हक है सिर्फ मेरा - 1 simran द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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हक है सिर्फ मेरा - 1

हक है सिर्फ मेरा ........

एक नई कहानी , नए किरदार बस प्यार वही जो हर किसी के नसीब में नहीं !

अब इस कहानी में प्यार की कोई जगह है या नही ये जानने के लिए हम एक सफर शुरू करते है " हक है सिर्फ मेरा "

वार्ष्णेय विला .....

मुंबई का सबसे बड़ा रिच विला , जहा पर सिर्फ दो फ्लोर थे । फर्स्ट फ्लोर पर स्विमिंग पूल था , जिम, थियेटर और किचन था और साथ ही लेफ्ट में एक स्टडी रूम जो किसी लाइब्रेरी से कम नही थी ।

तो वही सेकंड फ्लोर पर सिर्फ दो रूम्स थे एक गेस्ट रूम और एक मैन बेडरूम ,

वार्ष्णेय विला को बहुत अच्छे से डिजाइन किया गया था बिल्कुल मॉडर्न तरीके से । लेकिन बाहर से भी उतना ही स्टाइलिश और मॉडर्न था ।

स्टडी रूम ....

जहा पर अभी सिर्फ अंधेरा था । लेकिन खिड़की से आ रही चांद की रोशनी बुक्स पर गिर रही थी । जो इस वक्त स्टडी रूम को काफी खूबसूरत बना रहा था ।

तो वही कोई इस वक्त लैपटॉप पर काम कर रहा था । उसकी काली गहरी आंखे लैपटॉप को ध्यान से देख रही थी ।

उसकी आईब्रोस एक दम से ऊपर हो जाती है और माथे की लकीरें एक साथ आ जाती है । कि तभी लैपटॉप के साइड में पड़ा फोन बजने लगता है ।

वो अपने मुलायम हाथ से अपने फोन पर आ रही कॉल को एक झटके से रिसीव कर लेता है और चेयर से खड़े होकर खिड़की के पास चला जाता है ।

लेकिन अगले ही पल वो चांद को देखते हुए अपनी गहरी आवाज में कहता है ; hello....

चांद की रोशनी इस वक्त उस लड़के के चेहरे पर पड़ रही थी । उसका दूध जैसा फेयर कलर इस वक्त चांद की रोशनी में चमक रहा था ।

उसके सिल्की बाल जो एक हेयरस्टाइल में

अच्छे से लग रहे थे । उसकी तीखी नाक , माथे पर एक छोटा सा कट, गुलाबी मुलायम होंठ , काली गहरी आंखे जिससे हर कोई मदहोश हो जाता है ।

इस वक्त उस लड़के ने ब्लैक कलर का थ्री पीस सूट पहना था । वो अपने दूसरे हाथ से ब्लेजर उतारने लगता है जिससे उसकी मस्कुलर बॉडी की शेप साफ साफ दिखाई देने लगती है ।

उसके हाथ की कलाई में इस वक्त ब्रांडेड वॉच थी । पैरो में ब्लैक कलर के शूज ।

तभी दूसरी तरफ से आवाज आती है : विघ्न कल तुम्हारी होने वाली बीवी इंडिया आ रही है , तुम्हे उसे रिसीव करने जाना होगा ।

ये और कोई नही विघ्न वार्ष्णेय जो इंडिया का ही नही वर्ल्ड का बिजनेस किंग है । जिसके इशारे पर पूरी बिजनेस इंडस्ट्री चलती है ।

विघ्न जेसे ही ये सुनता है उसकी आंखे एक दम से गहरी हो जाती है वो अपनी रौबदार आवाज में कहते हुए : नही !

बस एक शब्द विघ्न के मुंह से बोला था और उसने अगले ही पल को कॉल को कट कर दिया था ।

वो अपनी टाई को अपने लेफ्ट हैंड से उतारते हुए वापिस से चेयर पर आकर बैठ जाता है और अपने काम मे लग जाता है ।

तो वही दूसरी और ....

