इश्क एक दीवानगी books and stories free download online pdf in Hindi

इश्क एक दीवानगी

रात के करीबन ११ बजे, अंधेरे कमरे में बड़े से बिस्तर पर बेहद ही खूबसूरत लड़की बिना कपड़ो के बेजान सी पड़ी थी, उसकी बड़ी बड़ी भूरी चमकदार आंखे खुली हुई थी और बस आंसू के रेत उसके एक आंख से निकल दूसरे आंखो पर जा थम जा रहा था और उसके गोरे बदन पर चूमने के कई निशान बने थे।

लड़की की आंखे बस उसके जज्बात को जाहिर कर रहा था, वो इस जिंदगी से आजाद होना चाहती थी, या फिर मरना कुबूल था उसे पर वो यहां और नहीं रह सकती थी। वही कमरे के बड़े से खिड़की के पास खड़ा शख्स जिसका कद ६.३ था और उसकी आंखे डार्क थी उसने अपने पतले होंठ पर सिगरेट टिका रखा था, वो सिगरेट के कस लेते हुए बाहर की तरफ देखे जा रहा था।

उसके बदन पर भी बस तोलिया लपेटा हुआ था, उसका डरावना औरा किसी के शरीर में भी झनझनाहट पैदा कर सकता था, वो दिखने में राज कुमार की तरह बेहद अट्रैक्टिव था पर उसे देख ऐसा लगता जैसे वो नर्क का यमराज हो।

उसने अपने सिगरेट को बुझा, बिस्तर पर पड़ी लड़की के पास अपने धीमे कदमों के साथ जाने लगा, आदमी का आता एक एक कदम सुन लड़की बिस्तर को अपने मुट्ठी में डर से पकड़े जा रही थी, आदमी उसके पास जा अपने एक उंगली को निकाल सेडुक्टिवली उसके चेहरे पर फेरते हुए क्रूरता से बोला ," ये रात अभी खत्म नहीं हुआ है। "

ये बोल वो उसके चेहरे के ठुड्डी को पकड़ उसके चेहरे को ऊपर कर उसके होंठो को देखा, जिसके होंठो पर आदमी के बार बार क्रूरता से चूमने की वजह से गुलाब जैसे कोमल होंठ पर रूखा पन छा गया था। पर वो होंठ अब भी बहुत स्वादिष्ट दिख रहा था , और उसके होठों का स्वाद चखने के लिए आदमी अब भी बेकरार था। उसने उसके होंठो पर अपने होंठ टिका क्रूरता से उसे चूमने लगा, होंठ अब भी इतना स्वादिष्ट था की आदमी अपने होंठो को उससे दूर नही करना चाहता था।

लड़की ने अपने दांत से आदमी के जीभ को कांटने लगी, पर फिर भी आदमी उससे अपने होंठो को दूर नही किया, जब तक आदमी के जीभ से खून बाहर आ लड़की के मुंह में उसके खून का स्वाद नही चला गया। तब तक लड़की उसके जीभ को अपने दांतों से जकड़ी रही पर जैसे ही आदमी के खून का स्वाद उसके मुंह में गया लड़की अपना मुंह खोल दी, पर आदमी के चेहरे पर हल्का सी भी सिकन नही था वो लड़की के जबड़े को कसके पकड़ कठोरता से बोला ," तुम्हारे ऐसे करने से मेरा जानवर पन और भी अधिक बढ़ जाता है। "

लड़की अपने नजरो को आदमी के नजरो से मिला उदासी से बोल पड़ी ," मैं ही क्यों?"

