Devil's सुंदर wife - 21 - प्यार का एहसास .. Deeksha Vohra द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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Devil's सुंदर wife - 21 - प्यार का एहसास ..

एपिसोड 21 ( प्यार का एहसास .. )
वहीं, माया ओर अभि की दोस्ती हो चुकी थी | ना जाने क्या था, लेकिन माया ओर अभि को पता ही नहीं लगा की दोनों कब एक दूसरे से बातें करने लगे, ओर पूरी रात बातें ही करने मे निकाल गई | बातों बातों मे दोनों को पता ही नहीं चल, की कब दोनों एक साथ सो जाते हैं | सुबह जब माया की आँखें खुलती है, तो उसे कुछ अलग सा महसूस होता है | माया ध्यान से अपने आसपासस देखती है | आज वो अपने कमरे मे नहीं थी | ओर नया ही वो अकेली थी | माया अपने बगलमे देखती है | तो उसकी आँखें हैरानी से खुली की खुली हो जाती है |
क्यूंकी माया बिस्तर पर अकेली नहीं थी | अभि उसी के साथ, इन्फैक्ट अभि का हाथ माया की कमर पर था | ओर अभि अपने पेट के बाल बड़े ही आराम से सो रहा था | बिना किसी परेशानी के | बिना किसी स्ट्रेस के |
अभि का सोता हुआ देख, माया के चेहरे पर अनजाने मे ही स्माइल आ जाती है | वो पहली बार ज़िंदगी मे किसी लड़के के इतना करीब आई थी | माया धीरे से बिना अभि को परेशान करे, उसका हाथ अपनी कमर से हटाती है | ओर पूरे कमरे को ध्यान से देखने लगती है |
पिछली रात माया ने कमरे ओर घर को ध्यान से इक्स्प्लोर नहीं किया था | ओर अब जाकर माया शांत मन से सब देख रही थी |
उसके बाद क्लोजेट रूम मे जाकर माया अपने लिए एक नॉर्मल से कपड़े निकालती है | सिम्पल लॉंग लाइट ब्लू स्कर्ट, साथ मे सफेद रंग की शर्ट | माया जब पूरी तरह तैयार हो जाती है | तब उसके ध्यान अपनी मांग मे लगे सिंदूर पर जाता है | गले पर पहने मंगलसूत्र पर जाता है | ओर फिर हाथों मे पहने लाल चूड़े पर जाती है |
माया को देख कर, आज लग रहा था की वो अब शादी शुदा औरत है | खुद को इस नए अवतार मे देख, माया के चेहरे पर दुबारा स्माइल आ जाती है |
पिकली रात , माया ओर अभि ने एकदूसरे को अपनी अपनी ज़िंदगी के बारे मे सब बताया था | ओर अभि को अच्छा लगा था, की उसने यूं ही किसी भी लड़की से शादी नहीं की है | अभि को अपने पिता की पसंद , पसंद आई थी | लेकिन अभि तक अभि ने ये बात एक्सेप्ट नहीं की थी |
माया की नजर सोते हुए अभि पर जाती है | लेकिन जैसे ही माया साइड टेबल से अपना फोन उठाने जा रही थी , तभी अभि अपनी नींद भरी नशीली आवाज मे माया से कहता है |
“गुड मॉर्निंग बीवी” अभि के मुह से खुद के लिए बीवी सुन, माया के पेट मे गुदगुदी सी होती है | वो भी बड़े प्यार से अभि से कहती है |
“गुड मॉर्निंग मिस्टर हज़्बन्ड” अभि फिर जल्दी से उठता है | ओर बाथरूम मे जाकर फ्रेश होने के बाद, जिम चल जाता है |
आज बड़े ही दिनों बाद, अभि ओर माया रीलैक्स थे | वरना रोज मॉर्निंग मे ऑफिस जाना होता था | ओर इसलिए दोनों को कभी वो रिलैक्सिंग फ़ील नहीं हुआ था | जो आज हो रहा था | रिया ने पहले ही माया से कह दिया था, की अगले कम से कम 10 दिनों तक उसे ऑफिस आने की जरूरत नहीं है |
वहीं, ऑफिस मे मयंक ने भी अभि से डरते हुए कह दिया था , की “बॉस, मैं सब संभाल लूँगा”
अभि को लगा नहीं था, की मयंक मे इतनी हिम्मत होगी, की वो उससे ये कहेगा की, उसे ऑफिस आने की जरूरत नहीं है |
लेकिन अब जब अभि वर्काउट करते हुए मयंक की बातें सोच रहा था, तो उसे अच्छा लग रहा था | उसे खुशी थी, की उसके पास अब टाइम है, की वो माया को जान पाए | माया को समझ पाए | वर्काउट करते हुए भी, अभि को बार बार रह ठहर कर, माया का ही ख्याल आ रहा था |
