चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 2 Rajesh Rajesh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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चिकनी मिट्टी की प्रेमिका - भाग 2

"आपकी बातों में सच्चाई तो नजर आ रही है लेकिन फिर भी मुझे एक बात का सच-सच जवाब दो कि अगर आपकी सौतेली मां माया 20 वर्ष पहले मर चुकी है, तो उसने आपको अब तक कैसे जीवित छोड़ रखा है और तुम्हें अपनी मृत सौतेली मां की आत्मा के साथ रहने में भय नहीं महसूस होता है।" राज पूछता है?

"वह मरने से पहले और मरने के बाद भी मुझे अपनी सगी बेटी जैसे प्यार करती है और माया कोई साधारण चुड़ैल नहीं है, वह जब जीवित थी तो माता काली की बहुत बड़ी भगतनी थी, काली मां की कृपा से लोगों की जटिल से जटिल समस्या चुटकियों में हल कर दिया करती थी, आज भी वह इतनी शक्तिशाली है कि मेरे शरीर में प्रवेश करके दिन रात कहीं भी घूम फिर सकती है, मेरे पिता की अंतिम संस्कार का सामान बेचने की दुकान पर माया ही कभी खुद कभी मेरे शरीर में प्रवेश करके सामान बेचती है, अगर वह मेरे शरीर का अंत कर देगी तो अपनी जटिल से जटिल समस्याओं का हल कैसे करेगी और उसने मेरे शरीर में प्रवेश करके ही आपको ढूंढा था, आपसे मेरी तस्वीर बनवाई थी, लेकिन अब मैं जल्दी से जल्दी माया मां की असंतुष्ट आत्मा से छुटकारा पाकर साधारण युवती की तरह अपना घर परिवार बसाना चाहती हूं, लेकिन मेरी सौतेली मां माया को आपको अपने साथ ले जाए बिना शांति नहीं मिलेगी और मैं कभी भी नहीं चाहूंगी कि भरी जवानी मैं आपकी मौत हो बस मुझे इतना ही कहना था आपसे।" रत्ना यह कहते कहते उदास हो जाती है

"जब आप मेरे जीवन की रक्षा करने के लिए एक शक्तिशाली चुड़ैल के साथ रहने के लिए तैयार हो तो मैं आपको इस मुश्किल से बाहर निकाले बिना कैसे यहां से अपनी जान बचाकर भाग सकता हूं और आपकी तस्वीर बनाते-बनाते मुझे आपसे प्रेम हो गया था, मुझे इस बात की भी खुशी है कि मैंने जिस खूबसूरत लड़की से प्रेम किया है, वह शारीरिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी आत्मा से भी सुंदर है, अगर मुझे आपका साथ मिल जाए तो मैं दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या चुटकियों में हल कर दूंगा,अब आप मुझे जल्दी बताओ कि आप जीवन भर मेरा साथ दोगी।" राज पूछता है?

"मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा है कि मेरी किस्मत में आप जैसा पढ़ा लिखा खूबसूरत गुणवान युवक लिखा है, मैं जीवन भर आपकी दासी बनने के लिए तैयार हूं।" और रत्ना के यह कहते ही तभी राज को माया हवा में उड़ती हुई अपनी तरफ आती हुई दिखाई देती है।

राज माया को अपनी तरफ आता हुआ देखकर रत्ना का हाथ पकड़ कर रत्ना को अपने साथ लेकर रत्ना के घर के अंदर घुस जाता है, माया के घर से बाहर जाते ही बिजली आ जाती है।

राज घर का दरवाजा बंद करके अपने गले का केदारनाथ से खरीदा हुआ महादेव और पार्वती माता का लॉकेट दरवाजे की कुंडी में कस कर फंसा देता है, जिससे कि चुड़ैल माया ईश्वर की शक्ति से घर के अंदर प्रवेश न कर पाए।

