सीढ़ी Kamini Trivedi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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सीढ़ी

जलधारा अपार्टमेंट
ब्लॉक बी
फ्लैट नंबर २०३
"अंकुर जल्दी करो देर हो रही है ,,, पार्टी में सभी लोग आ गए होंगे हम ही लेट है । जल्दी करो ।" श्रद्धा जल्दी से अपना पर्स लेकर हील्स पहनते हुए घर की चाबियां उठाकर दरवाजे की और भागते हुए कहती है ।

"आया बेबी,, वेट फोर २ मिनट्स" अंकुर ने अपने ब्लेजर पर परफ्यूम छिड़क कर बालों में हाथ घुमाते हुए कहा।
"अंकुर लिफ्ट भी खराब है मैं सीढ़ी से जा रही हूं चाबियां फूलदान के पास रखी है तुम लॉक करके आओ तब तक में गाड़ी निकालती हूं।" श्रद्धा ने कहा।
"ओके डार्लिंग" अंकुर ने कहा ।
फिर श्रद्धा का कोई रिप्लाइ ना पाकर वह फिर आइने के सामने खुद को संवारने लगा । सिटी बजाते हुए वह बालों में जेल लगाने लगा ,, फिर हाथ धोकर अपना पर्स लेकर हाथ में महंगी घड़ी पहन कर वह बाहर आया । तभी अचानक लाइट्स चली गई ।
"ओफ्फो ,, ये लाइट को अभी ही जाना था । वैसे तो कभी जाती नही है । अब मैं चाबी कैसे लूं । उसने अपना मोबाइल निकाल कर टॉर्च खोली तो उसे महसूस हुआ की श्रद्धा वही खड़ी है पर एक सेकंड में टॉर्च बंद हो गई ।
"श्रद्धा तुम वापिस आ गई अच्छा किया सीढ़ी पर काफी अंधेरा होगा।" कहते हुए उसने दुबारा मोबाइल की टॉर्च चालू की तो सामने कोई नहीं था।
"श्रद्धा ,,, श्रद्धा बेबी,,, आर यू देर?" अंकुर श्रद्धा को कॉल करता है पर उसे कॉल नही लगता वह अपना भ्रम समझ कर चाबियां लेकर दरवाजा खोलता है । और बाहर आकर दरवाजा लॉक करता है जैसे वो दरवाजा बंद करता है उसे फिर श्रद्धा के होने का एहसास होता है । लेकिन अगले ही पल वो पाता है कि वहां कोई नहीं है ।
अब वह मोबाइल टॉर्च की मदद से धीरे धीरे सीढ़ी उतरता है ।पर उसे लगता है कोई उसका पीछा कर रहा है लेकिन जब भी वो देखता है उसे वहां कोई नहीं दिखता । अब उसके दिल की धड़कने बढ़ गई थी । साथ ही उसे श्रद्धा की भी चिंता होने लगी थी । वह जल्दी जल्दी सीढ़ी उतरने लगा। अभी वह दो फ्लोर ही नीचे उतरा था की उसे सामने श्रद्धा खड़ी दिखी । श्रद्धा उसकी तरफ पीठ किए खड़ी थी ।
"अरे श्रद्धा, आर यू ओके? यार मुझे तो बहुत डर लग रहा था मुझे २–३ बार तुम्हारे होने का एहसास हुआ यार और देखा तो कोई नहीं। " वह श्रद्धा के पास गया। वह उसके बहुत पास था जैसे ही वह उसके कंधे पर हाथ रखने वाला था कि पीछे से उसे श्रद्धा की आवाज आई ।
"अंकुर,," उसने पीछे देखा तो उसे सीढ़ी के ऊपरी छोर पर श्रद्धा दिखी । अंधेरे की वजह से उसका चेहरा नहीं दिख रहा था पर ड्रेस से वह पहचान गया ।
उसका डर के मारे बुरा हाल था अगर ये श्रद्धा है तो फिर मेरे पास कौन है सोचकर जब वह पलटा तो उसके पास कोई नही था।
उसकी कुछ समझ ही नही आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है ।
"कही ये कोई डरावना सपना तो नहीं ?" सोचते हुए उसने फिर से सीढ़ी के ऊपर देखा वहां भी कोई नहीं था।
अंकुर का कलेजा अब मुंह को आ गया था । उसे अब कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था उसने फिर सीढ़ी उतरना शुरू किया । अभी एक फ्लोर और उतरा ही था कि उसे श्रद्धा की आवाज आई , "अंकुर मेरे लिए रुको" लेकिन अंकुर अब उस आवाज को इग्नोर करके जल्दी जल्दी चलने लगा जब वह सेकंड फ्लोर पर था तब फिर से उसे श्रद्धा ठीक उसी तरह उसकी और पीठ किए खड़ी दिखी। उसने धीरे धीरे अपने कदम बढ़ाए और वह उसके पास जाकर कांपती आवाज़ में बोला,
"श,,,, श,,, श्रद्धा ,,, ये तुम हो ना?"
श्रद्धा की तरफ से कोई जवाब ना पाकर उसने कहा, " कौन हो तुम ? और क्या चाहती हो?"
अब भी वह वैसे ही खड़ी थी। अंकुर ने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रखा ।
"वह जैसे ही पलटी उसे देख कर अंकुर की चीख निकल गई ।
श्रद्धा बहुत ही भयानक दिख रही थी काली आंखे,, लाल डोरे,, चेहरे पर हजारों खून से भरे जख्म और दांत चुड़ैल की तरह लंबे खुले बिखरे बाल ,, वो एक भयानक चुड़ैल की तरह दिख रही थी उसके लंबे नाखून थे और उल्टे पैर।
अंकुर के चीखते ही वहां लाइट्स आ गई और जब अंकुर ने देखा तो वहां कोई नहीं था । वह आसपास नज़रे घुमाकर देखने लगा । उसने सीढ़ी के ऊपर भी देखा और नीचे भी वहां कोई नहीं था ।
तभी उसे गाड़ी का हॉर्न सुनाई दिया। उसने फोन देखा श्रद्धा के तीन – चार मिस्ड कॉल थे।
उसकी कुछ समझ नही आया कि अभी जो कुछ हुआ वो क्या था? सच था या सपना था? या कोई भ्रम?
वह गाड़ी में घबराते हुए बैठा ,, और ध्यान से श्रद्धा को देखने लगा ।