उसके साथ पहले कभी एस नहीं हुआ था, लेकिन ये जो अलग सी फीलिग थी, अभि को अच्छी लग रही थी | ओर अभि ये भी जनता था, की वो अकेला नहीं है, तो ये महसूस कर रहा है | माया भी एस ही कुछ उसके साथ महसूस कर रही है |
अभि जब तक, रेडी होकर नीच हॉल मे आता है, तो उसकी नजर उसकी बीवी पर जाती है | जिसे आज उसे पहली बार खुलकर हस्ते हुए देखा था | जितना कल रात माया से बात करने के बाद, अभि माया को समझ पाया था, उसे इतना तो समझ मे आ गया था , की मया यूं ही किसी के साथ इतनी घुलती मिलती नहीं है |
लेकिन जब वो थीं लेती है, की उसे इस इंसान को अब अपनी ज़िंदगी का हिससन मानना ही होगा, माया अपनी पूरी कोशिश करती है , ताकि वो उस इंसान को समझे | अभिराज की नजर जब अपने बेटे पर जाती है, तो वो बड़े आराम से अपने बेटे के चेहरे पर खुशी देख सकता था |
अभिराज खुश था, की आखिरकार अब उसका बीटा अकेला नहीं है | कोई है, जो उसकी बेरंग ज़िंदगी मे रंगों की दस्तक करेगा | ओर उसकी ज़िंदगी खुशियों से भर देगा |
सात मे ब्रेक्फस्ट करने के बाद, आरव कहता है |
“तो आज हमें सोच है की हम सब हॉर्स राइडिंग करेंगे”
आरव एक्साईटेड नज़रों से सबही की ओर देखता है | माया की आँखों मे चमक देख, अभि ना चाहते हुए भी चलने को टाईयार हो जाता है | लेकिन तभी अभिराज कहते हैं |
“माया बेटा, क्यूँ ना तुम महक को भी बुला लो | उसे भी अच्छा लगेगा |” महक का नाम सुन, एक तरह जहां अभिराज आरव को बड़े ध्यान से देख रहा था, वहीं आरव के चेहरे पर खुशी साफ साफ देखि जा सकती थी |
माया को कोई आपती नहीं थी | महक सभी को लोकैशन पर ही मिलने वाली थी | ओर कपूर विला से आरव, अभि ओर माया एक साथ रवाना हो जाते हैं |
कुछ ही देर मे सब लोकैशन पर पहुँच जाते हैं | अभि को बातों बातों मे माया ने बताया था, की उसे ओर महक को हॉर्स राइडिंग कितनी पसंद है | ओर वहीं आरव जब महक आते देखता है, तो वो बस महक मे मानो खो सा जाता है | उसे पता ही नहीं लगा, की कब महक उनके पास आ गई | ओर उनसे बातें करने लगी | इस बार, महक ने आरव के सामने अपना हाथ बढ़ाया था | जिसे एक सिम्पल स्माइल के साथ आरव थाम लेता है | ओर फिर कभी नया छोड़ने का खुद से वादा करता है |
उसके बाद आरव कहता है |
“भी क्यूँ ना आप भाभी के साथ टाइम स्पेन्ड करो | दोनों एक दूसरे को जान भी लोगे” आरव ने बड़े ही चिड़ाने वाली टोन मे ये बात कही थी | जिससे माया ओर अभि के चेहरे पर स्माइल आ जाती है | ओर वहीं, माया ओर अभि के वहाँ से जाने के बाद, आरव ओर महक अकेले होते हैं | दोनों की नजरें आपस मे टकराती हैं | आरव महक की ओर देखता है, ओर फिर कहता है |
“केसी हो तुम ?” महक कुछ यूं ही चुप खड़ी रही | फिर रुवानसी आवाज मे आरव से कहती है |
“ठीक हूँ” ये कहते हुए महक की आँखों से आँसू बहने लगे थे | जिन्हे देख, आरव एक झटके से महक को सीधा गले ही लगा लेता है |
महक भी आरव को वापिस गले लगाती है | दोनों को डेक एस लग रहा था, नया जाने कितने ही जन्मों से एक दूसरे को ढूंढ रहे थे | ओर फाइनली मिले हैं | महक को रोता देख तो आरव की आँखें भी नं हो गईं थी | लेकिन खुद को कंट्रोल करते हुए आरव कहता है |
“नहीं महक, अब ओर नहीं | प्लीज |” महक आरव की बात सुन, अपनी गर्दन ऊपर कर उसे देखने लगती है | ओर फिर एक स्माइल के साथ दुबारा आरव को गले लगा लेती है |
प्रेमी चाहे जीतने भी दूर रहे, लेकिन उनके दिल कभी बिछड़ते नहीं | एन ना एक दिन , दोनों को मिल ही देते हैं |
क्या होगा जब माया ओर अभि को आरव ओर माया के बारेमे पता चलेगा ? ओर क्या अभिराज ओर शिवम इन दोनों के बारे मे पेले ए ही जानते थे?
जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ |