तुम्हारा ही खून है - 3 (अंतिम भाग) S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तुम्हारा ही खून है - 3 (अंतिम भाग)

 

                                             भाग 3 - तुम्हारा ही खून है  


नोट - अभी तक आपने पढ़ा है कि दीपा की सास और पति दोनों ने उसे चरित्रहीन समझ कर उसे घर से निकाल दिया  . दीपा अपनी पुरानी सहेली सीमा के साथ रहने लगती है  . दोनों के बच्चे बड़े हो कर नौकरी करने लगते हैं फिर  . कुछ साल बाद दोनों परिवार अलग हो जाते हैं , आगे पढ़ें  …. 

 
शायद उस समय दीपा की जिव्हा पर सरस्वती विराजमान थीं इसलिए उनके मिलने का संयोग भी जल्द ही बन गया  . छः महीने के अंदर मुन्ने ( डॉ सोम )  की पोस्टिंग असम के मिलिट्री अस्पताल में हो गयी  . सीमा भी अपने बेटे के साथ असम आ गयी  . सीमा के बैंक ने उसकी पोस्टिंग असम में कर दी  . 

चंद महीनों के अंदर दोनों सखियां फिर मिलीं  . दीपा ने अपने ही अपार्टमेंट काम्प्लेक्स में अपने ठीक सामने एक फ्लैट बुक कर दिया था  . सीमा जब आयी तब उससे  गले मिल कर दीपा ने कहा “ तुम्हें याद है , मैंने कहा था न 

कि अगर  हमारी दोस्ती सच्ची है तब भगवान ने चाहा तो हमलोग जल्द ही मिलेंगे  . और वह भी सच हुआ इतनी जल्दी  . “ 

“ हां , तेरा कहना सच हुआ  . अब फिर से हम और हमारे बच्चे एक साथ रहेंगे  . “ 

सीमा और दीपा और उनके बच्चों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था  . एक रात डॉ सोम  और बंटी दोनों आपस में बातें कर रहे थे  . डॉ सोम ने कहा “ कुछ दिन पहले मेरे अस्पताल में एक पेशेंट आया है  . एट अ ग्लांस उसे देख कर मुझे  लगा जैसे कि वह तुम्हारा बड़ा भाई हो  . उसका चेहरा डिट्टो तुमसे मिलता है , तेरे जैसी  ही उसकी आँखें और तेरे जैसे घुंघराले बाल हैं उसके  . “ 

“ ऐसा होता है  .  मैंने भी सुना  है कि दुनिया एक जैसे सात चेहरे होते हैं पर वैसा अभी मुझे देखने को नहीं मिला है  . “  बंटी ने कहा 

“ मैं तो कहूंगा कि अगर एक बार तुम उस को स्वयं देख लोगे तब मेरी बात पर तुम्हें पक्का विश्वास हो जायेगा  . “

“ कहाँ इन सब पचड़ों में पड़ रहे हो  . मुझे क्या जरूरत  है उस से मिलने की   . “ 

दीपा और सीमा दोनों उनकी बातें सुन रहे थे  . सीमा ने कहा “ कौन है वह पेशेंट ? “

“ मुझे उसका नाम तो नहीं याद है , आर्मी का कोई रिटायर्ड कर्नल है  . “ 

यह सुन कर दीपा का माथा ठनका  . वर्षों पुरानी यादों के चित्र  उसके दिमाग के पटल पर पुनः दिखने लगे  . कुछ देर खामोश रहने के बाद वह बोली “ क्या हुआ है उस पेशेंट को ? “ 

“ ऑन्टी , वह कर्नल अपनी पत्नी के साथ शिलॉंग घूमने गया था  . एक पहाड़ी पर उसकी जीप का सीरियस एक्सीडेंट हुआ  . पति पत्नी दोनों आगे ही बैठे थे  . शायद आर्मी की जीप थी , कर्नल खुद चला रहे थे  . दोनों को मल्टीपल फ्रैक्चर है  . खतरे की कोई बात नहीं है पर ठीक होने में तीन चार महीने लग जायेंगे  . “ 

“ क्या मैं उसे देख सकती हूँ ? “  दीपा के कहने पर बंटी और सीमा दोनों उसकी ओर देखने लगे  . सीमा को भी दीपा की तरह मन में कुछ आभास हो रहा था कि कहीं यह मनीष न हो  . 