माया चुड़ैल दरवाजे को जोर-जोर से पीट कर चीख चीखकर कहती है "रत्ना मैंने तुझे सदा अपनी बेटी की तरह प्यार किया है, तू अपनी मां समान औरत को इतना बड़ा धोखा देगी, उसके पिछले जन्म के मित्र को उससे जुदा करेगी, जिस मित्र से मिलन के लिए वह वर्षों से तड़प रही है।" तभी दरवाजे के पीछे से माया चुड़ैल के बोलने के बाद राक्षस जैसे किसी पुरुष की डरावनी भयानक आवाज आती है, रत्ना घर के दरवाजे की कुंडी से परमात्मा का लॉकेट हटा दे वरना मैं अगर मकान की दीवार को गिरकर घर के अंदर आ गया तो राज चित्रकार के साथ तेरा भी कलेजा फेफड़ा गुर्दा निकाल कर खा जाऊंगा।"

उस डरावनी आवाज को सुनकर राज रत्ना से पूछता है? "यह माया चुड़ैल के साथ भूत कौन है।"

यह भूत नहीं जींद है यह माया पर तब से फिदा है, जब माया18 वर्ष की खूबसूरत युवती थी, माया जान बूझकर इसको रिझाने के लिए कस्तूरी इत्र लगाकर गांव के उस सूखे कुएं पर जाती थी, जहां इस जींद का निवास स्थान था।" यह बात कह कर रत्ना रोने लगती है

"आप क्यों रो रही हो जान तो मेरी जाने वाली है।" राज कहता है "ऐसे शब्द अपने मुख से मत निकालो मैं अपनी जान दे दूंगी, लेकिन आपको आंच भी नहीं आने दूंगी।"

"हम दोनों को कुछ नहीं होगा बस आप अंगीठी से कुछ लकड़ी के कुछ पत्थर के बिना जले कोयल निकाल कर ले आओ।" राज कहता है

रत्ना से लकड़ी पत्थर के कोयले लेकर राज तुरंत मकान की चारों दीवारों पर हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्म के ईश्वर और धार्मिक स्थानों की तस्वीरें बनाना शुरू कर देता है, उसके ऐसा करने से घर के बाहर से चुड़ैल माया जींद कि डरावनी भयानक आवाज़ें आना धीरे-धीरे कम हो जाती है और चुड़ैल माया जींद कि आवाज़ें पूरी तरह बंद होने के बाद राज रत्ना से कहता है "घर में कोई लकड़ी की टेबल या लकड़ी की कुर्सी है।"

"लकड़ी की टेबल कुर्सी तो नहीं है लेकिन आपको उनका करना क्या है।"रत्ना पूछतीं है?
"मुझे सूखी लकड़ियों से आग जलनी है, ताकि बिजली जाने के बाद भी घर में अंधेरा ना हो और सबसे जरूरी बात शायद आपको भी पता होगी कि अग्नि से शैतानी शक्तियां दूर रहती है।" राज कहता है

"ठीक है मैं सब समझ गई हूं, घर में बहुत से सुखे बांस पड़े हुए हैं और पत्थर लकड़ी के कोयल भी है, मैं उन सबको इकट्ठा करके अभी लाती हूं।" रत्ना के यह बात कहते ही बिजली चली जाती है और मकान की गटर की छत से एक बड़ी सिली निकाल कर उसके घर के फर्श पर गिरती है, उस छत के छेद से माया चुड़ैल जींद के साथ झांकर कहती है "तू मेरे प्रेमी को मुझसे कितना भी बचाने की कोशिश करे लेकिन मैं उसे अपने साथ ले जाए बिना मानने वाली नहीं हूं।"

जीवन में पहली बार इतनी भयानक चुड़ैल और जींद को साक्षात देखने के बाद राज बेहोश हो जाता है किंतु रत्ना तो बचपन से दिन रात माया चुड़ैल जींद के साथ रहती आई थी, इसलिए वह बिना भयभीत हुए राज के काहे के मुताबिक सुखे बांस और लकड़ी पत्थर के कोयले को इकट्ठा करके तेज अग्नि प्रज्वलित कर देती है और राज को अपने पास आग के करीब लिटा कर होश में लाने का प्रयत्न करने लगती है, घर में आग जलते ही जींद माया चुड़ैल छत के छेद से गायब हो जाते हैं।

