तू ही है आशिकी - भाग 3 Vijay Sanga द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तू ही है आशिकी - भाग 3

कस्टमर का अपने चाचा को ऐसे चिल्लाने की वजह से अर्जुन को उस कस्टमर पर गुस्सा आने लगा था । अगर उस समय वो कस्टमर वहां पर होता तो अर्जुन उसको जरूर सबक सिखाता ।

अर्जुन के चाचा जैसे ही कस्टमर से बात करने के बाद फोन रखते हैं, अर्जुन उनको देखते हुए कहता है, “ठीक है चाचा जी आप मुझे उस कस्टमर का पता दे दीजिए मैं उनकी गाड़ी पहुंचा कर आता हूं।”

अर्जुन के चाचा उसको इतने गुस्से में देख कर चाभी देना तो नही चाहते थे , लेकिन फिर भी उन्होंने उसको चाभी देकर समझाते हुए कहा, “बेटा अर्जुन..! मुझे पता है की तुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा है , लेकिन बेटा हम गुस्से में ऐसा कुछ नही कर सकते जिससे हमारा काम ठप पड़ जाए। इसलिए बेटा गुस्सा छोड़ और शांत हो जा।”

अपने चाचाजी की बात सुनने के बाद अर्जुन हां में सर हिला देता है। वो गाडी लेकर निकलने ही वाला था कि अचानक से तेज बारिश शुरू हो जाती है । अर्जुन ने सोचा की बारिश थोड़ी कम हो जाए फिर वह गाड़ी छोड़ कर आ जाएगा, लेकिन बारिश थी की रूकने का नाम ही नही ले रही थी।

“अरे बेटा अर्जुन, मुझे नहीं लगता कि यह बारिश अब इतनी जल्दी रुकेगी! तू एक काम कर तू यहीं पर रूक मैं गाड़ी पहुंच कर आता हूं।” अर्जुन के चाचा अर्जुन से कहते हैं।

“अरे चाचा जी आप इतनी बारिश में कहां जाओगे ! वैसे भी आप अगर गाड़ी छोड़ने गए और यहां दूसरा कस्टमर आ गया तो क्या होगा? इसलिए आप यहीं रूकिए, मैं गाड़ी पहुंचा कर आता हूं।” अर्जुन अपने चाचा से कहता है।

वैसे तो उनके गेरेज में दो और भी लोग काम करते थे लेकिन किसी कारण से उन दोनों ने तीन-तीन दिन की छुट्टी ले रखी थी। इसलिए पूरा का पूरा काम अर्जुन के चाचा और अर्जुन को ही संभालना पड़ रहा था।

“ठीक है बेटा तू गाड़ी छोड़ने चला जा, पर ध्यान रखना गाड़ी थोड़ा धीरे चलाना, बारिश की वजह से यहां दिल्ली की सड़कों के गड्ढे नजर नहीं आते।” अर्जुन का चाचा ने उसे समझाते हुए कहते हैं।

“ठीक है चाचा जी मैं इस बात का ध्यान रखूंगा।” अर्जुन अपने चाचा से इतना कहता है और फिर गाड़ी लेकर वहां से निकल जाता है । बारिश की वजह से अर्जुन को गाड़ी पहुंचाने मे थोड़ा ज्यादा समय लगने वाला था।

कुछ देर बाद अर्जुन हाईवे पर पहुंच जाता है। हाईवे पर वो गाड़ी की स्पीड बढ़ा देता है। अर्जुन कुछ दूर चला ही था कि अचानक से उसकी गाड़ी के सामने कोई आ जाता है। अर्जुन ने गाड़ी का ब्रेक लगाया पर बारिश की वजह से ब्रेक लगाने पर भी गाड़ी नहीं रुकी और वह इंसान अर्जुन की गाड़ी से टकरा गया।

अर्जुन ने गाड़ी से उतरकर जब उस इंसान को देखा तो उसकी आंखे फटी की फटी रह गई । उसने एक जवान लड़की को ठोक दिया था । अर्जुन ने जब उस लड़की की नब्ज चेक की , तो उसे उसकी नब्ज महसूस नही हुई ।

“ यह मुझसे क्या हो गया! मेरी वजह से इस लड़की की जान चली गई।” अर्जुन अपना सर पकड़कर उस लड़की को देखते हुए कहता है। वो बहुत ज्यादा घबरा गया था ।