“ श्योर ऑन्टी , कल सुबह मैं राउंड में जाऊंगा तब आप मेरे साथ चल सकती हैं  . बंटी को अभी तक अपने पिता के बारे में दीपा ने कुछ नहीं बताया था  . दीपा बोली “ मुझे रात में ले चलना , बंटी भी तब फ्री रहेगा  . “

“ नहीं , मुझे नहीं जाना है  . तुम दिन या रात जब चाहे जा कर देख लेना  . ऐसा कोई वर्ल्ड का वंडर तो नहीं है कि उसे देखा जाय  . “ 

“ मुझे किसी दिन देर शाम को ले चलना  . “ दीपा ने मुन्ने से कहा 

“ अगले सप्ताह मेरी नाईट शिफ्ट है , आप साथ चल सकती हैं ऑन्टी  . “ 

सीमा ने दीपा से बाद में अकेले में कहा “  तुमने सुना नहीं कि वह अपनी बीबी के साथ था  . तुम क्यों उस से मिलना चाहती हो ? गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या मिलेगा ? कहीं वह मनीष हुआ तब क्या करोगी ? और  बंटी क्या सोचेगा ? “

“ मुझे कुछ नहीं करना है , बस एक बार उसे दूर से देखूँगी  . “ 

“ अगर उसने तुम्हें पहचान लिया तब क्या करोगी ? “ 

“ नहीं , मैं मुन्ना से कहूँगी कि जब वह सोया रहे तब उसको मुझे दिखायेगा  . “ 

अगले सप्ताह एक शाम को मुन्ना ने दीपा से कहा “ ऑन्टी आज आप मेरे साथ चल सकती हैं  . वैसे भी पेशेंट दर्द और परेशानी से बचने के लिए नींद की गोली ले कर जल्दी ही सो जाता है  . “ 

“ और उसकी वाइफ ? “ दीपा ने पूछा 

“ वह भी जल्द ही सो जाती है , वैसे  वह फीमेल वार्ड में अलग रूम में है  . “ 

उस रात जब दीपा अस्पताल जाने लगी तब सीमा ने कहा “ एक मिनट रुक , मैं भी साथ चलती हूँ  . “ 

दीपा और सीमा दोनों मुन्ना के साथ अस्पताल गयीं , दीपा ने  मुन्ना से पेशेंट का नाम पूछा तब वह बोला “ मैं अभी पता कर बताता हूँ  . दरअसल कर्नल  मेरी निगरानी में नहीं है , मैं तो जेनरल फिजिशियन हूँ  . उस दिन राउंड में सीनियर हड्डी स्पेशलिस्ट के साथ उसके केबिन में गया था  . उसे दो दिनों से बुखार था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा  . “ 

उसने नर्सिंग स्टेशन पर फोन कर पूछा “ सिस्टर डॉ सोम हियर , तुम्हारे वार्ड में जो कर्नल एडमिट है उसका नाम बताना  . मैं होल्ड करता हूँ , जल्दी से बताना  .  “ 

कुछ पल बाद नर्स ने कर्नल का नाम बताया “  जय हिन्द सर , वह रिटायर्ड कर्नल मनीष हैं  . “ 

दीपा और सीमा  भी कर्नल का नाम सुनते ही आश्चर्य से एक दूसरे को देखने लगीं  . सीमा ने धीरे से पूछा “ क्या अब भी उस से मिलना चाहोगी ? “ 

“ मिलना नहीं , बस एक नजर देखूं तो सही कि अब भी बंटी से मिलता जुलता है  . “ दीपा ने भी धीमी आवाज में कहा 

“ आपलोग क्या कानाफूसी कर रहीं हैं ? “  डॉ सोम  ने पूछा 

“ कुछ नहीं , इस नाम का एक लड़का स्कूल में मेरे साथ पढता था  . इसलिए मन में कुछ जिज्ञासा थी उसे जानने की  . “ 

कुछ देर बाद   दीपा और सीमा को ले कर डॉ सोम  कर्नल के केबिन में गया  . कमरे में नाईट बल्ब जल रहा था फिर भी कर्नल का चेहरा साफ़ दिख रहा था  . दीपा को कर्नल को  पहचानने में कोई दिक्कत नहीं हुई  . सीमा को कर्नल का चेहरा ठीक से नहीं याद था पर इतना तो निश्चित था कि बंटी का चेहरा कर्नल के  चेहरे का ट्रू कॉपी था  .  