दो घंटे के बाद राज होश में आने के बाद रत्ना को गले से लगाकर कहता है "बेहोश होने से पहले मेरे मन में अपने पिछले जन्म को अपने सपने में देखने की बहुत प्रबल इच्छा हो रही थी, इसलिए मैंने अपने सपने में अपना पिछला जन्म पूरा देख लिया है।"

"ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई अपना पिछला जन्म अपने सपने में देख ले।" रत्ना कहती है

"ऐसा हो सकता है, मैंने एक अखबार में पढ़ा था कि अगर मनुष्य सोने से पहले यह इच्छा करके सोए कि मुझे अपना पिछला जन्म अपने सपने में देखना है, तो पहले दिन नहीं तो दो चार दिन या सप्ताह के बाद वह अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से अपना पिछला जन्म ही नहीं पिछले कई जन्म देख सकता है, और हां पहले मुझे भी इस अनोखी बात पर विश्वास नहीं हुआ था, लेकिन जब मैंने कई अखबारों मैगजीन और गूगल सर्च करके सर्वे किया, तब जाकर मुझे इस बात पर यकीन हुआ, आप चाहो तो आप भी अपना पिछला जन्म देख सकती हो।" राज बताता है

"आप पढ़े लिखे समझदार गुणवान युवक हो जब आप कह रहे हो तो सच ही कह रहे होंगे, तो फिर आप मुझे बताओ अपने अपने पिछले जन्म में क्या-क्या देखा।" रत्ना पूछतीं है?

"मैंने जो अपने पिछले जन्म में देखा उस पर आप को यकीन नहीं होगा, क्योंकि पिछले जन्म में माया मेरी मित्र यह प्रेमिका नहीं थी बल्कि वह मेरी सबसे बड़ी दुश्मन थी।

"मैं दुर्गा मां सरस्वती मां गणेश भगवान आदि देवी देवताओं की चिकनी मिट्टी से मूर्ति बनाने वाला मूर्तिकार था और माया चुड़ैल मुझसे अपनी मूर्ति बनवा कर दुनिया की शक्तिशाली जादूगरनी स्त्री बनना चाहती थी, उसकी यहां तक इच्छा थी कि वह अमर हो जाए कभी मरे ही ना वह माता काली की बहुत बड़ी पुजारन होने के साथ-साथ जादूगरनी भी थी और वह मेरे हाथों की बनी मूर्ति से ही दुनिया की सबसे शक्तिशाली जादूगरनी स्त्री बन सकती थी क्योंकि मूर्ति बनाने कि कला मैंने कहीं से सीखी नहीं थी, बल्कि मैं तो भेड़ बकरियां गाय आदि जानवर चराने वाला राजस्थान का साधारण सा चरवाहा था मैं अपने पिता के साथ वर्ष में अपने जानवरों को चराते चराते आपके टीकरी गांव तक पहुंच जाता था, मैं अपने पिता जैसे मधुर वाणी में गीत गाना चाहता था, लेकिन मेरी आवाज सुरीली ना होने की वजह से जो भी मेरे गीत सुनता था, वह मेरी बेसुरी आवाज सुनकर हंस-हंसकर लोटपोट हो जाता था।

