Part -3 अपनी अपनी ज़िंदगी
इस से पहले आपने पढ़ा कि रेखा की शादी कम उम्र में हुई थी और दुर्भाग्यवश कम उम्र में ही उसके पति का देहांत हो जाता है . जिस कॉलेज में वह काम करती थी उसके प्रोफेसर ने उसे अपनी बेटी को बोर्डिंग स्कूल में भेजने की सलाह दी . अब आगे पढ़ें .....
“ राखी को बोर्डिंग में ? मेरा एकमात्र सहारा वही है . मैंने ऐसा सोचा भी नहीं है . “
“ शायद तुम नहीं जानती हो मैं भी विधुर हूँ . मेरी भी एक ही बेटी है और उसे मैंने बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया है . उसकी पढ़ाई अच्छी हो रही है साथ में उसका आल राउंड डेवलपमेन्ट भी अच्छी तरह से हो रहा है . तुम कभी उस से मिलोगी तब खुद देख लेना .मैं जो कह रहा हूँ उस पर ध्यान देना , तुम्हारे और राखी दोनों के भविष्य के लिए यह अच्छा रहेगा . “
“ इस बारे में इतनी जल्दी मैं फैसला नहीं कर सकती हूँ . “
“ टेक योर टाइम . पर राखी को बोर्डिंग में भेज कर पी एच डी शुरू कर सकती हो . “
“ इतनी जल्दी थीसिस के लिए सब्जेक्ट और गाइड सब कहाँ से लाऊंगी ? “ रेखा ने पूछा
प्रोफ़ेसर शर्मा बोले “ वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो . अगर तुमको कोई एतराज नहीं हो तो मैं गाइड बनने के लिए तैयार हूँ . “
“ पर सर आप मेरे लिए इतना सब क्यों करेंगे ? “
“ सर सर कहना बंद करो . समझो बस अपनापन के लिए सब कर रहा हूँ . “
“ जी , मैं कुछ समझी नहीं . “
“ समझ जाओगी . “ प्रोफ़ेसर ने रेखा की पीठ थपथपाते हुए कहा
रवि के अतिरिक्त पहली बार किसी मर्द के स्पर्श से वह चौंक कर थोड़ा पीछे हट गयी .
“ अच्छा मैं चलता हूँ . अपनी बेटी से मिलने मैं संडे को गुवाहाटी जा रहा हूँ . तुम चाहो तो साथ चल कर देख सकती हो , तब तुम्हें राखी के बारे में फैसला लेने में मदद मिलेगी . सोच कर मुझे बताना . “
“ जी सर . “
“ बेहतर है मुझे शर्माजी कहो , कम से कम घर में . वैसे कॉलेज में भी कहने में कोई बुराई नहीं है . “
रेखा ने उत्तर नहीं दिया और प्रोफ़ेसर वहां से निकल गए . दो दिन बाद संडे को प्रोफ़ेसर बिना पूर्व सूचना के रेखा के घर गए . वे अपनी मारुति अल्टो कार से आये थे .उन्होंने दरवाजे पर दस्तक दी तब रेखा ने डोर खोलते ही पूछा “ सर आप ? अचानक कैसे आना हुआ ? “
“ तुमने सुबह सुबह मूड ख़राब कर दिया . बार बार मना किया सर सर बार बार नहीं कहा करो . “
“ सॉरी , कोशिश करुँगी नहीं कहने को . “
तब तक राखी भी दौड़ कर आई और बोली “ नमस्ते अंकल . “
“ खुश रहो बेटी “ , फिर रेखा से कहा “ तुम से बहुत सारी बातें करनी हैं . “
“ जी सर …. सॉरी , जी बोलिए . “
“ मुफ्त का नहीं बोलूंगा , एक कप चाय तो पिलाओ कम से कम . “
रेखा ने महरी को आवाज़ दे कर चाय लाने को कहा . फिर प्रोफ़ेसर से कहा “ जी बोलिए , क्या बात है ? “
“ मैं बेटी से मिलने गुवाहाटी जा रहा हूँ . तुमसे कहा था न कि चाहो तो तुम भी चल कर बोर्डिंग स्कूल देख लो . “
“ अचानक , बिना तैयारी के कैसे … ? “
“ इसमें तैयारी किस बात की ? मुझे देखो , मैं कौन सी तैयारी कर के आया हूँ . बस अपनी साड़ी बदल लो वही काफी है . दो घंटे से भी कम का रास्ता है . शाम होने के पहले लौट आएंगे हमलोग . “
प्रोफ़ेसर ने ‘ हमलोग ‘ कुछ इस अंदाज़ में कहा जैसे कि उनका रेखा पर उनका अधिकार हो . रेखा कुछ बोलती इसके पहले उसकी बेटी ने कहा “ हाँ , मम्मी चलो न , अंकल के साथ घूम कर आते हैं . तुम मुझे कहीं बाहर घूमने नहीं ले जाती हो . “