दीपा ने सीमा से कहा “ अब मुन्ना  को बोल कर बंटी और कर्नल के DNA टेस्ट कराओ पर इस तरह कि बंटी को कुछ पता नहीं चले  . “ 

सीमा ने अपने बेटे से कहा “ मुन्ना , तुम किसी तरह बंटी और कर्नल के DNA टेस्ट कराओ पर ध्यान रहे बंटी को इस बात की खबर नहीं हो  . “

“ मम्मी , यह कैसे सम्भव है ? यह अनुचित है , बंटी कोई बच्चा नहीं है  . “   मुन्ने ने कहा 

“ मैं कुछ नहीं जानती हूँ  . एक राज है जो तुम्हें और बंटी को पता नहीं  हैं  . “

“ वह क्या राज है मम्मी ? “ 

“ बेटे तुम्हें मेरी कसम  . तुम्हें बता देती हूँ पर बंटी को किसी कीमत पर नहीं बताना  . कर्नल ही बंटी के पिता हैं  . उनका पैटर्निटी टेस्ट किसी न किसी तरह तुम्हें कराना है  .   “ 

“ ठीक है , कोशिश करता हूँ  . कर्नल अभी कम से कम दो महीने अस्पताल में रहेंगे  . उनका ब्लड सैंपल तो कभी भी ले सकते हैं  . देखते हैं , बंटी का ब्लड कैसे लिया जाय  . “ 

चार पांच दिनों के बाद बंटी को हल्का फीवर और खांसी हुई  . मुन्ना  ने कहा “ बंटी तुम्हें बुखार और खांसी है , तुम्हारा ब्लड टेस्ट कर लेते हैं  . “ 

“ नहीं भैया , यह मौसमी बुखार है दो दिन में अपने आप ठीक हो जायेगा  . “ 

“ हो भी सकता है  . पर जब घर में डॉक्टर है तो रिस्क क्यों लेना है ? बीमारी बढ़ने की संभावना हुई तो उसके पहले ही उसका उपाय कर लेना चाहिए . “ 

मुन्ना ने बंटी और कर्नल दोनों के ब्लड सैंपल लेकर प्राइवेट क्लिनिक में DNA टेस्ट के लिए भेजा  . एक सप्ताह बाद टेस्ट रिपोर्ट आया  . कर्नल ही बंटी के पिता हैं इस बात को   दीपा और सीमा  पहले से ही जानती थीं  .    DNA . रिपोर्ट देख कर मुन्ना को भी संदेह नहीं रहा  . बंटी को छोड़ कर सभी को बंटी के पिता के बारे में पता था. 

मुन्ना , दीपा और सीमा सोच रहे थे कि इस रिपोर्ट को कर्नल तक पहुंचाना है या नहीं  . मुन्ना का कहना था कि बंटी को भी बता देना चाहिए  .  अभी तक वह अपने पिता के बारे में अनजान है , ऑलरेडी बहुत देर हो चुकी है   . अब वक़्त आ गया है , उसे बता देना चाहिए  . फिर सब ने मिलकर फैसला लिया कि कर्नल और उनकी पत्नी के डिस्चार्ज के अंतिम समय में बंद लिफाफे में उनके पैटर्निटी टेस्ट का रिपोर्ट दिया जायेगा  . 

अब कर्नल और उनकी पत्नी लगभग ठीक हो गए थे  . दो सप्ताह की थेरिपी के बाद उन्हें डिस्चार्ज होना था  . मुन्ना एक दिन कर्नल से मिलने गया तब वे बोले “ हेलो डॉक्टर सोम , हमलोगों को अस्पताल से कब छुट्टी मिल रही है  ? “ 

डॉ सोम  ने हँसते हुए “ कर्नल अंकल एंड ऑन्टी , आपलोग इतने दिनों तक यहाँ रहे हैं कि लगता है जैसे आप अपने घर के सदस्य हैं  . आपको जाने ही न दिया जाए  . “ 

कर्नल ने भी हँस कर कहा “ तुमने तो अभी तक घर के किसी मेंबर से मिलवाया नहीं है  . “ 

“ वह भी हो जायेगा , आपके डिस्चार्ज होने तक  . “ 

अगले दिन कर्नल और उनकी पत्नी को अस्पताल से डिस्चार्ज होना था  . डॉ सोम  ने कर्नल से कहा “ ओके कर्नल अंकल एंड ऑन्टी  . कल सुबह आपलोग हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो रहे हैं  . मैंने आप दोनों की फाइल में डिस्चार्ज के लिए क्लीयरेंस दे दिया है  . “ 

“ वैरी गुड , थैंक्स डॉक्टर  . मैं अभी अपनी कल की फ्लाइट बुक कर लेता हूँ  . “   बोल कर कर्नल ने अगले दिन शाम  की फ्लाइट बुक कर ली  . 