"फिर एक बार बसंत पंचमी पर मेरे पिता ने मुझसे कहा अगर तू अच्छा गायक बनना चाहता है तो आज बसंत पंचमी का त्यौहार है, दिल से मां सरस्वती कि पूजा कर और प्रार्थना कर कि तू बेहतरीन गायक बन जाए, मेरी सुरीली आवाज हो जाए और 12 वर्ष की आयु से मैंने 20 वर्ष की आयु तक मां सरस्वती की दिन रात पूजा की हर पल मेरी जुबान पर मां सरस्वती का नाम रहता था और एक रात बीस वर्ष की आयु में मां सरस्वती ने मुझे सपने में दर्शन देकर कहा तुझे मैं गायक नहीं मूर्तिकार बनाना चाहती हूं, तू जो भी मूर्ति बनाएगा वह मिट्टी गारे की मूर्ति नहीं होगी, बल्कि वह जीवित स्त्री पुरुष जैसी मूर्ति होगी अगर ब्रह्मा जी की इच्छा होगी तो वह उसमें प्राण भी डाल सकते हैं, इसलिए उस दिन से मैंने इंसानों की नहीं बल्कि देवी देवताओं की मूर्ति बनाना शुरू कर दिया था।

"माया चुड़ैल ने अपनी जादुई शक्ति से इस बात का पता लगा लिया था कि मेरी मूर्तियां जीवित स्त्री पुरुष जैसी होती है, इसलिए जब मैं अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद तुम्हारे गांव में अपने जानवरों को चराने आया तो माया ने मुझे माता दुर्गा और अन्य देवी देवताओं की मूर्ति बनाने के लिए अपने गांव में दुकान खुलवाकर दे दी थी, भेड़ बकरियों गाय के व्यापार से मूर्ति बनाने के व्यापार में मुझे ज्यादा लाभ होने लगा था, इसलिए मैं आपके गांव में रहकर अपनी पसंद का काम मूर्ति बनाने का करने लगा था और जब तक मुझे एहसास हुआ की माया एक खतरनाक जादूगरनी है और वह मुझसे अपनी जीवित मूर्ति बनवाकर दुनिया की शक्तिशाली जादूगरनी स्त्री बनना चाहती है, तब तक मैं माया चुड़ैल की कैद में पूरी तरह कैद हो चुका था।
"और मुझे धुंधला धुंधला सा याद है कि माया चुड़ैल ने मुझसे चाकू की नोंक पर अपनी मूर्ति बनवाई थी लेकिन मैंने माया चुड़ैल की मूर्ति की जगह किसी दूसरी खूबसूरत युवती कि मूर्ति बना दी थी और वह भी मूर्ति मैंने अधूरी बनाई थी,उस युवती की मूर्ति की दाएं हाथ की कनी उंगली (छोटी उंगली) नहीं बनाई थी, ताकि अधूरी मूर्ति होने की वजह से माया चुड़ैल उस मूर्ति का दुरुपयोग ना कर पाए, माया चुड़ैल ने खुशी में मूर्ति को ठीक से देखे बिना चाकू से गोद गोद कर मेरी हत्या कर दी थी और हां मरने से पहले मैंने सुना था कि वह कह रही थी कि मेरी प्यारी सहेली शांति मां बनने वाली है उसकी संतान की आत्मा को मैं इस खूबसूरत युवती की मूर्ति में प्रवेश करवाऊंगी, मेरे पिछले जन्म के सपने से एक बात तो साफ हो गई है कि आपके पिता ने मेरी पिछले जन्म में हत्या नहीं की थी, लेकिन दो बातें समझ में नहीं आ रही है कि माया चुड़ैल ने मेरी याद में तड़प तड़प कर अपनी जान क्यों दी थी और वह किस शांति महिला की बात कर रही थी कि वह मां बनने वाली और वह उस शांति महिला के नवजात बच्चे की हत्या करके उसकी आत्मा को नवनिर्मित मूर्ति के अंदर प्रवेश करवा देगी।"

अपने पिछले जन्म का सपना रत्ना को बताते बताते अचानक राज चित्रकार की नजर रत्ना के दाएं हाथ की जन्म से कटी हुई कनी उंगली (छोटी उंगली) पर जाती है।

