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प्यार अंधा होता है


प्यार अंधा होता है –
हितेश नाम का लड़का एक बहुत बड़े तथा अमीर घर से रिश्ता रखता था। मेरा कहने का मतलब है कि वह लड़का मतलबी रितेश के पिताजी एक बहुत बड़ी नौकरी तथा उसका एक बहुत बड़ा साम्राज्य हुआ करता था। जिस कारण से हितेश अपने बाप के पैसों पर बहुत ज्यादा घमंड किया करता था।

वह बहुत सारे दोस्तों को और बहुत सारे गर्लफ्रेंड को एक बार एक साथ रखा करता था। पैसों के इतनी ज्यादा अमीर होने के कारण लोगों को कुछ भी नहीं समझा करता था सभी से झगड़ा किया करता था और सभी के साथ बहुत ज्यादा बुरे मानसिकता वाले हालात से पेश आता था।

यही कारण है कि हितेश का कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं था वह जितने भी फ्रेंड के साथ रहता था जितने भी दोस्त के साथ रहता था वह सिर्फ उसके साथ उसके पैसों पर मौज मस्ती करने के लिए रहता था। लेकिन जब हितेश किसी मुश्किल में फंस जाता था तो कोई भी दोस्त उसकी मदद करने के लिए बिल्कुल भी आगे नहीं आता था।

हितेश बहुत ज्यादा अपने फ्रेंड तथा दोस्तों के साथ टूर करने के लिए बाहर बाहर देश है जाया करता था। क्योंकि उनके पिताजी के पास इतनी ज्यादा दौलत थी कि कितना भी हितेश का उस दौलत में से पैसा उड़ा दे उसका कम नहीं होने वाला था।

इस कारण से हितेश उस दौलत को लेकर बहुत ज्यादा घमंड किया करता था और हमेशा अपने दोस्तों को बहुत ज्यादा पार्टी दिया करता था और फिर उसके साथ घूमने के लिए जाने के लिए कहां करता था।

हितेश को लड़की की लत लग गई थी वह लड़कियों के साथ बहुत ज्यादा है समझ किया करता था। ज्यादा पैसा होने के कारण वह बहुत सारी लड़कियों के साथ घूमा करता था तथा बाहर डांस में जाकर लड़कियों के साथ बाहर डांस भी किया करता था। वह रिसोर्ट में जाकर लड़कियों को खाना खिलाता था और फिर घूमने के लिए टूर पर जाया करता था।


एक दिन जब हुआ किसी कारण से अपनी छत पर टहल रहा था तो उसके घर के सामने एक छत पर एक कहां से और बहुत ज्यादा खूबसूरत लड़की टाइल रही थी। हितेश अपने पैसे के दम पर सोचा कि चाहे कोई भी लड़की हो अगर हितेश एक बार इशारा कर देगा तो कोई भी लड़की उसके आगे अपनी एटीट्यूड को नहीं रखेगी।

लेकिन वह एक अच्छे और अच्छे परिवार से बिलॉन्ग करती थी वह लड़की ऐसी वैसी लड़की नहीं थी जो किसी की पैसों को देखकर उनके साथ चला जाए। उस लड़की को हंसाने के लिए हितेश बहुत तरह से उसको लालच देने का प्रयास करता था।


लेकिन वह लड़की ऐसी वैसी लड़की बिल्कुल भी नहीं थी कि किसी की बातों में आ जाए। हितेश चाहे जितने लोगों को जितनी लड़कियों को उसके पास भेजता था बोलने के लिए लेकिन वह लड़की बिल्कुल भी बात मानने के लिए तैयार नहीं थी।

हितेश लड़की के लिए मानव जैसे पागल होता जा रहा था। क्योंकि हितेश के अंदर इतनी ज्यादा एटीट्यूड था कि अगर वह लड़की ना कर दिया तो उसमें बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था। हितेश सोच रहा था जिस कारण से भी वह लड़की मना कर रही है हम चाहे कितना भी पैसा उसे दे देना कि ना अपने साथ उसे घूमने पर मजबूर कर देंगे।

एक भी नहीं पैसे किसी लड़की फ्रेंड को उसके घर भेजने के लिए कहती है लेकर जाओ उस लड़की को बोलो कि जितना पैसा लेना है जितना खाना है जितना घूमना है मेरे से ले लो लेकिन मेरे साथ घूमने के लिए तैयार हो जाओ। लेकिन किसी भी परिस्थिति में वह लड़के तैयार होने पर आज ही नहीं हो रही थी इस बात को सुनकर हितेश को बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था।