अगले दिन सुबह कर्नल अपनी पत्नी के साथ डिस्चार्ज होने के बाद सीधे गौहाटी एयरपोर्ट के लिए रवाना  हुए  . डॉ सोम  ने उन्हें मेसेज किया “ सॉरी कर्नल अंकल , मैं डिस्चार्ज के समय अस्पताल नहीं आ सका  . पर मैं गौहाटी में ही हूँ , आपसे एयरपोर्ट पर जरूर मिलूंगा  . “ 

मुन्ना  ने बंटी से कहा “ चलो आज गौहाटी चलते हैं  . मम्मी और दीपा आंटी दोनों ने शॉपिंग के लिए लिस्ट दिया है  . “ 

मुन्ना बंटी के साथ गौहाटी के लिए निकला  . उसके साथ एक गिफ्ट पॅकेज था जिसे देख कर बंटी ने पूछा “ यह गिफ्ट पैक किसके लिए है  ? “ 

“ ये हमारे मिलिट्री अस्पताल की तरफ से कर्नल के लिए था  . मुझे उन्हें देने की जिम्मेदारी दी गयी थी पर गलती से  पैकेट मेरी कार में रह गया था   . उन्हें एयरपोर्ट पर हैंड ओवर कर देंगे  . “ 

कुछ देर में वे दोनों एयरपोर्ट पर कर्नल के साथ थे  . बंटी  मुन्ना से कुछ  पीछे रह गया  था , डॉ सोम  ने कहा “ सॉरी कर्नल अंकल एंड ऑन्टी  . ये गिफ्ट आपके लिए था , मेरी कार में रह गया था  . और ये मेरे दोस्त और छोटे भाई से मिलिए  “  

कर्नल और उनकी पत्नी ने जब बंटी को देखा तब कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए  . बंटी भी उन्हें गौर से देख रहा था  . मुन्ना ने कहा “ बंटी मैंने तुमसे कहा था न , कर्नल का चेहरा तुमसे मिलता है  . “ 

“ हाँ कहा था  . मैंने भी कहा था कि एक ही चेहरे के एक से ज्यादा लोग दुनिया में बहुत देखे गए हैं  . “ 

एयरपोर्ट से घर लौटते समय मुन्ना ने DNA रिपोर्ट की कॉपी बंटी को दिखा कर कहा “ कर्नल ही तुम्हारे डैडी हैं  . यह बात  दीपा ऑन्टी ने तुम्हें जानबूझ कर नहीं बताई थी  . कर्नल ने बिना कारण ऑन्टी के चरित्र पर शक किया था इसलिए ऑन्टी ने भी उनका तिरस्कार कर दिया था  . खैर अब तुम दीपा ऑन्टी से इस बात की चर्चा नहीं करना , वे पहले से ही बहुत दुखी हैं  .  “

जब कर्नल ने अपने घर जाने पर गिफ्ट पैकेट खोला तब उसमें एक बंद लिफाफा था जिस पर लिखा था - confidential , only for col . Manish  . “

उस लिफाफे में DNA टेस्ट का रिपोर्ट था और  फर्टिलिटी क्लिनिक का रिपोर्ट जिसमें मनीष के स्पर्म फ्रीजिंग का जिक्र था  .  इसके अलावा दीपा की तरफ से सिर्फ एक लाइन लिखा था - मैंने कहा था न कि यह बच्चा तुम्हारा ही खून है  . सब  रिपोर्ट  देखने के बाद उन्होंने अपना सिर पीटते हुए पत्नी से कहा “ मैंने नाहक दीपा के चरित्र पर शक किया था  .  उसकी आह हमें लगी इसलिए अपनी संतान रहते हुए भी आज हम संतान सुख से वंचित  हैं  . “ 

                                                                समाप्त   
नोट - कहानी पूर्णतः काल्पनिक है  .