"कितनी देर करदी तुमने अंकुर में कबसे नीचे तुम्हारा वैट कर रही हूं" श्रद्धा ने कहा।
अंकुर ने देखा वह बहुत खूबसूरत लग रही थी। कुछ देर पहले उसने जिस श्रद्धा को देखा था उससे काफी अलग।

"क्या हुआ अंकुर? ऐसे क्यों देख रहे हो?" श्रद्धा ने ड्राइव करते करते ही उससे पूछा।

"न,,,,नही कुछ नही" अंकुर अब भी सामान्य नहीं हो पाया था।
"अभी तो तुम ठीक थे? क्या हुआ अचानक?" श्रद्धा ने फिर पूछा।
"अरे वो लाइट चली गई थी तो चाबियां ढूंढने में परेशान हो गया था।" अंकुर ने कहा।
"लाइट चली गई थी? लेकिन अंकुर लाइट्स तो गई ही नहीं"
"क्या? लेकिन श्रद्धा मैं घर था तब लाइट गई और फिर जब मैने टॉर्च जलाई तो मुझे तुम दिखी। लेकिन गायब हो गई।" अंकुर ने श्रद्धा को पूरी कहानी सुना दी।
"आर यू मेड अंकुर? आज पी कर आए हो ऑफिस से?" श्रद्धा ने कहा।
"श्रद्धा ना जाने वो कौन थी पर वो बस सीढ़ी पर ही बार बार दिख रही थी ।"

श्रद्धा अब अंकुर की बात को अनसुना कर के सामने देख कर ड्राइव करने लगी । अंकुर बार बार श्रद्धा को देख रहा था । लेकिन श्रद्धा अब बस एक टक सामने देख कर गाड़ी चला रही थी । अंकुर ने कहा, "श्रद्धा लाओ गाड़ी में चलाता हूं। श्रद्धा उतर कर साइड सीट पर आई और अंकुर अब ड्राइव करने लगा।

काफी देर तक दोनों चुप रहे ।अंकुर को लगा श्रद्धा लेट हो जाने की वजह से नाराज़ है तो उसने माफी मांगते हुए कहा, "सॉरी बेबी आज मेरी वजह से हम लेट हो गए ।"
श्रद्धा कुछ नहीं बोली वह खिड़की की तरफ मुंह घुमाकर बैठी थी।
अंकुर ने उसे बार बार आवाज़ लगाई पर उसने उसकी तरफ देखा ही नहीं।
सड़क पर काफी अंधेरा था और बारिश भी बहुत थी ,, ठंड की वजह से अंकुर ने श्रद्धा के उतरने के बाद दो पेग जल्दी जल्दी पी लिए थे। अब अंकुर को लगा कि श्रद्धा उसके मजे लेने के लिए उसकी कही बात के बाद इस तरह एक्टिंग कर रही है उसने गाड़ी चलाते हुए ही श्रद्धा से कहा," क्या यार अब तुम भी मेरी फिरकी ले रही हो ,,, पता नही वो कौन चुड़ैल थी अब तुम भी चुडैलो की तरह मत करो।"
"चुड़ैल नही हू मै,, रूही हूं जिसे तुमने और श्रद्धा ने धोखा दिया और धोखे से मार दिया" श्रद्धा की शक्ल बिल्कुल वैसी थी जैसी अंकुर कुछ वक्त पहले देख कर आया था और आवाज भी बिल्कुल बदली हुई थी,, गुर्राते हुए उसने ये सब कहा था जिस वजह से अंकुर घबरा गया उसका बैलेंस बिगड़ा और गाड़ी एक पेड़ से जा टकराई । अंकुर का एक्सीडेंट हो गया था और उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी ।

अगले दिन सुबह
"ड्रिंक एंड ड्राइव का लफड़ा है ,, बारिश बहुत थी इसलिए एक्सीडेंट हुआ है " इंस्पेक्टर ने कहा।
"सर इनके घर फोन किया तो पता चला की सुबह इनकी पत्नी की लाश भी किसी दूध वाले ने सीढ़ी पर देखी थी।"
"पति की मौत यहां ,,पत्नी की वहां?"
"हां सर बहुत रहस्यमय तरीके से मौत हुई है दोनो की।"
"चिंता मत करो हम पता लगा ही लेंगे" इंस्पेक्टर ने कहा ।

कई महीनो तक पुलिस ने खोजबीन की कोई सुराग नहीं मिला । केस बंद कर दिया गया ।

The end 🌹 🌹