Devil se Mohhabat - 2 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 2






और वहीं दूसरी तरफ विवेक ,,,,,सोफे पर बैठा कब से किसी का नीचे आने का इंतजार कर रहा था,,,,,,जिससे वह अपने मन में,,,,,यह लड़की कभी नहीं; सुधर सकती,,,,,,

आज ही इसका ,,,,कॉलेज का पहला दिन है ,,,,,,और आज भी यह लेट करके रहेगी ,,,,,,और इस विराज ने मुझे कहां फंसा दिया ,,,,,,

और अब जाओ,,,,,,और इस महारानी को उठाओ,,,,,,यह कहते हुए ,,,,विवेक बढबढते हुए ,,,,,सीढ़ी चढ़ते हुए,,,,,कैमरे की तरफ जाने लगता है

की तभी विवेक धीरे से कमरे का दरवाजा खोल,,,,,चारों तरफ देखता है,,,,,,तो वह कैमरा ,,,, पूरा खाली होता है

वहां पर ,,, उसे,,,,किसी की चू चा तक की भी आवाज नहीं आती ,,,,,जिसे महसूस कर विवेक,,,,,,अपने मन में यह लड़की,,, इतनी सुबह-सुबह गई तो गई कहां है,,,,यह सोचते हुए विवेक,,,,कमरे के अंदर चला जाता है

की तभी कोई उसे पीछे से गले लगा,,,,,,उसके पीट पर चढ़ जाता है ,,,,,,जिसे महसूस कर विवेक गुस्से से चीखते हुए,,,,,,,विधि तुम कब सुधरोगी ,,,,,,,और फिर उसे ,,,,,अपने पीट से उठाते हुए ,,,,,,सीधा अपने आगे खड़ा कर,,,,,,उसे घुरते हुए ,,,,,,विधि अब तुम बच्ची नहीं रही ,,,,,यह हरकतें बंद करो

जिसे सुन विधि ,,,,,,अपनी कमर पर हाथ रख ,,,,,,अपना मुंह बनाते हुए ,,,,,,हां मैं भी तो यही कह रही हूं,,,,,कि कि अब मैं बच्ची नहीं हूं ,,,,,यह कहते हुए,,,,,,, विधि ,,,,,अपने पलकों को चिपकाते हुए ,,,,,,विवेक बड़े प्यार से देखने लगती है ,,,,,,

और विधि इस वक्त बहुत ही क्यूट,,,,और सुंदर लग रही थी ,; विधि की खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं था,,,,,,,,उसकी हाइट  5.5 इंच ,,,,,जीरो फिगर,,,,,गोरा रंग ,,,,,नीली आंखें ,,,,,और हल्के ब्लैक ब्राउन,,,,सीट हेयर ,,,,,

और और वह एक महीने पहले ही,,,,,अभी अभी 18 की हुई थी,,,,,,वह देखने में किसी एंजेल से कम नहीं थी,,,,,वह बहुत ही खूबसूरत ,,,और मासूम थी ,,,,,,और उसकी चब्बी चिक्स ,,,,,जो इस वक्त बुलाए,,,,,,विवेक को गुस्से से घुर रही थी ,,, वह इस तरह ,, ,और भी क्यूट लग रही थी,,,,,,यह कोई और नहीं विराट की छोटी बहन थी

जिसे देख विवेक अपनी नजर ,,,,, विधि पर से हटाते हुए ,,,,,विधि मुझे ऐसा देखना बंद करो ,,,,,,,यह कहते हुए विवेक विधि की तरफ पीठ;कर लेता है ,,,,,,जिसे देख विधि दोबारा विवेक के आगे आते हुए ,,,,,क्यों क्यों ना देखो ,,,,,मैं तुम्हें ,,,,इस तरह,,,,,,,अरे मैं तुम्हें प्यार करती हूं,,,,,,,अगर मैं तुम्हें इस तरह नहीं देखूंगी ,,,,तो कौन देखेगा

जिसे सुन विवेक चिढ़ते हुए ,,,,विधि अपना यह बचपन बंद करो ,,,,तुम आब भी बच्ची हो,,,,,तुम अभी-अभी 18 की हुई हो,,,,,, कया तुम्हें,,,प्यार का मतलब पता है

जिसे सुन विधि मुंह बनाते हुए,,,,,,क्या विवेक जी आप मुझे हमेशा बच्चा क्यों कहते हो ,,,,,,अब तो मैं 18 की भी हो गई हूं ,,,,,,और क्या-क्या आपने कहा,,,,,,,कि मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,मुझे पता है ,,,,,की प्यार क्या होता है

जिसे सुन विवेक,,,,,विधि की तरफ घुरते हुए ,,,,तो बताओ,,,,,,,,,,,प्यार क्या होता है ,,,,,,,जिसे सुन विधि अपनी पालके बार-बार झपकाते हुए,,,,,,,कुछ सोच प्यार प्यार प्यार का मतलब होता है,,,,,,और फिर अपना सलाइवा गटकते हुए,,,,,,,यार उसने क्या बोला था,,,,,,,,हां प्यार का मतलब होता है प्यार ,,,,

