Veer aur ajnabi ladki - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

वीर और अजनबी लड़की - 1

बहुत समय पहले की बात है। एक छोटे से 🏘️गांव🏡 में एक बूढी औरत 🧓नदी🏞️ के किनारे एक छोटे से झोपड़ी 🛖में,अपने पोते 🙋‍♂️वीर 💪के साथ रहती थी। वीर जब एक वर्ष का था तभी उसकी मां दुनिया को छोड़कर चल बसी🥺😨, उसके मौत का राज़ 😲तो कोई नहीं जानता😲🤔 लेकिन उसकी दादी को पता था। वीर धीरे🏃 धीरे 🚶बड़ा 🧍होता जा रहा था🏌️🕺 उसकी दादी भी अब उसका पालन पोषण नहीं कर पा रही थी🧓🧑‍🦳। क्यू की अब वो भी बहुत बूढी हो चुकी थी उनसे अब पहले की तरह जंगलों 🏜️में में पेड़ों की डालियां 🪵🌳नहीं कटती थी, वीर अब 15 वर्ष का हो चूका था🤼। अब वो अपने दादी को अकेले झोपड़ी में छोड़कर😨 । वही पुरानी कुल्हारी से 🪓🪓पेड़ों की डालियां कटता है, जिससे उसकी दादी काटती थी। वीर हर दिन 2सूखे पेड़ को कटता और फिर उसके डालियों 🪵और तनों को बाज़ार में बेच💰 आता था। एक दिन वीर जब पेड़ों को काट रहा था तभी अचानक से पेड़ की एक बड़ी सी डाली🪵🪵, उसके ऊपर गिर पड़ा उसे बहुत जोरो का
चोट लगा🤕🤕 वह बुरी तरह घायल हो गया था, और उस बड़े से डाली के नीचे घंटो तक तबा रहा 🤕😟और, अंत में वह बेहोश 😑😴😵‍💫हो गया, तभी उसे लगभग शाम 🌅को होश आता है तो वह अपने आप को एक बहुत ही अली शान बांगला 🏩💒में पाता है। वह अपने आस पास देखता है, तो उसे ऐसा लगता है कि ये कोई बहुत ही बड़े धनी आदमी का घर 🏰है। वह हैरानी 🤯के साथ बोलता है अरे ये सपना है या कहीं सच में, मैं किसी राजा महाराजा के घर तो नहीं न आ गया । तभी उधर से एक बहुत ही सुन्दर पड़ी जैसी लड़की जो उसके बराबर उम्र के होती है, वो वीर की ओर बढ़ते हुए बोलती है। जी हां तुम महाराजा जंगल सिंह के राज्य में हो और मैंने तुम्हे वहां से उस डाली से निकाल कर तुम्हारी जान बचाई हूं किंतु मैं तुम से बहुत नाराज़ हूं पेड़ो को कौन कटता है भला, तभी लड़का बोलता है। तो आप महाराजा जंगल सिंह के बेटी हैं तो वह बोलती है। हां मैं उनकी बेटी हूं , और यहां की राजकुमारी हूं। लड़का पूछता है आपका नाम क्या है ? रानी साहिबा आपने मेरी जान बचाई मैं इसका शुक्रअदा कैसे कर सकता हूं ? तभी रानी साहिबा बोलती है। मैं तुम्हारे लिए एक अजनबी हुं। क्यों की तुमने जंगलों में पेड़ों को काट कर मेरी दिल को चोट पहुंचाया है। और इसलिए आज के बाद तुम पेड़ को नहीं काटोगे ये मेरी आदेश है। समझ गए, इससे पहले वीर अपनी गरीबी को बता पाता की उसकी घर की रोजी रोटी सूखे पेड़ों को काटने से ही चलता है , लेकिन वीर को मौका ही नहीं मिलता है बोलने का, और उसे रानी साहिबा बहुत पसंद आती है। वीर दिल ही दिल उससे प्यार करने लगता है, और वो फीर अपनी गरीबी नहीं बताता है।
और वीर उदास दिल बोलता है, जो अग्गाया 🙏🙏अजनबी रानी 😒😟 ऐसा बोलकर वो आंखो में आंसु लिए महल से बहार निकलने लगता है। रानीसाहिबा उसकी आंखों में आंसुओ को देख ली थी। लेकिन उसने अपनी आदेश को वापस नहीं ली। वीर वहां से चला जाता है वापस उसी जंगल में, वीर रास्ते भर रोते हुए आता रहता है और वह उसी पेड़ के नीचे जा कर बैठता है। जिसके डाली के गिरने से वह दब गया था।। वह उस पेड़ से बात करता है,, क्या तुमने खेल खेला है, एक तरफ जान ली और दूसरी तरफ बचाई और,, फीर उसके बाद फिर से जान ले ली। अब जीकर क्या ही करूंगा मैं उस अजनबी लड़की की तरह कोई रानी या राजा तो नहीं हूं। जो बीना कुछ किए भी घर का खर्चा चला सकूं। मेरी दादी वहां इस उम्मीद में होगी की वीर। पेड़ों की डालियों को बेचकर आयेगा और तब घर में चूल्हा जलेगी। लेकिन उसे क्या पता की उसका पोता यहां इस हाल में है की जिंदा तो है,लेकिन कहां जिंदगी है। 😒😔😔 वह उसी पेड़ के नीचे सो😴 जाता है,, रात होने वाली रहती है। तभी वो अजनबी रानी आती है, और उसे इस हाल में देख कर उसकी भी आंखे भर आती है। और वो वीर के पास बैठकर वीर को अपने खोद में सुला लेती है। और उसके जख्मों को देखती रहती है। अजनबी रानी उसके सिर को बड़े प्यार से सहलाने लगती है,, लेकिन उसके सिर में चोट लगे होने के कारण उसका सर दर्द करता है क्यू की रानी 👸👰की ऊंगली उसके जख्मों को छूते हुए पार करती रहती है। और वीर दर्द से चिल्लाता उठ जाता है, वह रानी को देख कर हैरान हो जाता है। वह उठ खरा होता है ,, और वो कुछ बोल पता उससे पहले ही अजनबी रानी बोलती है मुझे क्षमा कर दो।
मैने जो किया वो गलत किया,,
वीर को वो सोने का एक थैला देती है ।। और वहां से चली जाती है,, वीर भी बिना कुछ बोल जल्दी जल्दी अपने घर आता है। और सारी बातें बताता है। उसकी दादी बोली तुमने गलत किया ?? माना की वो लड़की ने गलती की लेकिन......?
आगे क्या हुआ जानने केलिए हमारी कहानी को ratings de support karen
Part2 coming soon 🙌✋😍😍
To doston kahani kaise lagi
Kahani jaari rahegi aage ....


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