“ चलो , बिटिया की खातिर अब तो मान जाओ . “
तब तक महरी चाय और कुछ स्नैक्स ले कर आयी . रेखा ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और कहा “ ठीक है , मुझे 15 मिनट का समय दीजिये . “
रेखा अपनी बेटी के साथ अंदर चली गयी . बीस मिनट बाद रेखा अपनी बेटी के साथ प्रोफ़ेसर की कार में गुवाहाटी के लिए रवाना हुई . कार स्वयं प्रोफ़ेसर चला रहे थे . रेखा बेटी के साथ पीछे बैठने जा रही थी तब प्रोफ़ेसर ने कहा “ तुम आगे बैठ जाओ . राखी आराम से पीछे बैठेगी . मैं उसे टेबलेट दे रहा हूँ , वह गेम खेले या कार्टून देखे . क्यों बेटी ठीक है ? “ राखी तरफ मुड़ कर कहा
“ राखी ने ख़ुशी ख़ुशी कहा “ यस अंकल . “
“ तुम्हारा फेवरिट कार्टून और गेम क्या हैं ?”
“ अंकल मुझे टॉम एंड जेरी और डोरेमोन कार्टून पसंद हैं और गेम में एंग्री बर्ड और 2048 . “
“ गुड , टेबलेट में कार्टून तो दोनों हैं और एंग्री बर्ड गेम है . 2048 का नाम नहीं सुना था आगे कहीं रुक कर डाउनलोड कर देंगे . “ इतना कह कर उन्होंने टेबलेट पीछे बैठी राखी को बढ़ा दिया .
रास्ते में प्रोफ़ेसर ने पूछा “ राखी की उम्र क्या है ? “
“ लगभग एलेवेन इयर्स , क्यों ? “ रेखा ने जवाब दिया
“ नहीं यूँ ही . मेरी बेटी 14 साल की है . उसका नाम रिया है . अभी पिछले साल ही पत्नी की मृत्यु के बाद उसे बोर्डिंग में भेजा है . वैसे मेरी पत्नी भी रहती तो भी रिया को बोर्डिंग में भेजने का प्लान था . “
“ पर बोर्डिंग ही क्यों ? “
“ क्योंकि हमारे शहर में एक भी अच्छा इंग्लिश मीडियम स्कूल नहीं है जहाँ से बच्चे हायर एजुकेशन के लिए कंपीट कर सकें . “
रास्ते में एक स्टोर के सामने रेखा ने कार रोकने को कहा और उतर कर बोली “ आपलोग बैठे रहें , मैं दो मिनट में आयी .”
इस बीच प्रोफ़ेसर ने राखी से कहा “ एक मिनट के लिए टेबलेट मुझे दो , मैं तुम्हारा 2048 गेम डाउनलोड हूँ . “
फिर दो मिनट में ही गेम डाउनलोड कर टैबलेट राखी को लौटा दिया . उधर रेखा ने स्टोर से एक चॉकलेट बॉक्स खरीद कर अपने बैग में रखा और एक चॉकलेट बार साथ में ले कर वापस आयी . कार में बैठते हुए उसने बेटी को चॉकलेट दिया और प्रोफ़ेसर से कहा ‘ अब हम चल सकते हैं ‘.
.
कुछ इधर उधर की बातें करते करते डेढ़ घंटे में वे गुवाहाटी के बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल गेट पर पहुंचे . वहां कार पार्क कर तीनों गेट पर सिक्योरिटी के पास गए . प्रोफ़ेसर ने अपना परिचय दे कर बेटी से मिलने के लिए विजिटिंग कार्ड दिखाया और उस से कहा “ हम रिया से मिलने आये हैं . “
सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें लॉबी में सोफे पर बैठने को कहा और बोला “ मैं रिया के रूम में इंटरकॉम पर मेसेज देता हूँ . “
“ उसकी जरूरत नहीं है , मैंने गेट में इंटर करते ही उसे फोन पर बता दिया था और उधर देखो वह दौड़ी आ रही है . “ रिया की तरफ इशारा कर प्रोफ़ेसर ने गार्ड से कहा
रिया के आते ही प्रोफ़ेसर ने उसे गले से लगाया और प्यार किया . फिर उन्होंने कहा “ रिया बेटी इनसे मिलो ये रेखा आंटी हैं और ये इनकी बेटी राखी . इसे अपनी छोटी बहन समझो . “
रिया ने रेखा को नमस्ते आंटी कहा और राखी से हाथ मिला कर हाय कहा . रेखा ने बैग से चॉकलेट बॉक्स निकाल कर रिया को दिया , रिया ने कहा -थैंक्स आंटी .