अपने इस शक को कि रत्ना ही मेरी वही अधूरी मूर्ति है, यकीन में बदलने के लिए राज रत्ना से उसकी मां का नाम पूछता है? "रत्ना पहले की तरह वही जवाब देती है कि पिता जी का नाम तो रंजीत था, लेकिन अपनी मां का नाम मुझे नहीं पता, क्योंकि मुझे जन्म देते ही मेरी मां की मृत्यु हो गई थी और जन्म के एक वर्ष बाद माया मां और छ महीने बाद पिताजी की माया ने मरने के बाद आज तक मुझे आपके अलावा किसी भी स्त्री पुरुष से बात नहीं करने दी है फिर मुझे कैसे पता चलता अपनी मां का नाम।"

"फिर आपको अपने पिता का नाम कैसे मालूम है।" राज अपने शक को यकीन में बदलने के लिए पूछता है?

"माया मां अपनी और आपकी प्रेम कहानी मेरे पिता ने आपकी हत्या क्यों की रात दिन मुझे सुनती रहती है।" रत्ना बताती है

रत्ना की बातों में सच्चाई है, यह तो राज को समझ आ रहा था, लेकिन उसके सामने यह समस्या थी कि अपने शंका को कैसे मिटाए की रत्ना ही वह मूर्ति है, और जिसे उसने पिछले जन्म में बनाया था और रत्ना की मां का नाम शांति था, जिसकी नवजात बेटी रत्ना की हत्या करके माया चुड़ैल ने उसकी बेटी की आत्मा को उसकी बनाई कनी उंगली कटी हुई मूर्ति में प्रवेश करवा दिया था।

तभी बादलों की तेज गड़बड़हट के साथ बाहर तेज बारिश होने लगती है, रत्ना तेज बारिश की आवाज सुनकर राज से चिपट जाती है और छत के छेद से बारिश का पानी आता देख राज से कहती है "जल्दी से बारिश के पानी को घर में आने से रोको, मुझे पानी से बहुत ज्यादा नफरत है, मुझे डर लगता है कि मेरे शरीर पर पानी पड़ते ही मैं गल जाऊंगी। रत्ना की यह बात सुनकर राज बारिश के पानी की कुछ बूंदें रत्ना के चेहरे पर फेंक कर रत्ना के चेहरे को बारिश के पानी से ऐसे मलता है, जैसे स्त्री पुरुष क्रीम लगाकर चेहरे की हल्के हल्के मालिश करते हैं, उसके ऐसा करते ही रत्ना के चेहरे का रंग छूटने लगता है, राज अपने हाथ पर चिकनी मिट्टी जैसा कुछ देखकर तुरंत अपना हाथ रुमाल से पोंछ लेता है और समझदार राज समझ जाता है कि रत्ना ही वह मूर्ति है और इस रत्ना नाम की मूर्ति में रंजीत और शांति की बेटी कि आत्मा है।

अब मैं चुड़ैल जींद शक्तिशाली चिकनी मिट्टी की मूर्ति के बीच फंस चुका हूं, रत्ना नाम की खूबसूरत लड़की इस दुनिया में है ही नहीं, बस मुझे किसी तरह सूर्योदय तक अपनी जान बचानी होगी।

जिस समय राज इस सोच विचार में डूबा हुआ था, तभी इंस्पेक्टर मिलन का फोन आता है, इंस्पेक्टर मिलन राज से पूछता है? "आप कब तक थाने पहुंचोगे।"

"मैं सुबह होने तक थाने नहीं पहुंच पाउंगा, मैं दिल्ली के सिंधु बॉर्डर के पास वाले टीकरी गांव में आंधी तूफान बारिश में फंस गया हूं और मेरी बाईक भी खराब हो गई है।" राज बताता है

