तलाक - 1 aruhi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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तलाक - 1

आरफाज ऐसा मत करो प्लीज ,,,,  मैं मर जाऊंगी,, ,,,,तुम्हें यकीन क्यों नहीं हो रहा,,,,,खुदा का वास्ता आरफास,,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,,,हमारे रिश्ते पर भरोसा करो,,,,,मैं तुमसे मोहब्बत की ,,,,,उस‌ मोहब्बत का वास्ता,,,,,मुझे तलाक मत दो , ,   अगर यह तलाक हो गया तो ,,,,,,हम कभी नहीं मिल पाएंगे,, 

प्लीज सरफराज ऐसा मत करो ,,,,,

लेकिन आसपास सोफिया की एक नहीं सुनता और गुस्से से ,,,,वह सोफिया की आंखों में देखते हुए,,,,,,तू जैसे नापाक औरत से मैं और रिश्ता नहीं रख सकता ,,,,,,इसलिए मैं तुझे अभी ,,,इसी वक्त तलाक लेता हूं,,,

तलाक
तलाक 
तलाक 

मैं तुझ जैसी औरत को एक पल के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर सकता ,,,,,,जो मोहब्बत तो मुझे और अरमान किसी और के पूरे करती हो ,, ,,,,जो निकाह  मुझसे और सुकून किसी और की बाहों में पूरी करती हो, 

यह कहते हुए अल्फाज सोफिया को तलाक दे देता है,,,,,और फिर वह बगैर सोफिया की तरफ देखे,,,,,वह उस कमरे से बाहर निकल जाता है,,,,,

और वही सोफिया अलफाज के जाते ही ,,,,,जमीन पर बैठ ,,,,फुट फुट के रोने लगती है,,,,

कि यह उसके साथ ,,,,क्या हुआ ,,,,,,उसके शौहर ने उसे तलाक दे दिया ,,,,,,अब वह कुछ नहीं कर सकती,,,,,

अब वह भी एक तलाकशुदा औरत बन गई ,,,,,जिसमें समाज में उसे सिर्फ और सिर्फ ,,,,,,आपने लिए,,गंदगी नजर आ रही थी,,

उसे घुटन हो रही थी ,,,,,कि वह अब दूसरों से कैसे नजरे मिलाएगी ,,,,,,लेकिन वह चाह  कर भी कुछ नहीं कर सकती थी,,,,
उसे पता था कि जब शोहर ही उसका ना रहा,,,  तो वह घर उसका कैसे रह सकता हैं,,,

  जिससे वह लगभग आधे घंटे तक,,,,, रोने के बाद वह जमीन से उठ,,,,,,अपने कपड़े पहन कर,,,,,उस घर से निकल जाती है,,,,,,,क्योंकि वह अब,,,उस घर में कैसे एक पराए मर्द के साथ रह सकती है ,,,

क्योंकि जैसा भी हो उनका तलाक हो चुका था,,,,,वह भी बगैर किसी गलती की,,,,,,उसे इस वक्त बहुत ही ज्यादा तकलीफ हो रही थी ,,,,,,कि अलफाज ने ,,,,,उसकी बातों पर भरोसा नहीं कि ,,,,,,उसने सिर्फ और सिर्फ अल्फाज को चाहा था ,,,,,,और किसी को नहीं,,,,,,,,लेकिन अल्फाज ने उसकी एक बात ना सुने,,,, और उसे तलाक़ दे दिया,,, 

और ऐसे ही हफ्ता बीत गया,,,,लेकिन अल्फाज ने एक बार भी सोफिया के बारे में पता नहीं किया ,,,,,,,कि वह अब इस वक्त कहां है ,,,,

वह ज्यादातर घर नहीं आता था ,,,,आता भी था तो,,,, सीधा अपने कमरे में चला जाता था,,,,,और आज भी ऐसा ही हुआ था,,,,वह सीधा घर आता है,,,,,,

तो अपनी कमरे की तरफ जाने लगता है,,,,,,कि तभी कुछ सोच वह ,,,,,,अपनी अम्मी से बात करने के लिए मम्मी के कमरे में जाता है,,,,,,,

