फरीना हम और वो रात Abhishek Yogi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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फरीना हम और वो रात

मेरे व्यवसाय में काफ़ी दिनों से नुकसान में चल रहा है और आज मुझे पिताजी के स्त्रोत से एक अच्छे निवेशक से निवेश मिल रहा था मुझे कल उनसे व्यवसायिक चर्चा के लिए दिल्ली जाना था।अगले दिन अपने मित्र रमेश के साथ में बस में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ परंतु रास्ते में सड़क पर निर्माण कार्य चल रहे थे इसलिए मुझे वहां पहुंचने में अधिक समय लगा जिसके कारण मीटिंग कल पर टल गई अब हमें ठहरने के लिए एक होटल की तलाश थी अंततः हमने होटल लिया होटल का कर्मचारी लड़का हमें कमरा दिखाने ले गया वापस जाने लगा तो पलट कर उसने कहा सर आपको कोई भी चीज की आवश्यकता हो तो आप मुझे याद कीजिएगा हमने कहा ठीक है तो वह मुड़ा और जाने लगा एकाएक फिर रुका और बोला साहब अगर आपको किसी साथी की जरूरत हो तो मैं उपलब्ध करवा सकता हूं मेरे मित्र की आंखों में यह बात सुनते ही चमक आ गई और में स्तब्ध था नाबालिक सा दिखने वाला बालक जिसकी उम्र कुछ 14-15साल रही होगी वो हमें इशारोंमें कुछ कह कर रहा था और मैं खामोशी से यह सब देख रहा था मेरे दोस्त ने उसे एक तरफ ले जाकर उससे बात की मेरे पूछने पर टालते हुए उसने कहा कि तुम तैयार हो जाओ हम खाना खाने चल रहे और थोड़ी देर में बाहर गए और हमनें शराब पी एवं खाना खाकर अपने कमरे में लौटे तो मैंने देखा एक लड़की हमारे कमरे में बैठी है मैं कुछ समझ पाता इससे पहले ही वो उठी और मेरी तरफ बढ़ी की तभी रमेश बीच में आ गया में चुपचाप एक तरफ बैठ कर सिगरेट पीने लगा तो उसने अपना नाम फरीना बताते हुए मुझसे कहा क्या सिगरेट मिलेगी मैंने बाक्स आगे बढ़ाया लेकिन उसने मेरे मुंह में लगी सिगरेट ली और पीने लगी तभी रमेश ने उससे मेरा परिचय करवाया और मुस्कुराते हुए कहा शायर हैं साब इनकी आंखों में ना झांको वरना मुश्किल हो जाएगी तो यह सुनते ही उसने मुझे कुछ सुनाने का आग्रह किया मेंने उसे अपने बारे में बताने को कहा तो उसने कहा कि मेरा एक छोटा सा परिवार है बच्चे है पति है मगर अफ़सोस कि वह मर्द नहीं है.. फिर मैंने अपनी लिखी कुछ रचना जो कि वैश्या पर थी सुनाई और वहां से निकल गया वह एकटक देखती रही तीसरा पहर गुजर रहा था में होटल की वालकनी में बैठा सिगरेट के कश लगाने के साथ एक कहानी जो आज घट रही थी लिखने लगा। काफी समय गुजरने पर फरीना ने रमेश से मुझे बुलाने को कहा तो मैं वहां गया हम तीनों बातें करने लगे और फिर उसने मुझे कहा शायर साहब अब आपका नंबर है मगर मैंने उसे धन्यवाद कहा और फिर से बाहर चला आया और वालकनी में बैठ कर सिगरेट का कश लेने लगा सुबह वह जाती हुई मुझे वालकनी में मुझे मिलती हुई जाती है और खींच कर मुझे गले लगाती हैं और कहती हैं कि साब हमें यूं तो हर रोज कई इन्सान मिलते हैं पर पहली बार इंसानों में इंसान मिला है में आपको कभी नहीं भूल सकती......... क्या आप अपना इंस्टाग्राम आईडी........ अगर हम आपके दोस्त.........

हां क्यों नहीं ज़रूर...

उसने मेरा नंबर लिया और अगली बार आने पर फिर मिलने का वादा लेकर चली गई उसकी आंखों में मेरे लिए एक लगाव झलक रहा था खैर अब मेरे जाने का वक्त हो गया है अगली बार कभी आए तो फरीना से मुलाकात ज़रूर करेंगे।
🥺💔❣️💔🥺