एक लड़की किसी लड़के का हाथ पकड़े हुई थी । और उसके कंधे पर अपना सिर रखते हुए बीच के किनारे पर चल रही थी ।

तो वही सामने एक लड़की खड़ी थी जो गुस्से से इस कपल को देख रही थी ।

वो लड़की गुस्से से चिल्लाते हुए कहती है : रूक जाओ ! आयुष कोन है ये लड़की ! मेरी तुमसे शादी होने वाली है ।

उस लड़की आंखो से आंसू गिर जाते है और वो जेसे ही उस लड़के के साथ वाली लड़की को खींचने ही वाली होती है की वो लड़का जिसका नाम आयुष है वो एक दम से सामने वाली लड़की का हाथ पकड़ लेता है और गुस्से से कहते हुए : सुनो ! मै तुमसे आखिरी बार कह रहा हु । मै तुमसे प्यार नहीं करता हु । ना ही मै तुमसे शादी करना चाहता हु । ये मेरी गर्लफ्रेंड प्लीज यहां से चली जाओ ।

वो लड़की गुस्से से आयुष को देखती है और जल्दी से रोते हुए वहा से भाग जाती है

वही जो लड़की आयुष के साथ खड़ी थी उसके चेहरे पर एक छोटी स्माइल आ जाती है और एक झटके से आयुष से दूर हो जाती है ।

आयुष जेसे ही उस लड़की की तरफ देखता है तो चांद की रोशनी सीधा उस लड़की पर पड़ रही थी । काली गहरी आंखे जिसमे हर कोई डूबना चाहे । बड़ी बड़ी पलके , गुलाबी पतले होंठ । कमर से नीचे जाते बाल । दूध जैसा गोरा रंग । हाइट कुछ 5 "2 इंच ।

इस वक्त उस लड़की ने व्हाइट कलर का टॉप और ब्लैक कलर की जींस पहनी थी । पैरो में ब्लैक बेली । लेकिन उसके पैरो में एक ब्लैक कलर का धागा ।

आयुष उस लड़की की आंखो में देखते हुए : आहुति जी ये लीजिए आपके पैसे !

कयामत की खूबसूरती है आपके पास तो आपको ये नाटक करके पैसे कमाने की क्या ज़रूरत है !

ये और कोई नही आहुति रॉय थी वो अपने लंबे मुलायम हाथों से पैसे पकड़ लेती है और धीरे से कहते हुए : क्लाइंट है आप मेरे वही बनकर रहिए ! मुझे पसंद नही कोई मेरी पर्सनल लाइफ के ऊपर सवाल करे ।

आहुति इतना ही कहती है और चुप चाप वहा से चली जाती है ।

कुछ देर बाद ....

आहुति जेसे ही अपनी कार के पास जाकर खड़ी होती है । और जेसे ही कार का डोर ओपन करने लगती है वैसे ही उसके फोन पर एक कॉल आती है ।

वो जेसे ही अपने हाथ में फोन को देखती है तो उसकी माथे की लकीरें एक साथ आ जाती है ।

अगले ही पल वो कॉल को गुस्से से रिसीव करते हुए कहती है : अब क्या है आपको ...

सुबह से 36 बार फोन कर चुकी है आप , बोल तो दिया पहुंच जाऊंगी एयरपोर्ट किसी विघ्न नाम की होने वाली बीवी का नाटक करने के लिए ।

अब आपने अगर एक बार और फोन किया तो कसम से वार्निंग दे रही हू मै ये काम अभी के अभी छोड़ दूंगी।

तभी दूसरी तरफ से एक औरत की आवाज आती है : क्या तुम मेरी एक बार बार सुनोगी ! तुम्हे कल एयरपोर्ट नही जाना है सीधा मेरे घर आना है । वो विघ्न वार्ष्णेय ने माना कर दिया है तुम्हे एयरपोर्ट से लाने से ।

तुम कल सुबह ही आ जाना । हम कुछ जरूरी बाते करेंगे यहां।

वो औरत इतना ही कहती है और झट से फोन को कट कर देती है ।

वही आहुति गुस्से से ; क्या ड्रामा लगा रखा है । दिमाग ही खराब कर दिया है सुबह से ।

आखिर कोन थी ये औरत जिसने आहुति को विघ्न वार्ष्णेय की होने वाली बीवी का नाटक करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया ? क्या मोड़ लेगी इसके बाद कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " hak hai sirf mera "