तुब उसे अपनी आम्मी की आवाज आती है,,, 

अरे तू भी यही कर ,,,,,जैसे मैंने किया ,,,,,अरे मुझे तो सोफिया एक नंबर भी पसंद नहीं थी ,,,,,,तू भी अपनी बहू के साथ ऐसा कर,,,,,और अपने बहू  बेटों का तलाक करवा दे,,,,, तू भी मेरी तरह खुश रहेगी ,,,,और तुझे भी अपनी बहू से छुटकारा मिल जाएगा,  , 

अरे मेरा तो ना समझना है,,,,,,जो उसे घटिया लड़की की जाल में आ गया,,,,,,उसे मैंने कहा था,,,,,,मेरी पसंद की लड़की को पसंद कर,,,,शादी करने कहा,,,,,लेकिन नहीं माना,,

मैं भी उसकी आम्मी हूँ,,,,,मैंने क्या कुछ नहीं किया,,,,,कितनी खुशी थी,,,,,, उस लड़की के साथ,,,,,ताकि वह उसे घर को छोड़कर चली जाये,,,,

लेकिन उसने मेरी एक न सुनी,,,,मेरा हर एक आर्डर मानती रही ,,,,मैं तो सोची कि मैं उसे इतना तंग करूंगी ,,,की घर छोड़ कर चली जाए ,,,,,लेकिन उसने  एक शब्द तक नहीं कहा ,,,,,तो फिर मुझे भी कुछ ऐसा करना पड़ा ,,,,,जिससे अल्फाज खुद ही उसे तलाक दे दिया,,,,,,आज देख मैं बहुत खुश हूं,,,,,,अब मैं अपने अल्फाज के लिए एक अच्छा सा रिश्ता ढूंढ रही हूं ,,,अगर तेरी नजर में कोई लड़की अच्छी और अमीर खानदान की लड़की दिखे तो मुझे जरूर बताना

और वही अल्फाज जो कमरे के बाहर खड़ा हो,,,,,अपनी अम्मी की एक-एक बात सुना था,,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है,,, उसे समझ नहीं आता कि,,,,,कि उन दोनों कब तलाक होने के बीच में ,,,,,उसकी अम्मी का हाथ था ,,,

जिससे वह  बगैर देरी की,,,,एकदम से कमरे के अंदर जा अपनी अम्मी को देखते हुए,,,,आम्मी क्या सोफिया के साथ जो कुछ हुआ ,,,,उन सब में आपका हाथ था ,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,

कि अल्फाज की अम्मी के हाथों से उसका फोन छूट जमीन पर गिर जाता है ,,,,और फिर वह अचानक अपने बेटे की तरफ देख एकदम से शांत हो जाती है ,,,,,क्योंकि उसके पास तो शब्द ही नहीं थे,,,,,अपने बेटे को कुछ भी एक्सप्लेन करने को ,,,

जिससे अल्फाज से गुस्से से अपनी मां की तरफ देखते हुए,,, , , ,,,मैंने कुछ पूछा क्या आम्मी वह लड़का आपने भेजा था ,,,,,, उसके पास ,,,,उसका इतना ही कहना था ,,   ,,की अल्फाज के अम्मी के चेहरे पर पसीना आने लगता है ,,,   जिससे वह धीरे-धीरे पीछे की तरफ जाने लगती है ,,,,और वही अल्फाज अपनी अम्मी की हालत देख ,,,,,वह बगैर कुछ कह,,,,उस कमरे से बाहर निकल जाता है,, 

और बगैर कुछ कहे वह जल्दी से सोफिया के मायके में फोन लगता है ,,,,,और सोफिया के बारे में पूछता है,,,,,तब उसे पता चलता है कि सोफिया तो वहां गई ही नहीं,,,,,यहां तक कि उनके घर वालों को उनके तलाक के बारे में भी,,,कुछ नहीं पता था,,,

जिससे अल्फाज को घबराहट और आंखों में आंसू आ जाते हैं कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी,,,,,अपनी बीवी सोफिया की बात ,,,ना मानकर,,,,जिसे उसने मोहब्बत की थी