सुखा पत्ता️ - भाग 2 Alone Soul द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सुखा पत्ता️ - भाग 2

दरवाजा खोलो ........

दरवाजा खोलो ......

दरवाजा खोलो........

अन्वी .....अन्वी ......अन्वी.....

(मैडम  मैडम ........मैडम .....)

कोई दरवाजा खट खटा रहा है बहुत तेज से ...

Hmmm 

मैडम उठिए उठिए मैडम 

अन्वी – क्या है दीदी आप सोई नहीं अभी 2:29 हो रहे हैं रात के ?

मैडम कोई गेट पे है आपका नाम लेके चिला रहा है 

( अचानक अन्वी के कानों में वो आवाज पड़ती है और वो कांप जाती है , जैसे उसको किसी ने बड़ी जोर से खंजर घुसा दिया हो , जैसे उसका जीवन बस खत्म सा होने लगा हो वो आवाज जिसे वो भूलने के लिए अपने जीवन की हर रुख को बदल दिया हो , वो आवाज आज करीब दो साल बाद सुनी हो )

मैडम बोलिए न 

अन्वी – हां हां , चल रही हु चलो , 

क्या करू मैडम पुलिस को कॉल पे ले लू 

अन्वी – नहीं चलो देखती हु तब मैं पर्दे के पीछे हु तुम खोलो दरवाजा 

जी ठीक है मैडम लेकिन हमको बच्चा लेना रे मैडम 

अन्वी – हां बाबा 

( जैसे ही नौकरानी  ने दरवाजा खोला , एक खून से लिपटा हुआ , लाल लाल आंखे , बड़े बाल ,वाला आदमी जमीन पे गिर गया और बेहोश हो गया )

मैडम चोट लगी है लगता है कोई डाकू है 

अन्वी–पर्दे के पीछे से पानी डालो उसके मुंह पे 

मैडम चोट लगी है 

अन्वी – ओक आती हु 

(अन्वी की घबराहट बढ़ती ही जा रही थी , जैसे किसी नहीं पैरों में कोई अलग सी बिजली  सी छोड़ दी हो )

आओ न जल्दी मैडम का जा मंगला 

(और जब पलटा तो वही हुआ जिसका उसको डर था  विआन )

मैडम क्या करू फोन करू पुलिस को 

अन्वी– नहीं 

क्यों मैडम? खून लगा है कई फासला 

नहीं बोला न , बस उठो इसे 

(अन्वी की जैसे आत्म के अंदर से दर्द उसके आंखों में भर गया और खुद को काबू कर के विआन को उठाने लगी 

गेस्ट रूम खोल दो ?)

और विआन को सोफे पे लेता दिया और उसकी चोटों को साफ करने लगी 

क्या मैडम हम कर देते हैं?

नहीं  जाओ गरम पानी लाओ 

(और खुद ही पागलों की तरह  जैसे एक मां अपने बच्चे को साफ करती है वैसे करने लगी )

लो मैडम और कुछ ,   

हां इसके बैग में देखो क्या है ?

कई जला मैडम ? आपंड 

पुलिस बुला लो 

यार सांता चुप होगी कि नहीं ,

Ok मैडम ,  मैडम गोली है बैग में 

अन्वी की आंखों से आशु गिर गया , और वो उसे छुपाने लगी देखो कपड़े है 

हां मैडम है

 लाओ दो और उसके कपड़े बदलने लगी 

और वह से हट गई जैसे किसी ने उसको बता दिया हो कि विआन उठने वाला है 


मैडम कहा जा रही हो 

अन्वी अपने कमर में चली गई और टूट के फर्श पे ही गिर गई 

जैसे उसको किसी ने खंजर  घुसा दिया हो  

मैडम साहब को होस आ गया है 

आओ आप भी मिल लो 

(अन्वी विआन से मिलना नहीं चाहती थी उसने सांता को कमरे में बुलाया )

सुनो उस आदमी को जो चाहिए दे दो और मेरे बारे में कोई बात  मत करना 

क्यों मैडम ?

यार जो बोला है करो न 

और जब पूछे बोल दो मैडम बीमार रहती है अपने कमरे में ही रहती है  किसी से मिलती नहीं है 

ठीक ? 

ठीक मैडम 

मगर अपने तो उनको इतना आराम से सब किया 

इन सब बातों का टाइम नहीं है दीदी जो बोला है उतना किए बाकी मैं सब बता दूंगी आपको 

आपसे निवेदन  मेरा नाम मत बोलना उसके पास 

ठीक मैडम जैसा आप बोले 

(कितना अजीब होता है न जान जान के एक झटके में अजनबी बन के अनजान बन जाना )


शेष  अगले भाग में.........................