अब धीरे-धीरे हितेश बिल्कुल भी बदलने लगा था। हितेश कॉम उस लड़की के अलावा कोई भी लड़की नहीं दिखती थी। जितनी भी लड़की के साथ हितेश घुमा करता था। अब वह उन लड़कियों से बिल्कुल भी दूर हो चुका था अब वह ज्यादातर वक्त अपना घर में ही गुजारा करता था।

जब वह लड़की अपनी छत पर आया करती है तो हितेश अपनी चाहत से उस लड़की को निहारने का प्रयास करता था उसे मनाने का प्रयास भी करता था। लेकिन शायद उस लड़की को हितेश के बारे में पूरी जानकारी होगी इसी कारण से वह लड़की हितेश के पास ना जाने के लिए बहुत सारे बहाना बनाया करते थे।

उस लड़की के पिताजी एक सरकारी विभाग में कार्य कर रहे थे जिसका ट्रांसफर होने के बाद वह हितेश के घर के पास वाले अपार्टमेंट में रहने के लिए आया था। वह लड़की दूर से आने के कारण उसका कोई दोस्त नहीं था। लड़की कहीं घूमने घूमने के लिए भी नहीं जाया करती थी

क्योंकि घूमने के लिए उसका कोई सहेली नहीं थी नया होने के कारण वह अकेले घूम भी नहीं पा रहे थे। ऐसे तो वहां के ज्यादातर लड़कियां अच्छे स्वभाव की नहीं थी जिस कारण से उस लड़की को कोई भी सहेली पसंद नहीं आ रही थी।

हितेश उस लड़की को हमेशा ही याद किया करता था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कुछ भी ना बीत जाने के बाद वह लड़की अपने अपार्टमेंट को छोड़कर जाने ही वाली थी। क्योंकि उसके पिताजी एक सरकारी ऑफिसर थे और उसका ट्रांसफर 3 महीने में दूसरी जगह हो जाया करता था।


जैसे ही उस शहर में उसे केदारी का 3 महीने गुजर गया उसकी ट्रांसफर अब किसी दूसरे जगह हो गया था। ऐसे में हितेश बहुत ज्यादा दुखी रहने लगा था क्योंकि वह जिसे प्यार करता था कभी भी उसे वह बात नहीं कर सका था।

जैसे ही इस बात की जानकारी हितेश को हुआ हुआ बहुत ज्यादा दुखी हुआ और सोचने लगा कि मेरी क्या गलती है कि मुझे वह लड़की आज तक सही से देखा भी नहीं। लेकिन माना कि था उस शहर में उस दिन अंतिम दिन था हितेश आता था कि उस लड़की से मुलाकात करके कुछ बात किया जाए।


जब वह लड़की बाहर जा रही थी तो हितेश नहीं जा रहा था जैसे ही लड़की देखा तो हितेश रुक गया। हुआ है लड़की हितेश के पास जा पहुंची थी और हितेश को कह रहे थे कि मुझे आपसे कुछ बात करना है।

वह लड़की है देश को कहता है कि आपके अंदर पैसों की बहुत ज्यादा घमंड है। और आपने बहुत सारी लड़कियों की जिंदगी को बर्बाद किया है। जिस कारण से भगवान तुम्हें यह सजा दिया है कि कोई भी अच्छी लड़की तुम्हें मिलना तो दूर की बात है तुम्हें दिखेगी भी नहीं।

ऐसा कहकर माना कि आगे बढ़ जाती है हितेश मन ही मन अपने आप को कोसता रहता है। हितेश सोचता है कि जो मेरे पास इतने पैसे है और कोई अच्छी लड़की ही नहीं मिलेगी मेरे पास इतने पैसों की क्या कर सकते हैं

यह बात बिल्कुल सच है दोस्तों पैसा चाहे कितना भी हो जाए। मनुष्य को कभी भी अपने पैसों पर बिल्कुल भी घमंड नहीं करना चाहिए। पैसा चाहे जितना भी हो जाए वह आपके करैक्टर को नहीं सुधार सकता है। यदि आपके पास बहुत ज्यादा पैसा है तो उसे संभाल के रखी है वह अच्छी चीजों में उपयोग करें।