लड़की का सवाल सुन आदमी ने एक कोल्ड मुस्कान के साथ उसे देखते हुए उसके होंठो को सेडिक्टिवली अपने अंगूठे से फेरते हुए बोला ," ये तुम्हारी गलती है, तुम्हे इतना खूबसूरत होना ही नही चाहिए था, अब इस खूबसूरती पर सिर्फ अरमान शेखावत का हक है। "

अरमान शेखावत जो महज 8 साल के उमर में ही अंडरवर्ल्ड के दुनियां का बादशद बन चुका था पर अपने पहचान को उसने एक कड़ोडपति ceo के पीछे छिपा रखा था, वो पूरे दुनिया को अपने हिसाब से कंट्रोल करता था, अब उसका उमर 27 साल का हो चुका है।

दो साल पहले, जन्माष्टमी में मथुरा के सबसे बड़े मंदिर में कृष्ण जन्म उत्सव मनाया जा रहा था, रास्ते में बहुत भीड़ था, गाड़ियां पार होने का भी भीड़ के वजह से जगह नहीं मिल पा रहा था, तभी गुस्से में अरमान अपने कोल्डली आवाज में आपसे असिस्टेंट से कहता है ," इस भीड़ को खत्म करो। "

इतना बड़ा पर्व था, भीड़ को खत्म करना बेहद मुश्किल था फिर भी अरमान का असिस्टेंट वंश कार से नीचे उतर सभी को साइड करने का कोसिस करने लगा, तभी पायल की छनकार ने अरमान का ध्यान आकर्षित कर लिया, भीड़ में भी सुनाई दे रहा छन छन की आवाज अरमान को बेहद सुकून दे रहा था।

अरमान ने कार के आधे खुले खिड़की को पूरा खोल बाहर की तरफ देखा, लाल रंग का घेरे दार सलवार सूट पहने अपने हाथों में फूलो से भरा बड़ा सा ठान पकड़े एक लड़की दौड़ते हुए अपने पायल को छन छन बजाए जाए जा रही थी, अरमान को उसका चेहरा नजर नही आ रहा था, पर उसके काले लंबे सुंदर बाल और गोरे कानो पर झुमके नजर आ रहे थे, अरमान कार से बाहर निकल उस लड़की के तरफ भीड़ को हटाते हुए जाने लगा। वो लड़की उसके मन में , वो उसकी तरफ आगे बढ़ा और तभी वो लड़की गायब हो गई, अरमान अपने नजर को इधर उधर कर देखने लगा तभी गाना के साथ एक लड़की गाने की धुन में नृत्य करती हुई अरमान को नजर आई।

जो है अलबेला मदनैनों वाला,

जिसकी दीवानी ब्रिज की हर बाला,

अरमान उस लड़की का चेहरा ठीक से देख नही पा रहा था उसकी बेताबी उसके चेहरे को देखने के लिए बढ़ते जाने लगा।

वही चारो तरफ से फूल बरस रहे थे और लड़की कृष के गाने में नृत्य कर रही थी।

ये लाइन जैसे ही हुआ, लड़की की सुंदर भूरी नैनन जिसमें काजल के धार खींचे गए थे अरमान को दिखा, गाने के आगे धुन के साथ अरमान को उसका पूरा चेहरा नज़र आ गया, भूरी बड़ी बड़ी सुंदर कजरीली आंखे, गुलाब की पंखुड़ियो जैसा होंठ, सीधी छोटा प्यार नाक, और नाक में नाथ्या पहना हुआ था उसने, वो दिखने में इतनी खूबसूरत थी की अरमान की आंखे झपकना ही बंद हो गई, वो उसे एक टक देखने लगा तभी अरमान का असिस्टेंट उसके पास आ बोला ," सर, रास्ता खाली हो चुका है, आप चल सकते है। "

अरमान ने उसे अपने खा जाने वाले नजर से देखा, फिर आखरी बार उस लड़की को देखा, पहली नजर में ही वो लड़की अरमान का दीवाना बन चुकी थी वो उसे अपना बनाने का जुनून सर पर सवार कर अपने कार की तरफ बढ़ गया फिर कार के अंदर जा बैठ उस लड़की की खूबसूरती को अपने आंखो में बसाए याद करने लगा।

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