भी था और एक बार चिल्लाना भी चाह रहा था कि  ' हम जीत गए ' ।

कुछ यही हाल था मेरा जब मैं ये फिल्म खत्म किया।मैदान 10 अप्रैल, 2024  को थियेटर में लगी थी, किसी कारणवश नहीं देख पाया था तो अब देखा और तब ना देखने का मलाल ताउम्र रहेगा । क्योंकि अगर तब देखता तो जरूर चिल्लाता और शायद रो भी देता ।

वहीं पर मैं ये जरूर कहना चाहूंगा कि इस फिल्म का इतनी बुरी तरह फ्लॉप होना, ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि जब बात अच्छे दर्शक की आती है तो हम अधिकतर नाकाम ही रहते हैं।

बहरहाल बात करें अगर फिल्म की तो ये आधारित है हमारी फुटबाल टीम और उसके कोच एस. ए. रहीम पर जिन्होंने 1962 के एशियन गेम में स्वर्ण पदक जीता था ।

फिल्म पूरे 3 घंटे की है जो कहीं कहीं पे महसूस भी हो जाती है। फिल्म में कुछ गानें भी है जो उसके साथ ही चलते हैं और फिल्म का मजा और उसकी रफ़्तार रत्ती भर भी खराब नहीं करते हैं । 3 घंटे की होने के बावजूद फिल्म बिना किसी शोर शराबे और ड्रामा के सीधे अपने मुद्दे पे ही रहती है और यही बात फिल्म की गंभीरता को और ज्यादा निखारती है । फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर शानदार है जो सिचुएशन की  intensity को बनाए रखता है । सिनेमेटोग्राफी  इतनी कमाल की है कि हम बस देखते रह  जाते हैं । Blue colour shade  का इतना बेहतरीन उपयोग किया गया है कि अगर हम चाहे तो वॉलपेपर लगा ले। सबने बहुत अच्छा काम किया है । अजय देवगन पूरी फिल्म में बस एस. ए . रहीम ही लगे हैं और उनकी पत्नी के किरदार में प्रियामणि ने भी प्रभावित किया है । फिल्म किसी heroic action को छुए बिना वास्तविकता को पकड़े रखने का हर संभव प्रयास करती है। कैमरा मूवमेंट भी बेहतरीन है । डायरेक्टर ने  60/70 के दशक को पूरी तरह से पर्दे पे उतार दिया है। ऐसा लगता है जैसे हैं उसी समय में जी रहें हो । फिल्म में खेल के पीछे होने वाली राजनीति को भी  बिना अपनी लिमिट खिंचे  अच्छी तरह से दिखाया गया है । ये फिल्म हर बच्चे को देखनी चाहिए क्योंकि इस बात की आंशिक गारंटी तो है ही कि वो इससे प्रभावित हो जाए ,और मैं कहूंगा कि पुष्पा, रॉकी और एनिमल से प्रभावित होने से अच्छा है कि वो हमारी पुरानी फुटबाल टीम से प्रभावित हो ।


क्यों देखें --                                                                                अगर आप स्पोर्ट्स पे बनी फिल्म देखना पसंद करते हैं तो ये आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी। अगर आप सिर्फ एक अच्छी और थ्रिल वाली फिल्म देखना पसंद करते हैं तो भी ये आपको पूरा मजा देगी ।


क्यों ना देखें -                                                                              अगर आप भाईजान और टाइगर श्रॉफ के बिल्कुल कट्टर वाले फैन हैं या आपको अगर हर सेकंड ही कुछ होता हुआ दिखना चाहिए तो ये आपको पूरा निराश करेगी ।



फाइनल विचार --                                                                             कुलमिला के ये फ्लॉप होने लायक फिल्म तो कहीं से भी नहीं थी ।


9/10