अर्जुन को लगा कि उसको अपने चाचा को फोन करके इस बारे में बता देना चाहिए। वो अपने चाचा को फोन लगाने ही वाला था कि तभी अचानक से वह लड़की उठकर खड़ी हो गई।

जैसे ही अर्जुन में उस लड़की को ऐसे खड़ा होता देखा, तो डर के मारे नीचे गिर पड़ा । वो उस लड़की को ऐसे अचानक खड़ी होते देख घबरा गया था । डर के मारे उसकी बोलती बंद हो गई थी।

अचानक से वो लड़की वहां से भागने लगी। अर्जुन को समझ नही आया की वो ऐसे भाग क्यों रही थी। वो उसको रूकने के लिए कहता है, लेकिन वो लड़की उसकी बात सुने बिना ही वहां से भाग जाती है।

उस लड़की के वहां से जाने के बाद अर्जुन घबराता हुआ गाड़ी में बैठा, और फिर गाड़ी स्टार्ट करके वहां से निकल गया।

अर्जुन ने कस्टमर के पास गाड़ी पहुंचने के बाद उससे पेमेंट ली और बस पकड़ कर वापस गेरेज आ गया।

अर्जुन वापस तो आ गया था पर उसका ध्यान अभी भी उस एक्सीडेंट पर ही लगा हुआ था। अर्जुन को ऐसे हैरान परेशान सा देख कर उसके चाचा उससे पूछते हैं, “क्या हुआ बेटा, तू इतना हैरान परेशान सा क्यूं नजर आ रहा है?”

“अरे कुछ नहीं चाचा जी, वो थोड़ा बारिश में भीग गया हूं ना शायद इसलिए आपको ऐसा लग रहा हूं।” अर्जुन अपने चाचा से नजरे चुराते हुए कहता है ।

शाम को गेराज बंद करके जब अर्जुन और उसके चाचा घर पहुंचे तब अर्जुन के चाचा का ध्यान अर्जुन पर गया। वो अभी भी परेशान सा नजर आ रहा था। “बेटा अर्जुन...! मुझे सच सच बता की बात क्या है ? तू जबसे कस्टमर के पास गाड़ी छोड़कर आया है तबसे मैं देख रहा हूं की तू कुछ परेशान सा लग रहा है।”

अपने चाचा के मुँह से ये सवाल सुनकर अर्जुन सकपका जाता है। “आप किस बारे मे बात कर रहे हो?” अर्जुन की चाची ने अर्जुन के चाचा का सवाल सुन लिया था, इसलिए वो उन दोनो को देखते हुए पूछती है।

“अरे आज मैंने अर्जुन को एक कस्टमर की गाड़ी पहुँचाने को कहा था। लेकिन वो जब गाड़ी पहुंचा कर आया तो वो थोड़ा हैरान परेशान नजर आ रहा था। मैंने इससे उस समय पूछा तो इसने मुझे उस समय कहा की बारिश मे भीगने की वजह से ऐसा लगा रहा था। पर मुझे लगता है की बात कुछ और है!” अर्जुन के चाचा अर्जुन को देखते हुए अपनी पत्नी से कहते हैं।

अर्जुन को अब लगने लगा की उसे अपने चाचा चाची को इस बारे मे बता देना चाहिये। उसके मन मे ये भी बात चल रही थी की अगर उस एक्सीडेंट की वजह से कुछ गड़बड़ी हुई तो बात उसके घर तक आ जायेगी। इसलिए उसने सोचा की कुछ ऐसा हो उससे पहले ही उसे अपने चाचा चाची को सब कुछ बता देना चाहिये।

अर्जुन अपने चाचा चाची से कुछ बोलने ही वाला होता है की तभी पूनम निहाल और सुमित भी वहां पर आ जाते हैं। अर्जुन अपने चाचा के पास में आता है और फिर धीरे से उनके कान में कुछ कहता है।

अर्जुन के चाचा उसकी बात सुनते ही परिवार के बाकी लोगों को देखते हैं और फिर अर्जुन को अपन साथ घर के बाहर चलने के लिए कहते हैं ।

क्या अर्जुन अपने चाचा को एक्सीडेंट वाली बात बता देगा, या वो उनसे वे बात छुपा लेगा? और कहीं इस एक्सीडेंट को वजह से अर्जुन या उसके परिवार को किसी परेशानी का सामना तो नही करना पड़ेगा?

सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए , “ तू ही है आशिकी ”