अरे मेरी भी फ्रेंड है,,,,, और उसका बॉयफ्रेंड है ,,,,,,वह हमेशा घूमते हैं मूवीस देखते हैं ,,,,आइसक्रीम खाते हैं ,,,,,,और फिर धीरे अपनी पंजों को ,,,,,,,थोड़ा ऊपर उठा ,,,,,,,विवेक के कान के पास ले जा ,,,,,,उसके कान में ,,,,,,और किस भी करते हैं ,,,,,,यह कहते हुए विधि अपने होठों को,,,,,अपने दांतों तरे दाबा लेती है

जिसे सुन विवेक ,,,,,,विधि पर बरसते हुए ,,,,,,बस विधि बहुत-बहुत हुआ,,,,,,तुम्हारा बचपना,,,,,,बस तुम्हें यही पता है ,,,,,,अरे तुम्हें प्यार का तो,,,,A भी नहीं पता ,,,,Z , की तो बात ही दूर की है,,,,

और तुम जानती ही क्या हो,,,,,,,,जिस दिन तुम्हें प्यार का असली मतलब पता चल जाएगा ,,,,,,उस दिन तुम मेरे पास आना ,,,,,,और तुमने मेरी और अपनी ऐज में ,,,,डिफरेंस दिखती है,,,,,विधि तुम अभी सिर्फ 18 की हो ,,,,,,और मैं 29 का,,,,,,,अरे हमारी ऐज डिफरेंट का तो सोचो ,,,,मैं तुम्हारे भाई का दोस्त हूं

जिसे सुन विधि दुबारा मुंह फूलते हुए ,,,,हा तो मैंने कब कहा ,,,,,कि आप मेरे भाई के दोस्त नहीं है ,,,,,,और फिर अपने उंगली को अपने गार्डन के पास ले जा,,,,,,विवेक की तरफ देखते हुए ,,,,,,और कसम से ,,,,,,,मैं आपसे शादी भी करूंगी,,,,,,,,और मैं आपको धोखा भी नहीं दूंगी ,,,,,उन बाकी कपल की तरह

जिसे सुन विवेक अपना हाथ विधि के सर पर रखते हुए ,,,,,,विधि तुम अब भी,,,,बच्ची हो ,,,,,और प्यार का असली मतलब समझने के लिए,,,,,,,तुम्हारे पास बहुत वक्त है ,

और जिस दिन तुम्हें प्यार का मतलब समझ आ जाए ,,,,,,उसे दिन मेरे पास आना ,,,,,,,और फिर यह कहे विवेक ,,,,,,,वहां से जाने लगता है,,,,,,,कि तभी विवेक दोबारा पीछे मुड,,,,,एक नजर विधि की तरफ देख,,,,,और हां जल्दी तैयार हो ,,,,,नीचे आओ,,,,,,क्योंकि मैं नहीं चाहता,,,,,,,कि तुम अपने पहले दिन ,,,,,,कॉलेज लेट जाओ ,,,,,,यह कहे विवेक वहां से निकल जाता है

और वही विवेक अब भी काफी कसम कश में था ,,,,कि रोहि का बचपन बढ़ता जा रहा है,,,,,,,पता नहीं किसने ,,,,,,,उसके दिमाग में,,,,,यह भर दिया,,,,,कि वह विवेक से प्यार करते हैं

और वही विधि अपना मुंह फूलते हुए,,,,,,क्या मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,क्या उसने मुझे झूठ बोला ,,,,,,अरे उसने तो यही तो कहा था,,,,,,कि प्यार में हमेशा इंसान खुश रहता है,,,,

इसका मतलब झूठ बोली थी,,,,,नहीं,,,,,ऐसा करती हूँ,,,,में फोन में सर्च करती हूं ,,,,,,यह कह विधि जल्दी से,,,,,,,अपना फोन निकाल ,,,,,,,,उसमें सर्च करने की होती है ,,,,,,कि तभी कुछ सोच,,,,,अरे नहीं नहीं ,,, ,,,अगर कोई गंदी वीडियो आ गई तो ,,,,

और अगर भाई क्यों इस बारे में पता चला ,,,,,,कि मैं फोन में यह सब सर्च करती हूं,,,,,,,तो भाई क्या सोचेगा मेरे बारे ,,,,,,में,,

अरे नहीं नहीं विधि ,,,,,अरे कुछ और सोच विधि,, ,और अपने दिमाग के घोड़े दौडाने लगती है,,,,तबी उस के दिमाग में ,,,,कुछ आता है जिसे सोच विधि,,,,मुस्कुराते हुए ,,,,,,जल्दी से अपना बैग उठा ,,,,,वह भी नीचे की तरफ चली जाती है

आज के लिए बस इतना