"आपका थाने पहुंचना बहुत जरूरी है, आपके नौकर की लाश के पास पन्नी (पॉलिथीन) में लिपटे दो सफेद रंग के पेपर मिले हैं, उन पेपरो को देखकर मुझे पक्का यकीन हो गया है कि कातिल आपकी हत्या करना चाहता था, लेकिन उसने आपके धोखे में आपके नौकर की हत्या कर दी है और मुझे यह भी शक है यह काले जादू का भी चक्कर हो सकता है, क्योंकि मैं चार-पांच बार उन दोनों सफेद रंग के पेपरो का फोटो खींचकर आपके व्हाट्सऐप पर सेंड करने की कोशिश कर चुका हूं, लेकिन मैं ऐसा कई बार करने के बाद भी सफल नहीं हो पाया हूं और आपके देर करने से मुजरिम हमारी पहुंच से दूर पहुंच सकता है।" पुलिस इंस्पेक्टर मिलन कहता है

उसी समय राज को शैतानी आत्माओं से बचने की तरकीब सूज जाती है, वह इंस्पेक्टर मिलन से कहता है "आप पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके किसी तरह मुझे हाईवे से प्राइवेट टैक्सी पड़वा दे।"

"ओके आप इस समय कहां है, वहां का पता मेरे व्हाट्सऐप पर सेंड कर दें।" पुलिस इंस्पेक्टर मिलन कहता है

राज को अपनी जान बचाने की उम्मीद की किरण दिखाई दे जाती है और वह तुरंत व्हाट्सऐप पर रत्ना के घर का पता सेंड कर देता है, उसके पता व्हाट्सएप पर सेंड करने के बाद रत्ना कहती है "मुझे पता है कि उन दोनों सफेद रंग के पेपरो में क्या लिखा क्या छपा है।" रत्ना की यह बात सुनकर राज की उत्सुकता बढ़ जाती है कि ऐसा क्या लिखा है और क्या छपा है, उन दोनों सफेद रंग के पेपरो में जो पुलिस इंस्पेक्टर मिलन भी बेचैन होकर कह रहा था कि उन पेपरो का मेरे जीवन से संबंध है, इसलिए राज मूर्ति रत्ना से कहता है "जल्दी बताओ उन पेपरो में क्या लिखा और छपा है।"

उसके यह पूछते ही कोई रत्ना के घर का दरवाजा तेज तेज खटखटाने लगता है। राज सहम जाता है कि लगता है माया चुड़ैल जींद घर में दोबारा घुसने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब बाहर से यह आवाज आती है कि मैं पुलिसकर्मी हूं, राज साहब अगर आप घर के अंदर हैं, तो दरवाजा खोल दे मैं आपको अपने साथ लेने आया हूं।" यह सुनकर राज को शांति महसूस होती है, किंतु राज अपनी तसल्ली के लिए थोड़ा सा दरवाजा खोलकर झंकार देखता है तो दरवाजे के पास वर्दी में पुलिसकर्मी को देखकर खुश हो जाता है।

राज रत्ना से विदाई लिए बिना घर से निकाल कर पुलिस वाले के पीछे-पीछे चलने लगता है, लेकिन राज को ऐसा महसूस होता है कि वह अपने जीवन की कोई महत्वपूर्ण चीज छोड़कर जा रहा है, इसलिए वह एक बार पीछे मुड़कर देखता है तो रत्ना दरवाजे की चौखट पर खड़ी होकर उसी को एक टक लगा कर निहार रही थी।

और रत्ना के घर से निकलने के बाद जब राज को बहुत दूर तक पुलिस जिप्सी दिखाई नहीं देती है तो वह पुलिसकर्मी से पूछता है? "पुलिस जिप्सी आपने कहां खड़ी कर रखी है।" जब पुलिस वाला उसकी किसी भी बात का जवाब नहीं देता है तो राज समझ जाता है, मैंने इस पुलिसकर्मी की पूरी जांच पड़ताल किए बिना इसके पीछे-पीछे आकर बहुत बड़ी गलती कर दी है।

और तभी उसके कंधे पर रत्ना हाथ रखकर कहती है "चिंता मत करो मैं आपके पीछे पीछे ही चल रही हूं।" और फिर पास आकर धीरे से राज के कान में कहती है "यह कोई पुलिसकर्मी नहीं बल्कि माया मां का जीद है।"