मिखाइल: एक रहस्य - 30 - हेव अ सेफ जर्नी Hussain Chauhan द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मिखाइल: एक रहस्य - 30 - हेव अ सेफ जर्नी


पाकिस्तान के एक छोटे से प्रांत ख़ैबर पख्तूनख़वा में जन्मे अशद अली से उसकी पहली मुलाक़ात जोहनी डे ने करवाई थी। लेकिन, आज जब वो अली से मिला तो वह डरा-डरा सा प्रतीत हो रहा था और उसका डरना लाज़मी भी था, एक या दो दिन में उसकी पूरी गैंग का पुलिस ने काम तमाम कर दिया था और इतना ही नही उनकी गैंग के मुखिया जोहनी डे को किसीने बड़ी ही क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया था। अब बस उनकी गैंग में वही एक बाकी बचा था और उसे डर था कि, या तो वो पुलिस के हत्थे न लग जाये या फिर कोई जोहनी डे की तरह उसकी भी हत्या न कर दे।

"अरे! तू डर मत! मैं हूं ना? मैं करता हूँ तेरे लिये एक पासपोर्ट का इंतेज़ाम, फिर वो पासपोर्ट ले के इधर से कट लेने का क्या? समझा न? फिर न तो तेरा पुलिस कुछ बिगाड़ पायेगी और न ही वो जिसने जोहनी भाई को मारा है। समझा न क्या बोल रहेला है मैं? अब डरना बंध कर और निकल ले इधर से, तेरा पासपोर्ट मिल जाएगा तुझे।" अली जिस तरह के काम मे था उसकी बोलने की अदा भी ठीक वैसी ही थी। वह बिना कुछ बोले उधर से निकल पड़ा।

अब उसे पक्का यकीन हो चुका था कि उसका पासपोर्ट उसे मिल जाएगा। जैसे ही वह अली के कमरे से बाहर निकल वही क़ातिलाना मुस्कुराहट उसके चेहरे पर फिर से छा चुकी थी। उसके हर दांव सही-सही तरह से काम कर रहे थे। अफ़सोस उसकी लाइफ का मक़सद अलग था वरना वो अदाकार बड़ा ही अच्छा था।

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आदरणीय रामदासजी,
मैं समझ सकता हूं कि, पिछले कुछ दिन आपके लिये किसी बुरे सपने से कम नही थे, और जिस कदर आप इन घटनाओं से आहत हुवे है वे मेरे लिये भी दुखद बात है। आप जिस दौर से गुज़र रहे है वो दौर कभी मैंने भी देखा है। मैं भलीभांति आपकी परिस्थिति को समझ सकता हूँ यदि, आप यह जानना चाहते है की आपके साथ यह क्या हो रहा है और क्यो हो रहा है तो खत पर लिखे पते पर ठीक दो दिन बाद शाम के 5 बजे जरूर आ जाना। बाकी खत की तरह इस खत पर लिखा पता बिल्कुल भी गलत नही है अगर आप इस खत पर लिखे पते पर न आने की भूल करते है तो यक़ीन करिये दूसरी बार ज़िंदगी आपको ऐसा मौका दोबारा नही देगी। और हां, एक और बात अपने आदमियो को मत लेकर आइयेगा सिर्फ अकेले आइयेगा।

आपका शुभ चिंतक,
मुरली सिवाल।

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"ठीक है अंकल रोबर्ट, मैं चलता हूँ।" जोनाथन अंकल रोबर्ट से गले मिलकर एक और बार भारत जाने के लिये निकल रहा था।

"हेव अ सेफ जर्नी!" जब जोनाथन अंकल रोबर्ट से अलग हुवा तो रोबर्ट ने उसको अच्छे सफ़र की कामना करते हुवे कहा जिसका जोनाथन ने मुस्कुराहट के रूप में जवाब दिया। वो खुश था कि वो एक और बार भारत लौट रहा था लेकिन उसकी खुशी का यही कारण नही था, उसकी खुशी का कारण तो यह था कि, वो एक और बार माहेरा से मिलने वाला था।

अपने सारे चेकिंग कराने के बाद जब वो बोर्डिंग पास को हाथ मे लिये वेटिंग एरिया में अपनी फ्लाइट की राह देख रहा था तब उसने अपना फ़ोन निकाला और 'SEE YOU IN 2 DAYS" का मैसेज टाइप किया और माहेरा को भेज दिया, जैसा कि उसे पता था कि, माहेरा किस तरह की लड़की है अगले ही पल उसका खुशी ज़ाहिर करता हुआ इमोजी मैसेज के तौर पर आ गया।

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