“ रिया इन लोगों को अपना हॉस्टल दिखाओ बाद में स्कूल भी देखेंगे . “ फिर उन्होंने रेखा से कहा “ तुमलोग अंदर जा सकती हो , जेंट्स को गर्ल्स हॉस्टल के अंदर जाना मना है . “
जब वे तीनों अंदर गए प्रोफ़ेसर सोफे पर बैठे पेपर पढ़ने लगे . कुछ देर बाद तीनों लौट कर आये तब उन्होंने रेखा से पूछा “ देख लिया न ? कैसा लगा ? “
“ बहुत अच्छा लगा . लड़कियों के लिए परफेक्ट है . “
“ तब राखी के लिए भी अच्छा रहेगा ? “
“ इतनी जल्दी मैं यह फैसला नहीं ले सकती हूँ .”
“ कोई जल्दी नहीं , अभी तो न्यू सेशन शुरू होने में दो महीने बाकी हैं . चलो अब तुम्हें स्कूल दिखाते हैं .” प्रोफ़ेसर ने कहा और अपनी बेटी से कहा “ ओके बेटे , अभी चलते हैं फिर वीकेंड में मिलते हैं . “
प्रोफ़ेसर रेखा और राखी को स्कूल कैंपस के अंदर ले गए . स्कूल एवं अन्य सुविधाओं का भ्रमण कराया और पूछा “ बोलो , कैसा लगा यह स्कूल ? “
“ अच्छा लगा . “ रेखा का संक्षिप्त उत्तर था
“ तब राखी बेटी तुम यहाँ पढ़ना चाहोगी ? “ जब राखी से प्रोफ़ेसर ने पूछा तब वह अपनी माँ की ओर देखने लगी और बोली “ मम्मी जहाँ कहेंगी मैं वहीँ पढूंगी . “
कुछ देर बाद वे सभी कार से अपने शहर लौट रहे थे . रेखा चुपचाप बैठी कभी खिड़की से बाहर देख रही थी . बहुत देर तक कार में ख़ामोशी पसरी थी फिर प्रोफ़ेसर ने ख़ामोशी तोड़ते हुए रेखा से कहा “ क्या बात है , तुम सीरियस लग रही हो . “
“ नहीं , वैसी कोई बात नहीं है . “
“ मुझे लगता है तुम राखी को बोर्डिंग स्कूल में भेजने को लेकर सीरियस हो गयी हो , हैं न ? “
“ हाँ , कुछ वैसा और कुछ अन्य कारण भी . “
“ अन्य कारण , मैं समझा नहीं . अगर तुम चाहो तो मुझसे शेयर कर सकती हो . “
रेखा को चुप देख कर प्रोफ़ेसर ने फिर कहा “ मैंने ऐसे ही पूछ लिया है , तुम्हें कारण बताने की जरूरत नहीं है .”
“ यू नो , मैं बस यही सोच रही थी कि आज अगर राखी के पापा साथ होते तो यह फैसला हम तुरंत कर लेते . उनकी भी यही इच्छा थी . “
“ ओह , ओके फिलहाल इस पर विराम लगाओ . बाद में आराम से सोच कर फैसला करना . “
इसके बाद से प्रोफ़ेसर का रेखा के यहाँ आना जाना अक्सर होने लगा . रेखा अपनी बेटी के साथ प्रोफ़ेसर की कार से बोर्डिंग स्कूल जाती और उनकी बेटी से मिलती . राखी भी रिया से मिल कर खुश होती . एक दिन प्रोफ़ेसर जब रेखा से मिलने आये तब उन्होंने देखा कि रेखा अपने स्वर्गीय पति के फोटो के सामने दीप जला कर हाथ जोड़े खड़ी थी . कुछ पल बाद रेखा को किसी की मौजूदगी का अहसास हुआ तब उसने मुड़ कर देखा . उसकी आँखें नम थीं . उसने आँचल से आंसू पोंछते हुए कहा “ ओह , आप कब आये . “
क्रमशः ( शेष अगले अंतिम भाग में )