अनकही कहानी Dhruv Soni द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

अनकही कहानी




एक छोटे से गाँव में, जहाँ की गलियों में सादगी और मासूमियत बसी थी, वहीं एक लड़का और लड़की रहते थे। लड़के का नाम अर्जुन और लड़की का नाम राधा था। दोनों का बचपन साथ-साथ बीता था। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि वे एक-दूसरे के बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे।



जैसे-जैसे समय बीता, अर्जुन और राधा की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगी। एक दिन, जब वे गाँव के तालाब के किनारे बैठे थे, अर्जुन ने राधा की आंखों में देखते हुए कहा, "राधा, क्या तुमने कभी सोचा है कि हमारे बीच की यह दोस्ती कभी प्यार में बदल जाएगी?" राधा ने मुस्कुराते हुए कहा, "अर्जुन, मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। शायद यही प्यार है।"



अर्जुन ने एक दिन हिम्मत करके राधा से अपने दिल की बात कह दी। उसने कहा, "राधा, मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ। क्या तुम मेरी जिंदगी में हमेशा के लिए शामिल होना चाहोगी?" राधा ने भी अपनी भावनाओं को छुपाए बिना कहा, "अर्जुन, मैं भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ।" और इस तरह उनका प्यार और भी मजबूत हो गया।


लेकिन उनकी खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई। जब अर्जुन और राधा ने अपने परिवारों को अपने प्यार के बारे में बताया, तो दोनों के परिवारों ने उनके प्यार को स्वीकार करने से मना कर दिया। अर्जुन के पिता ने कहा, "यह रिश्ता हमारे खानदान की इज्जत के खिलाफ है।" राधा के माता-पिता ने भी उसी तरह का रुख अपनाया।



अर्जुन और राधा ने अपने परिवारों की इच्छा के आगे झुकते हुए एक-दूसरे से अलग होने का फैसला किया। लेकिन दोनों का दिल टूट चुका था। वे दिन-रात एक-दूसरे को याद करते रहते थे। राधा ने अपने कमरे की खिड़की से बाहर देखते हुए सोचा, "क्या हमारा प्यार सच में इतना कमजोर था कि हमें अलग होना पड़ा?"



अर्जुन ने अपना गाँव छोड़ने का फैसला किया और एक बड़े शहर में जाकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की। वह हमेशा राधा की यादों में खोया रहता था, लेकिन उसने खुद को काम में व्यस्त कर लिया। वहीं, राधा ने भी अपने दर्द को भूलने की कोशिश की और अपने परिवार की खुशी के लिए जीना शुरू कर दिया।



समय बीतता गया और अर्जुन और राधा ने अपने-अपने रास्ते पर चलना शुरू कर दिया। लेकिन उनके दिलों में एक-दूसरे के लिए प्यार अभी भी जिंदा था। अर्जुन ने शहर में एक बड़ी कंपनी में नौकरी कर ली और राधा ने भी अपने गाँव में एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया।



एक दिन अर्जुन की कंपनी का काम उसे उसके गाँव ले आया। जब वह गाँव पहुँचा, तो उसकी यादें ताजा हो गईं। वह तालाब के किनारे जाकर बैठा और सोचने लगा, "क्या राधा अब भी मुझे याद करती होगी?" उसी समय, राधा भी वहाँ आई और दोनों की नजरें मिलीं।



अर्जुन और राधा ने एक-दूसरे को देखकर अपने पुराने दिनों को याद किया। दोनों ने एक-दूसरे से कहा, "हमारा प्यार कभी नहीं मरा था।" अर्जुन ने राधा से कहा, "क्या तुम अब भी मुझसे प्यार करती हो?" राधा ने आँखों में आँसू भरकर कहा, "हाँ अर्जुन, मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ।"


अर्जुन और राधा ने अपने प्यार को फिर से जिन्दा करने का फैसला किया। उन्होंने अपने परिवारों से फिर से बात की और इस बार उनके परिवारों ने उनके प्यार को स्वीकार कर लिया। दोनों ने एक-दूसरे के साथ नई जिंदगी की शुरुआत की और इस बार उनका प्यार कभी नहीं टूटा।



अर्जुन और राधा की यह अनकही कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्यार कभी नहीं मरता। वक्त और हालात चाहे जैसे भी हों, अगर प्यार सच्चा है तो वह हमेशा जिन्दा रहता है। उनकी कहानी हमारे दिलों में हमेशा के लिए बसी रहेगी, एक ऐसी कहानी जो हमें सच्चे प्यार की ताकत का एहसास दिलाती रहेगी।