आखिर खुश कौन है ? Swati द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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आखिर खुश कौन है ?

जी हां मुझे बस ये जानना है की इस दुनिया में आखिर खुश है कौन ..?? मेरा ये सवाल आप सब से भी हैं ।
क्योंकि आज जब मैं पार्क गई थी तो वहां बहुत ही प्यारी एक फैमिली को देखा ,पहले तो लगा मुझे अरे वाह कितना प्यारा फैमिली है तीन प्यारे प्यारे बच्चे एक खूबसूरत बीवी और उसका पति भी अच्छा ही दिख रहा था , मैं बस दूर से बैठ कर उन फैमिली को देख रही थी , पहले तो मुझे बहुत खुशी हो रही थी उन्हे देख कर क्योंकि बच्चे आपस में खेल रहे थे ,और बीवी उनके पास बैठे फोन देख रही थी ,और पति थोड़ा दूर जाकर फोन पे किसी से बात कर रहा था । बच्चो को खेलते देख मुझसे रहा नही गया और मैं उन बच्चो के पास चली गई ।
और उनके पास बैठ गई ,पहले तो बच्चे मुझे देख कर अजीब चेहरा बना लिया फिर मैंने कुछ नहीं बोला मैं बस बैठा कर उन्हें देख रही थी । मैं थोड़ी देर और बैठी तो मुझे सुनने में आया की वे लोग मम्मी पापा खेल खेल रहे है ये सुन कर मुझसे रहा नही गया और मैं हसने लगी । मुझे हस्ता देख वो बच्चे बोले दीदी आप क्यों हस रहे हो .?
मैने बोला तुम्हारी इतनी प्यारी प्यारी बहने है इतने अच्छे मम्मी पापा है , फिर भी तुमलोग इतना बुरा बर्ताव क्यों कर रहे हो डॉल्स के साथ , सबसे छोटी वाली बच्ची बोली नही दीदी मेरे मम्मी पापा तो मेरे साथ ऐसे ही करते है तो मैं ऐसे ही खेल रही हूं । मैने बोला अच्छा छोरो तुमलोग ये बताओ तुमलोग टॉफी खाओगे तो सब बच्चे खुश होकर बोले हां हां मैं एक एक चॉकलेट तीनों बच्चो को दिया , जब उसकी मां ने मुझे देखा तो वो मुझसे बात करना चाहा ।
मैने भी बात किया फिर हमारी अच्छी दोस्ती हो गई हमलोग हमेशा मिलते जुलते बातें करते ,धीरे धीरे घर भी आना जाना होने लगा ।
एक दिन वो बहुत उदास थी मैने उसकी उदासी का कारण पूछा वो बताना नही चाह रही थी मैने फिर से पूछा क्या हुआ बताओ तो । वो रोने लगी और मुझे बताया की वो खुश नहीं है , मैने नाखुश होने की वजह पूछी उसने बताया की मेरा पति महीने की 2 लाख कमाता है , बहुत मेहनत करते है वो पर मैं खुश नही हूं मेरे बच्चे भी हमलोग से दूर हो रहे है उन्हे मम्मी पापा का प्यार नही मिल पा रहा मै क्या करू .?
मैने बोला चुप हो जाओ और पानी पियो और फिर पूछा क्या है तो वो बोली की वो घर पे भी आते तो ऑफिस के काम से प्यार दिन फोन पे लगे रहते ना मुझे टाइम देते ना मेरे बच्चो को
मैं बहुत परेशान हो गई हूं क्या सिर्फ पैसे से घर चलता है क्या ,क्या सिर्फ पैसे से परिवार खुश रहते है क्या ? उसने मुझसे पूछा मैं क्या बोलती मुझे तो खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था मैने बस उससे बोला कोई बात नही शायद ऑफिस में ज्यादा काम होने की वजह से वो टाइम नही दे पा रहे ।
उसने बोला नहीं ये पिछले 4 महीना से चल रहा है
मुझे ऐसे जीने में घुटन होती है , मुझे खुशी चहिए मुझे मेरा पति चाहिए ,मुझे मेरा बच्चे चाहिए ।मैं की करू कैसे अपने पति को बोलूं क्या वो नही समझते की मैं क्या चाहती हू ?
को भी उसने मुझे बताया और जो मुझसे पूछा उसका मेरे पास कोई जवाब नही था ।
ये सारे सवाल मेरे दिमाग से जा नही रहे
आखिर खुश कौन है ?
जो ज्यादा पैसे कमाता है , वो ?
जो ज्यादा मेहनत करता है ,वो ?
जो गरीब है , ? वो
कौन है आखिर में खुश इस दुनिया में ...??